सपा प्रमुख मुलायम सिंह स्वयं को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी दिखाने - बताने में कभी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते है.यही हाल यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मुस्लिम चेहरा माने जाने बाले आज़म ख़ान का भी है. रामपुर बाले वही आज़म ख़ान जो सपा प्रमुख मुलायम सिंह का शाही जश्न आयोजित कर अपने ट्रस्ट के लिए महज 9900/- में सरकार से अरवो-खर्वो की कीमत की परिसंपत्तियाँ 99 साल के लिए
रिटर्न गिफ्ट के रूप में पा लेते हैं और फिर से कोई और मँहगा रिटर्न गिफ्ट लेने के लिए अब मुलायम सिंह का मंदिर बनबाने की बात हवा में फैला देते है. बड़ा सबाल यह है सपा सरकार द्वारा एकमात्र आज़म ख़ान को तुष्ट करदेने मात्र से ही अखिलेश आख़िर किस आधार पर यह मान रहे हैं कि उनकी सरकार ने पूरी यूपी के अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ कर दिया है जबकि उनकी
सरकार सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अभी तक सोयी पड़ी है.
मैं तो आश्चर्यचकित हूँ कि उच्च पदों पर आसीन ये नेता सार्वजनिक जीवन में कितना सफेद झूंठ बोलते है और जाने कैसे इतना सफेद झूंठ बोल लेते हैं. जाने कैसे ये लोग हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपना व्यक्तिगत लाभ और अपने वोट ही तलाशते रहते है . जब मुसलमानों के बारे में सोचती हूँ और देखती हूँ तो पाती हूँ कि वैसे तो मुलायम सिंह अपने आप को मुसलमानों का मसीहा कहते है और
गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को लुभाने का प्रयास करती हैं. लगभग 3 साल के अपने कार्यकाल में अखिलेश ने तो अपने आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद
करना ही छोड़ दिया है. मेरा मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अखिलेश से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते थे. पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |
गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और
शैक्षिक स्थिति में सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|
मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए क्या किया है. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे सूचना देने में 2 साल से
भी अधिक लगा दिए और अब सूचना आयोग के दखल के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4 के उप सचिव और जन सूचना अधिकारी आर. एन. द्विवेदी ने बीते 11 फ़रवरी के पत्र के माध्यम से जो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर करती है.
आर. एन. द्विवेदी के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है|आर. एन. द्विवेदी ने इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है.
यह हाल उस सरकार का है जिसके सिपहसालार आज़म ख़ान अपने आपको मुसलमानों का झंडाबर्दार सिद्ध करने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल तक को भी गाहे-बजाहे ताल ठोंककर ललकारते रहते हैं पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में योजनाबद्ध सुधार लाने के लिए सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अपने महकमे से भी कोई भी कार्यवाही नही करा पाते हैं. अब आज़म ख़ान
को मुसलमानों के विकास से तो कोई सरोकार है नहीं. उनको तो मतलब है बस अपने आप से और इन तीन सालों में उन्होने अपने हित तो खूब साधे हैं. जी हाँ, मेरा मतलब है अपनी पत्नी को लोकसभा में भेजना,रामपुर में अपने ट्रस्ट की माली हालत को ठीक करना, रामपुर में अपनी राजनैतिक ज़मीन को मजबूती देने को कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना आदि आदि. और फिर उनको फ़ुर्सत ही कहाँ है सस्ती लोकप्रियता पाने और खबरों
में बने रहने के लिए बेबजह की बयानबाज़ी करने से जो वह मुसलमानों के विकास के बारे में सोचें.
बड़ा सवाल यह भी है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की आठ साल से ज्यादा की अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर
मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई भी प्रयास किया ही नहीं गया है.
मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं. मैं अखिलेश को सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|
Pls. Download RTI reply from undergiven weblink :
http://upcpri.blogspot.in/2015/02/blog-post_23.html
Urvashi Sharma
Mobile-9369613513
Monday, February 23, 2015
सपा कार्यकाल में भी नहीं हुआ मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दों पर कोई काम : साधक-सिद्धक बन अपने-अपने निजी हित साध रहे मुलायम-आज़म : अखिलेश सरकार का अल्पसंख्यक प्रेम महज ढोंग : सपा ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर तीन साल में नहीं की है कोई भी कार्यवाही : आरटीआई से खुलासा
सपा प्रमुख मुलायम सिंह स्वयं को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी दिखाने -
बताने में कभी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते है.यही हाल यूपी की सत्तारूढ़
समाजवादी पार्टी में मुस्लिम चेहरा माने जाने बाले आज़म ख़ान का भी है.
रामपुर बाले वही आज़म ख़ान जो सपा प्रमुख मुलायम सिंह का शाही जश्न
आयोजित कर अपने ट्रस्ट के लिए महज 9900/- में सरकार से अरवो-खर्वो की
कीमत की परिसंपत्तियाँ 99 साल के लिए रिटर्न गिफ्ट के रूप में पा लेते
हैं और फिर से कोई और मँहगा रिटर्न गिफ्ट लेने के लिए अब मुलायम सिंह का
मंदिर बनबाने की बात हवा में फैला देते है. बड़ा सबाल यह है सपा सरकार
द्वारा एकमात्र आज़म ख़ान को तुष्ट करदेने मात्र से ही अखिलेश आख़िर
किस आधार पर यह मान रहे हैं कि उनकी सरकार ने पूरी यूपी के अल्पसंख्यकों
को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ कर दिया है जबकि उनकी
सरकार सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अभी तक सोयी पड़ी है.
मैं तो आश्चर्यचकित हूँ कि उच्च पदों पर आसीन ये नेता सार्वजनिक जीवन में
कितना सफेद झूंठ बोलते है और जाने कैसे इतना सफेद झूंठ बोल लेते हैं.
जाने कैसे ये लोग हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपना व्यक्तिगत
लाभ और अपने वोट ही तलाशते रहते है . जब मुसलमानों के बारे में सोचती
हूँ और देखती हूँ तो पाती हूँ कि वैसे तो मुलायम सिंह अपने आप को
मुसलमानों का मसीहा कहते है और गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण
पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में
करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को
सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को लुभाने का
प्रयास करती हैं. लगभग 3 साल के अपने कार्यकाल में अखिलेश ने तो अपने
आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद करना ही छोड़
दिया है. मेरा मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अखिलेश
से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते थे. पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी
विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने
फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |
गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में
मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात
सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता
वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को
सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज
की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में
सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|
मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर
मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल
कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के
लिए क्या किया है. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना
देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने
मुझे सूचना देने में 2 साल से भी अधिक लगा दिए और अब सूचना आयोग के दखल
के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4 के उप
सचिव और जन सूचना अधिकारी आर. एन. द्विवेदी ने बीते 11 फ़रवरी के पत्र
के माध्यम से जो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ
उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर
करती है.
आर. एन. द्विवेदी के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई
नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है|आर. एन. द्विवेदी ने
इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है.
यह हाल उस सरकार का है जिसके सिपहसालार आज़म ख़ान अपने आपको मुसलमानों का
झंडाबर्दार सिद्ध करने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल तक को भी
गाहे-बजाहे ताल ठोंककर ललकारते रहते हैं पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों
की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में योजनाबद्ध सुधार लाने के लिए
सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अपने महकमे से भी कोई भी कार्यवाही नही करा
पाते हैं. अब आज़म ख़ान को मुसलमानों के विकास से तो कोई सरोकार है नहीं.
उनको तो मतलब है बस अपने आप से और इन तीन सालों में उन्होने अपने हित तो
खूब साधे हैं. जी हाँ, मेरा मतलब है अपनी पत्नी को लोकसभा में
भेजना,रामपुर में अपने ट्रस्ट की माली हालत को ठीक करना, रामपुर में अपनी
राजनैतिक ज़मीन को मजबूती देने को कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना आदि आदि. और
फिर उनको फ़ुर्सत ही कहाँ है सस्ती लोकप्रियता पाने और खबरों में बने
रहने के लिए बेबजह की बयानबाज़ी करने से जो वह मुसलमानों के विकास के
बारे में सोचें.
बड़ा सवाल यह भी है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की आठ साल से ज्यादा की
अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का
झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के
लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण
है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली
इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और
शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई
भी प्रयास किया ही नहीं गया है.
मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर
बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी
आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं. मैं अखिलेश को
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही
हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
बताने में कभी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते है.यही हाल यूपी की सत्तारूढ़
समाजवादी पार्टी में मुस्लिम चेहरा माने जाने बाले आज़म ख़ान का भी है.
