Wednesday, August 31, 2016

CPRI का राष्ट्रीय सेमिनार,अखिल भारतीय RTI रत्न पुरस्कार,लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड और वीरता पुरस्कार वितरण समारोह आगामी दिसम्बर में.




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लखनऊ/31 अगस्त 2016.........
लखनऊ स्थित राष्ट्रीय सामाजिक संगठन सी.पी.आर.आई. ( सूचना का अधिकार बचाओ अभियान ) आगामी दिसंबर माह में एक राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार का आयोजन कर रहा है l इस कार्यक्रम में आरटीआई के क्षेत्र के 2 दिग्गजों को अखिल भारतीय ‘आरटीआई लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड’ 2016 और 3 आरटीआई कार्यकर्ताओं को आरटीआई के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अखिल भारतीय ‘आरटीआई रत्न पुरस्कार’ 2016 दिए जायेंगे l


सीपीआरआई के अध्यक्ष और समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि अखिल भारतीय ‘आरटीआई लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड’ 2016 से सम्मानित किये जाने वाले 2 मूर्धन्य कार्यकर्ताओं के नामों का  निर्णय सूचना का अधिकार बचाओ अभियान की प्रबंधकीय समिति द्वारा लिया जाएगा और 3 अखिल भारतीय ‘आरटीआई रत्न पुरस्कार’ के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं का चयन सी.पी.आर.आई. की प्रबंधकीय समिति द्वारा किया जायेगा जिसके लिए भारत के सभी नागरिक सादे कागज़ पर फोटो लगाकर आवेदन आमंत्रित किये गए हैं l  



सीपीआरआई की संरक्षिका और समाजसेविका उर्वशी ने बताया कि आरटीआई के क्षेत्र में कार्यरत अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से सीपीआरआई भारत के उन सभी आरटीआई आवेदकों को अखिल भारतीय आरटीआई वीरता पुरस्कार 2016 देकर सम्मानित करेगा जिनको बीते 01 अप्रैल 2015 से 30 नवम्बर 2016 के  मध्य जनसूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों/सूचना आयुक्तों/सरकार/पुलिस/प्रशासन आदि द्वारा आरटीआई का प्रयोग करने के कारण से प्रताड़ित  किया गया है और जो हमारी संस्था को सादे कागज पर फोटो लगाकर आवेदन करेंगे l उर्वशी ने बताया कि सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए आवेदन करते समय आवेदक को अपने स्व-हस्ताक्षरित फोटो पहचान पत्र की छायाप्रति के ऊपर पुरस्कार की श्रेणी लिखते हुए सम्बंधित साक्ष्यों/अखवार की ख़बरों की छायाप्रतियों के साथ संस्था C.P.R.I. के पंजीकृत कार्यालय शॉप नंबर 3, सरवरी अपार्टमेंट,बर्लिंगटन होटल कंपाउंड,कैंट रोड लखनऊ के पते पर अथवा ई-मेल cpripatron@gmail.com  / 275cpri@gmail.com पर दिनांक 30 नवम्बर 2016 तक प्राप्त कराना सुनिश्चित करना होगा l उर्वशी ने बताया कि सभी आवेदन सीपीआरआई के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए भेजे जाने हैं और इन सभी पुरस्कारों के लिए आवेदन करने का कोई भी शुल्क नहीं है l बकौल उर्वशी  विजेताओं को कार्यक्रम की तिथि की सूचना फ़ोन / ई-मेल के माध्यम से दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में भेजी जायेगी और  इसीलिये आवेदनकर्ताओं से  फ़ोन और ई-मेल की सूचना देने की अपेक्षा की गयी है l



तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि कार्यक्रम की अधिक जानकारी के लिए आरटीआई हेल्प-लाइन नंबर 8081898081 पर संपर्क किया जा सकता है l


Tuesday, August 30, 2016

UP : Activists to move HC against illegal destruction of UPSIC record by CIC Jawed Usmani & others.



UP : सीआईसी जावेद उस्मानी द्वारा रिकॉर्ड नष्ट कराने का आपराधिक मामला लेकर हाई कोर्ट जायेंगे समाजसेवी. 

