Sunday, August 30, 2015

Media Release- समाजसेवियों ने बुलंद की प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार और उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को निलंबित कर भ्रष्टाचार के मामले की सीबी-सीआईडी जांच की मांग l


 
लखनऊ l दिनांक 30 अगस्त 2015....उत्तर प्रदेश के समाजसेवियों ने जालसाजी और धोखाधड़ी द्वारा शासनादेशों और उच्चतम न्यायालय के आदेशों को  ताक पर रखकर राजपत्रित पद पर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग करते हुए आज लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर हुंकार भरी l
 
धरने का आयोजन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने किया था l धरने में तनवीर अहमद सिद्दीकी, ज्ञानेश पाण्डेय,हरपाल सिंह,राम स्वरुप यादव,होमेंद्र पाण्डेय समेत अनेकों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया l
 
येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०) और  उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों के साथ दुरभि संधि स्थापित कर सरकार से ही छल कर डाला और  तथ्यों को छुपाकर कूटरचना करके  मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी किये और सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का  अपराध किया l बकौल उर्वशी इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अनेकों प्रकार के व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02  लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 जारी किया गया lउर्वशी ने आरोप लगाया कि इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008  , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है l
 
उर्वशी का कहना है कि केवल इतना ही नहीं, इन लोगों ने  इस जघन्य अपराध को कारित करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l
 
उर्वशी ने बताया कि आज के धरने के बाद उपस्थित समाजसेवी मुख्यमंत्री आवास जाकर उनको अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौपेंगे और अगर सरकार ने प्रमुख सचिव और उप सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा भष्टाचार के लिए जालसाजी करने के इस मामले में त्वरित कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित नहीं किया तो वे शीघ्र ही इस मामले को लोकायुक्त के समक्ष पेश करेंगीं l

 

जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

Ref. No: 20150830/Demonstration/Memo/YSS/2015-16                         Date :30th August 2015

 

सेवा में,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश राज्य
उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ - उत्तर प्रदेश
                                                                                                                                                                                                           
विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l
 
महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके  सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का  अपराध कारित किया गया है l
इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02  लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l
 
इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008  , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है l
 
यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l
 
आप से अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके  सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस संज्ञेय अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की जांच सीबी-सीआईडी से कराकर सभी दोषियों को दण्डित कराने की नियमपूर्ण कार्यवाही तत्काल कराने का कष्ट करें l
 
 
आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :
 
1-      उर्वशी शर्मा,सचिव-येश्वर्याज सेवा संस्थान,लखनऊ
2-      राम स्वरुप यादव – एस आर पी डी एम 3 एस लखनऊ
3-      ज्ञानेश पाण्डेय – तहरीर
4-      तनवीर अहमद सिद्दीकी – पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
5-      हरपाल सिंह – सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन
6-       
 
 
 
 
 
 

जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

Ref. No: 20150830/Demonstration/Memo/YSS/2015-16
Date :30th August 2015

सेवा में,
श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश राज्य
उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ - उत्तर प्रदेश

विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज
कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर
दोषियों को दण्डित कराने की मांग विषयक l

महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का अपराध कारित किया गया है l
इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l

आप से अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील
कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण
सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को तत्काल निलंबित कर प्रकरण
की जांच सीबी-सीआईडी से कराकर सभी दोषियों को दण्डित कराने की नियमपूर्ण
कार्यवाही तत्काल कराने का कष्ट करें l


आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :

1- उर्वशी शर्मा,सचिव-येश्वर्याज सेवा संस्थान,लखनऊ
2- राम स्वरुप यादव – एस आर पी डी एम 3 एस लखनऊ
3- ज्ञानेश पाण्डेय – तहरीर
4- तनवीर अहमद सिद्दीकी – पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
5- हरपाल सिंह – सूचना का अधिकार कार्यकर्ता वेलफेयर एसोसिएशन
6-








--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

-Media Release- समाजसेवियों ने बुलंद की प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार और उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी को निलंबित कर भ्रष्टाचार के मामले की सीबी-सीआईडी जांच की मांग l

-Media Release-

समाजसेवियों ने बुलंद की प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार और उप सचिव
राज कुमार त्रिवेदी को निलंबित कर भ्रष्टाचार के मामले की सीबी-सीआईडी
जांच की मांग l

लखनऊ l दिनांक 30 अगस्त 2015....उत्तर प्रदेश के समाजसेवियों ने जालसाजी
और धोखाधड़ी द्वारा शासनादेशों और उच्चतम न्यायालय के आदेशों को ताक पर
रखकर राजपत्रित पद पर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश
के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार तथा उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी
को तत्काल निलंबित कर प्रकरण की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को
दण्डित कराने की मांग करते हुए आज लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर हुंकार भरी l