रामपुर बाले वही आज़म ख़ान जो सपा प्रमुख मुलायम सिंह का शाही जश्न
आयोजित कर अपने ट्रस्ट के लिए महज 9900/- में सरकार से अरवो-खर्वो की
कीमत की परिसंपत्तियाँ 99 साल के लिए रिटर्न गिफ्ट के रूप में पा लेते
हैं और फिर से कोई और मँहगा रिटर्न गिफ्ट लेने के लिए अब मुलायम सिंह का
मंदिर बनबाने की बात हवा में फैला देते है. बड़ा सबाल यह है सपा सरकार
द्वारा एकमात्र आज़म ख़ान को तुष्ट करदेने मात्र से ही अखिलेश आख़िर
किस आधार पर यह मान रहे हैं कि उनकी सरकार ने पूरी यूपी के अल्पसंख्यकों
को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ कर दिया है जबकि उनकी
सरकार सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अभी तक सोयी पड़ी है.
मैं तो आश्चर्यचकित हूँ कि उच्च पदों पर आसीन ये नेता सार्वजनिक जीवन में
कितना सफेद झूंठ बोलते है और जाने कैसे इतना सफेद झूंठ बोल लेते हैं.
जाने कैसे ये लोग हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपना व्यक्तिगत
लाभ और अपने वोट ही तलाशते रहते है . जब मुसलमानों के बारे में सोचती
हूँ और देखती हूँ तो पाती हूँ कि वैसे तो मुलायम सिंह अपने आप को
मुसलमानों का मसीहा कहते है और गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण
पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में
करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को
सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को लुभाने का
प्रयास करती हैं. लगभग 3 साल के अपने कार्यकाल में अखिलेश ने तो अपने
आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद करना ही छोड़
दिया है. मेरा मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अखिलेश
से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते थे. पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी
विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने
फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |
गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में
मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात
सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता
वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को
सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज
की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में
सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|
मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर
मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल
कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के
लिए क्या किया है. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना
देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने
मुझे सूचना देने में 2 साल से भी अधिक लगा दिए और अब सूचना आयोग के दखल
के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4 के उप
सचिव और जन सूचना अधिकारी आर. एन. द्विवेदी ने बीते 11 फ़रवरी के पत्र
के माध्यम से जो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ
उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर
करती है.
आर. एन. द्विवेदी के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई
नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है|आर. एन. द्विवेदी ने
इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है.
यह हाल उस सरकार का है जिसके सिपहसालार आज़म ख़ान अपने आपको मुसलमानों का
झंडाबर्दार सिद्ध करने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल तक को भी
गाहे-बजाहे ताल ठोंककर ललकारते रहते हैं पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों
की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में योजनाबद्ध सुधार लाने के लिए
सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अपने महकमे से भी कोई भी कार्यवाही नही करा
पाते हैं. अब आज़म ख़ान को मुसलमानों के विकास से तो कोई सरोकार है नहीं.
उनको तो मतलब है बस अपने आप से और इन तीन सालों में उन्होने अपने हित तो
खूब साधे हैं. जी हाँ, मेरा मतलब है अपनी पत्नी को लोकसभा में
भेजना,रामपुर में अपने ट्रस्ट की माली हालत को ठीक करना, रामपुर में अपनी
राजनैतिक ज़मीन को मजबूती देने को कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना आदि आदि. और
फिर उनको फ़ुर्सत ही कहाँ है सस्ती लोकप्रियता पाने और खबरों में बने
रहने के लिए बेबजह की बयानबाज़ी करने से जो वह मुसलमानों के विकास के
बारे में सोचें.
बड़ा सवाल यह भी है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की आठ साल से ज्यादा की
अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का
झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के
लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण
है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली
इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और
शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई
भी प्रयास किया ही नहीं गया है.
मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर
बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी
आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं. मैं अखिलेश को
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Urvashi Sharma
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101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
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Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
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Friday, February 20, 2015
I'd like to add you to my professional network on LinkedIn
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Sunday, February 15, 2015
Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'
Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'
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Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor. Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh signatures and then meet the authorities concerned personally to press her demand.
We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.
Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block, Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.
http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html
Copy of Memo :
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.
महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह
भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है.
हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे
प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी
की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती
की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी
सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी.
मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर
नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग कर रहे हैं.
आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .
प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:
1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor. Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh signatures and then meet the authorities concerned personally to press her demand.
We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.
Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block, Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.
http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html
Copy of Memo :
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.
महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह
भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है.
हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे
प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी
की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती
की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी
सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी.
मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर
नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग कर रहे हैं.
आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .
प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:
1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।
Find pictures of signature campaign at
http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
'RTI Girl' kickstarts signature campaign for a 'Total Gomti Cleaning
Plan' : Targets 1 lakh signatures
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
'RTI Girl' kickstarts signature campaign for a 'Total Gomti Cleaning
Plan' : Targets 1 lakh signatures
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
'RTI Girl' kickstarts signature campaign for a 'Total Gomti Cleaning Plan' : Targets 1 lakh signatures
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा
के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल'
ऐश्वर्या पाराशर।
Find pictures of signature campaign at
http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
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that i should delete your name from my mailing list.
के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल'
ऐश्वर्या पाराशर।
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http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'
Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor.
Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh
signatures and then meet the authorities concerned personally to press
her demand.
We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help
her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.
Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you
wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block,
Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.
Copy of Memo : http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य
सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.
महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा
मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र
की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए
उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती
में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए
आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास
विभाग से संपर्क करने को कहा है.
हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम
पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से
लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी.
दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते
हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की
तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक
नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी
जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे
सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का
रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के
किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से
सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग
900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक
कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे
और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता
आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी
प्रदूषित हैं.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर
मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की
सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है
और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा
डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही
नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी
आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो
आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी
स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने
अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया
कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक
कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू
कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित
नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया
कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन
आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई
भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर दिखेगा और गोमती
साफ हो सकेगी.
मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार
को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी
पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग
हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन
करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें
कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी
डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की
माँग कर रहे हैं.
आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा
कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .
प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ
करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर
प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही
सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:
1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh
signatures and then meet the authorities concerned personally to press
her demand.
We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help
her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.
Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you
wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block,
Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.
Copy of Memo : http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य
सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.
महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा
मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र
की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए
उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती
में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए
आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास
विभाग से संपर्क करने को कहा है.
हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम
पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से
लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी.
दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते
हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की
तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक
नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी
जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे
सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का
रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के
किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से
सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग
900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक
कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे
और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता
आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी
प्रदूषित हैं.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर
मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की
सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है
और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा
डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही
नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी
आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो
आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी
स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने
अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया
कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक
कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू
कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित
नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया
कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन
आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई
भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर दिखेगा और गोमती
साफ हो सकेगी.
मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार
को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी
पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग
हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन
करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें
कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी
डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की
माँग कर रहे हैं.
आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा
कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .
प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ
करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर
प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही
सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:
1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत
अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।
Find pictures of signature campaign at http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन
क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच
रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध
कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है . उत्तर प्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके
उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं
है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की एक अलग
कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं 'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से
देश के सामने उजागर करने बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन
क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.
इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच
रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.
ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध
कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.
लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है . उत्तर प्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .
ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके
उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं
है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की एक अलग
कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.
ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार अवश्य देंगे .
देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं 'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से
देश के सामने उजागर करने बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.
Saturday, February 14, 2015
Invite : Signature campaign to press demands for making a Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya Parashar
Dear Friend,
Program details are as given below :
Date : 15 February 2015 Sunday
Time : 11 AM to 03 PM
Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park
Organizer : 'RTI Girl' Aishwarya Parashar (13)
Please attend this Signature campaign to press demands for making a
Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate
budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya
Parashar and strengthen Aishwarya's Social endeavor.
Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081,
9455553838 & 9369613513.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
Program details are as given below :
Date : 15 February 2015 Sunday
Time : 11 AM to 03 PM
Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park
Organizer : 'RTI Girl' Aishwarya Parashar (13)
Please attend this Signature campaign to press demands for making a
Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate
budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya
Parashar and strengthen Aishwarya's Social endeavor.
Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081,
9455553838 & 9369613513.
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Urvashi Sharma
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आमंत्रण : समग्र गोमती सफाई विशेष योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में हस्ताक्षर अभियान
प्रिय मित्र ,
कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :
दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार
समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न
स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क
आयोजक : 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष)
कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन
आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व
में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका
के सामाजिक प्रयासों को मजबूती देना चाहें.
Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081,
9455553838 & 9369613513.
