शुक्रवार,03 दिसम्बर, 2010 को 08:59 तक के समाचार
नाबालिग नहीं कर सकते आरटीआई का इस्तेमाल!
लखनऊ. सूचना के अधिकार के तहत कोई नाबालिग जानकारी नहीं मांग सकता। यह
कहना है उत्तर प्रदेश सूचना आयोग का। आयोग ने चौथी कक्षा के एक
विद्यार्थी का आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया। इस विद्यार्थी ने
मुख्यमंत्री कार्यालय से गायब दस्तावेजों का ब्योरा मांगा था।
यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं कि सूचना के अधिकार कानून के किसी भी प्रावधान
में आवेदक की न्यूनतम या अधिकतम उम्र का कोई उल्लेख नहीं है। इसमें केवल
यह लिखा है कि भारत का कोई भी नागरिक दस रुपए की फीस जमा करवा कर पब्लिक
अथॉरिटी से जानकारी हासिल कर सकता है।
केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त एएन तिवारी का भी यही कहना
है कि इस कानून में कहीं नहीं लिखा है कि इसका इस्तेमाल केवल 18 साल से
अधिक उम्र के लोग ही कर सकते हैं। तिवारी ने कहा कि इसके लिए कोई आयुसीमा
नहीं है।
क्यों जरूरत पड़ी : कोई जवाब न मिलने पर उसने पता किया तो मुख्यमंत्री
कार्यालय ने बताया कि उसे कोई शिकायत नहीं मिली। तब इस बच्ची ने आरटीआई
के तहत आवेदन देकर जानना चाहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से ऐसी कितनी
शिकायतें गायब हुई हैं तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
चकरा गया मुख्यमंत्री कार्यालय : बच्चे के इस आवेदन पर मुख्यमंत्री
कार्यालय चकरा गया। उसने जवाब दिया कि उसे कोई आवेदन ही नहीं मिला। लेकिन
स्कूल के बाहर पड़ा कचरा हटवा दिया गया।
नहीं रुकी बच्ची : बच्ची राज्य सूचना आयोग पहुंची। मुख्य सूचना आयुक्त
रणजीत सिंह पंकज ने जवाब दिया कि पृथम दृष्टया आवेदन कर्ता नाबालिग है
तथा भारतीय बालिग कानून के तहत बालिग की परिभाषा में नहीं आता। सूचना का
अधिकार अर्ध न्यायिक प्रक्रिया है इसलिए कोई नाबालिग आरटीआई कानून के तहत
कार्यवाही नहीं कर सकता। उसने ऐश्वर्या को सलाह दी कि वह अपने अभिभावक के
माध्यम से आवेदन करे।
स्कूल के बाहर कचरा
उत्तर प्रदेश के ताजा मामले में 9 साल की ऐश्वर्या शर्मा ने स्कूल के
बाहर पड़े कचरे की शिकायत स्कूल की कापी के पन्ने पर मुख्यमंत्री मायावती
के कार्यालय में की थी।
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Urvashi Sharma
RTI Helpmail( Web Based )
aishwaryaj2010@gmail.com
Mobile Rti Helpline
8081898081 ( 8 A.M. to 10 P.M. )
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