लखनऊ/30 अगस्त 2016......
यूपी के सूचना आयुक्तों पर भ्रष्टाचार करने, भ्रष्टाचार को पोषित करने और आरटीआई आवेदकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए समाजसेवियों ने सूबे की चर्चित आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में एकजुट होकर एक बार फिर हुंकार भरी है और यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा सूचना आयोग की फाइलों को विनष्ट करने के लिए बीते साल मार्च में जारी किये गए एक आदेश को अवैध बताते हुए  इस आदेश को हाई कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती देने का निर्णय लिया है. समाजसेवियों ने जावेद उस्मानी के साथ साथ सभी 8 सूचना आयुक्तों और आयोग के सचिव राघवेन्द्र विक्रम सिंह को भी कटघरे में खड़ा करते हुए इन सभी पर अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए सूचना आयोग के रिकॉर्ड को अवैध रूप से नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले में आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया है.





उर्वशी ने बताया कि जावेद उस्मानी ने बीते साल फरवरी में सीआईसी बनने के 1 माह बाद ही मार्च के महीने में एक तुगलकी आदेश जारी करके यूपी के सूचना आयोग की पत्रावलियों को 6 महीने बाद ही नष्ट कराना शुरू कर दिया था. बकौल उर्वशी  केंद्र सरकार और सूबे की सरकार ने आरटीआई के प्रकरणों से सम्बंधित पत्रावलियों को कम से कम 3 वर्ष तक रखे जाने की स्पष्ट अनिवार्यता रखी है लेकिन यूपी सूचना आयोग के भ्रष्टाचार और अक्षमता के प्रमाण बाहर न आने देने की साजिश के तहत उस्मानी ने अपने अधिकारों से परे जाकर पत्रावलियों को विनष्ट किये जाने के नीतिगत विषय पर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को ताक पर रखकर यह तुगलकी आदेश जारी किया जिसके विरोध में उन्होंने देश के राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री के साथ साथ सूबे के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखने के साथ साथ सूबे के डीजीपी और लखनऊ के एसएसपी को पत्र लिखकर सूचना आयुक्तों के खिलाफ एफ.आई.आर. लिखाने की मांग की है.



इस लड़ाई में उर्वशी का साथ दे रहे लखनऊ के समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि अधिनियम की धारा 15(4) के तहत सूहना आयोग के कार्यों के साधारण अधीक्षण,निदेशन और प्रबंध के सम्बन्ध में ही नियम बनाए जा सकते हैं और रिकॉर्ड को नष्ट करना नीतिगत विषय होने के कारण इस सम्बन्ध में अधिनियम की धारा 15(4) के तहत नियम बनाए ही नहीं जा सकते हैं. तनवीर ने बताया कि आयोग की किसी फाइल की सूचना आरटीआई में मांगने पर सूचना दूसरी अपील की सुनवाई पर ही दी जा रही है इससे पहले नहीं और दूसरी अपील की पहली सुनवाई सामान्यतया सूचना मांगने के 9 महीने बाद ही हो पा रही है ऐसे में  सूचना आयोग 6 महीने में ही फाइल नष्ट कर आयोग अपने भ्रष्टाचार के सबूतों को नष्ट कर रहा है और दूसरी अपील की सुनवाई पर आरटीआई आवेदक को इस नियम का हवाला देकर टरकाया जा रहा है. तनवीर ने बताया कि इसीलिये यूपी के समाजसेवियों ने उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इस लड़ाई को लड़ने और मामले को हाई कोर्ट में ले जाकर सूबे के आरटीआई आवेदकों को न्याय दिलाने का मन बनाया है.



 

 

 


 

सूचना आयुक्तों के द्वारा इस गैरकानूनी आदेश को जारी करने और इस गैरकानूनी आदेश के अनुसार कार्य कराने को भारतीय दंड विधान और पब्लिक रिकार्ड्स एक्ट के तहत 5 साल की सजा वाला अपराध बताते हुए इस मुहिम का नेतृत्व कर रही समाजसेविका उर्वशी ने बताया  कि सूचना आयुक्तों के ऐसे गैरकानूनी कृत्यों से सूबे का नाम पूरे संसार में बदनाम हो रहा है अतः इस तुगलकी आदेश को हाई कोर्ट से रद्द कराने के बाद इस आदेश को करने वाले और इस आदेश के आधार पर रिकॉर्ड को नष्ट करने वाले लोकसेवकों के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से एफ.आई.आर. लिखाकर वैधानिक कार्यवाही कराई जायेगी.