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कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :
दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार
समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न
स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क
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कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन
आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व
में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका
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Date : 15 February 2015 Sunday
Time : 11 AM to 03 PM
Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park
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Date : 15 February 2015 Sunday
Time : 11 AM to 03 PM
Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park
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आमंत्रण : समग्र गोमती सफाई विशेष योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में हस्ताक्षर अभियान
प्रिय मित्र ,
कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :
दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार
समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न
स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क
आयोजक : 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष)
कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका के सामाजिक प्रयासों को मजबूती देना चाहें.
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कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :
दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार
समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न
स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क
आयोजक : 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष)
कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका के सामाजिक प्रयासों को मजबूती देना चाहें.
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Friday, February 13, 2015
छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक
http://www.instantkhabar.com/articles/item/19756-article.html
पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने
वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के
01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी
समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से
खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का
आरटीआई से खुलासा.
यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश
दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का
उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं
पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर
क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक
बंद करने बाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता
के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते
हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक
विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?
मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ
अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के
एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह
दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए
थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11
लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक सदस्य विजय कुमार यादव अपने
खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा
मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस
ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश
को कोई लाभ नही हुआ है.
मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के
संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर
मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है.
शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और
बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि
हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो
दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50
हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम
धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड
यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार
338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.
पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक
बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी
शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक
बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं
लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक
लोकतन्त्र में सामान्यतया अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी
भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.
संजय शर्मा
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने
वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के
01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी
समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से
खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का
आरटीआई से खुलासा.
यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश
दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का
उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं
पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर
क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक
बंद करने बाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता
के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते
हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक
विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?
मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ
अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के
एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह
दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए
थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11
लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक सदस्य विजय कुमार यादव अपने
खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा
मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस
ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश
को कोई लाभ नही हुआ है.
मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के
संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर
मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है.
शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और
बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि
हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो
दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50
हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम
धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड
यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार
338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.
पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक
बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी
शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक
बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं
लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक
लोकतन्त्र में सामान्यतया अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी
भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.
संजय शर्मा
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-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
http://www.deccanherald.com/content/459636/akhilesh-splurged-rs-106-cr.html
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013.
In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary
and public information officer in the state's secretariat
administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had
been spent on the visit.
While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh
was spent on food and lodging, the RTI response said.
Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh,
in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard
University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event
as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.
Khan also returned without attending the function after his alleged
mistreatment at the Logan airport.
Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability &
Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief
minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013.
In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary
and public information officer in the state's secretariat
administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had
been spent on the visit.
While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh
was spent on food and lodging, the RTI response said.
Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh,
in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard
University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event
as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.
Khan also returned without attending the function after his alleged
mistreatment at the Logan airport.
Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability &
Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief
minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.
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Urvashi Sharma
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US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
http://timesofindia.indiatimes.com/india/US-trip-of-UP-CM-and-12-others-cost-more-than-crore/articleshow/46232932.cms
US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST
LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on
UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had
visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk
at an annual symposium of Harvard University.
Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan,
one of the members in the delegation, was stopped for extended
questioning at Boston airport.
Secretariat administration department, UP, in response to Right to
Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of
travel and stay for 11 members was borne by state government.
Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53
lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
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US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST
LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on
UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had
visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk
at an annual symposium of Harvard University.
Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan,
one of the members in the delegation, was stopped for extended
questioning at Boston airport.
Secretariat administration department, UP, in response to Right to
Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of
travel and stay for 11 members was borne by state government.
Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53
lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
http://www.deccanherald.com/content/459636/akhilesh-splurged-rs-106-cr.html
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013.
In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary and public information officer in the state's secretariat administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had been spent on the visit.
While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh was spent on food and lodging, the RTI response said.
Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh, in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.
Khan also returned without attending the function after his alleged mistreatment at the Logan airport.
Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013.
In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary and public information officer in the state's secretariat administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had been spent on the visit.
While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh was spent on food and lodging, the RTI response said.
Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh, in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.
Khan also returned without attending the function after his alleged mistreatment at the Logan airport.
Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.
छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक
http://www.instantkhabar.com/articles/item/19756-article.html
छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक
Written by Editor Friday, 13 February 2015 12:12
पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का आरटीआई से खुलासा.
यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी के सीएम
अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?
मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11 लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक
सदस्य विजय कुमार यादव अपने खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश को कोई लाभ नही हुआ है.
मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है. शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और
बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50 हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष
से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.
पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक लोकतन्त्र में सामान्यतया
अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.
संजय शर्मा
छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक
Written by Editor Friday, 13 February 2015 12:12
पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का आरटीआई से खुलासा.
यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी के सीएम
अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?
मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11 लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक
सदस्य विजय कुमार यादव अपने खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश को कोई लाभ नही हुआ है.
मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है. शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और
बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50 हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष
से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.
पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक लोकतन्त्र में सामान्यतया
अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.
संजय शर्मा
US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
http://timesofindia.indiatimes.com/india/US-trip-of-UP-CM-and-12-others-cost-more-than-crore/articleshow/46232932.cms
US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST
LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk at an annual symposium of Harvard University.
Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan, one of the members in the delegation, was stopped for extended questioning at Boston airport.
Secretariat administration department, UP, in response to Right to Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of travel and stay for 11 members was borne by state government.
Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53 lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.
US trip of UP CM and 12 others cost more than crore
Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST
LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk at an annual symposium of Harvard University.
Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan, one of the members in the delegation, was stopped for extended questioning at Boston airport.
Secretariat administration department, UP, in response to Right to Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of travel and stay for 11 members was borne by state government.
Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53 lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.
Monday, February 9, 2015
अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
http://www.instantkhabar.com/lucknow/item/19673-lucknow.html
लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और
डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी
के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ
जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ
सिंह को भी भेजी गयी है.
तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर
प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012
का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय
ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों
में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.
अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे
यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत
समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार
उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ
अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल
संपत्तियों में किए हुए हैं और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे है.
संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे
अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस
अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने
की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस
अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि
भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी है.
संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से
शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://upcpri.blogspot.in/
Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.
लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और
डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी
के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ
जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ
सिंह को भी भेजी गयी है.
तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर
प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012
का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय
ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों
में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.
अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे
यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत
समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार
उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ
अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल
संपत्तियों में किए हुए हैं और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे है.
संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे
अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस
अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने
की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस
अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि
भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी है.
संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से
शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.
--
-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
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अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
http://www.instantkhabar.com/lucknow/item/19673-lucknow.html
अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
Written by Editor Monday, 09 February 2015 16:52
अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी गयी है.
तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012 का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.
अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल संपत्तियों में किए हुए हैं
और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे है.
संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी
है.
संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.
खबर की श्रेणी लखनऊ Tagged under tahreer
अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
Written by Editor Monday, 09 February 2015 16:52
अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर
लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी गयी है.
तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012 का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.
अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल संपत्तियों में किए हुए हैं
और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे है.
संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी
है.
संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.
खबर की श्रेणी लखनऊ Tagged under tahreer
Naming defaulter IPS ‘Shameless’, Lucknow based NGO demands to bring ‘ TOP Cops’ to books as UP cadre IPR defaulter IPS officers stand at 37% for 2012, 30% for 2013 & 85% for 2014.
http://tahririndia.blogspot.in/2015/02/terming-defaulter-ips-as-shameless.html
To,
1- The Governor of Uttar Pradesh,Uttar Pradesh Government ,
Lucknow, Uttar Pradesh,India,Pin Code-226001
"hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- Chief Minister of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government, Lucknow.
"cmup" <cmup@nic.in>,"cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- Chief Secretary of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government,Lucknow.
"csup" <csup@up.nic.in>,
4- Director General of Uttar Pradesh Police uppcc-up
<uppcc-up@nic.in>, uppcc <uppcc@up.nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>,
Letter No. : TAHRIR/05/2014-15/150208 Date : 08-02-2015
Sub.: Demand to compel defaulter IPS officers of UP cadre (37% for 2012, 30% for 2013 & 85% for 2014 ) to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.
Dear Sir/Madam,
TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution ) is a Bareilly/Lucknow based Social Organization, working at grass-root level by taking up & solving issues related to
strengthening transparency & accountability in public life and protection of Human Rights in India. While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that below-mentioned 138 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (37%) are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2012.
