Tuesday, May 29, 2018

लखनऊ CJM कोर्ट में दाखिल हुई SSP, ASP Crime और 8 पुलिस इंस्पेक्टरों के खिलाफ आपराधिक मुक़दमे की अर्जी : एक्टिविस्ट उर्वशी की अर्जी की पोषणीयता पर 25 जून को निर्णय करेंगे CJM



लखनऊ/29 मई 2018 /

भारतीय दण्ड विधान ( सीआरपीसी  ) की धारा 39 के खिलाफ जाकर मुकदमा दर्ज करने और विवेचना करने का आरोप लगाकर लखनऊ के दर्जनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ  समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने आज यहाँ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ( सीजेएम ) की अदालत में एक अर्जी दाखिल कर दी है l CJM ने उर्वशी द्वारा दाखिल की गई अर्जी की पोषणीयता  पर 25 जून को निर्णय देने का आदेश पारित किया  है l

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह आदेश उर्वशी द्वारा लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार,अपर पुलिस अधीक्षक अपराध दिनेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विजय मल सिंह यादव,इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह, इंस्पेक्टर नजरुल हसन, इंस्पेक्टर धीरेन्द्र कुमार उपाध्याय,इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही ,इंस्पेक्टर राम कुमार गुप्ता,इंस्पेक्टर विनोद शर्मा, इंस्पेक्टर दीपन यादव व अन्य अज्ञात पुलिस कार्मिकों के खिलाफ दी गई एक अर्जी पर उर्वशी की इन  परसन बहस को सुनने के बाद  दिया है l

उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अदालत से भारतीय दण्ड संहिता (I.P.C.) की धारा 166,195,196,200,211,219,500 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया है l उर्वशी ने बताया कि लखनऊ पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सीआरपीसी   की धारा 39 का उल्लंघन करने के साक्ष्य के रूप में उन्होंने सीजेएम लखनऊ के पूर्व के 2 आदेशों,अपर पुलिस अधीक्षक अपराध लखनऊ दिनेश कुमार सिंह के पत्र और  लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार के एक पत्र को अदालत के सामने पेश किया है l

उर्वशी ने पुलिस वालों पर निहित स्वार्थों की बजह से कानून के खिलाफ काम करने के आरोप के साथ-साथ झूंठे साक्ष्य बनाने, झूंठी घोषणाएं करने, न्यायालय में कानून के खिलाफ लिखी गई रिपोर्ट देने और मानहानि करने के आरोप लगाए हैं l     

पुलिसवालों द्वारा अपराध किये जाने की बात उनकी शिकायत के तथ्यों और संलग्नकों के आधार पर स्वयं ही सामने आने की बात कहते हुए उर्वशी ने  उचित अवसर पर अपने द्वारा लिखी गई प्रत्येक बात पर पर्याप्त संख्या में अन्य अभिलेखीय और मौखिक साक्ष्य  प्रस्तुत करने की बात भी अपनी अर्जी में कही है  l

उर्वशी ने बताया कि क्योंकि मामले में पुलिस के दर्जनों अधिकारी अभियुक्त हैं इसीलिये पुलिस में जाकर FIR लिखाने की जगह पर उन्होंने सीधे न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी दी है और न्यायालय से दोषियों को दण्डित करने की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाईं है l

Sunday, May 27, 2018

भारत की कोई राष्ट्रीय सब्जी नहीं ! कक्षा 2 के बच्चे की RTI से हुआ खुलासा l







लखनऊ / 27 मई 2018

कृषि प्रधान कहे जाने वाले भारत देश की कोई आधिकारिक रूप से घोषित  राष्ट्रीय सब्जी नहीं है l इस बात का खुलासा यूपी की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित सेंट एंजनीज पब्लिक स्कूल की कक्षा 2 में पढने वाले 7 वर्षीय छात्र ऐश्वर्य राज पाराशर द्वारा दायर की गई एक RTI अर्जी पर भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए जबाब से हुआ है l



दरअसल ऐश्वर्य ने बीते 23 मार्च को भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय में एक RTI अर्जी देकर भारत की राष्ट्रीय सब्जी के नाम की जानकारी माँगी थी l प्रधानमंत्री कार्यालय में यह सूचना न होने के कारण PMO के अवर सचिव एवं केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीण कुमार ने बीती 27 मार्च को ऐश्वर्य की यह अर्जी भारत सरकार के गृह मंत्रालय को अंतरित की थी l ऐश्वर्य द्वारा मांगी गई सूचना गृह मंत्रालय में भी नहीं मिली और गृह मंत्रालय के निदेशक (A) एवं CPIO ए. के. देओरी ने ऐश्वर्य की अर्जी बीती 4 अप्रैल को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय को ट्रान्सफर कर दी l अब कृषि मंत्रालय के कृषि,सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के उपायुक्त बाग़ एवं CPIO संजय कुमार ने बीती 11 मई को पत्र जारी करके ऐश्वर्य को बताया है कि भारत की राष्ट्रीय सब्जी के नाम से सम्बंधित सूचना कृषि मंत्रालय में भी नहीं है l



