विशेष समाचार का सार
©yaishwaryaj: आबादी के हिसाब से
देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश बाकई अजब-गजब है. यहाँ ऐसे भी भ्रष्ट आई.ए.एस.
अधिकारी हैं जो सार्वजनिक मंचों पर महिला हितों के पुरोधा होने का दम भरते हैं पर
जब बात अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने की आती है तो निचली अदालत द्वारा तय किये
गए 12000/- जैसी मामूली रकम के गुजारे भत्ते को भी कम कराने के लिए न केवल हाई
कोर्ट जाते हैं अपितु हाई कोर्ट के जज को मैनेज करके साल 2013 में गुजारा भत्ता कम
कराकर 8000/- पर नियत भी करा लेते हैं. और तो और अब इस आई.ए.एस. अधिकारी का नाम
सूबे के नए मुख्य सचिव की रेस में भी बताया जा रहा है.
Thursday, June 30, 2016
यूपी : पत्नी का गुजारा भत्ता कम कराने हाई कोर्ट गया आई.ए.एस. भी मुख्य सचिव की रेस में.
IAS अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर मोदी से ‘मुलायम’ अखिलेश : RTI खुलासा.
विशेष समाचार का सार ©yaishwaryaj: भ्रष्ट आई.ए.एस. अधिकारियों के लिए यूपी एक अच्छी पनाहगाह
हो सकती है क्योंकि जब लखनऊ के मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने नियुक्ति विभाग में एक आरटीआई दायर कर यूपी में
तैनात आई.ए.एस. अधिकारियों के भ्रष्टाचार से सम्बंधित जानकारी लेनी चाही है तो
सूबे की समाजवादी पार्टी की सरकार ने संजय को कोई भी सूचना नहीं दी है और इसमें बेहद
चौंकाने वाली बात यह है कि यूपी की अखिलेश सरकार ने इस मानवाधिकार कार्यकर्ता को इन
अधिकारियों के भ्रष्टाचार से सम्बंधित वे सूचनाएं देने से भी इनकार कर दिया है
जिन्हें केंद्र की मोदी सरकार ने सी.वी.सी. की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया हुआ है.
Friday, June 24, 2016
OMG! मुस्लिम आरक्षण पर UP की अखिलेश सरकार ने नहीं लिखा केंद्र की मोदी सरकार को कोई ख़त !
समाचार सार News©TAHRIRnews: मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव और
उनकी समाजवादी पार्टी शायद महज लम्बी-चौड़ी डींगें हांककर मुस्लिमों को गुमराह करने
तक ही सीमित है क्योंकि लखनऊ की समाजसेविका और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव
उर्वशी शर्मा द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी पर यूपी के कार्मिक विभाग के राज्य लोक सूचना अधिकारी जे. पी. श्रीवास्तव के जबाब से यह
चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर UP की अखिलेश सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार को कोई भी ख़त नहीं लिखा है.
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Sunday, June 5, 2016
No info on Panama leaks under RTI : PMO
Summary of News : Disclosure of PANAMA Leaks info shall impede the process of
investigation or apprehension or prosecution of offenders, asserts PMO on a RTI
poser by Lucknow based Human Rights Activist Sanjay Sharma.
To read full story,
please click the link http://upcpri.blogspot.in/2016/06/no-info-on-panama-leaksunder-rti-pmo.html
Lucknow/05 June 2016/
Urvashi Sharma News©yaishwaryaj
PMO won’t disclose any
info related to the much talked about Panama leaks as the investigation is
going on in the matter. This has been disclosed in a reply by Subrata Hazra,
Under Secretary and Central Public Information Officer of PMO on a Right to
Information ( RTI ) poser by Lucknow based Human Rights Activist & Engineer
Sanjay Sharma.
Citing clause 8(1)(h)
of RTI act, Hazra has denied the impart of Information on entire RTI request of
Sanjay. Clause 8(1)(h) of RTI act 2005 says
“Notwithstanding
anything contained in this Act, there shall be no obligation to give any
citizen,— information which would impede the process of investigation or
apprehension or prosecution of offenders;”.
Activist Sanjay, While in an exclusive
telephonic conversation to this correspondent of YAISHWARYAJ told that on 25th
April 2016, he shot-off this 10 point RTI plea to PMO of India. Sanjay also
provided a copy of RTI query & the reply of PMO dated 30th May
2016 to YAISHWARYAJ.
As
per this RTI poser Sanjay asked for Certified copy/copies of order(s) issued
by Prime Minister Sri Narendra Modi for investigation(s) into the Indians who
are among those named in the "Panama Papers"; Certified copy/copies
of all record including note-sheets contained in files in which the matter
related to investigating the Indians who are among those named in the "Panama
Papers" has been processed and finalized;Certified copy of a complete set
of all "Panama Papers" available with Government of India;Total no.
of persons approached by Government of India to become part of inquiry
committee formed to conduct inquiry in this regard;Details of names and
designations of persons approached by Government of India to become part of
inquiry committee formed to conduct inquiry in this regard;Certified copies of
letters issued to various persons approached by Government of India to become
part of inquiry committee formed to conduct inquiry in this regard;Certified
copies of responses given by various persons approached by Government of India
to become part of inquiry committee formed to conduct inquiry in this regard;-Details
of names and designations of members of inquiry committee formed (if any) in this regard;Information on date of start
(if any) of inquiry in this matter and Information on
progress (if any) of inquiry being
conducted in this matter. However, PMO while saying that impart of info on any
of these points would impede the
process of investigation or apprehension or prosecution of offenders, has denied info
on all 10 points of this RTI poser.