586
19851070
Shri Harish Chander Kashyap
24/05/1955
1985
UP
587
19901018
Shri Bijaya Kumar Maurya
10/07/1965
1990
UP
588
19911062
Dr Kiran D Jadhav
10/10/1963
1991
UP
589
19921024
Shri Amitabh Thakur
16/06/1968
1992
UP
590
19921027
Smt Neera Rawat Kumari
26/04/1966
1992
UP
591
19921052
Shri Jasvir Singh
15/01/1968
1992
UP
592
19952162
Shri Sugriv Giri
01/01/1955
1995
UP
593
19961066
Shri Vijay Singh Meena
15/01/1972
1996
UP
594
19981042
Smt Padmaja Chauhan
16/07/1973
1998
UP
595
19982205
Shri Om Prakash Sagar
16/07/1955
1998
UP
596
19982224
Shri Rajendra Prasad Chaturvedi
01/01/1955
1998
UP
597
19992131
Shri Arun Kumar Gupta
02/02/1957
1999
UP
598
19992132
Shri Navneet Kumar Rana
23/04/1956
1999
UP
599
19992133
Shri Anil Kumar Dass
05/01/1955
1999
UP
600
20002144
Shri Devi Prasad Srivastava
30/03/1958
2000
UP
601
20002145
Shri Vijay Yadav
01/05/1957
2000
UP
602
20012077
Shri S C Bajpai
15/04/1955
2001
UP
603
20012078
Shri Yogeshwar Singh
01/07/1957
2001
UP
604
20012115
Shri Anil Kumar Jain
10/07/1955
2001
UP
605
20012116
Shri Shiv Sagar Singh
01/07/1957
2001
UP
606
20012117
Shri Arun Kumar Singh
05/09/1956
2001
UP
607
20012118
Shri V K Shekhar
27/04/1957
2001
UP
608
20022268
Shri Wajeeh Ahmad
13/02/1957
2002
UP
609
20022269
Shri Ram Bahadur
11/02/1955
2002
UP
610
20022270
Shri Udai Shanker Jaiswal
24/08/1957
2002
UP
611
20022271
Shri Sharad Sachan
27/09/1959
2002
UP
612
20022272
Shri Rakesh Chandra Sahu
03/04/1958
2002
UP
613
20022273
Shri Jitendra Kumar Shahi
15/05/1957
2002
UP
614
20022274
Shri Jawahar
11/06/1958
2002
UP
615
20022275
Dr S N Bharadwaj
01/11/1955
2002
UP
616
20022276
Dr U C Srivastava
01/07/1957
2002
UP
617
20022277
Shri Dinesh Chandra
30/10/1956
2002
UP
618
20032131
Shri Anil Kumar Rai
14/11/1961
2003
UP
619
20032132
Shri Surendra Kumar Verma
18/01/1962
2003
UP
620
20032133
Shri R P S Yadav
10/07/1957
2003
UP
621
20032134
Shri Vijay Bhushan
15/04/1961
2003
UP
622
20041087
Dr K Ejilearassane
25/07/1973
2004
UP
623
20051009
Shri Ram Krishna Bhardwaj
25/09/1978
2005
UP
624
20052168
Shri Ram Bodh
13/03/1958
2005
UP
625
20052169
Shri Kavindra Pratap Singh
24/08/1962
2005
UP
626
20052170
Shri Sunil Kumar Saxena
15/12/1958
2005
UP
627
20052171
Shri Subhash Singh Baghel
15/05/1961
2005
UP
628
20052172
Shri Rakesh Shankar
08/06/1963
2005
UP
629
20052173
Shri U K Srivastava
05/07/1959
2005
UP
630
20052174
Shri S K Singh
01/01/1964
2005
UP
631
20052175
Shri Ratan Kant Pandey
10/03/1961
2005
UP
632
20052176
Shri Vikramaditya Sachan
08/08/1958
2005
UP
633
20052177
Shri Mrigendra Singh
21/05/1959
2005
UP
634
20052178
Shri Jitendra Kumar Shukla
30/06/1961
2005
UP
635
20052179
Shri Piyush Srivastava
22/04/1961
2005
UP
636
20052180
Shri Satya Bhushan Pathak
27/01/1956
2005
UP
637
20052181
Shri Dinesh Chandra Dubey
01/07/1961
2005
UP
638
20061273
Shri Akash Kulhary
14/01/1980
2006
UP
639
20062522
Shri Vinay Kumar Yadav
30/06/1962
2006
UP
640
20062523
Shri Hira Lal
04/08/1962
2006
UP
641
20062524
Shri Ram Kishore
20/10/1957
2006
UP
642
20062525
Shri Sri Kant Singh
15/01/1956
2006
UP
643
20062526
Shri Ashok Kumar-ii
30/06/1958
2006
UP
644
20062527
Shri Sanjay Kumar-i
30/11/1962
2006
UP
645
20062528
Shri Arvind Sen
13/01/1961
2006
UP
646
20062529
Shri Kailash Nath Mishra
14/08/1957
2006
UP
647
20062530
Shri Shiv Shankar Singh
11/01/1963
2006
UP
648
20062531
Shri Dinesh Pal Singh
31/01/1963
2006
UP
649
20062532
Shri O P Srivastava
01/01/1959
2006
UP
650
20062533
Shri Kripa Shankar Singh
01/11/1956
2006
UP
651
20062534
Shri Rakesh Singh
07/04/1965
2006
UP
652
20062535
Shri V P Srivastava
06/04/1960
2006
UP
653
20062536
Shri Umesh Kumar Singh
27/04/1959
2006
UP
654
20062537
Shri R P Pandey
15/08/1960
2006
UP
655
20062538
Shri Rajesh Kumar Pandey
15/06/1961
2006
UP
656
20062539
Shri Raju Babu Singh
02/04/1957
2006
UP
657
20062540
Shri Vishambhar Dayal Shukla
30/05/1959
2006
UP
658
20062541
Smt Shriparna Ganguly
29/04/1961
2006
UP
659
20062542
Shri Bali Karan Singh Yadav
07/08/1959
2006
UP
660
20062543
Smt Poonam Srivastava
28/12/1963
2006
UP
661
20062544
Shri Salik Ram
31/01/1958
2006
UP
662
20062545
Shri Ram Lal Verma
11/05/1963
2006
UP
663
20062546
Shri Anil Kumar
10/08/1963
2006
UP
664
20062547
Shri Harish Kumar
10/11/1959
2006
UP
665
20062548
Shri Hari Naryan Singh
17/02/1959
2006
UP
666
20062549
Shri Deepak Kumar Bhatt
17/09/1957
2006
UP
667
20062550
Shri Dilip Kumar
28/06/1961
2006
UP
668
20062551
Shri Lalit Kumar Singh
19/01/1959
2006
UP
669
20062552
Shri Rajesh Krishna
30/05/1964
2006
UP
670
20062553
Shri Krishna Bahadur Singh
01/02/1961
2006
UP
671
20071086
Shri Nitin Tiwari
19/03/1982
2007
UP
672
20091137
Shri Keshav Kumar Choudhary
09/01/1981
2009
UP
673
20091271
Shri Pawan Kumar
31/12/1982
2009
UP
674
20091304
Shri Anees Ahmad Ansari
19/01/1979
2009
UP
675
20101086
Shri Vaibhav Krishna
12/12/1983
2010
UP
676
20101149
Shri Kuntal Kishore
05/02/1986
2010
UP
677
20101206
Shri S A Pankaj
28/02/1980
2010
UP
678
20101267
Shri Gaurav Singh
28/09/1984
2010
UP
679
20101540
Shri K H Rathod
19/05/1979
2010
UP
680
20101552
Shri Shogun Gautam
21/08/1983
2010
UP
681
20101645
Shri Satendra Kumar
28/03/1983
2010
UP
682
20101672
Shri Shivhari Meena
21/06/1977
2010
UP
683
20111106
Shri Rahul Pandey
08/06/1986
2011
UP
684
20111108
Shri Ajay Kumar
12/03/1981
2011
UP
685
20111160
Dr Ajay Pal
26/10/1985
2011
UP
686
20111169
Shri Mohammad Imran
03/07/1982
2011
UP
687
20111172
Shri Shailesh Kumar Pandey
03/12/1980
2011
UP
688
20111201
Shri Swapnil Mamgain
04/10/1980
2011
UP
689
20111217
Smt Preeth Ganapathy
19/03/1987
2011
UP
690
20111317
Shri Dev Ranjan Verma
09/11/1979
2011
UP
691
20111472
Shri Abhishek Singh
19/10/1986
2011
UP
692
20111600
Smt Shalini
30/11/1984
2011
UP
693
20111678
Shri Hemant Kutiyal
29/12/1985
2011
UP
694
20111679
Shri D P Kumar
02/07/1982
2011
UP
695
20111698
Shri Manoj C
21/07/1986
2011
UP
696
20121109
Smt Garima Singh
14/02/1987
2012
UP
697
20121144
Shri Santosh Kumar Mishra
18/09/1981
2012
UP
698
20121180
Shri Sumer Pratap Singh
08/09/1982
2012
UP
699
20121211
Shri Sankalp Sharma
11/07/1986
2012
UP
700
20121219
Shri Ashish Tiwari
26/08/1983
2012
UP
701
20121221
Shri Vijay Dhull
20/10/1981
2012
UP
702
20121234
Shri Anshul Gupta
21/11/1983
2012
UP
703
20121292
Shri Pratap Gopendra Yadav
12/05/1982
2012
UP
704
20121329
Ms Preeti Priyadarshini
21/06/1987
2012
UP
705
20121362
Shri Sachindra Patel
18/12/1982
2012
UP
706
20121428
Shri Abhishek Yadav
05/09/1987
2012
UP
707
20121455
Ms Sujata Singh
15/03/1985
2012
UP
708
20121466
Shri Patil Salmantaj Jafertaj
19/11/1984
2012
UP
709
20121467
Shri Ghule Sushil Chandrabhan
02/05/1990
2012
UP
710
20121486
Dr Vipin Tada
22/01/1984
2012
UP
711
20121549
Shri Somen Barma
01/11/1979
2012
UP
712
20121598
Shri Hemraj Meena
09/08/1981
2012
UP
713
20121599
Shri Yamuna Prasad
12/07/1977
2012
UP
714
99992153
Shri Rishi Narayan Sharma
15/07/1958
9999
UP
715
99992154
Shri Pratip Kumar Mishra
01/01/1959
9999
UP
716
99992155
Shri Bharat Singh
05/01/1958
9999
UP
717
99992156
Shri Ram Pratap Singh-i
10/01/1959
9999
UP
718
99992157
Shri Ganga Nath Tripathi
31/12/1961
9999
UP
719
99992158
Smt Sadhna Goswami
30/06/1961
9999
UP
720
99992159
Shri Anant Deo
30/12/1963
9999
UP
721
99992809
Shri Ashok Kumar Pandey
21/04/1961
9999
UP
722
99992810
Shri Atul Saxena
30/01/1959
9999
UP
723
99992813
Shri Shiv Prasad Upadhyay
01/12/1960
9999
UP
Similarly as per website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , below-mentioned 116 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre ( 30% )are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2013.
