From: Jessie Mann
Sent: Thursday, August 30, 2012 3:54 AM
Subject: Be Informed
http://www.rashtriyasahara.com/newsview.aspx?eddate=8/27/2012 12:00:00
AM&pageno=5&edition=10&prntid=89498&bxid=152738953&pgno=5
पुरवइया के कार्यक्रम में दिखे कई रंग
http://www.rashtriyasahara.com/bigwin.aspx?url=EpaperImages//2782012//0025113FAD09278201215280859-large.jpg&eddate=8/27/2012
12:00:00 AM&pageno=5&edition=10&prntid=89498&bxid=152825484&pgno=5
लखनऊ (एसएनबी)। सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था पुरवइया के समारोह में
विभिन्न क्षेत्र के लोगों का सम्मान रविवार को किया गया। विश्वेश्वरैया
सभागार में मुख्य अतिथि व बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी व
समाजसेविका श्रीमती आराधना मिश्रा ने बेबी ऐश्वर्या शर्मा (आरटीआई
कार्यकर्ता), भोजपुरी गायिका देवी व भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री अंजना सिंह
को सम्मानित किया। सभी को स्मृति चिह्न, शाल व आदि प्रदान किया गया।
सम्मानित कलाकारों में आरटीआई कार्यकर्ता बेबी ऐश्वर्या ने कहा कि जब वह
मात्र 9 साल की थी तो पहली बार आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। सूचना यह
थी कि स्कूल के बगल में कूड़ा घर था और जब सूचना मांगी तो वहां लाइब्रेरी
बनवा दी गयी। इसके बाद महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता और हाकी राष्ट्रीय
खेल है कि नहीं तो सूचना मिली कि नहीं। उसने कहा कि जब वह छोटी बच्ची
होकर इतनी सूचनाएं मांग सकती है तो आप लोग चाहे तो सरकार को जवाबदेह बना
सकते हैं। गायिका देवी ने कहा कि वह देश-विदेश में भी कार्यक्रम कर चुकी
हैं लेकिन लखनऊ में बहुत ही कम कार्यक्रम करने का मौका मिला। बता दें कि
एक दूरदर्शन के कार्यक्रम में वह अन्य कलाकारों के साथ गन्ना संस्थान में
कार्यक्रम करने आयी थीं, लेकिन उनका कार्यक्रम लोगों को प्रभावित न कर
सका। इस कारण दो गीत भी वह नहीं सुना पायी और चलीं गयीं। शायद इसी बात का
उनको मलाल है और वह यहां कार्यक्रम करने को लेकर उत्साहित हैं। वे
'अगुंरी में डसलै बिया नगिनिया' के साथ अन्य चर्चित गीत सुनाकर सभी को
प्रभावित करने में कामयाब रही। इससे पूर्व मनोज तिवारी जूनियर ने ईश्वर
की स्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद जया शुक्ला व अन्य
लोक गायिकाओं ने अपनी आवाज से कार्यक्रम को सार्थक किया। दूसरी तरफ
राजेन्द्र विश्वकर्मा ने अपने हंसगुल्लों को सुनाकर सभी को लोटपोट किया।
कार्यक्रम संयोजक अंजनी कुमार उपाध्याय ने सभी का आभार जताया।
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amarujala 270812 lucknow page 20
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shreetimes 270812 lucknow page 07
मैय्या तेरा कन्हैया... ने दर्शकों का मन मोहा
लखनऊ। पुरवइया देवी गीत, कजरी, सोहर गायन, रंगारंग सांस्कृतिक संध्या एवं
समान समारोह २०१२ आज विश्वसरैया प्रेक्षागृह लोक निर्माण विभाग हजरतगंज
में रंगारंग कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुय
अतिथि के रूप में बाल विकास पुष्टाहार एवं बेसिक शिक्षा उार प्रदेश राम
गोविन्द चौधरी एवं विशिष्ट अतिथि में मुय अभियन्ता लो निर्माण विभाग इं
कृष्ण कुमार, पूर्वोार रेलवे मण्डल रेल प्रबन्धक विनोद कुमार यादव,अंजन
टी वी सी ई ओ मंजीत हंस,फिल्म निर्माता एवं समाज सेवी राजेश कुमार
जुायसवाल, गाजीपुर विधायक विजय मिश्रा,खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड मुय
कार्यपालक अधिकारी रमेश चन्द्र मिश्रा, विशेष सचिव वन लाल जी राय, प्रमुय
समाजसेवी कैह्रश्वटल सुहैल अहमद, पूर्व विधायक भगवान पाठक आदि लोग
उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरूवात मुय अतिथि बाल विकास पुष्टाहार एवं
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने दीप प्रज्जविलत करके की गई। जन
सूचना अधिकारी के क्षेत्र में उपलधि हेतु पुरवइया बाल प्रतिभा समान २०१२
के अन्तर्गत बेबी ऐश्वर्या शर्मा,भोजपुरी लोक गायन के क्षेत्र में देवी
,पुरवइया अभिनय कला समान में अंजना सिंह, पुरवइया कार्यकताã समान में
सक्रिय कार्यकताã सी बी सिंह, मनीष सिंह, अनिल कुमार, सुरेन्द्र गिरी,
धन्न्जय प्रताप सिंह को अंगवस्त्रय,स्मृतिचिन्ह, श्री फल एंव पॉच हजार
रूपये के साथ समानित किया गया। इस अवसर पर अुनकृति लाटर चैलेन्च कलाकार
राजेन्द्र विश्वकर्मा ने रेल बजट को लेकर व रेल मंत्री पर मिमिरकी करके
श्रोताओं को खूब हंसाया। वही पाश्र्व गायिका देवी ने कजरी सावन आया रे गा
कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। वही लोक गायिका जया शुला ने अपनी
मुधर आवाज से जैसे ही सोहर मैय्या तेरा कन्हैया गीत सुनाया वैसे ही
दर्शको की तालियों से परिसर गूॅज उठा। इस अवसर में लोक गायिका संजोली
पाण्डेय, जया शुला, विभा जायसवाल, राघवेन्द्र सिंह, प्रेम एंव साथी ने
अपनी मनमोहक आवाज का जादू बिखेरा। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन
अध्यक्ष अंजनी कुमार उपाध्याय ने किया। वही सह संयोजक हरिकेश निषाद, ओम
प्रकाश वर्मा, मनीष सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति
मंत्री अरूणा कोरी ने की। वही उद्घाटन प्रमुख समाज सेवी आराधना मिश्रा ने
किया। इस अवसर पर रवि शंकर शुला, रंजीत सिंह, वीरेन्द्र सिंह, संदीप
मौर्या, विनीत पाण्डेय, सतीश कुमार, पंकज जालान, परमहंस, डॉ संमन दुबे,
रामकेवल शर्मा, बृजराज,रमाशंकर, अनिल कुमार आदि लोग उपस्थित हुए
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dailynewsactivist 270812 page 6 lucknow
http://www.dailynewsactivist.com/Details.aspx?id=20700&boxid=28505538&eddate=8/27/2012
एक मंच पर बिखरे प्रतिभा के विविध रंग
लखनऊ (डीएनएन)। देवीगीत, कजरी और सोहर से सजी शाम के साथ बाल प्रतिभा
सम्मान का गवाह बना विशवसरैया प्रेक्षागृह। लोक कला एवं संस्कृति को
समर्पित संस्था पुरवइया द्वारा आयोजित संस्कृति संध्या एवं बाल प्रतिभा
सम्मान वर्ष 2012 में नृत्य, गायन और प्रतिभा के विविध रंग बिखरे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के बाल विकास पुष्टाहार एवं बेसिक
शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने इस अवसर पर जन सूचना अधिकार के
क्षेत्र में ख्याति अर्जित करने वाली राजधानी की बेबी ऐश्वर्या शर्मा को
बाल प्रतिभा सम्मान, भोजपुरी लोक गायन क्षेत्र से सुश्री देवी एवं
भोजपुरी फिल्मों में अभिनय क्षेत्र में सफलता का परचम लहराने वाली सुश्री
अंजना सिंह को सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुरवइया कार्यकर्ता सम्मान में सक्रिय कार्यकर्ताओं सीबी
सिंह, मनीष सिंह गुरुभाई, अनिल कुमार, सुरेन्द्र गिरी और धर्मेन्द्र
प्रताप सिंह को भी सम्मानित किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति
मंत्री अरुणा कोरी, विशिष्ट अतिथियों में फिल्म निर्माता एवं समाजसेवी
रोजेश जायसवाल, विधायक विजय मिश्रा, आईएएस अधिकारी रमेश चंद्र मिश्रा,
पीसीएस अधिकारी लालजी राय समेत सैकड़ों गणमान्य नागरिक मौजूद थे। सममान
समारोह के बाद लोक गायिका जया शुक्ला, देवी, संजोली पांडेय, लोक
नृत्यांगना विभा जायसवाल, लाफ्टर चैलेंज कलाकार राजेन्द्र विश्वकर्माआदि
ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
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those who do not know about neera yadav, can do an internet search. are you ready to see the new and young face of corruption in uttar pradesh? if not.....join hands with YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAN and send an e-mail (with cc to me) or fax to the governor ( with sms to me on 09369613513 ) of uttar pradesh requesting him to finalize the names of honest persons for the post of info commissioners and reject the persons of doubtful integrity outrightly. also request him to reject all if none is suitable to work in 'letter n spirit' of the act. Raj Bhavan E-mail Address:- hgovup@up.nic.in Sri G. Pattanaik -Principal Secretary to H.E.- Phone-2237000 Fax-2237444 need ur cooperation at this important juncture of time because 80% info commissioners are going to be appointed. regards urvashi |
keeping in view the recent supreme court verdicts,what are the legal tangles in these 8 appointments? if some one onboard has order of hon. supreme court,please share. regards urvashi ============================== http://www.newkerala.com/news/ 8 new Information Commissioners to be appointed soon in Uttar Pradesh Lucknow, Aug 23 (UNI) Uttar Pradesh government today short listed eight persons from various fields for appointment on vacant posts of Information Commissioners (ICs) in UP State Information Commission (UPSIC). The list would now be sent for Governor's approval by the Chief Minister very soon. The meeting of three member panel, authorised for selection of information commissioners and