Thursday, November 23, 2017

OMG! गुलामी के प्रतीक 'ब्रिटिश क्राउन' को आजाद भारत के 'राष्ट्रीय चिन्ह' से पूरी तरह बदलने में लगा दिए 25 साल l समान दर्जा प्राप्त हैं 'जन गण मन' और 'वंदे मातरम' l - आरटीआई गर्ल ऐश्वर्या पाराशर की आरटीआई ने किया खुलासा l


लखनऊ/23 नवंबर 2017
हम सभी जानते हैं कि भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया l भारत की आजादी से पहले सभी सरकारी कामकाजों में ब्रिटिश क्राउन का इस्तेमाल राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में किया जाता था l ठीक उसी तरह जिस तरह आज हर सरकारी कामकाज में आजाद भारत के राष्ट्रीय चिन्ह सत्यमेव जयते लिखी हुई अशोक की लाट का प्रयोग किया जाता है जिसे भारत का राज्य  संप्रतीक कहा जाता है पर यदि आपको बताया जाए  कि असंख्य बलिदानों के बाद पाई गई आजादी के बाद भी गुलामी के प्रतीक ब्रिटिश क्राउन को भारत के वर्तमान राष्ट्रीय चिन्ह से पूरी तरह से प्रतिस्थापित करने के लिए भारत सरकार ने 25 साल लगा दिए थे तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे ? शायद नहीं पर अब यूपी की राजधानी लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल की राजाजीपुरम शाखा की कक्षा 11 की  15 वर्षीय छात्रा और देशभर में आरटीआई गर्ल के नाम से जानी जाने वाली ऐश्वर्या पाराशर की एक आरटीआई अर्जी पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के बाद आपको इस कड़वी सच्चाई पर यकीन करना ही पड़ेगा l 

To download original RTI & its reply, please click this weblink

आरटीआई गर्ल ऐश्वर्या पाराशर ने बीते 4 अगस्त को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में एक आरटीआई दायर करके  भारत के राष्ट्रीय प्रतीक को घोषित करने की फाइल के रिकॉर्ड की नोटशीट सहित सत्यापित कॉपियां मांगी थीऐश्वर्या की आरटीआई  के जवाब में गृह मंत्रालय के  पब्लिक अनुभाग के उपसचिव स्थापना एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी वी के राजन ने ऐश्वर्या को पत्र लिखकर बताया है कि आजाद भारत के राज्य संप्रतीक को वर्ष 1947 में अंगीकृत किया गया था और इसके पश्चात आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते को वर्ष 1947 में भारत के राज्य संप्रतीक  के एक अभिन्न भाग के रूप में समाहित किया गया था l राजन ने ऐश्वर्या को यह भी बताया है क़ि  क्राउन को एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए 26 जनवरी 1950 को भारत के राज्य संप्रतीक के रूप में प्रतिस्थापित किया गया था l

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने ऐश्वर्या को प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो  की 7 नवंबर 1950 को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति और भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के 25  साल बाद  28 अक्टूबर 1972 को जारी किये गए एक आदेश की छायाप्रति देते हुए बताया है कि  भारत सरकार ने आजादी के बाद 12 अक्टूबर 1949 को तत्कालीन प्रदेश सरकारों को गुलामी के प्रतीक ब्रिटिश क्राउन को तत्काल भारत के राष्ट्रीय प्रतीक से बदलने के स्थान पर धीरे धीरे बिना किसी प्रचार के बदलने की  एडवाइजरी जारी की थी l

अपने विद्यालय में जिज्ञासु  प्रश्न उठाने के लिए चर्चित तेज तर्रार ऐश्वर्या सवाल उठाती हैं कि आखिर क्या कारण था कि  गुलामी के प्रतीक ब्रिटिश क्राउन को पूरी तरह हटाने के लिए भारत सरकार ने पूरे 25 साल लगा दिए और आजादी की 25 वीं वर्षगांठ तक दासता के प्रतीकों को पूरी तरह हटाने के लिए भारत सरकार ने अपना यह आदेश 28 अक्टूबर 1972 को जारी किया था l

ऐश्वर्या की इसी आरटीआई के जवाब में यह भी बताया गया है की जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में भारत की संविधान निर्मात्री सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया था और इसके साथ ही वंदे मातरम गीत को भी समान दर्जा प्रदान किया गया था और इससे संबंधित संविधान सभा की बैठक के मिनट्स के एक पेज की कॉपी भी ऐश्वर्या को दी है l