पिछली अप्रैल में कक्षा 2 से 3 में आ चुके 7 साल के ऐश्वर्य ने बताया कि सामान्य ज्ञान के पाठ्यक्रम में अन्य राष्ट्रीय चीजों के बीच राष्ट्रीय सब्जी की जानकारी नहीं थी और इसीलिये इस जिज्ञासा का समाधान करने के लिए उन्होंने अपनी बड़ी बहन ऐश्वर्या की मदद से यह आरटीआई दाखिल की थी l आलू को बेहद पसंद करने वाले ऐश्वर्य ने बताया कि अब वे जल्द ही पीएम अंकल को पत्र लिखकर आलू को राष्ट्रीय सब्जी घोषित कराने की मांग करेंगे l  

Monday, May 14, 2018

RTI गर्ल ऐश्वर्या का आवेदन गुम होने पर सख्त हुए यूपी सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार : PIO की फटकार लगा पूँछी RTI आवेदन हैंडल करने की व्यवस्था l





लखनऊ/14-05-18/ 

आरटीआई आवेदनों ही हैंडलिंग में लापरवाही बरतने वाले यूपी के जनसूचना अधिकारी अब सावधान हो जाएँ l राज्य सूचना आयोग ने अब ऐसे जन सूचना अधिकारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है  सूचना देने से बचने के लिए आवेदकों द्वारा स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री से भेजी गई अर्जियों के भी न मिलने की बात कहकर राज्य सूचना आयोग से राहत पाने में कामयाब हो जाते थे l लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित प्रतिष्ठित सिटी मोंटेसरी स्कूल की कक्षा 12 की 16 वर्षीय छात्रा ऐश्वर्या पाराशर की पंजीकृत डाक से भेजी गई  आरटीआई अर्जी न मिलने की बात कहने वाले उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास विभाग के जन सूचना अधिकारी  पर राज्य सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार ने सख्ती दिखाई है और ऐश्वर्या की अर्जी के गुम होने के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण  देने के साथ-साथ नगर विकास विभाग में आरटीआई अर्जियों के हैंडलिंग की व्यवस्था की लिखित रिपोर्ट भी माग ली है l


8 साल की छोटी सी उम्र में आरटीआई से लोकहित के बड़े-बड़े काम कराने के बाद देश विदेश में ‘RTI गर्ल’ के नाम से प्रसिद्ध ऐश्वर्या ने बीते साल 21 मई को नगर विकास के PIO को अर्जी भेजकर स्कूलों के पास कूड़ाघर बनाने के नियमों, कूड़ाघरों के पास स्कूल बनाने के नियमों, स्कूलों के पास बने कूड़ाघरों की गन्दगी से बच्चों के बीमार होने की स्थिति में जिम्मेवार अधिकारियों और यूपी के वर्तमान सीएम द्वारा यूपी के स्कूलों के पास से कूड़ाघरों को हटाने के लिए की गई कार्यवाहियों की सूचना माँगी थी l ऐश्वर्या की इस अर्जी पर सूचना देने के जगह इसके गुम हो जाने की बात  नगर विकास विभाग  ने सूचना आयोग ने की है जिस पर सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए बीते 5 मार्च को आदेश जारी कर जन सूचना अधिकारी को 25000/- का अर्थदंड लगाने की चेतावनी देते हुए  विभाग के प्रमुख सचिव को पूरे मामले की जानकारी देने का आदेश भी दिया है l


जीव विज्ञान और बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा ऐश्वर्या का कहना है कि वे चाहती हैं कि हमारी सरकार नियम बनाकर यह निर्धारित कर दे कि अगर कहीं स्कूल बना है तो उसके एक किलोमीटर के दायरे में कूड़ाघर न बने और अगर कहीं कूड़ाघर बना है तो उसके एक किलोमीटर के दायरे में कोई स्कूल  न बने ताकि देश के नौनिहाल स्वस्थ रहे l महज 8 साल की उम्र में अपने स्कूल के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबाने जैसा बड़ा काम करने वाली लिटिल ऐश्वर्या अब युवा हो गईं है और इसीलिये अब उनका इरादा पूरे सूबे के स्कूलों के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित कूड़ाघरों को हटवाने का है l ऐश्वर्या ने बताया कि आने वाले एक जून से शुरू हो रही गर्मियों की छुट्टियों में वे यूपी के राज्यपाल और सीएम से मिलकर अपनी बात उनके सामने रखेंगी l


सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार की सख्ती को RTI एक्ट को मजबूती देने वाला आवश्यक कदम बताते हुए  इस युवा आरटीआई एक्टिविस्ट ने  कहा कि सूचना आयोग की इस सख्ती से वो सब  PIO भी निशाने पर आ जायेंगे जो अब तक अर्जी गुम होने की बात कहकर बच जाते थे l 