chief information commissioner, was held at Chief Minister's official residence where eight names were short listed from a list of 112 persons who had applied for coveted posts. Currently only two information commissioners Khadijatul Kubra and Gyan Prakash Maurya were holding offices in UPSIC as eight posts were lying vacant hampering functioning of the commission responsible for implementation of Right to Information (RTI) Act in the state. The selection panel including Chief Minister Akhilesh Yadav, minister for Health and Medical Education Ahmed Hasan and leader of opposition in state assembly Swami Prasad Maurya was constituted yesterday. According to sources, among persons selected for post of ICs were lawyers, former bureaucrats and media persons. The two members of the panel refrained from naming the persons selected and said, with approval of the Governor appointment of new information commissioners was likely to be announced very soon. Mr Maurya while coming out of the meeting, said, "the CM has been authorised for selection of Information Commissioners and I hope, with their appointment, UPSIC will work in a transparent and efficient manner." Since the appointment of chief information commissioner and information commissioners was solely depend on the ruling party, UPSIC was faced to allegations of politicisation which was denting its credibility and functioning both. Samajwadi party itself had held the appointment of present chief information commissioner R S Pankaj as political one which was aimed at serving interests of the then ruling BSP. The appointment of Khadijatul Kubra as information commissioner during previous BSP regime had invited much criticism from opposition and RTI activists. The apex court recently in an order have held political appointment responsible for over all detoriation in functioning of information commissions in the country. (UNI) ============================== http://www.deccanherald.com/ SC stays appointment of Information Commissioners in CIC New Delhi, Jul 20, 2012, (PTI) : The Supreme Court has asked the government not to appoint any more information commissioners in the Central Information Commission till it decides on the plea making it mandatory for the transparency body to have members from judicial background. A Bench comprising Justices A K Patnaik and Swatanter Kumar passed the order to this effect while reserving its judgement on the petition challenging the validity of section 12 of the Right to Information Act, 2005, which deals with the appointment of Chief Information Commissioner and 10 other information commissioners. The petition filed by one Namit Sharma has contended that since the work of the CIC under the RTI Act is mainly connected with the law, members in the transparency panel should have legal background. However, government has opposed the petition contending that since the function of the CIC is like a quasi-judicial body, it could not be made mandatory that the members should have judicial background. ============================== http://articles.timesofindia. Chief information commissioner appointment may hit a roadblock Joseph John, TNN Apr 22, 2012, 02.18AM IST Tags:roadblock|CIC|Chief information commissioner appointmentBHOPAL: The state government move to appoint chief information commissioner (CIC) by the end of April may hit a roadblock with the Supreme Court stating Friday that it would lay down guidelines to ensure that posts of information commissioners at the centre and state commissions do not become "property of a political set-up". The post of state's CIC is lying vacant following the retirement of P P Tiwari on March 26 this year. There are strong indications that chief secretary Avani Vaish, who is scheduled to retire on April 30, is in the race for the top RTI Commission post. While an information commissioner Mahesh Pandey