 

 


 

UP : सीआईसी जावेद उस्मानी द्वारा रिकॉर्ड नष्ट कराने का आपराधिक मामला लेकर हाई कोर्ट जायेंगे समाजसेवी.




UP : Activists to move HC against illegal destruction of UPSIC record by CIC Jawed Usmani & others.
लखनऊ/30 अगस्त 2016......
यूपी के सूचना आयुक्तों पर भ्रष्टाचार करने, भ्रष्टाचार को पोषित करने और आरटीआई आवेदकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए समाजसेवियों ने सूबे की चर्चित आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में एकजुट होकर एक बार फिर हुंकार भरी है और यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा सूचना आयोग की फाइलों को विनष्ट करने के लिए बीते साल मार्च में जारी किये गए एक आदेश को अवैध बताते हुए  इस आदेश को हाई कोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती देने का निर्णय लिया है. समाजसेवियों ने जावेद उस्मानी के साथ साथ सभी 8 सूचना आयुक्तों और आयोग के सचिव राघवेन्द्र विक्रम सिंह को भी कटघरे में खड़ा करते हुए इन सभी पर अपने निजी स्वार्थ साधने के लिए सूचना आयोग के रिकॉर्ड को अवैध रूप से नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले में आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया है.





उर्वशी ने बताया कि जावेद उस्मानी ने बीते साल फरवरी में सीआईसी बनने के 1 माह बाद ही मार्च के महीने में एक तुगलकी आदेश जारी करके यूपी के सूचना आयोग की पत्रावलियों को 6 महीने बाद ही नष्ट कराना शुरू कर दिया था. बकौल उर्वशी  केंद्र सरकार और सूबे की सरकार ने आरटीआई के प्रकरणों से सम्बंधित पत्रावलियों को कम से कम 3 वर्ष तक रखे जाने की स्पष्ट अनिवार्यता रखी है लेकिन यूपी सूचना आयोग के भ्रष्टाचार और अक्षमता के प्रमाण बाहर न आने देने की साजिश के तहत उस्मानी ने अपने अधिकारों से परे जाकर पत्रावलियों को विनष्ट किये जाने के नीतिगत विषय पर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को ताक पर रखकर यह तुगलकी आदेश जारी किया जिसके विरोध में उन्होंने देश के राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री के साथ साथ सूबे के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखने के साथ साथ सूबे के डीजीपी और लखनऊ के एसएसपी को पत्र लिखकर सूचना आयुक्तों के खिलाफ एफ.आई.आर. लिखाने की मांग की है.



इस लड़ाई में उर्वशी का साथ दे रहे लखनऊ के समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी ने बताया कि अधिनियम की धारा 15(4) के तहत सूहना आयोग के कार्यों के साधारण अधीक्षण,निदेशन और प्रबंध के सम्बन्ध में ही नियम बनाए जा सकते हैं और रिकॉर्ड को नष्ट करना नीतिगत विषय होने के कारण इस सम्बन्ध में अधिनियम की धारा 15(4) के तहत नियम बनाए ही नहीं जा सकते हैं. तनवीर ने बताया कि आयोग की किसी फाइल की सूचना आरटीआई में मांगने पर सूचना दूसरी अपील की सुनवाई पर ही दी जा रही है इससे पहले नहीं और दूसरी अपील की पहली सुनवाई सामान्यतया सूचना मांगने के 9 महीने बाद ही हो पा रही है ऐसे में  सूचना आयोग 6 महीने में ही फाइल नष्ट कर आयोग अपने भ्रष्टाचार के सबूतों को नष्ट कर रहा है और दूसरी अपील की सुनवाई पर आरटीआई आवेदक को इस नियम का हवाला देकर टरकाया जा रहा है. तनवीर ने बताया कि इसीलिये यूपी के समाजसेवियों ने उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इस लड़ाई को लड़ने और मामले को हाई कोर्ट में ले जाकर सूबे के आरटीआई आवेदकों को न्याय दिलाने का मन बनाया है.



