Monday, August 26, 2013

TOI News : Railways says that it does not employ 'lok sevaks'

LUCKNOW: While people often call government employees as 'lok sevaks' (public servants), railways denied it has any working with it. 

Blame it on railways' "ignorance" or call it an attempt to say no to information sought under the Right to Information (RTI) Act, it gave a rather confusing response about transfer policy of 'lok sevaks' (public servants) working with it. 

Railways denied it has any 'public servants' working with it. It also said that there is no relevance of such a question since it has no post of a 'lok sevak'. 

The information about the transfer policy of railway employees was sought by RTI activist Urvashi Sharma. Not only this, the response..................................................

प्रदूषण की घटनाओं पर आँख मूंदे बैठी है सरकार: संजय शर्मा

लखनऊ: क्या प्रदेश सरकार प्रदेश की औधोगिक इकाईयों द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण की घटनाओं के प्रति आँख मूंदकर बैठी है| प्रदेश की राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा मांगी गयी आरटीआई के जबाब से तो ऐसा ही प्रतीत होता है|

प्रदेश की राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा ने बीते मई माह में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव कार्यालय से प्रदेश सरकार द्वारा 15-03-12 से 31-05-13 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदुषण फैलाने की दोषी कंपनियों पर लगाये गए जुर्माने की कंपनीवार सूचना मांगी थी|

मुख्य सचिव कार्यालय ने शर्मा का सूचना का आवेदन प्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग को अंतरित किया| पुनः प्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग के उप सचिव और जन सूचना अधिकारी  राम रेखा पाण्डेय ने संजय का सूचना का आवेदन उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव  को अंतरित किया|

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी और जन सूचना अधिकारी अशोक कुमार सिंह द्वारा संजय को प्रदान की गयी सूचना के अनुसार 15-03-12 से 31-05-13 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश में मात्र दो प्रकरणों में दंड एवं जुर्माने की कार्यवाही की गयी है| अशोक कुमार सिंह द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार .................................

read full story here http://socialactivistsanjaysharma.blogspot.in/2013/08/blog-post_26.html

Saturday, August 24, 2013

आईएएस सदाकांत के खिलाफ महिला आयोग में उत्पीडन की शिकायत


आईएएस सदाकांत के खिलाफ महिला आयोग में उत्पीडन की शिकायत

  • Written by 
  • Saturday, 24 August 2013 08:04
 समाजसेविका उर्वशी शर्मा समाजसेविका उर्वशी शर्मा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ नौकरशाह के खिलाफ महिला समाजसेविका के उत्पीडन और अपने उच्च पद के प्रभाव का इस्तेमाल महिला समाजसेविका को धमकाने के लिए करने की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से करने का प्रकरण सामने आया है|

राजधानी लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा नें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा को फैक्स से शिकायत भेजकर उत्तर प्रदेश कैडर के आई० ए० एस० सदाकांत द्वारा बिना किसी प्रमाण के अपने पत्र में उन पर " गलत कार्य " किये जाने की आपत्तिजनक टिप्पणी करने और सदाकांत द्वारा उच्च पद के प्रभाव का दुरुपयोग कर उनको धमकी देने के प्रकरण की नियमानुसार जांच करा कर सदाकांत के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करने की मांग की है|

ममता शर्मा को संबोधित पत्र में पत्र में उर्वशी ने कहा है कि स्वयं एक महिला होने के नाते वे  भिज्ञ होंगी कि भारतीय समाज एक महिला के सम्बन्ध में "गलत कार्य" की टिप्पणी को समाज उस महिला के चरित्र के साथ जोड़कर देखता है| किसी पुरुष द्वारा बिना किसी प्रमाण के किसी सद्चरित्र महिला के बारे इस प्रकार की पतित और अधम टिप्पणी करना उस महिला की चारित्रिक हत्या करना है| उर्वशी ने कहा कि सदाकांत द्वारा मेरे संबंध इस प्रकार के अनुचित शव्दों का लिखकर इस्तेमाल किया गया है जो न केबल आपत्तिजनक है अपितु सम्पूर्ण महिला समाज के प्रति भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रथम श्रेणी का दर्जा प्राप्त महानुभाव सदाकांत की महिला विरोधी मानसिकता को सिद्ध करता है|