relinquished his post on February 24 as his tenure ended, nine posts of information commissioners are also lying vacant in the state. The apex court bench, comprising Justice G S Singhvi and Justice S J Mukopadhaya on Friday made it clear that the court would now "lay down the law," taking strong exception to the manner in which candidates were being hand-picked by governments without making vacancies for appointment of information commissioners under the RTI Act known to the public. The court's observations came while hearing an appeal by those whose appointment as commissioners to the Tamil Nadu information commission was set aside by the TN high court. "Now, the state government cannot take any decision in haste. For the sake of ensuring greater transparency in the appointments under the historic transparency law, either the state will now have to wait till Supreme Court lays down the guidelines or it would have to follow the procedure adopted by the Department of Personnel and Training (DOPT) for appointment of commissioners to the central information commission," RTI activist Ajay Dubey told TOI. "We will submit a memorandum to the Governor soon, seeking a freeze on all appointments to state information commission till the Supreme Court laid down the guidelines," he said. RTI activists had already submitted a memorandum to the state government in November last year, pointing out lack of transparency in the selection and appointment of information commissioners and demanding action to ensure that appointments are made in a fair and transparent manner. Subsequently, the governor had forwarded the memorandum to the chief minister's office. Bureaucratic circles are tight-lipped over immediate fallout of the SC move to frame guidelines as name of incumbent state chief secretary Avani Vaish, IAS officer of 1975 batch, is already in circulation for state CIC post. "I think you are putting the cart before the horse. As of now, the procedures for selection are clearly mentioned in the RTI Act. It's a matter to be examined whether the procedure for appointments to information commissions in all states could be stalled till formulation of any such guidelines by the court," quipped a senior state government official. __._,_.___ |
Corporators pass proposal requesting Centre to grant official 'Father of the Nation' status to Gandhi and that of 'Mahatma' to Jyotirao Phule Siddharth Gadkari Posted On Thursday, August 23, 2012 at 08:22:25 AM
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Govt to go textbook on RTI, extol its virtues in school Chetan Chauhan, Hindustan Times New Delhi, August 20, 2012 First Published: 00:09 IST(20/8/2012) Last Updated: 01:00 IST(20/8/2012) On the very day the central government notified new rules diluting the Right To Information Act (RTI Act), the HRD ministry decided to make the ironical decision of telling school children that the transparency law was an effective tool for fighting corruption and effecting good governance. The National Council of Education Research and Training (NCERT) has decided to print an RTI message in textbooks for classes from VI to VIII, stating that the law combats corruption and "promotes transparency and accountability" in the government machinery. The message - to be displayed on the inner side of textbook back covers - is expected to reach nearly one crore students in 2012. Besides creating awareness, the initiative will encourage children to use the tool for seeking information from the government. "You can seek necessary information about various activities of the government through an RTI application," the message reads, before detailing the information-seeking process. Schoolchildren, however, are no strangers to the RTI Act. They have used the tool to gain access to their answer sheets, and even seek information on facilities available to them. Aishwarya Parashar, a class VI student from City Montessori School, Lucknow, made headlines when her RTI application revealed that the government had not notified Mahatma Gandhi as the Father of the Nation. The message tells students that the RTI application can be filed on plain paper, even though several government ministries have prescribed a particular format for using it. The application can be sent from a post office too, it adds. |