513
19781024
Shri Rizwan Ahmad
02/02/1954
1978
UP
514
19791001
Shri Ranjan Dwivedi
26/04/1956
1979
UP
515
19861072
Shri Sujanvir Singh
01/09/1961
1986
UP
516
19911062
Dr Kiran D Jadhav
10/10/1963
1991
UP
517
19921024
Shri Amitabh Thakur
16/06/1968
1992
UP
518
19921052
Shri Jasvir Singh
15/01/1968
1992
UP
519
19952162
Shri Sugriv Giri
01/01/1955
1995
UP
520
19961066
Shri Vijay Singh Meena
15/01/1972
1996
UP
521
19961076
Shri Ram Krishna Swarnakar
05/07/1973
1996
UP
522
19962139
Shri Pramod Kumar Misra
18/05/1958
1996
UP
523
19982204
Smt Beena Bhukesh
02/01/1954
1998
UP
524
19982224
Shri Rajendra Prasad Chaturvedi
01/01/1955
1998
UP
525
19992131
Shri Arun Kumar Gupta
02/02/1957
1999
UP
526
19992132
Shri Navneet Kumar Rana
23/04/1956
1999
UP
527
19992133
Shri Anil Kumar Dass
05/01/1955
1999
UP
528
20002120
Shri Suresh Chandra Pandey
29/01/1954
2000
UP
529
20002126
Shri Rajendra Singh
05/01/1954
2000
UP
530
20002144
Shri Devi Prasad Srivastava
30/03/1958
2000
UP
531
20002145
Shri Vijay Yadav
01/05/1957
2000
UP
532
20012075
Shri R K Srivastava
05/08/1957
2001
UP
533
20012078
Shri Yogeshwar Singh
01/07/1957
2001
UP
534
20012115
Shri Anil Kumar Jain
10/07/1955
2001
UP
535
20012116
Shri Shiv Sagar Singh
01/07/1957
2001
UP
536
20012117
Shri Arun Kumar Singh
05/09/1956
2001
UP
537
20012118
Shri V K Shekhar
27/04/1957
2001
UP
538
20022268
Shri Wajeeh Ahmad
13/02/1957
2002
UP
539
20022269
Shri Ram Bahadur
11/02/1955
2002
UP
540
20022270
Shri Udai Shanker Jaiswal
24/08/1957
2002
UP
541
20022271
Shri Sharad Sachan
27/09/1959
2002
UP
542
20022272
Shri Rakesh Chandra Sahu
03/04/1958
2002
UP
543
20022273
Shri Jitendra Kumar Shahi
15/05/1957
2002
UP
544
20022276
Dr U C Srivastava
01/07/1957
2002
UP
545
20022277
Shri Dinesh Chandra
30/10/1956
2002
UP
546
20032131
Shri Anil Kumar Rai
14/11/1961
2003
UP
547
20032132
Shri Surendra Kumar Verma
18/01/1962
2003
UP
548
20032133
Shri R P S Yadav
10/07/1957
2003
UP
549
20052168
Shri Ram Bodh
13/03/1958
2005
UP
550
20052169
Shri Kavindra Pratap Singh
24/08/1962
2005
UP
551
20052170
Shri Sunil Kumar Saxena
15/12/1958
2005
UP
552
20052171
Shri Subhash Singh Baghel
15/05/1961
2005
UP
553
20052172
Shri Rakesh Shankar
08/06/1963
2005
UP
554
20052173
Shri U K Srivastava
05/07/1959
2005
UP
555
20052174
Shri S K Singh
01/01/1964
2005
UP
556
20052175
Shri Ratan Kant Pandey
10/03/1961
2005
UP
557
20052176
Shri Vikramaditya Sachan
08/08/1958
2005
UP
558
20052177
Shri Mrigendra Singh
21/05/1959
2005
UP
559
20052179
Shri Piyush Srivastava
22/04/1961
2005
UP
560
20052180
Shri Satya Bhushan Pathak
27/01/1956
2005
UP
561
20052181
Shri Dinesh Chandra Dubey
01/07/1961
2005
UP
562
20061273
Shri Akash Kulhary
14/01/1980
2006
UP
563
20061377
Dr Manoj Kumar
22/09/1976
2006
UP
564
20062522
Shri Vinay Kumar Yadav
30/06/1962
2006
UP
565
20062523
Shri Hira Lal
04/08/1962
2006
UP
566
20062524
Shri Ram Kishore
20/10/1957
2006
UP
567
20062525
Shri Sri Kant Singh
15/01/1956
2006
UP
568
20062526
Shri Ashok Kumar-ii
30/06/1958
2006
UP
569
20062527
Shri Sanjay Kumar-i
30/11/1962
2006
UP
570
20062528
Shri Arvind Sen
13/01/1961
2006
UP
571
20062529
Shri Kailash Nath Mishra
14/08/1957
2006
UP
572
20062530
Shri Shiv Shankar Singh
11/01/1963
2006
UP
573
20062531
Shri Dinesh Pal Singh
31/01/1963
2006
UP
574
20062533
Shri Kripa Shankar Singh
01/11/1956
2006
UP
575
20062535
Shri V P Srivastava
06/04/1960
2006
UP
576
20062536
Shri Umesh Kumar Singh
27/04/1959
2006
UP
577
20062537
Shri R P Pandey
15/08/1960
2006
UP
578
20062538
Shri Rajesh Kumar Pandey
15/06/1961
2006
UP
579
20062539
Shri Raju Babu Singh
02/04/1957
2006
UP
580
20062540
Shri Vishambhar Dayal Shukla
30/05/1959
2006
UP
581
20062541
Smt Shriparna Ganguly
29/04/1961
2006
UP
582
20062542
Shri Bali Karan Singh Yadav
07/08/1959
2006
UP
583
20062543
Smt Poonam Srivastava
28/12/1963
2006
UP
584
20062544
Shri Salik Ram
31/01/1958
2006
UP
585
20062545
Shri Ram Lal Verma
11/05/1963
2006
UP
586
20062546
Shri Anil Kumar
10/08/1963
2006
UP
587
20062547
Shri Harish Kumar
10/11/1959
2006
UP
588
20062548
Shri Hari Naryan Singh
17/02/1959
2006
UP
589
20062551
Shri Lalit Kumar Singh
19/01/1959
2006
UP
590
20062552
Shri Rajesh Krishna
30/05/1964
2006
UP
591
20062553
Shri Krishna Bahadur Singh
01/02/1961
2006
UP
592
20081158
Dr N Kolanchi
27/07/1977
2008
UP
593
20091137
Shri Keshav Kumar Choudhary
09/01/1981
2009
UP
594
20101086
Shri Vaibhav Krishna
12/12/1983
2010
UP
595
20101206
Shri S A Pankaj
28/02/1980
2010
UP
596
20111106
Shri Rahul Pandey
08/06/1986
2011
UP
597
20111172
Shri Shailesh Kumar Pandey
03/12/1980
2011
UP
598
20111201
Shri Swapnil Mamgain
04/10/1980
2011
UP
599
20111217
Smt Preeth Ganapathy
19/03/1987
2011
UP
600
20111317
Shri Dev Ranjan Verma
09/11/1979
2011
UP
601
20111472
Shri Abhishek Singh
19/10/1986
2011
UP
602
20111670
Shri Rajesh S
17/05/1984
2011
UP
603
20111679
Shri D P Kumar
02/07/1982
2011
UP
604
20111698
Shri Manoj C
21/07/1986
2011
UP
605
20121109
Smt Garima Singh
14/02/1987
2012
UP
606
20121144
Shri Santosh Kumar Mishra
18/09/1981
2012
UP
607
20121180
Shri Sumer Pratap Singh
08/09/1982
2012
UP
608
20121211
Shri Sankalp Sharma
11/07/1986
2012
UP
609
20121219
Shri Ashish Tiwari
26/08/1983
2012
UP
610
20121221
Shri Vijay Dhull
20/10/1981
2012
UP
611
20121292
Shri Pratap Gopendra Yadav
12/05/1982
2012
UP
612
20121329
Ms Preeti Priyadarshini
21/06/1987
2012
UP
613
20121362
Shri Sachindra Patel
18/12/1982
2012
UP
614
20121428
Shri Abhishek Yadav
05/09/1987
2012
UP
615
20121455
Ms Sujata Singh
15/03/1985
2012
UP
616
20121466
Shri Patil Salmantaj Jafertaj
19/11/1984
2012
UP
617
20121467
Shri Ghule Sushil Chandrabhan
02/05/1990
2012
UP
618