 

 

 


 

सूचना आयुक्तों के द्वारा इस गैरकानूनी आदेश को जारी करने और इस गैरकानूनी आदेश के अनुसार कार्य कराने को भारतीय दंड विधान और पब्लिक रिकार्ड्स एक्ट के तहत 5 साल की सजा वाला अपराध बताते हुए इस मुहिम का नेतृत्व कर रही समाजसेविका उर्वशी ने बताया  कि सूचना आयुक्तों के ऐसे गैरकानूनी कृत्यों से सूबे का नाम पूरे संसार में बदनाम हो रहा है अतः इस तुगलकी आदेश को हाई कोर्ट से रद्द कराने के बाद इस आदेश को करने वाले और इस आदेश के आधार पर रिकॉर्ड को नष्ट करने वाले लोकसेवकों के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से एफ.आई.आर. लिखाकर वैधानिक कार्यवाही कराई जायेगी.




 

 


 

Sunday, August 28, 2016

CPRI का राष्ट्रीय सेमिनार,अखिल भारतीय RTI रत्न पुरस्कार,लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड और वीरता पुरस्कार 2016





मित्रों,
हमारा संगठन सी.पी.आर.आई. ( सूचना का अधिकार बचाओ अभियान ) आगामी दिसंबर माह में एक राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार का आयोजन कर रहा है l इस कार्यक्रम में हम 2 अखिल भारतीय ‘आरटीआई लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड’ 2016 और 3 अखिल भारतीय ‘आरटीआई रत्न पुरस्कार’ 2016 देंगे l


अखिल भारतीय ‘आरटीआई लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड’ 2016 से सम्मानित किये जाने वाले व्यक्तियों के नामों का  निर्णय सूचना का अधिकार बचाओ अभियान की प्रबंधकीय समिति द्वारा लिया जाएगा और 3 अखिल भारतीय ‘आरटीआई रत्न पुरस्कार’ के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं का चयन सी.पी.आर.आई. की प्रबंधकीय समिति द्वारा किया जायेगा जिसके लिए भारत के सभी नागरिक सादे कागज़ पर फोटो लगाकर आवेदन कर सकते हैं l  



हम  भारत के उन सभी आरटीआई आवेदकों को अखिल भारतीय आरटीआई वीरता पुरस्कार 2016 देकर सम्मानित करेंगे जिनको जनसूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों/सूचना आयुक्तों/सरकार/पुलिस/प्रशासन आदि द्वारा आरटीआई का प्रयोग करने के कारण से प्रताड़ित  किया गया है और जो हमारी संस्था को सादे कागज पर फोटो लगाकर आवेदन करेंगे l



सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए आवेदन करते समय अपने स्व-हस्ताक्षरित फोटो पहचान पत्र की छायाप्रति के ऊपर पुरस्कार की श्रेणी लिखते हुए सम्बंधित साक्ष्यों/अखवार की ख़बरों की छायाप्रतियों के साथ संस्था C.P.R.I. के पंजीकृत कार्यालय के निम्नलिखित पते पर अथवा ई-मेल cpripatron@gmail.com  / 275cpri@gmail.com दिनांक 30 नवम्बर 2016 तक प्राप्त कराना सुनिश्चित करें l


Shop no.3 Sarwari Apartment
Burlington Hotel Compound
Near- Harman Hospital ,Cantt Road Lucknow, U.P., Pin Code- 226001




पुरस्कारों के लिए आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं है l विजेताओं को कार्यक्रम की तिथि की सूचना फ़ोन / ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी अतः आवेदन करते समय फ़ोन और ई-मेल की सूचना अवश्य दें l



अधिक जानकारी के लिए आरटीआई हेल्प-लाइन नंबर 8081898081 पर संपर्क किया जा सकता है l

भवदीया
उर्वशी शर्मा