a public sevant in a uttar pradesh office committing multiple crime. 1- keeping her baby with her during duty hours 2- employing a child to take care of her baby thus ruining the career of that girl child 3- taking salary from government coffers to do her personal work at workplace 4- making the workplace a place of household chores sending pics also urvashi Child Labour is a Crime IPC section 374 According to this section that whoever unlawfully compels any person to labour against the will of that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year or with fine or both. The Child Labour (Prohibition & Regulation) Act, 1986 The act prohibits the employment of children below the age of 14 in factories, mines and in other forms of hazardous employment (including domestic labour and service industry), and regulates the working conditions of children in other employment. Government servants are prohibited from employing children as domestic servants. Through the recent notification effective from 10 October 2006, the government has imposed these restrictions on everyone. Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2000 Under this act any person responsible for abuse assault and neglect or causing physical or mental suffering can be punished for up to 6 months and/or fined. Also any person who procure a juvenile or the child for hazardous work, keeps him in bondage and withholds the child's earnings or uses them for his own purpose is liable for imprisonment up to 3 years and also a fine. Bonded Labour System (Abolition) Act, 1976 Under this act any kind of forced labour including child labour is a punishable offence. There are many incidences where judiciary has acted for elimination of child labour and has dealt with it as forced labour or bonded labour. Supreme Court Directions on Child Labour The Supreme Court of India, 1996 has given certain directions regarding the manner in which children working in the hazardous occupations are to be withdrawn from work and rehabilitated, and the manner in which the working conditions of children working in non-hazardous occupations are to be regulated and improved. The judgment of the Supreme Court envisages: • Withdrawal of children working in hazardous industries and ensuring their education in appropriate institutions; • Contribution of Rs.20,000 per child to be paid by the offending employers of children to a welfare fund to be established for this purpose; • Employment to one adult member of the family of the child so withdrawn from work, and if that is not possible a contribution of Rs.5000 to the welfare fund to be made by the State Government; • Financial assistance to the families of the children so withdrawn to be paid out of the interest earnings on the corpus of Rs. 20,000 or Rs. 25,000 deposited in the welfare fund as long as the child is actually sent to the schools In a nutshell, the recent notification regarding child labour simply means that any body employing children of 14 years of age, can be prosecuted as a criminal. It also means that government is accountable to deal with child domestic labour as a crime, and should make all efforts for its control and elimination. It should also make arrangements to provide justice, compensation and rehabilitation to the victim |
August 14, 2012 |