उर्वशी के मुताबिक सदाकांत का यह कृत्य जानबूझकर किया गया जघन्य अपराध है जिसके लिए इनको भारतीय कानून के तहत दण्डित किया जाना आवश्यक है| सदाकांत ने इसी पत्र में यह भी कहा है कि उर्वशी पर किये गए गलत कार्यों के सम्बन्ध में कार्यवाही भी प्रस्तावित है| भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव का पद धारण करने बाले सदाकांत द्वारा एक महिला के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की  लिखित धमकी देना यह सिद्ध करता है कि सदाकांत में अपने उच्च पद के प्रभाव का दुरुपयोग कर महिलाओं को धमकी देने की आपराधिक प्रवृत्ति भी है|  एक समाजसेवी महिला को लिखित धमकी देना सदाकांत की महिला विरोधी मानसिकता के साथ साथ इनकी महिलाओं के प्रति आपराधिक मानसिकता को सिद्ध करता है जिसके लिए इनको भारतीय कानून के तहत दण्डित किया जाना आवश्यक है|

उर्वशी ने यह भी लिखा है कि सदाकांत द्वारा उन  पर लगाये गए गलत कार्य करने संबंधी  आरोपों का प्रकाशन समाचार पत्रों में भी हुआ जिसकी जानकारी उनको परिचितों के माध्यम से हुई और यह भी कि सदाकांत की ही बजह से उनका जीना दूभर हो गया है|

खबर की श्रेणी लखनऊ
Tagged under

Thursday, August 22, 2013

यूपी में कीट जनित और संक्रामक रोगों की रोकथाम के दावों की पोल खुली

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा निरंतर नयी योजनाओं की घोषणा की जा रही हैं l ऐसा पहले की सरकारें भी करती रही हैं और आगे की सरकारें भी करती  रहेंगी l इन सबके बीच बड़ा सबाल यह है कि आखिर कब ये सरकारें इन योजनाओं के अमल के प्रति बास्तव में गंभीर होंगी l अब इसे सरकार की कार्यप्रणाली की कमी कहा जाए,सरकार और  प्रशासनिक अमले में सामंजस्य की कमी या सरकारी तंत्र का भ्रष्टाचार किन्तु इसका खामियाजा तो प्रदेश की बेचारी जनता को ही उठाना पड़ता है l
उत्तर प्रदेश में कीट जनित रोगों और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए की जाने बाली फागिंग की सरकारी  योजना के क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के असंवेदनशील रवैया का एक मामला सूचना के अधिकार के तहत प्रकाश में आया है l
प्रदेश की राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा ने...................................................

read full story http://socialactivistsanjaysharma.blogspot.in/2013/08/blog-post_4241.html

Tuesday, August 20, 2013

उप्र प्रमुख सचिव आवास सदाकांत को समाजसेविका ने भेजा दो करोड़ का मानहानि नोटिस

http://themailtoday.com/%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96-%E0%A4%B8%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%B5-%E0%A4%86%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A4%BE/



लखनऊ, अगस्त 20, 2013 || उत्तर प्रदेश की सरकार पर ख़राब कानून व्यवस्था को लेकर आये दिनआरोप लग रहे हैं प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है महिलाओं के प्रति गलत धारणा रखने बाले मंत्री राजाराम पाण्डेय को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था पर लगता है इस धटना से प्रदेश की नौकरशाही ने कोई सबक नहीं लिया है |

sadakantताजा मामला उत्तर प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और सूचना विभागके प्रमुख सचिव सदाकांत से सम्बंधित है जिसमे सदाकांत ने लखनऊ की सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा पर विद्वेष की भावना से ग्रसित होकर जान बूझकर बहुत से गलत कार्य करने का आरोप लगाया है | सदाकांत ने यह भी कहा है कि उर्वशी पर किये गए गलत कार्यों के सम्बन्ध में कार्यवाही भी प्रस्तावित
है |