Thursday, May 10, 2018

UP : हिंदुत्व एजेंडे पर CM योगी ने जो कहा वह किया - RTI खुलासा l



लखनऊ/10 मई 2017 ............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )

 

यूपी में एक साल पहले हुए चुनावों में जब बीजेपी ने अप्रत्याशित अंतर से जीत हासिल की तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि सांसद योगी आदित्यनाथ को यूपी की कमान सौंपी जायेगी l अंदरखाने चर्चा थी  कि योगी को मुख्यमंत्री बनबाने में संघ की अहम भूमिका रही  l संघ ने ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी पर दबाव डालकर आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनवाया था l योगी को CM बनाते ही साफ हो गया था कि विकास की बात करके साल 2017 में यूपी की सत्ता पर जबरदस्त मजबूती से काबिज हुई BJP ने  साल 2019 के लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाले सूबे में हिंदुत्व के एजेंडे को ही प्रमुखता देने की रणनीति उसी समय बना ली थी l गुजरात के बाद  उत्तर प्रदेश हिन्दुत्त्व की दूसरी प्रयोगशाला  बनने जा रहा था l भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुत्व की राजनीति करके ही गुजरात से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी और अब योगी आदित्यनाथ यूपी में हिंदुत्व के एजेंडे को स्थापित करने के लिए शिद्दत के साथ काम कर रहे दिख रहे हैं l भ्रष्टाचार के मामलों में बेदाग़ गेरुआधारी महंत योगी आत्मविश्वास के साथ  अपने बुनियादी सांस्कृतिक एजेंडे को लेकर स्पष्टता के साथ खुलकर सामने आ गए हैं l इस बात का खुलासा आबादी के हिसाब से देश के इस सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश शासन के धर्मार्थ कार्य विभाग के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी विनीत कुमार द्वारा बीती 5 मई को पत्र जारी करके दी गई जानकारी से हो गया है l संजय को जो जानकारी दी गई है उससे यह साफ हो गया गया है कि UP के CM योगी आदित्यनाथ ने हिंदुत्व के एजेंडे पर यूपी की जनता से पिछली साल जो भी वादे किये उन सबको उन्होंने पूरा भी किया है l  



To go through original RTI & other related documents, please click this web-link http://upcpri.blogspot.in/2018/05/up-cm-rti-l.html 



देश में पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में काम रहे चोटी के समाजसेवियों में शुमार होने वाले संजय शर्मा बताते हैं  उन्होंने बीते साल  सितम्बर महीने की 21   तारीख को यूपी सरकार को एक आरटीआई अर्जी भेजकर राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में कि हिंदुत्व के एजेंडे पर काम करते हुए किये गए कार्यों के सम्बन्ध में 8 बिन्दुओं पर सूचना माँगी थी l विनीत कुमार ने संजय को बताया है कि एक  साल में योगी सरकार ने 550 लोगों को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रुपयों के हिसाब से 550 लाख रुपये अनुदान में दिए हैं l इन 550 लोगों की सूची भी संजय को दी गई है l संजय बताते हैं कि इस सूची के अनुसार अनुदान पाने वाले लोगों में यूपी के लगभग सभी जिलों का प्रतिनिधित्व है जिससे साफ हो रहा है कि इस योजना को भाई-भतीजबाद संस्कृति से मुक्त रखने का प्रयास गया है जो सराहनीय है l



गाज़ियाबाद में श्री कैलाश मानसरोवर भवन निर्माण के लिए 1700 लाख रुपये अवमुक्त करने, फैजाबाद जिले में अयोध्या भजन संध्या स्थल के निर्माण के लिए 477 लाख 67 हज़ार रुपये की वित्तीय स्वीकृति देने, चित्रकूट में भजन संध्या स्थल एवं परिक्रमा स्थल के निर्माण के लिए 502 लाख 67 हज़ार रुपये की वित्तीय स्वीकृति देने और सिन्धु दर्शन के लिए 38 यात्रियों को प्रति यात्री 10 हज़ार रुपयों की दर से अनुदान देने की बात भी संजय को दी गई सूचना से सामने आई है l



अपनी कटीली RTI से अक्सर सरकारों को निशाने पर लाकर कटघरे में खड़ा कर देने  वाले तेजतर्रार एक्टिविस्ट और ‘तहरीर’ संस्था के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा कहते हैं कि बहुत दिनों बाद कोई ऐसा खुलासा हुआ है जिसमें सरकार की कथनी और करनी में अंतर नहीं मिला है जिसके लिए संजय ने योगी आदित्यनाथ को सार्वजनिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपेक्षा की है कि सरकार अन्य एजेंडों पर भी इसी तरह काम करेगी l

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News written by freelance journalist Urvashi Sharma