धरने का आयोजन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने किया था l धरने में तनवीर अहमद
सिद्दीकी, ज्ञानेश पाण्डेय,हरपाल सिंह,राम स्वरुप यादव,होमेंद्र पाण्डेय
समेत अनेकों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया l

येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण
विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए० एस०) और उप सचिव राज कुमार
त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य कार्मिकों के साथ दुरभि संधि
स्थापित कर सरकार से ही छल कर डाला और तथ्यों को छुपाकर कूटरचना करके
मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी किये और सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने का
अपराध किया l बकौल उर्वशी इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अनेकों
प्रकार के व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का
दुरुपयोग करते हुए माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत
अनेकों कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा एक मिथ्या
दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप संख्या
3783/26-1-2014-119(70)/02 लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 जारी किया गया
lउर्वशी ने आरोप लगाया कि इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की
संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक
पवन कुमार मिश्रा को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक 24-02-06, सर्वोच्च न्यायालय की याचिका
संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के आदेश दिनांक 01-02-2008 , उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 1735/एसबी/2010 के आदेश दिनांक
24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों
के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके
विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह
अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश
के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार
मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर
जारी करने के इस अपराध को कारित करने में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया
गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा
नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3 वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है
और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ
नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली 1979 एवं संशोधित नियमावली 2001 के
नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार
मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार
विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने प्रशासनिक आदेश से पलटने का
अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का
मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित करता है जो 3 वर्ष से कम है
l

उर्वशी का कहना है कि केवल इतना ही नहीं, इन लोगों ने इस जघन्य अपराध को
कारित करने में उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
400/एसबी/2013 के आदेश दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज
कल्याण अनुभाग-1 द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या
1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी
छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव
संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण
पर विचार किया जाना संभव नहीं था और पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध
में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया था l

उर्वशी ने बताया कि आज के धरने के बाद उपस्थित समाजसेवी मुख्यमंत्री आवास
जाकर उनको अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौपेंगे और अगर सरकार ने
प्रमुख सचिव और उप सचिव स्तर के अधिकारियों द्वारा भष्टाचार के लिए
जालसाजी करने के इस मामले में त्वरित कार्यवाही कर दोषियों को दण्डित
नहीं किया तो वे शीघ्र ही इस मामले को लोकायुक्त के समक्ष पेश करेंगीं l



--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
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Saturday, August 29, 2015

धरना लखनऊ

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-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
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Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
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Demonstration Lucknow

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Urvashi Sharma
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Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
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Dharna Lucknow

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Friday, August 28, 2015

Demonstration against corrupt IAS Sunil Kumar in Lucknow UP

Demonstration against corrupt IAS Sunil Kumar in Lucknow UP

UPPCC
<uppcc-up@nic.in>
Fri, Aug 28, 2015 at 5:38 PM
To: "Law and Order UP, ADG" <adglo@up.nic.in>
Cc: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
Sir
The complaint email is forwarded
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SP/AD
UP Police Computer Center
IV floor Jawahar Bhawan Lucknow.


---------- Forwarded message ----------
From: urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com>
To: hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup <hgovup@gov.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, csup <csup@up.nic.in>, csup <csup@nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>, uppcc <uppcc@up.nic.in>, uppcc-up <uppcc-up@nic.in>, "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, dmluc <dmluc@nic.in>, ssplkw-up@nic.in
Cc: 
Date: Fri, 28 Aug 2015 14:40:26 +0530
Subject: 
जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l
सेवा में,
1-     
महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup"
<
hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2-     
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,
3-     
मुख्य सचिव-उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "csup" <csup@up.nic.in>, "csup" <csup@nic.in>,
4-
पुलिस महानिदेशक - उत्तर प्रदेश "dgp" <dgp@up.nic.in>,  "uppcc"
<
uppcc@up.nic.in>, "uppcc-up" <uppcc-up@nic.in>,
5-   
जिलाधिकारी - जनपद लखनऊ
     
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ई. मेल "dmluc@up.nic.in" <dmluc@up.nic.in>, "dmluc" <dmluc@nic.in>,
6-
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  - जनपद लखनऊ
 
उत्तर प्रदेश, भारत,पिन कोड -226001
ssplkw-up@nic.in

विषय : जालसाजी और धोखाधड़ी कर फर्जी विनियमितीकरण करने के मामले में
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के निलंबन और मामले
की सीबी-सीआईडी जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराने की मांग के लिए एक
दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना
स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार ) को पूर्वाह्न 11 बजे से l

महोदय,
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार (आई० ए०
एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश सचिवालय के अन्य
कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के प्रयोजन से
तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करके  सरकार
को आर्थिक क्षति कारित करने का  अपराध कारित किया गया है l