दरअसल उर्वशी ने आइएएस सदाकांत द्वारा लेह-लद्दाख में करीब दो सौ करोड़ के सड़क निर्माण में हुए घोटाले के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी | सूचना का यह प्रकरण सूचना आयोग में प्रचलित है | सदाकांत ने उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव को पत्र लिखकर उर्वशी शर्मा को कोई भी सरकारी/व्यक्तिगत सूचना न दिए जाने का अनुरोध किया है | सदाकांत ने इसी पत्र में उर्वशी पर गलत कार्य करने के आरोप भी
लगाये हैं|

सदाकांत द्वारा उर्वशी पर लगाये गए गलत कार्य करने संबंधी आरोपों का प्रकाशन समाचार पत्रों में भी हुआ जिसकी जानकारी उर्वशी को परिचितों के माध्यम से होने पर उर्वशी ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और सूचना विभाग के प्रमुख सचिव सदाकांत को अधिवक्ता के माध्यम से लीगल नोटिस भेज कर एक माह में अपने आरोपों के समर्थन में ठोस साक्ष्य उपलब्ध करने को कहा है और ऐसा नहीं होने पर दो करोड़
रुपये की मानहानि का लीगल नोटिस भी भेजा है|

Monday, August 19, 2013

Notification & Application form for the posts of Information Commissioners in Uttar Pradesh State Information Commission

Please find Notification & Application form for the posts of Information Commissioners in Uttar Pradesh State Information Commission at undergiven link. please download the same and apply .

http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/notification-application-form-for-posts.html

regards

urvashi sharma
9369613513

सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में आरक्षण व्यवस्था लागू करने करने की माँग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में एक वर्ष से अधिक समय से रिक्त आठ सूचना आयुक्तों की नियुक्ति का प्रकरण लगातार उलझता चला जा रहा है|

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के चलते सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया विलंबित होती रही| बाद में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्ति की शर्तों को शिथिल किये जाने, उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा समयबद्ध नियुक्तियां किये जाने का आदेश पारित करने और आर0टी0आई0 एक्टिविस्टों द्वारा राज्य सरकार पर पारदर्शी प्रक्रिया से नियुक्तियां किये जाने का जनदबाब
बनाये जाने के कारण उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक सुधार विभाग ने 14 अगस्त 2013 को सूचना आयुक्तों की नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी की है l

लखनऊ की सामाजिक कार्यकत्री, आर0टी0आई0 एक्टीविस्ट और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी की गयी इस विज्ञप्ति में आरक्षण की वर्तमान में प्रचलित संवैधानिक व्यवस्था न होने के कारण इस विज्ञप्ति को असंवैधानिक करार दिया है और इसे रद्द कर आरक्षण व्यवस्था का समुचित समावेश कर नई विज्ञप्ति जारी करने की मांग की है|

उर्वशी ने इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग .........................................................................

read full story at http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/blog-post_19.html

Sunday, August 18, 2013

RTI activists are trying to kill a RHINO with a toygun

in coming next week political parties shall be booned with RTI act amendment. it was sure to happen as almost all political parties had united their hands on this matter .

UNITED THEY STAND,DIVIDED THEY FALL.

yes, we,the RTI activists are a divided lot.each one doing his pitty efforts and trying to getting them published in newspapers for his future records.

i feel pity on all those stalwart rti activists of nation who themselves or thru their NGOs collects crores of rupees in the name of strengthening RTI , but at this crucial time ,were seen busy with raising placards at public places or floating online petitions or doing with public referendums with some 1800 odd people in metros.

all these things maybe okay if we were confronting with the bureaucracy. but this time it is parliament.

i may be wrong but in my opinion 1 lakh online signature will do nothing to move the thick skinned politicians.

what we needed was a crowd of 1 lakh at parliament that too ready for martyrdom for the sake of RTI.

if we have these resource people to save RTI then its okay or else like others tomarrow I too shall stand with a placard at Hazratganj in Lucknow .