20121486
Dr Vipin Tada
22/01/1984
2012
UP
619
20121549
Shri Somen Barma
01/11/1979
2012
UP
620
20121598
Shri Hemraj Meena
09/08/1981
2012
UP
621
20121599
Shri Yamuna Prasad
12/07/1977
2012
UP
622
99992154
Shri Pratip Kumar Mishra
01/01/1959
9999
UP
623
99992155
Shri Bharat Singh
05/01/1958
9999
UP
624
99992156
Shri Ram Pratap Singh-i
10/01/1959
9999
UP
625
99992159
Shri Anant Deo
30/12/1963
9999
UP
626
99992809
Shri Ashok Kumar Pandey
21/04/1961
9999
UP
627
99992810
Shri Atul Saxena
30/01/1959
9999
UP
628
99992813
Shri Shiv Prasad Upadhyay
01/12/1960
9999
UP
While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that a whopping 320 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (85%) have not yet submitted their Immovable Property Returns for Year 2014. We feel that this is something which is very serious.
Keeping in view the recent revelations of corruption in Uttar Pradesh Police department and the fact that most of the black money earned by these officials is kept in the form of immovable properties, there is dire need to compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in acting as per set rules and submit details of their property in time.
While condemning this shameful act of these public servants, TAHRIR is demanding you to personally look into this matter of utmost importance concerning life of each n every individual residing in Uttar Pradesh and compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.
Copy being sent for necessary action to RAJNATH SINGH, Hon'ble HOME MINISTER, Ministry of Home Affairs, North Block,Central Secretariat,New Delhi – 110001 through HOME SECRETARY hshso@nic.in
Hope an early action in this matter of wider public interest.
Sincerely yours,
Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा
( Founder & Chairman)
Transparency, Accountability & Human Rights Initiative for Revolution
( TAHRIR )
101,Narain Tower,F Block, Rajajipuram
Lucknow,Uttar Pradesh-226017
Facebook : https://www.facebook.com/sanjay.sharma.tahrir
Website :http://tahririndia.blogspot.in/
E-mail : tahririndia@gmail.com
Twitter Handle : @tahririndia
Mobile : 9369613513
तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और
मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता
संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के
हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l
To,
1- The Governor of Uttar Pradesh,Uttar Pradesh Government ,
Lucknow, Uttar Pradesh,India,Pin Code-226001
"hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- Chief Minister of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government, Lucknow.
"cmup" <cmup@nic.in>,"cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- Chief Secretary of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government,Lucknow.
"csup" <csup@up.nic.in>,
4- Director General of Uttar Pradesh Police uppcc-up
<uppcc-up@nic.in>, uppcc <uppcc@up.nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>,
Letter No. : TAHRIR/05/2014-15/150208 Date : 08-02-2015
Sub.: Demand to compel defaulter IPS officers of UP cadre (37% for 2012, 30% for 2013 & 85% for 2014 ) to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.
Dear Sir/Madam,
TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution ) is a Bareilly/Lucknow based Social Organization, working at grass-root level by taking up & solving issues related to
strengthening transparency & accountability in public life and protection of Human Rights in India. While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that below-mentioned 138 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (37%) are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2012.
586
19851070
Shri Harish Chander Kashyap
24/05/1955
1985
UP
587
19901018
Shri Bijaya Kumar Maurya
10/07/1965
1990
UP
588
19911062
Dr Kiran D Jadhav
10/10/1963
1991
UP
589
19921024
Shri Amitabh Thakur
16/06/1968
1992
UP
590
19921027
Smt Neera Rawat Kumari
26/04/1966
1992
UP
591
19921052
Shri Jasvir Singh
15/01/1968
1992
UP
592
19952162
Shri Sugriv Giri
01/01/1955
1995
UP
593
19961066
Shri Vijay Singh Meena
15/01/1972
1996
UP
594
19981042
Smt Padmaja Chauhan
16/07/1973
1998
UP
595
19982205
Shri Om Prakash Sagar
16/07/1955
1998
UP
596
19982224
Shri Rajendra Prasad Chaturvedi
01/01/1955
1998
UP
597
19992131
Shri Arun Kumar Gupta
02/02/1957
1999
UP
598
19992132
Shri Navneet Kumar Rana
23/04/1956
1999
UP
599
19992133
Shri Anil Kumar Dass
05/01/1955
1999
UP
600
20002144
Shri Devi Prasad Srivastava
30/03/1958
2000
UP
601
20002145
Shri Vijay Yadav
01/05/1957
2000
UP
602
20012077
Shri S C Bajpai
15/04/1955
2001
UP
603
20012078
Shri Yogeshwar Singh
01/07/1957
2001
UP
604
20012115
Shri Anil Kumar Jain
10/07/1955
2001
UP
605
20012116
Shri Shiv Sagar Singh
01/07/1957
2001
UP
606
20012117
Shri Arun Kumar Singh
05/09/1956
2001
UP
607
20012118
Shri V K Shekhar
27/04/1957
2001
UP
608
20022268
Shri Wajeeh Ahmad
13/02/1957
2002
UP
609
20022269
Shri Ram Bahadur
11/02/1955
2002
UP
610
20022270
Shri Udai Shanker Jaiswal
24/08/1957
2002
UP
611
20022271
Shri Sharad Sachan
27/09/1959
2002
UP
612
20022272
Shri Rakesh Chandra Sahu
03/04/1958
2002
UP
613
20022273
Shri Jitendra Kumar Shahi
15/05/1957
2002
UP
614
20022274
Shri Jawahar
11/06/1958
2002
UP
615
20022275
Dr S N Bharadwaj
01/11/1955
2002
UP
616
20022276
Dr U C Srivastava
01/07/1957
2002
UP
617
20022277
Shri Dinesh Chandra
30/10/1956
2002
UP
618
20032131
Shri Anil Kumar Rai
14/11/1961
2003
UP
619
20032132
Shri Surendra Kumar Verma
18/01/1962
2003
UP
620
20032133
Shri R P S Yadav
10/07/1957
2003
UP
621
20032134
Shri Vijay Bhushan
15/04/1961
2003
UP
622
20041087
