लखनऊ, 5 मई (जासं): भूखंड आवंटन में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के तीन मामलों में लिप्त पाए गए सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व संयुक्त सचिव श्रीपाल वर्मा को गुरुवार सुबह सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने गिरफ्तार किया है। श्री वर्मा पूर्व सांसद पूर्णिमा वर्मा के पति हैं। अदालत ने श्री वर्मा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। शासन ने इस घोटाले की जांच के आदेश 18 नंवबर 1997 में दिए थे और सतर्कता विभाग की टीम ने वर्ष 1998 में कैसरबाग कोतवाली में भूखंड घोटालों व सरकारी धन का गबन करने के संबंध में धोखाधड़ी के तीन मुकदमे दर्ज कराए गए थे। श्रीपाल वर्मा, तत्कालीन संयुक्त सचिव और वर्तमान में निदेशक समाज कल्याण मिश्रीलाल पासवान समेत अभियंताओं व कर्मचारियों पर आरोप था कि उन लोगों ने सीतापुर रोड योजना सेक्टर-सी में पार्क की जमीन पर बिना प्राधिकरण बोर्ड व शासन की अनुमति के भूखंड आवंटित कर दिए थे। 15 भूखंडों की रजिस्ट्री कर दी गई थी, लेकिन नक्शा व्यावसायिक श्रेणी के लिए पास किया गया था। वर्ष 1987 से 1992 के मध्य फर्जी दस्तावेजों व कूटरचना कर उक्त भूखंडों का आवंटन किया था, जबकि योजना के मूल आवंटियों ने पार्क के सामने भूखंड पाने के लिए अतिरिक्त चार्ज प्राधिकरण में दिया था। जांच में श्रीपाल वर्मा तीनों मामलों में दोषी पाए गए। सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ सेक्टर की पुलिस अधीक्षक दीपिका गर्ग के निर्देश पर गुरुवार को सतर्कता विभाग के निरीक्षक आरडी यादव व सिपाही इश्तियाक खां ने अलीगंज स्थित पूर्व संयुक्त सचिव श्रीपाल वर्मा के आवास से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सतर्कता निरीक्षक आरडी यादव ने बताया कि 13 आरोपियों में नौ को दोषी पाया गया था। इसमे संयुक्त सचिव से लेकर अभियंता व लिपिक भी हैं। दो को छोड़कर शेष का मामला अदालत में विचाराधीन था। श्री वर्मा की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन संयुक्त सचिव व वर्तमान में निदेशक समाज कल्याण के पद पर तैनात मिश्रीलाल पासवान की गिरफ्तारी के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। उधर, अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 7 मई की तिथि नियत की है।
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Wednesday, May 11, 2011
भूखंड आवंटन में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार : Shall Uttar Pradesh Government ever wake up ??????????????
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