regards

urvashi sharma

Saturday, August 17, 2013

उप्र अनुसूचित जाति मेस घोटाले में 9 के खिलाफ परिवाद

read full story at http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/9.html also

http://hindi.in.com/latest-news/news/-2018492.html


» देश
उप्र अनुसूचित जाति मेस घोटाले में 9 के खिलाफ परिवाद

Updated Aug 17, 2013 at 07:29 am IST

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रमोद कुमार ने यह आदेश येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव व आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की अर्जी पर दिया है। अदालत ने वादिनी के बयान के लिए 26 अगस्त की तारीख नियत की है।

उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित लखनऊ स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक छात्रावास के अनुसूचित जाति के छात्रों के मेस के धन का गबन करने, मनमाने ढंग से चेक काटकर इस धन को ब्याज पर बाजार में उठा देने, मेस के शुल्क के अभिलेखों में कूटरचना करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।

इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण संजीव दुबे, समाज कल्याण के पूर्व प्रमुख सचिव तथा वर्तमान में आवास एवं शहरी नियोजन और सूचना विभाग के प्रमुख सचिव सदाकांत समाज कल्याण के पूर्व निदेशक तथा वर्तमान में विशेष सचिव महिला कल्याण मिश्री लाल के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया गया।

इसके साथ ही पन्त पॉलीटेक्निक के पूर्व प्रधानाचार्य तथा वर्तमान में प्रधानाचार्य राजकीय पॉलीटेक्निक प्रतापगढ़ राजेश चन्द्रा, पन्त पॉलीटेक्निक के कार्यवाहक प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, प्रवक्ता गणित जयप्रकाश, प्रवक्ता अंग्रेजी श्रद्धा सक्सेना, कला प्रशिक्षक दीप चंद्र तथा प्रवक्ता अंग्रेजी श्रद्धा सक्सेना के पति देवेन्द्र शुक्ला को भी आरोपी बनाया है।

अदालत में दी गयी शिकायत में कहा गया है कि राजकीय गोविन्द बल्लभ पंत पॉलीटेक्निक के छात्रावास में शत प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र रहते हैं। इन सभी छात्रों के प्रवेश के समय लिए गए मेस शुल्क के 12 हजार रुपये प्रति छात्र की धनराशि को सीधे बैंक खाते में जमा किया जाना चाहिए लेकिन कॉलेज की प्रवक्ता श्रद्धा सक्सेना ने तत्कालीन अधिकारियों से सांठ गांठ करके इस धन को बैंक
में जमा न करके बाजार में ब्याज पर उठा दिया।

उर्वशी ने बताया कि उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही के लिए बीते 13 मई को प्रमुख सचिव समाज कल्याण संजीव दुबे को अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भी दिया था जिस पर कार्रवाई नहीं होने पर उनके द्वारा प्रकरण को अदालत के समक्ष लाया गया है ताकि अनुसूचित जाति के गरीब बच्चों के रुपयों में सेंधमारी करने के आरोपियों को दण्डित करा सकें।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Friday, August 16, 2013

'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की सूचना सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक

लखनऊ| रक्षा मंत्रालय द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत दी गयी सूचना के मुताबिक, 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की सूचना का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है lदरअसल लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने Read full story at http://socialactivistsanjaysharma.blogspot.in/

'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की 'मानवाधिकार उल्लंघन' के सन्दर्भ में समीक्षा करने के उद्देश्य से बीते 23 फरबरी 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग से सूचना के अधिकार के तहत स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाये गए 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को चलाने के फैसले की पत्रावली के अभिलेखों की नोट शीट्स सहित सत्यापित प्रतियाँ माँगी थीं l

ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार 5 जून, 1984 ई. को भारतीय सेना के द्वारा चलाया गया था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों की गतिविधियों को समाप्त करना था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सिर उठाने लगी थीं और उन ताकतों को पाकिस्तान से हवा मिल रही थी। पंजाब में भिंडरावाले का उदय इंदिरा गाँधी की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाओं के कारण हुआ था। अकालियों के विरुद्ध
भिंडरावाले को स्वयं इंदिरा गाँधी ने ही खड़ा किया था। लेकिन भिंडरावाले की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षाएं देश को तोड़ने की हद तक बढ़ गई थीं। जो भी लोग पंजाब में अलगाववादियों का विरोध करते थे, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता था।3 जून, 1984 को भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर पर घेरा डालकर भिंडरावाले और उसके समर्थकों के विरुद्ध निर्णायक जंग लड़ने का निश्चय किया। हालाँकि सेना ऐसा
नहीं करना चाहती थी लेकिन इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब पर हमला करने की ठान ली थी l

भिंडरावाले और उसके समर्थकों द्वारा आत्मसमर्पण न किए जाने पर 5 जून, 1984 को भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में प्रवेश कर लिया। तब भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने भारतीय सेना पर हमला किया। भारतीय सेना ने भी जवाब में कार्रवाई की और इस मुहिम को 'ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार' का नाम दिया गया। यह ऑपरेशन क़ामयाब रहा।

कोई सूचना न मिलने पर संजय ने 13 मई 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग में अपील दी l भारत सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव तथा अपीलीय अधिकारी भगवान शंकर ने 27 जून 2013 को संजय का सूचना का आवेदन रक्षा मंत्रालय को अंतरित किया l

रक्षा मंत्रालय के अनु सचिव आरके झा के 31 जुलाई 2013 के पत्र के माध्यम से दी गयी सूचना के मुताबिक भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का मानना है कि 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की सूचना को अधिनियम की धारा 8(1)(a) के तहत प्रगटन से छूट प्राप्त है और इस सूचना का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है l

संजय के अनुसार सभी लोक प्राधिकारी अपने 'प्रशासनिक या न्यायिककल्प विनिश्चयों को लिए जाने के कारण' देश की जनता को बताने को बाध्य हैं ऐसे में देश की जनता को स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाये गए 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' को चलाने के फैसले के कारणों को जानने का भी पूरा हक है l 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' चलाने का निर्णय लिए जाने के कारणों को जानने के लिए ही संजय ने यह आरटीआई दाखिल की थी| संजय अब
रक्षा मंत्रालय के इस निर्णय के खिलाफ केंद्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने जा रहे हैं l

Saturday, August 10, 2013

Press Release : Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions 02-August, 2013 14:41:Amendment to the Right to Information Act, 2005

The Union Cabinet has approved introduction of a Bill in the coming session of the Parliament to amend the Right to Information Act, 2005, to exclude the political parties from the definition of Public authority for the purpose of the Act.

The Central Information Commission (CIC) in its decision dated 03.06.2013, has held that the political parties, namely, AICC/INC, BJP, CPI(M), CPI, NCP, and BSP are public authorities under Section 2(h) of the RTI Act. While deciding that the said political parties are public authorities, the CIC has relied mainly on the grounds that there is substantial (indirect) financing of political parties by the Central Government and they perform public duty.

The political parties are registered with the Election Commission under the provisions of section 29A of the Representation of the People Act, 1951. Under this section any small group of persons, if they so desire, can be registered as a political party by making a simple declaration under sub-section (5) of section 29A.

With reference to the political parties, detailed provisions exist in the Representation of the People Act, 1951 which provides for dissemination of information relating to political parties, candidates and donations. The said Act, inter alia, provides for –

• Registration with the Election Commission of associations and bodies as political parties (section 29A)
• Political parties entitled to accept contribution (section 29B)
• Declaration of donation received by the political parties (section 29C)
• Declaration of assets and liabilities (section 75A)
• Account of election expenses and maximum thereof (section 77)
• Lodging of account with the district election officer (section 78)
• Penalty for filing false affidavit etc. (section 125A)

The above provisions of the Representation of the People Act, 1951 indicate that there are sufficient provisions in the Act to deal with each and every aspect of financing, its declaration and punishment for filing false affidavit and all such information is made available to the public through the website of the Election Commission.