ऐश्वर्या कहती हैं कि अब वे  वह कारण भी जानना चाहेंगी  जिनकी वजह से भारत सरकार ने आजादी के बाद भी गुलामी के प्रतीकों को तत्काल हटाने के संबंध में कोई स्पष्ट सरकारी आदेश जारी नहीं किया और ब्रिटिश क्राउन की जगह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक को बदलने के लिए 7 नवंबर 1950 को प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो से  मात्र एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कराई थी l  

Tuesday, November 7, 2017

भारत का कोई राष्ट्रीय फूल नहीं l भारत सरकार की वेबसाइट पर प्रदर्शित है झूंठी सूचना ! ‘आरटीआई गर्ल’ ऐश्वर्या पाराशर की आरटीआई से हुआ खुलासा l








लखनऊ/ 7 नवंबर 2017

भारत सरकार की वेबसाइट पर राष्ट्रीय पुष्प कमल को बताया जा रहा है l पूरा भारत कमल को राष्ट्रीय पुष्प मानता  है l सामान्य ज्ञान की सभी किताबों में राष्ट्रीय पुष्प से संबंधित सबालों के सभी जबाब कमल पर जाकर खत्म होते हैं l देश-विदेश में सभी यही मानते हैं कि कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है लेकिन  यूपी की राजधानी लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल की राजाजीपुरम शाखा की कक्षा 11 की जीव विज्ञान की छात्रा और देशभर में आरटीआई गर्ल के नाम से जानी जाने वाली 15 वर्षीय ऐश्वर्या पाराशर द्वारा अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए डाली गई एक आरटीआई अर्जी पर भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन कार्यरत संस्था भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के निदेशक के कार्यालय के जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर और केंद्रीय जन सूचना अधिकारी तापस कुमार घोष द्वारा बीते 2 नवंबर को ऐश्वर्या को दिए गए उत्तर से राष्ट्रीय पुष्प के संबंध में भारत सरकार की वेबसाइट पर प्रदर्शित सूचना झूंठी साबित हो रही है l भारत सरकार की वेबसाइट पर राष्ट्रीय पुष्प कमल को बताया जा रहा है जबकि इस आरटीआई उत्तर से सालों साल से चला आ रहा भ्रम दूर हो गया है और यह स्पष्ट हो गया है कि भारत का कोई भी आधिकारिक राष्ट्रीय फूल  नहीं है  l

To download original RTI & other related evidences, please click this weblink http://upcpri.blogspot.in/2017/11/l-l.html


महज 8 साल की उम्र में आरटीआई  का प्रयोग कर  अपने स्कूल के सामने  से कूड़ाघर  हटवाकर  पब्लिक लाइब्रेरी  बनवाने जैसा  बड़ा काम  करने  की वजह से  देशभर में  आरटीआई गर्ल के नाम से मशहूर हुई  और  केंद्रीय सूचना आयोग की  कॉफी टेबल बुक में  देश के गिने चुने  आरटीआई कार्यकर्ताओं के बीच  अपनी जगह बना चुकी  ऐश्वर्या  बताती हैं  कि उन्होंने  राष्ट्रीय पुष्प के रूप में  कमल के जाने जाने की  पुष्टि करने के लिए  यह  आरटीआई  बीते 17 अगस्त को  डाली थी  जिसके जवाब में  अब उन्हें बताया गया है  की  भारत का कोई राष्ट्रीय फूल नहीं है l 


ऐश्वर्या ने बताया  कि अब वे  अपने प्रधानपंत्री  अंकल को  पत्र लिखकर अनुरोध करेंगी कि वे या तो कमल को  राष्ट्रीय पुष्प घोषित करने का आधिकारिक आदेश जारी करा दें  या भारत सरकार की वेबसाइट पर राष्ट्रीय पुष्प के रूप में कमल को दिखाने वाली सूचना को  तत्काल हटवाकर मिनिस्ट्री ऑफ एचआरडी को निर्देशित कर  राष्ट्रीय पुष्प के संबंध में चले आ रहे हैं  भ्रम को दूर करने के लिए  शासनादेश जारी कर  सामान्य ज्ञान  में लंबे समय से चली आ रही त्रुटि को  संशोधित किया जाए l