Dr K Ejilearassane
25/07/1973
2004
UP
623
20051009
Shri Ram Krishna Bhardwaj
25/09/1978
2005
UP
624
20052168
Shri Ram Bodh
13/03/1958
2005
UP
625
20052169
Shri Kavindra Pratap Singh
24/08/1962
2005
UP
626
20052170
Shri Sunil Kumar Saxena
15/12/1958
2005
UP
627
20052171
Shri Subhash Singh Baghel
15/05/1961
2005
UP
628
20052172
Shri Rakesh Shankar
08/06/1963
2005
UP
629
20052173
Shri U K Srivastava
05/07/1959
2005
UP
630
20052174
Shri S K Singh
01/01/1964
2005
UP
631
20052175
Shri Ratan Kant Pandey
10/03/1961
2005
UP
632
20052176
Shri Vikramaditya Sachan
08/08/1958
2005
UP
633
20052177
Shri Mrigendra Singh
21/05/1959
2005
UP
634
20052178
Shri Jitendra Kumar Shukla
30/06/1961
2005
UP
635
20052179
Shri Piyush Srivastava
22/04/1961
2005
UP
636
20052180
Shri Satya Bhushan Pathak
27/01/1956
2005
UP
637
20052181
Shri Dinesh Chandra Dubey
01/07/1961
2005
UP
638
20061273
Shri Akash Kulhary
14/01/1980
2006
UP
639
20062522
Shri Vinay Kumar Yadav
30/06/1962
2006
UP
640
20062523
Shri Hira Lal
04/08/1962
2006
UP
641
20062524
Shri Ram Kishore
20/10/1957
2006
UP
642
20062525
Shri Sri Kant Singh
15/01/1956
2006
UP
643
20062526
Shri Ashok Kumar-ii
30/06/1958
2006
UP
644
20062527
Shri Sanjay Kumar-i
30/11/1962
2006
UP
645
20062528
Shri Arvind Sen
13/01/1961
2006
UP
646
20062529
Shri Kailash Nath Mishra
14/08/1957
2006
UP
647
20062530
Shri Shiv Shankar Singh
11/01/1963
2006
UP
648
20062531
Shri Dinesh Pal Singh
31/01/1963
2006
UP
649
20062532
Shri O P Srivastava
01/01/1959
2006
UP
650
20062533
Shri Kripa Shankar Singh
01/11/1956
2006
UP
651
20062534
Shri Rakesh Singh
07/04/1965
2006
UP
652
20062535
Shri V P Srivastava
06/04/1960
2006
UP
653
20062536
Shri Umesh Kumar Singh
27/04/1959
2006
UP
654
20062537
Shri R P Pandey
15/08/1960
2006
UP
655
20062538
Shri Rajesh Kumar Pandey
15/06/1961
2006
UP
656
20062539
Shri Raju Babu Singh
02/04/1957
2006
UP
657
20062540
Shri Vishambhar Dayal Shukla
30/05/1959
2006
UP
658
20062541
Smt Shriparna Ganguly
29/04/1961
2006
UP
659
20062542
Shri Bali Karan Singh Yadav
07/08/1959
2006
UP
660
20062543
Smt Poonam Srivastava
28/12/1963
2006
UP
661
20062544
Shri Salik Ram
31/01/1958
2006
UP
662
20062545
Shri Ram Lal Verma
11/05/1963
2006
UP
663
20062546
Shri Anil Kumar
10/08/1963
2006
UP
664
20062547
Shri Harish Kumar
10/11/1959
2006
UP
665
20062548
Shri Hari Naryan Singh
17/02/1959
2006
UP
666
20062549
Shri Deepak Kumar Bhatt
17/09/1957
2006
UP
667
20062550
Shri Dilip Kumar
28/06/1961
2006
UP
668
20062551
Shri Lalit Kumar Singh
19/01/1959
2006
UP
669
20062552
Shri Rajesh Krishna
30/05/1964
2006
UP
670
20062553
Shri Krishna Bahadur Singh
01/02/1961
2006
UP
671
20071086
Shri Nitin Tiwari
19/03/1982
2007
UP
672
20091137
Shri Keshav Kumar Choudhary
09/01/1981
2009
UP
673
20091271
Shri Pawan Kumar
31/12/1982
2009
UP
674
20091304
Shri Anees Ahmad Ansari
19/01/1979
2009
UP
675
20101086
Shri Vaibhav Krishna
12/12/1983
2010
UP
676
20101149
Shri Kuntal Kishore
05/02/1986
2010
UP
677
20101206
Shri S A Pankaj
28/02/1980
2010
UP
678
20101267
Shri Gaurav Singh
28/09/1984
2010
UP
679
20101540
Shri K H Rathod
19/05/1979
2010
UP
680
20101552
Shri Shogun Gautam
21/08/1983
2010
UP
681
20101645
Shri Satendra Kumar
28/03/1983
2010
UP
682
20101672
Shri Shivhari Meena
21/06/1977
2010
UP
683
20111106
Shri Rahul Pandey
08/06/1986
2011
UP
684
20111108
Shri Ajay Kumar
12/03/1981
2011
UP
685
20111160
Dr Ajay Pal
26/10/1985
2011
UP
686
20111169
Shri Mohammad Imran
03/07/1982
2011
UP
687
20111172
Shri Shailesh Kumar Pandey
03/12/1980
2011
UP
688
20111201
Shri Swapnil Mamgain
04/10/1980
2011
UP
689
20111217
Smt Preeth Ganapathy
19/03/1987
2011
UP
690
20111317
Shri Dev Ranjan Verma
09/11/1979
2011
UP
691
20111472
Shri Abhishek Singh
19/10/1986
2011
UP
692
20111600
Smt Shalini
30/11/1984
2011
UP
693
20111678
Shri Hemant Kutiyal
29/12/1985
2011
UP
694
20111679
Shri D P Kumar
02/07/1982
2011
UP
695
20111698
Shri Manoj C
21/07/1986
2011
UP
696
20121109
Smt Garima Singh
14/02/1987
2012
UP
697
20121144
Shri Santosh Kumar Mishra
18/09/1981
2012
UP
698
20121180
Shri Sumer Pratap Singh
08/09/1982
2012
UP
699
20121211
Shri Sankalp Sharma
11/07/1986
2012
UP
700
20121219
Shri Ashish Tiwari
26/08/1983
2012
UP
701
20121221
Shri Vijay Dhull
20/10/1981
2012
UP
702
20121234
Shri Anshul Gupta
21/11/1983
2012
UP
703
20121292
Shri Pratap Gopendra Yadav
12/05/1982
2012
UP
704
20121329
Ms Preeti Priyadarshini
21/06/1987
2012
UP
705
20121362
Shri Sachindra Patel
18/12/1982
2012
UP
706
20121428
Shri Abhishek Yadav
05/09/1987
2012
UP
707
20121455
Ms Sujata Singh
15/03/1985
2012
UP
708
20121466
Shri Patil Salmantaj Jafertaj
19/11/1984
2012
UP
709
20121467
Shri Ghule Sushil Chandrabhan
02/05/1990
2012
UP
710
20121486
Dr Vipin Tada
22/01/1984
2012
UP
711
20121549
Shri Somen Barma
01/11/1979
2012
UP
712
20121598
Shri Hemraj Meena
09/08/1981
2012
UP
713
20121599
Shri Yamuna Prasad
12/07/1977
2012
UP
714
99992153
Shri Rishi Narayan Sharma
15/07/1958
9999
UP
715
99992154
Shri Pratip Kumar Mishra
01/01/1959
9999
UP
716
99992155
Shri Bharat Singh
05/01/1958
9999
UP
717
99992156
Shri Ram Pratap Singh-i
10/01/1959
9999
UP
718
99992157
Shri Ganga Nath Tripathi
31/12/1961
9999
UP
719
99992158
Smt Sadhna Goswami
30/06/1961
9999
UP
720
99992159
Shri Anant Deo
30/12/1963
9999
UP
721
99992809
Shri Ashok Kumar Pandey
21/04/1961
9999
UP
722
99992810
Shri Atul Saxena
30/01/1959
9999
UP
723
99992813
Shri Shiv Prasad Upadhyay
01/12/1960
9999
UP
Similarly as per website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , below-mentioned 116 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre ( 30% )are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2013.