Under section 13A of the Income-tax Act, 1961, the political parties claiming exemption from tax are required to file their return of income before the due date before the tax authorities along with audited accounts; and form 24A prescribed under section 29C of the Representation of the People Act, 1951 read with Rule 85B of the Conduct of Election Rules, 1961 declaring the list of persons making donations to the political parties exceeding 20,000/- rupees.

As per section 138 of the Income-tax Act, any information with the Income-tax Department would be ordinarily held confidential, but can be made public, if in the judgment of the Commissioner of Income-tax, it serves public purpose.

Under section 10A of the Representation of the People Act, 1951, for failure to lodge the account of election expenses as per the requirement of law, the defaulting candidate may be disqualified by the Election Commission for three years from the date of the order of disqualification.

Section 29C of the Representation of the People Act, 1951, provides that each political party shall submit report to the Election Commission (before filing its income-tax return) regarding all contributions in excess of 20000/- rupees received by it in a financial year and failure to submit this report will deprive them of the tax benefit. Further, the candidates are required to file affidavit along with their nomination papers giving the annual income of the candidate and filing of false affidavit attract punishment for furnishing wrong information.

The RTI Act was enacted to provide for an effective framework for effectuating the......................................................................................................................

Read full release at http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/ministry-of-personnel-public-grievances.html

Monday, August 5, 2013

Durga Nagpal Case : why only politicians? if sycophant I.A.S. are not equally responsible

read details at http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/punish-ias-officers-of-uttar-pradesh.html

mail as sent by me to punish sycophant I.A.S. of Uttar Pradesh

Inbox

urvashi sharma

<rtimahilamanchup@gmail.com> Mon, Aug 5, 2013 at 11:46 PM
To: presidentofindia@rb.nic.in, supremecourt@nic.in, "Hon'ble Prime Miister of India Dr. Man Mohan Singh" <pmosb@pmo.nic.in>, hgovup <hgovup@up.nic.in>, hgovup <hgovup@nic.in>, cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>, ministery <mos-pp@nic.in>, "5 DoPT (SECRETARY)" <secy_mop@nic.in>, csup <csup@up.nic.in>

By e-mail
To,
1- Sri Pranav Mukharjee,The President of India,New Delhi
<presidentofindia@rb.nic.in>,

2- Hon'ble Mr. Justice P. Sathasivam
Hon'ble The Chief Justice of Supreme Court of India
Through The Registrar, Hon'ble The Supreme Court of India
Tilak Marg, New Delhi-110 001 (India)
e-mail at : supremecourt@nic.in

3- Dr. Manmohan Singh,The Prime Minister of India,New Delhi "Hon'ble
Prime Miister of India Dr. Man Mohan Singh" <pmosb@pmo.nic.in>,

4- Sri B. L. Joshi
Governor-Uttar Pradesh
Uttar Pradesh Government,Lucknow-226001
"hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,

5- Sri Akhilesh Yadav
Chief Minister of Uttar Pradesh
Uttar Pradesh Government,Lucknow-226001
"cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,

6- Sri V. Narayanasamy,
Hon'ble Minister,Department of Personnel & Training,
Government of India New Delhi mos-pp@nic.in

7-Dr. Syamal Kumar Sarkar
Secretary Department of Personnel & Training,
Government of India,New Delhi
secy_mop@nic.in

8- Sri Javed Usmani
Chief Secretary of Uttar Pradesh
Uttar Pradesh Government,Lucknow-226001
"csup" <csup@up.nic.in>,

Sub.: Punish I.A.S. officers of Uttar Pradesh who are responsible for
committing the unconstitutional act of issuing suspension order &
initiating major penalty proceedings against the young lady IAS
officer Mrs. Durga Shakti Nagpal

Sir,
This refers to ill treatment of Mrs. Durga Shakti Nagpal by the
bureaucrats of Uttar Pradesh. The I.A.S. officer who signed the
suspension order at around midnight in full knowledge of the fact that
what he was doing was in contravention of the civil service statute.

Similarly, the I.A.S. officer who has issued the letter informing
DOPT about initiation of major penalty proceedings against Mrs. Durga
Shakti Nagpal is guilty of an unlawful act in utter contravention of
the civil service statute.