“CPIO has denied info without application of
mind” Sanjay says and asks as to how disclosuse
of order(s) issued by Prime Minister
Narendra Modi for investigation(s) into the Indians who are among those
named in the "Panama Papers would impede the process of investigation or
apprehension or prosecution of offenders ? Dissatisfied
with this reply of CPIO of PMO, Sanjay is going to file first appeal in this matter.
News©yaishwaryaj
( can be reproduced but
only with specific mention of YAISHWARYAJ )
Urvashi Sharma is a
Lucknow based freelancer and Secretary at YAISHWARYAJ. She can be contacted at rtimahilamanchup@gmail.com
Mobile 9369613513.
To download related
documents, please click http://newsyaishwaryaj.blogspot.in/2016/06/rti-by-human-rights-activist-sanjay.html
यूपी : कार्यरत आईपीएस में कोई भी भ्रष्ट नहीं !
समाचार सार : यूपी में वर्तमान कार्यरत 416 आईपीएस अधिकारियों में से किसी के
भी खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की जांचे लंबित न होने का खुलासा लखनऊ के
मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी पर
यूपी के गृह विभाग के जन सूचना अधिकारी के जबाब से हुआ है.
To read full story,
please click the link http://upcpri.blogspot.in/2016/06/blog-post_5.html
Lucknow/05 June 2016/
Urvashi Sharma News©yaishwaryaj
यह खबर जहाँ एक तरफ यूपी की अखिलेश सरकार के लिए एक बड़ी राहत देने वाली खबर हो
सकती है तो वहीं इस खबर से अखिलेश सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने का मन
वनाने वाली भाजपा,बसपा,कांग्रेस समेत सूबे की सभी विपक्षी पार्टियों के लिए बेचैनी
होना स्वाभाविक ही है. यूपी में भ्रष्टाचार को लेकर भले ही राजनैतिक गलियारों से
लेकर गली-मोहल्लों के नुक्कड़ तक घमासान मचा हो और भले ही यूपी की कथित रूप से बदहाल
कानून व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक प्रधान कारक माना
जाता हो पर सरकारी रिकॉर्ड में यूपी की कानून व्यवस्था के रखवाले कहे जाने वाले वर्तमान
कार्यरत 416 आईपीएस अधिकारियों में से कोई भी भ्रष्ट नहीं है. बात चौंकाने वाली हो
सकती है पर सरकारी आंकड़ों के अनुसार इन 416 आईपीएस अधिकारियों में से न तो किसी के
खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की कोई जांच लंबित है और न ही इनमें से किसी के भी
खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति का कोई भी मामला शासन स्तर पर लंबित है.
यह चौंकाने वाला खुलासा लखनऊ के मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा
द्वारा नियुक्ति विभाग में बीते 12 मई को दायर की गयी एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश
शासन के गृह(पुलिस सेवाएं) अनुभाग-2 के अनुभाग अधिकारी और जनसूचना अधिकारी सुभाष
बाबू के द्वारा संजय को बीते 31 मई को भेजे जबाब से हुआ है. नियुक्ति अनुभाग-6 के
अनुभाग अधिकारी गिरीश चन्द्र मिश्र ने संजय की आरटीआई को सूचना का अधिकार अधिनियम
की धारा 6(3) के तहत बीते 23 मई को ही गृह विभाग को अंतरित किया था.
सुभाष बाबू ने संजय को यह चौंकाने वाली बात भी बताई है कि यूपी के गृह विभाग
ने जांचों में दोषी पाए गए आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की
प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए अब तक कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया है. इस
आरटीआई जबाब के अनुसार यूपी में विजय कुमार गुप्ता एकमात्र ऐसे आईपीएस हैं जो एक
से अधिक पदों का दायित्व संभाल रहे हैं. यूपी में किसी भी आईपीएस के निलंबित न
होने और सूबे में आईपीएस के कुल स्वीकृत 517 पदों में से वर्तमान में 416 पद भरे
होने की सूचना भी संजय को दी गयी है.
इस संबाददाता से एक विशेष बातचीत में समाजसेवी संजय ने सूबे में आईपीएस के 517
पदों में से 101 ( 19.35% ) पदों के रिक्त होने और जांचों में दोषी पाए गए आईपीएस
अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की प्रक्रिया को विनियमित करने संबंधी कोई
भी शासनादेश न होने को चिंताजनक बताते हुए इस सम्बन्ध में देश के गृह मंत्री और
सूबे के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए रिक्त पद शीघ्र भरने और दोषी
आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की प्रक्रिया को विनियमित करने के
लिए शासनादेश निर्गत करने की मांग उठाने की बात कही है.
News©yaishwaryaj
( can be reproduced but only with specific mention
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Urvashi Sharma उर्वशी शर्मा is a Lucknow based
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