513
19781024
Shri Rizwan Ahmad
02/02/1954
1978
UP
514
19791001
Shri Ranjan Dwivedi
26/04/1956
1979
UP
515
19861072
Shri Sujanvir Singh
01/09/1961
1986
UP
516
19911062
Dr Kiran D Jadhav
10/10/1963
1991
UP
517
19921024
Shri Amitabh Thakur
16/06/1968
1992
UP
518
19921052
Shri Jasvir Singh
15/01/1968
1992
UP
519
19952162
Shri Sugriv Giri
01/01/1955
1995
UP
520
19961066
Shri Vijay Singh Meena
15/01/1972
1996
UP
521
19961076
Shri Ram Krishna Swarnakar
05/07/1973
1996
UP
522
19962139
Shri Pramod Kumar Misra
18/05/1958
1996
UP
523
19982204
Smt Beena Bhukesh
02/01/1954
1998
UP
524
19982224
Shri Rajendra Prasad Chaturvedi
01/01/1955
1998
UP
525
19992131
Shri Arun Kumar Gupta
02/02/1957
1999
UP
526
19992132
Shri Navneet Kumar Rana
23/04/1956
1999
UP
527
19992133
Shri Anil Kumar Dass
05/01/1955
1999
UP
528
20002120
Shri Suresh Chandra Pandey
29/01/1954
2000
UP
529
20002126
Shri Rajendra Singh
05/01/1954
2000
UP
530
20002144
Shri Devi Prasad Srivastava
30/03/1958
2000
UP
531
20002145
Shri Vijay Yadav
01/05/1957
2000
UP
532
20012075
Shri R K Srivastava
05/08/1957
2001
UP
533
20012078
Shri Yogeshwar Singh
01/07/1957
2001
UP
534
20012115
Shri Anil Kumar Jain
10/07/1955
2001
UP
535
20012116
Shri Shiv Sagar Singh
01/07/1957
2001
UP
536
20012117
Shri Arun Kumar Singh
05/09/1956
2001
UP
537
20012118
Shri V K Shekhar
27/04/1957
2001
UP
538
20022268
Shri Wajeeh Ahmad
13/02/1957
2002
UP
539
20022269
Shri Ram Bahadur
11/02/1955
2002
UP
540
20022270
Shri Udai Shanker Jaiswal
24/08/1957
2002
UP
541
20022271
Shri Sharad Sachan
27/09/1959
2002
UP
542
20022272
Shri Rakesh Chandra Sahu
03/04/1958
2002
UP
543
20022273
Shri Jitendra Kumar Shahi
15/05/1957
2002
UP
544
20022276
Dr U C Srivastava
01/07/1957
2002
UP
545
20022277
Shri Dinesh Chandra
30/10/1956
2002
UP
546
20032131
Shri Anil Kumar Rai
14/11/1961
2003
UP
547
20032132
Shri Surendra Kumar Verma
18/01/1962
2003
UP
548
20032133
Shri R P S Yadav
10/07/1957
2003
UP
549
20052168
Shri Ram Bodh
13/03/1958
2005
UP
550
20052169
Shri Kavindra Pratap Singh
24/08/1962
2005
UP
551
20052170
Shri Sunil Kumar Saxena
15/12/1958
2005
UP
552
20052171
Shri Subhash Singh Baghel
15/05/1961
2005
UP
553
20052172
Shri Rakesh Shankar
08/06/1963
2005
UP
554
20052173
Shri U K Srivastava
05/07/1959
2005
UP
555
20052174
Shri S K Singh
01/01/1964
2005
UP
556
20052175
Shri Ratan Kant Pandey
10/03/1961
2005
UP
557
20052176
Shri Vikramaditya Sachan
08/08/1958
2005
UP
558
20052177
Shri Mrigendra Singh
21/05/1959
2005
UP
559
20052179
Shri Piyush Srivastava
22/04/1961
2005
UP
560
20052180
Shri Satya Bhushan Pathak
27/01/1956
2005
UP
561
20052181
Shri Dinesh Chandra Dubey
01/07/1961
2005
UP
562
20061273
Shri Akash Kulhary
14/01/1980
2006
UP
563
20061377
Dr Manoj Kumar
22/09/1976
2006
UP
564
20062522
Shri Vinay Kumar Yadav
30/06/1962
2006
UP
565
20062523
Shri Hira Lal
04/08/1962
2006
UP
566
20062524
Shri Ram Kishore
20/10/1957
2006
UP
567
20062525
Shri Sri Kant Singh
15/01/1956
2006
UP
568
20062526
Shri Ashok Kumar-ii
30/06/1958
2006
UP
569
20062527
Shri Sanjay Kumar-i
30/11/1962
2006
UP
570
20062528
Shri Arvind Sen
13/01/1961
2006
UP
571
20062529
Shri Kailash Nath Mishra
14/08/1957
2006
UP
572
20062530
Shri Shiv Shankar Singh
11/01/1963
2006
UP
573
20062531
Shri Dinesh Pal Singh
31/01/1963
2006
UP
574
20062533
Shri Kripa Shankar Singh
01/11/1956
2006
UP
575
20062535
Shri V P Srivastava
06/04/1960
2006
UP
576
20062536
Shri Umesh Kumar Singh
27/04/1959
2006
UP
577
20062537
Shri R P Pandey
15/08/1960
2006
UP
578
20062538
Shri Rajesh Kumar Pandey
15/06/1961
2006
UP
579
20062539
Shri Raju Babu Singh
02/04/1957
2006
UP
580
20062540
Shri Vishambhar Dayal Shukla
30/05/1959
2006
UP
581
20062541
Smt Shriparna Ganguly
29/04/1961
2006
UP
582
20062542
Shri Bali Karan Singh Yadav
07/08/1959
2006
UP
583
20062543
Smt Poonam Srivastava
28/12/1963
2006
UP
584
20062544
Shri Salik Ram
31/01/1958
2006
UP
585
20062545
Shri Ram Lal Verma
11/05/1963
2006
UP
586
20062546
Shri Anil Kumar
10/08/1963
2006
UP
587
20062547
Shri Harish Kumar
10/11/1959
2006
UP
588
20062548
Shri Hari Naryan Singh
17/02/1959
2006
UP
589
20062551
Shri Lalit Kumar Singh
19/01/1959
2006
UP
590
20062552
Shri Rajesh Krishna
30/05/1964
2006
UP
591
20062553
Shri Krishna Bahadur Singh
01/02/1961
2006
UP
592
20081158
Dr N Kolanchi
27/07/1977
2008
UP
593
20091137
Shri Keshav Kumar Choudhary
09/01/1981
2009
UP
594
20101086
Shri Vaibhav Krishna
12/12/1983
2010
UP
595
20101206
Shri S A Pankaj
28/02/1980
2010
UP
596
20111106
Shri Rahul Pandey
08/06/1986
2011
UP
597
20111172
Shri Shailesh Kumar Pandey
03/12/1980
2011
UP
598
20111201
Shri Swapnil Mamgain
04/10/1980
2011
UP
599
20111217
Smt Preeth Ganapathy
19/03/1987
2011
UP
600
20111317
Shri Dev Ranjan Verma
09/11/1979
2011
UP
601
20111472
Shri Abhishek Singh
19/10/1986
2011
UP
602
20111670
Shri Rajesh S
17/05/1984
2011
UP
603
20111679
Shri D P Kumar
02/07/1982
2011
UP
604
20111698
Shri Manoj C
21/07/1986
2011
UP
605
20121109
Smt Garima Singh
14/02/1987
2012
UP
606
20121144
Shri Santosh Kumar Mishra
18/09/1981
2012
UP
607
20121180
Shri Sumer Pratap Singh
08/09/1982
2012
UP
608
20121211
Shri Sankalp Sharma
11/07/1986
2012
UP
609
20121219
Shri Ashish Tiwari
26/08/1983
2012
UP
610
20121221
Shri Vijay Dhull
20/10/1981
2012
UP
611
20121292
Shri Pratap Gopendra Yadav
12/05/1982
2012
UP
612
20121329
Ms Preeti Priyadarshini
21/06/1987
2012
UP
613
20121362
Shri Sachindra Patel
18/12/1982
2012
UP
614
20121428
Shri Abhishek Yadav
05/09/1987
2012
UP
615
20121455
Ms Sujata Singh
15/03/1985
2012
UP
616
20121466
Shri Patil Salmantaj Jafertaj
19/11/1984
2012
UP
617
20121467
Shri Ghule Sushil Chandrabhan
02/05/1990
2012
UP
618
20121486
Dr Vipin Tada
22/01/1984
2012
UP
619
20121549
Shri Somen Barma
01/11/1979
2012
UP
620
20121598
Shri Hemraj Meena
09/08/1981
2012
UP
621
20121599
Shri Yamuna Prasad
12/07/1977
2012
UP
622
99992154
Shri Pratip Kumar Mishra
01/01/1959
9999
UP
623
99992155
Shri Bharat Singh
05/01/1958
9999
UP
624
99992156
Shri Ram Pratap Singh-i
10/01/1959
9999
UP
625
99992159
Shri Anant Deo
30/12/1963
9999
UP
626
99992809
Shri Ashok Kumar Pandey
21/04/1961
9999
UP
627
99992810
Shri Atul Saxena
30/01/1959
9999
UP
628
99992813
Shri Shiv Prasad Upadhyay
01/12/1960
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UP
While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that a whopping 320 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (85%) have not yet submitted their Immovable Property Returns for Year 2014. We feel that this is something which is very serious.
Keeping in view the recent revelations of corruption in Uttar Pradesh Police department and the fact that most of the black money earned by these officials is kept in the form of immovable properties, there is dire need to compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in acting as per set rules and submit details of their property in time.
While condemning this shameful act of these public servants, TAHRIR is demanding you to personally look into this matter of utmost importance concerning life of each n every individual residing in Uttar Pradesh and compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.
Copy being sent for necessary action to RAJNATH SINGH, Hon'ble HOME MINISTER, Ministry of Home Affairs, North Block,Central Secretariat,New Delhi – 110001 through HOME SECRETARY hshso@nic.in
Hope an early action in this matter of wider public interest.
Sincerely yours,
Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा
( Founder & Chairman)
Transparency, Accountability & Human Rights Initiative for Revolution
( TAHRIR )
101,Narain Tower,F Block, Rajajipuram
Lucknow,Uttar Pradesh-226017
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तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और
मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता
संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के
हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l
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