I criticize such type of sycophant IAS officers with a deep feeling
of sorrow, because they lack the right decision making capacity and
are a Burdon on state exchequer. Such officers should be sacked from
services for their wrongdoings.

We should not forget the upright IAS officers such as Sri Mahmood
Butt who was known for his integrity and had courage to go against
then Prime minister Mrs. Indira Gandhi.

Punish all those I.A.S. officers of Uttar Pradesh who are directly or
indirectly responsible for committing the unconstitutional act of
issuing suspension order & initiating major penalty proceedings
against the young lady IAS officer Mrs. Durga Shakti Nagpal.

Actions of these I.A.S. officers of Uttar Pradesh are nothing but a
constitutional breakdown. And through this letter of mine,I am
requesting the President of India. Sri Pranab Mukherjee and Chief
Justice of Hon'ble Supreme Court of India also to intervene and take
necessary measures to punish the culprits and restore faith of citizen
of India in our Constitution.
Regards,

Date : 05-08-2013

Yours Truly

Urvashi Sharma
Social Activist
Secretary- Yaishwaryaj Seva Sansthaan
F-2286,Rajajipuram,Lucknow-226017
Mobile – 9369613513 e-mail rtimahilamanchup@gmail.com

TOI : Rs 94-cr sport facility at Saifai almost idle

LUCKNOW: How serious Uttar Pradesh government is about promoting sports by building appropriate infrastructure in the state could be gauged from the fact that the government had spent Rs 94.42 crore in Saifai - the native place of Samajwadi Party supremoMulayam Singh Yadav - on sports facilities of international standard. This is nearly the half the amount allotted to sports in this year's Union budget (Rs 250 crore to set up the National Institute of Sports Coaching at Patiala over a period of three years) and almost 53.35% of UP's sports budget of Rs 176.95 crore.

Despite lavish allocation, the international sports complex at Saifai has not hosted a single international sporting event. The major sports events held in the complex were the 38{+t}{+h} National Women's sports competition Group-4 (Kabaddi, Kho-kho & Volleyball) held from November 20 to 23, 2011; the 58{+t}{+h} National School Athletics and Wrestling Championship held from January 29 to February 2, 2013 and an invitational hockey tournament held in March. The revenue earned by the sports complex (as in 2012-13) is Rs 6,125 only. The total funds spent on the stadium were in two regimes of the Samajwadi Party.

RTI documents available with TOI show that initially Praayojna Evam Rachna Prabhag had approved Rs 74.95 crore for the project. The break-up of the funds approved to construct various facilities in the international sports complex are: Astroturf hockey stadium (Rs 2.73 crore), synthetic running track, base & synthetic surface (Rs 4.54 crore), steps pavilion & rooms (Rs 14.3 crore), physiotherapy and library (Rs 66.12 lakh), VIP pavilion (Rs 95.47 lakh), Bank ATM, milk booth (Rs 3.65 lakh), restaurant (Rs 33.46 lakh), 80-bedded hostel (Rs 2.85 crore), play field (Rs 24.12 lakh), indoor stadium (Rs 11.8 crore), cricket stadium (Rs 12.31crore), 4 type-I housing units (Rs 12.18 lakh), 4 type-II housing units (Rs 19.23 lakh), 10 type-III housing units (Rs 63.72 lakh), 10 type-IV housing units (Rs 1.6 crore), side developmental works (Rs 7.7crore), power works (Rs 12.92 crore), sump and chainlinks (Rs 17.17 lakh), additional synthetic track for 100 metres
sprint (Rs 9.44 lakh) and plantation & landscaping (Rs 6.79 crore).

Subsequently, projects worth Rs 6.92 crore were approved (under GO number 527/42-2008-2-Nirman/2007) on March 29, 2008. This includes Rs 5.97 crore for additional work in the indoor stadium (under construction), Rs 50.45 lakh for pitch and ground of the cricket stadium and Rs 44.98 lakh. So, the amount made available for the special sports facility at Saifai, Etawah stood at Rs 81.87 crore.