August 15 is not a national holiday?Neha ShuklaNeha Shukla, TNN | Aug 14, 2012, 02.48PM IST LUCKNOW: We have all grown up learning August 15 as the national holiday but the government says it has no such record available that announces August 15 as the national holiday. Not only this, there are no government orders available with the ministry of home which notify January 26 and October 2 as the national holidays. The revelation has been made in response to an RTI query by a 10-year-old girl Aishwarya Parashar. She had put the question to the Prime Minister's Office (PMO) in April this year. The PMO transferred her application to the ministry of home, which, in turn, forwarded the application to the Department of Personnel and Training (DoPT) saying the subject matter of the application, the declaration of national holidays, does not pertain to MHA. After lots of twists and turns, however, the ministry of home, on May 17, said the government has issued no such order which notifies January 26, August 15 and October 2 as the national holidays. Dissatisfied with the response, the girl moved an appeal to the Ministry of home saying she has learnt about national holidays through her text books and that ministry probably has erred in saying that it does not possess any order on declaration of national holidays. However, the response to the appeal only upheld the response of the ministry. The appellate authority, however, also made a request to the National Archives to provide the copy of the order, if any, to the girl. The response from the national archives is still awaited. Meanwhile, the girl has written to both the President and the Prime Minister seeking the answer to her query. |
राष्ट्रीय पर्व नहीं हैं स्वतंत्रता दिवस !Tuesday, August 14, 2012, 13:27 लखनऊ: देश में हर वर्ष सरकारी स्तर पर भव्य पैमाने पर मनाये जाने वाले स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयन्ती और गणतंत्र दिवस आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पर्व नहीं हैं। खुद सरकार ने सूचना का अधिकार यानी आरटीआई कानून के तहत मांगी गयी जानकारी में यह बात कही है। लखनउ की एक छात्रा ऐश्वर्या पाराशर ने गत 25 अप्रैल को आरटीआई अर्जी भेजकर प्रधानमंत्री कार्यालय से 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने सम्बन्धी आदेश की सत्यापित प्रति मांगी थी। गत 17 मई को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गये जवाब में 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने सम्बन्धी आदेश के बारे में स्पष्ट कहा गया ''इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।' ऐश्वर्या के मुताबिक उसने गत 31 जुलाई को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा कि उसने 28 मई को गृह मंत्रालय को भेजी गयी अपील में कहा था कि उससे सम्भवत: आरटीआई अर्जी का जवाब देने में कुछ गलती हो गयी है। हालांकि 21 जून को उसे फिर पुराना जवाब मिला और उसके पत्र को राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास भेज दिया गया। छात्रा ने बताया कि उसने मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय अभिलेखागार ने गत 23 जुलाई को भेजे गये जवाब में जानकारी दी है कि उसके पास 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने सम्बन्धी कुछ फाइलें तो हैं लेकिन कोई सरकारी आदेश उसके पास भी नहीं है। ऐश्वर्या ने राष्ट्रपति से 15 अगस्त, दो अक्तूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने सम्बन्धी सरकारी आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। (एजेंसी) First Published: Tuesday, August 14, 2012, 13:27 |
Aug 15, Jan 26 and Oct 2 are not national holidays: MHA
Updated: Tuesday, August 14, 2012, 19:37 [IST] Posted by: Sreekumar Bangalore, Aug 14: The reply to an RTI query has come as a shock to all those Indians who believed that Aug 15, Jan 26 and Oct 2 are national holidays. Apparently, these three dates were never notified by the government. It was the persistent efforts of one Aishwarya Parashar that revealed this amazing fact. Earlier this year in April, the 10-year-old had asked the Prime Minister's Office (PMO) for a copy of the particular government order (GO) that specified the national holidays. The PMO passed on her query