लखनऊ/23 नवंबर 2017
हम सभी जानते हैं कि भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद
हुआ और 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया l भारत की आजादी से पहले सभी
सरकारी कामकाजों में ब्रिटिश क्राउन का इस्तेमाल राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में किया जाता
था l ठीक उसी तरह जिस तरह आज हर सरकारी कामकाज में आजाद भारत के राष्ट्रीय चिन्ह सत्यमेव
जयते लिखी हुई अशोक की लाट का प्रयोग किया जाता है जिसे भारत का राज्य संप्रतीक कहा जाता है पर यदि आपको बताया जाए कि असंख्य बलिदानों के बाद पाई गई आजादी के बाद
भी गुलामी के प्रतीक ब्रिटिश क्राउन को भारत के वर्तमान राष्ट्रीय चिन्ह से पूरी तरह
से प्रतिस्थापित करने के लिए भारत सरकार ने 25 साल लगा दिए थे तो क्या आप इस पर यकीन
करेंगे ? शायद नहीं पर अब यूपी
की राजधानी लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल की राजाजीपुरम शाखा की कक्षा 11 की 15 वर्षीय छात्रा और देशभर में आरटीआई गर्ल के नाम
से जानी जाने वाली ऐश्वर्या पाराशर की एक आरटीआई अर्जी पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय
द्वारा दिए गए जवाब के बाद आपको इस कड़वी सच्चाई पर यकीन करना ही पड़ेगा l
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आरटीआई गर्ल ऐश्वर्या
पाराशर ने बीते
4 अगस्त को भारत
सरकार के गृह
मंत्रालय में एक
आरटीआई दायर करके भारत
के राष्ट्रीय प्रतीक
को घोषित करने
की फाइल के
रिकॉर्ड की नोटशीट
सहित सत्यापित कॉपियां
मांगी थी l ऐश्वर्या की आरटीआई के
जवाब में गृह
मंत्रालय के
पब्लिक अनुभाग के उपसचिव
स्थापना एवं केंद्रीय
जन सूचना अधिकारी
वी के राजन
ने ऐश्वर्या को
पत्र लिखकर बताया
है कि आजाद
भारत के राज्य
संप्रतीक को वर्ष
1947 में अंगीकृत किया गया
था और इसके
पश्चात आदर्श वाक्य सत्यमेव
जयते को वर्ष
1947 में भारत के
राज्य संप्रतीक के एक
अभिन्न भाग के
रूप में समाहित
किया गया था
l राजन ने ऐश्वर्या
को यह भी
बताया है क़ि क्राउन
को एक प्रेस
विज्ञप्ति के जरिए
26 जनवरी 1950 को भारत
के राज्य संप्रतीक
के रूप में
प्रतिस्थापित किया गया
था l
भारत सरकार
के गृह मंत्रालय
ने ऐश्वर्या को
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो की
7 नवंबर 1950 को जारी
की गई प्रेस
विज्ञप्ति और भारत
को अंग्रेजों से
आजादी मिलने के
25 साल
बाद 28 अक्टूबर
1972 को जारी किये
गए एक आदेश
की छायाप्रति देते
हुए बताया है
कि भारत
सरकार ने आजादी
के बाद 12 अक्टूबर
1949 को तत्कालीन प्रदेश सरकारों
को गुलामी के
प्रतीक ब्रिटिश क्राउन को
तत्काल भारत के
राष्ट्रीय प्रतीक से बदलने
के स्थान पर
धीरे धीरे बिना
किसी प्रचार के
बदलने की एडवाइजरी जारी की
थी l
अपने विद्यालय
में जिज्ञासु प्रश्न उठाने के
लिए चर्चित तेज
तर्रार ऐश्वर्या सवाल उठाती
हैं कि आखिर
क्या कारण था
कि गुलामी
के प्रतीक ब्रिटिश
क्राउन को पूरी
तरह हटाने के
लिए भारत सरकार
ने पूरे 25 साल
लगा दिए और
आजादी की 25 वीं
वर्षगांठ तक दासता
के प्रतीकों को
पूरी तरह हटाने
के लिए भारत
सरकार ने अपना
यह आदेश 28 अक्टूबर
1972 को जारी किया
था l
ऐश्वर्या की इसी
आरटीआई के जवाब
में यह भी
बताया गया है
की जन गण
मन को भारत
के राष्ट्रगान के
रूप में भारत
की संविधान निर्मात्री
सभा द्वारा 24 जनवरी
1950 को अंगीकृत किया गया
था और इसके
साथ ही वंदे
मातरम गीत को
भी समान दर्जा
प्रदान किया गया
था और इससे
संबंधित संविधान सभा की
बैठक के मिनट्स
के एक पेज
की कॉपी भी
ऐश्वर्या को दी
है l
ऐश्वर्या कहती हैं
कि अब वे वह
कारण भी जानना
चाहेंगी जिनकी
वजह से भारत
सरकार ने आजादी
के बाद भी
गुलामी के प्रतीकों
को तत्काल हटाने
के संबंध में
कोई स्पष्ट सरकारी
आदेश जारी नहीं
किया और ब्रिटिश
क्राउन की जगह
भारत के राष्ट्रीय
प्रतीक को बदलने
के लिए 7 नवंबर
1950 को प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो
से मात्र
एक प्रेस विज्ञप्ति
जारी कराई थी
l
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