RTI applicant Urvashi Sharma also sought information pertaining to..................................................................................................................................................

read more at http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/rs-94-cr-sport-facility-at-saifai.html

TOI : Rs 94-cr sport facility at Saifai almost idle

LUCKNOW: How serious Uttar Pradesh government is about promoting sports by building appropriate infrastructure in the state could be gauged from the fact that the government had spent Rs 94.42 crore in Saifai - the native place of Samajwadi Party supremoMulayam Singh Yadav - on sports facilities of international standard. This is nearly the half the amount allotted to sports in this year's Union budget (Rs 250 crore to set up the National Institute of Sports Coaching at Patiala over a period of three years) and almost 53.35% of UP's sports budget of Rs 176.95 crore.

Despite lavish allocation, the international sports complex at Saifai has not hosted a single international sporting event. The major sports events held in the complex were the 38{+t}{+h} National Women's sports competition Group-4 (Kabaddi, Kho-kho & Volleyball) held from November 20 to 23, 2011; the 58{+t}{+h} National School Athletics and Wrestling Championship held from January 29 to February 2, 2013 and an invitational hockey tournament held in March. The revenue earned by the sports complex (as in 2012-13) is Rs 6,125 only. The total funds spent on the stadium were in two regimes of the Samajwadi Party.

RTI documents available with TOI show that initially Praayojna Evam Rachna Prabhag had approved Rs 74.95 crore for the project. The break-up of the funds approved to construct various facilities in the international sports complex are: Astroturf hockey stadium (Rs 2.73 crore), synthetic running track, base & synthetic surface (Rs 4.54 crore), steps pavilion & rooms (Rs 14.3 crore), physiotherapy and library (Rs 66.12 lakh), VIP pavilion (Rs 95.47 lakh), Bank ATM, milk booth (Rs 3.65 lakh), restaurant (Rs 33.46 lakh), 80-bedded hostel (Rs 2.85 crore), play field (Rs 24.12 lakh), indoor stadium (Rs 11.8 crore), cricket stadium (Rs 12.31crore), 4 type-I housing units (Rs 12.18 lakh), 4 type-II housing units (Rs 19.23 lakh), 10 type-III housing units (Rs 63.72 lakh), 10 type-IV housing units (Rs 1.6 crore), side developmental works (Rs 7.7crore), power works (Rs 12.92 crore), sump and chainlinks (Rs 17.17 lakh), additional synthetic track for 100 metres
sprint (Rs 9.44 lakh) and plantation & landscaping (Rs 6.79 crore).

Subsequently, projects worth Rs 6.92 crore were approved (under GO number 527/42-2008-2-Nirman/2007) on March 29, 2008. This includes Rs 5.97 crore for additional work in the indoor stadium (under construction), Rs 50.45 lakh for pitch and ground of the cricket stadium and Rs 44.98 lakh. So, the amount made available for the special sports facility at Saifai, Etawah stood at Rs 81.87 crore.

RTI applicant Urvashi Sharma also sought information pertaining to..................................................................................................................................................

read more at

Sunday, August 4, 2013

After year-long wait, process to fill vacant SIC posts takes off

Hindustan times Lucknow print edition page 2 date published 04-08-13

LUCKNOW: Uttar Pradesh government has begun the process of filling eight posts of information commissioners in the UP State Information Commission (UPSIC), which had been lying vacant for the past one year.

The government is likely to issue fresh advertisements for the
appointment of the commissioners soon.

Chief secretary Jawed Usmani has already written to the chief minister for final approval, according to the reply to an RTI query. Sources said after the CM's go-ahead, over a hundred applications that were directly received for the posts from various quarters might stand null and void.

"The chief secretary has already sent the proposal for a fresh process of appointment of commissioners. We are waiting for the CM's response," Bhavesh Ranjan, under secretary, UP government, said in reply to an RTI query by Lucknow-based activist Urvashi Sharma.

Unlike previous norm of filling the vacancies by inviting applications, the government plans to publish an advertisement three months in advance for the purpose.

"The applicants should .....................................................................

read full HT news at given link http://social-reformist.blogspot.in/2013/08/after-year-long-wait-process-to-fill.html

and be ready to apply.

regards,

urvashi