to the Ministry of Home, which at first claimed that the matter does not pertain to it. The Department of Personnel and Training (DoPT) should provide the answer, the Home Ministry averred. Finally the latter clarified on May 17 that it could not find any GO that notified Republic Day, Independence Day and Gandhi Jayanti as national holidays. Aishwarya was bemused by the reply because she has been taught in school that Jan 26, Aug 15 and Oct 2 are national holidays. When she filed an appeal to find out the truth, the appellate authority not only confirmed that the Home Ministry's statement was correct but also requested the National Archives to provide the 10-year-old a copy of the GO if any exists. A determined Aishwarya has since shot off letters to the President and the Prime Minister, demanding the GO. Now the onus is on both Pranab Mukherjee and Manmohan Singh to satisfy her curiosity. OneIndia News |
http://www.thepunjabkesari.com/national/news/60676
देश में सरकारी स्तर पर तामझाम के साथ मनाये जाने वाले स्वतंत्रता दिवस,
गांधी जयन्ती और गणतंत्र दिवस आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पर्व नहीं हैं।
खुद सरकार ने सूचना का अधिकार आरटीआई कानून के तहत मांगी गयी जानकारी में
यह बात कही है लखनउ की एक छात्रा ऐश्वर्या पाराशर ने गत अप्रैल को आरटीआई
अर्जी भेजकर प्रधानमंत्री कार्यालय से अगस्त, दो अकतूबर और जनवरी को
राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने सम्बन्धी आदेश की सत्यापित प्रति मांगी
थी।
'भाषा' को प्राप्त प्रति के मुताबिक गत मई को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे
गये जवाब में अगस्त, दो अकतूबर और जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये
जाने सम्बन्धी आदेश के बारे में स्पष्ट कहा गया ''इस तरह का कोई आदेश
जारी नहीं किया गया है। ''ऐश्वर्या के मुताबिक उसने गत 31 जुलाई को
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा कि उसने 28 मई को गृह
मंत्रालय को भेजी गयी अपील में कहा था कि उससे सम्भवत: आरटीआई अर्जी का
जवाब देने में कुछ गलती हो गयी है। हालांकि 21 जून को उसे फिर पुराना
जवाब मिला और उसके पत्र को राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास भेज दिया गया।
छात्रा ने बताया कि उसने मुखर्जी को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय
अभिलेखागार ने गत 23 जुलाई को भेजे गये जवाब में जानकारी दी है कि उसके
पास अगस्त, दो अकतूबर और 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व घोषित किये जाने
सम्बन्धी कुछ फाइलें तो हैं लेकिन कोई सरकारी आदेश उसके पास भी नहीं है।
ऐश्वर्या ने राष्ट्रपति से 15 अगस्त, दो अकतूबर और जनवरी को राष्ट्रीय
पर्व घोषित करने सम्बन्धी सरकारी आदेश जारी करने का अनुरोध किया है।
http://in.jagran.yahoo.com/ http://in.jagran.yahoo.com/ http://in.jagran.yahoo.com/ नन्हे हाथों में आरटीआइ की ताकत दुर्गा शर्मा, लखनऊ जीतने वाले कुछ नया नहीं करते बल्कि वह कुछ अलग तरीके से कार्यो को अंजाम देते हैं। उनका यह प्रयास उन्हें कुछ खास बना देता है। कक्षा छह की छात्रा ऐश्वर्या को इसी श्रेणी में रखना गलत न होगा। उसके बाल मन में उमड़ती जिज्ञासाएं और उनके जवाब तलाशने के लिए उसने किया इस्तेमाल सूचना के अधिकार का। अब लोग उसे नन्ही (11 वर्षीय) आरटीआइ एक्टीविस्ट के रूप में जानते हैं। सीएमएस राजाजीपुरम की कक्षा छह की छात्रा ऐश्र्वर्या ने पहली आरटीआइ वर्ष 2009 में डाली थी। बकौल ऐश्र्वर्या, स्कूल के मेन गेट के बगल में ही कूड़ा घर बना था, जिससे उठती दुर्गध से हमेशा दिक्कत होती थी। स्कूल को तो विद्या का मंदिर कहा जाता है, फिर मंदिर के पास कूड़ाघर कैसे? ऐसे सवालों के उत्तर तो मिलते थे, पर संतुष्टि नहीं। मम्मी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के बारे में बताया। पूछा कि मेरे स्कूल के पास कूड़ाघर है, उससे बच्चे बीमार हो सकते हैं, अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? निवेदन किया कि कूड़ाघर हटा दिया जाए। उत्तर नहीं मिला। छह महीने बाद फिर सीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे लखनऊ नगर निगम अग्रसारित कर दिया गया। बाद में वहां पब्लिक लाइबे्ररी बनवा दी गई। आठ वर्ष की उम्र में पहली बार किया सूचना के अधिकार का प्रयोग राष्ट्रपिता राष्ट्रीय पर्व और प्रतीकों समेत कई विषयों पर मांगी जानकारी |