इन सभी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के
लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यूपी सरकार के साथ छल किया
है और माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय के आदेशों समेत अनेकों
कानूनी व प्रशासनिक तथ्यों को छुपाकर कूटरचना द्वारा मिथ्या दस्तावेज
बनाकर जारी करने का अपराध करके सरकार को आर्थिक क्षति कारित की है l यह
कूटरचित दस्तावेज उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1 का कार्यालय ज्ञाप
संख्या 3783/26-1-2014-119(70)/02  लखनऊ दिनांक 04 दिसम्बर 2014 है l

इस कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से विभाग की संस्था राजकीय गोविन्द बल्लभ
पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ के कार्मिक पवन कुमार मिश्रा को उच्च
न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 110/एसबी/2004 के आदेश दिनांक
24-02-06,
सर्वोच्च न्यायालय की याचिका संख्या SLP(C ) No. 7096/2008 के
आदेश दिनांक 01-02-2008  , उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या
1735/
एसबी/2010 के आदेश दिनांक 24-11-10,विभाग की सेवा नियमावली और
विनियमितीकरण नियमावली के उपबन्धों के प्रतिकूल जाकर द्वितीय श्रेणी के
राजपत्रित पद पर विनियमितीकरण करके विपक्षीगणों द्वारा राज्य सरकार को
आर्थिक क्षति कारित की गयी है l यह अपराध न्यायालयों के उपरोक्त तीनों
आदेशों द्वारा दिए गए इस कानूनी आदेश के बाद किया गया है कि तदर्थ रूप से
नियुक्त न होने के कारण पवन कुमार मिश्रा का विनियमितीकरण किया ही नहीं
जा सकता है l मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी करने के इस अपराध को कारित करने
में इस प्रशासनिक तथ्य को भी छुपाया गया है कि पवन कुमार मिश्रा कर्मशाला
अधीक्षक पद के लिए विभाग की सेवा नियमावली में विहित आवश्यक अर्हता 3
वर्ष का अनुभव धारित ही नहीं करता है और उ० प्र० ( लोक सेवा आयोग के
क्षेत्रान्तर्गत पदों पर ) तदर्थ नियुक्तियों का विनियमितीकरण नियमावली
1979
एवं संशोधित नियमावली 2001 के नियम 4(1)(दो) के अनुसार 3 वर्ष का
अनुभव धारित न करने के कारण पवन कुमार मिश्रा को इस पद पर विनियमित किया
ही नहीं जा सकता है l इस प्रकार विपक्षीगणों ने न्यायालय के आदेश को अपने
प्रशासनिक आदेश से पलटने का अपराध भी कारित किया है l पवन कुमार मिश्रा
लखनऊ की अवध इंडस्ट्रीज का मात्र 2 वर्ष 7 माह 22 दिन का अनुभव ही धारित
करता है जो 3 वर्ष से कम है l

यही नहीं विपक्षीगण उपरोक्त द्वारा इस जघन्य अपराध को कारित करने में
उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ की याचिका संख्या 400/एसबी/2013 के आदेश
दिनांक 02-04-13 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश समाज कल्याण अनुभाग-1
द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 1280/26-1-2013-119(72)/2006 लखनऊ
दिनांक 02 जुलाई 2013 के तथ्यों को भी छुपाया गया हैl इस आदेश द्वारा
समाज कल्याण के तत्कालीन प्रमुख सचिव संजीव दुबे ने आदेश जारी कर कहा था
कि पवन कुमार मिश्रा के विनियमितीकरण पर विचार किया जाना संभव नहीं था और
पवन द्वारा विनियमितीकरण के सम्बन्ध में दिया गया प्रत्यावेदन निरस्त कर
दिया था l

आपको सूचित करना है कि उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव
सुनील कुमार (आई० ए० एस०), उप सचिव राज कुमार त्रिवेदी एवं उत्तर प्रदेश
सचिवालय के अन्य कार्मिकों द्वारा पद का दुरुपयोग कर सरकार से छल करने के
प्रयोजन से तथ्यों को छुपाकर और कूटरचना कर मिथ्या दस्तावेज बनाकर जारी
करके  सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के जालसाजी और धोखाधड़ी के इस
संज्ञेय अपराध के मामले में सुनील कुमार के निलंबन और मामले की
सीबी-सीआईडी जांच की मांग के लिए एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन राजधानी लखनऊ
के लक्ष्मण मेला मैदान स्थित धरना स्थल पर दिनांक 30 अगस्त 2015 ( रविवार
)
को पूर्वाह्न 11 बजे से येश्वर्याज सेवा संस्थान के बैनर तले आयोजित
किया जा रहा है l आप से अनुरोध है कि हमारे धरने को अपना समर्थन प्रदान
कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रहे हमारे अभियान को सफल बनाने में हमारे
सहभागी बनें l

आपके समर्थन और सहयोग की अपेक्षा में :

भवदीया


(
उर्वशी शर्मा )
सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान
102,
नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com