Monday, December 23, 2013

Sunday, December 22, 2013

Request for CB-CID enquiry into administrative and moral irregularities of U.P. Cadre 1983 batch IAS officer Sri Sadakant : Copy to : Principal, Government G.B.Pant Polytechnic,Mohan Road,Lucknow to initiate disciplinary proceedings against Smt. Shraddha Saxena for violation of rule 27A of U.P.Government Servant Conduct Rules.

To,
Speed Post
The Chief Secretary
Uttar Pradesh Government
Lucknow,Uttar Pradesh,India-226001

Sub.: Request for CB-CID enquiry into administrative and moral
irregularities of U.P. Cadre 1983 batch IAS officer Sri Sadakant
Sir,
You must be aware that above named public servant is an accused of
selling confidential national information to earn black money and thus
committing the most heinous crime on earth i.e. corruption. There were
so strong evidences against Sri Sadakant that CBI was compelled to
include his name in the FIR. This shows criminal mindset of this
public servant.

Sri Sadakant,while holding the post of Principal Secretary of Social
Welfare Department of Uttar Pradesh committed administrative and moral
irregularities also and that too by defying all rules and regulations.

As per documents obtained under RTI,on 29-03-12,Sri Sadakant illegally
met one Smt. Shraddha Saxena, an employee of Government G.B.Pant
Polytechnic Lucknow run under Social Welfare department and illegally
received a representation (Copy enclosed) from her against rule 27A of
U.P.Government Servant Conduct Rules. I have come to know through some
RTI reply that Smt. Shraddha Saxena did not took permission from the
Principal of the said Institute and secretly met Sri Sadakant on
29-03-12. A perusal of attached official representation establishes
that this was not sent to Sri Sadakant through proper channel.Moreover
the unusual format of representation creates doubts and leaves clues
of some unusual closeness between Sri Sadakant & Smt. Shraddha Saxena
which, on the face of it appears to be more than a Principal
Secretary- employee of an institution under department relations.

Such type of favoritism that too by defying rules,to any employee by
the highest official of the rank of Principal Secretary besides being
anti-social is highly unwarranted, detrimental to governance & Society
and needs thorough investigation by CB-CID to precipitate the truth
behind Sri Sadakant's craziness to take the said representation from
Smt. Shraddha Saxena.

Please get the matter enquired by CB-CID and take action as per
enquiry report.

Attachments : As above- 01 Page
Date : 22-12-13
Copy to : Principal, Government G.B.Pant Polytechnic,Mohan
Road,Lucknow to initiate disciplinary proceedings against Smt.
Shraddha Saxena for violation of rule 27A of U.P.Government Servant
Conduct Rules.
Yours Sincerely


(Urvashi Sharma)
Social Worker & RTI Activist
F-2286,Rajajipuram,Lucknow-226017
Mobile-9369613513,email- rtimahilamanchup@gmail.com

Sadakant :A UP Cadre IAS accused of selling confidential national information to earn easy money

watch news at given link
http://youtu.be/bwh1aCAywaQ

Read open complaint to Chief Secretary of Uttar Pradesh re
administrative and moral irregularities of Sadakant

To,
Speed Post
The Chief Secretary
Uttar Pradesh Government
Lucknow,Uttar Pradesh,India-226001

Sub.: Request for CB-CID enquiry into administrative and moral
irregularities of U.P. Cadre 1983 batch IAS officer Sri Sadakant
Sir,
You must be aware that above named public servant is an accused of
selling confidential national information to earn black money and thus
committing the most heinous crime on earth i.e. corruption. There were
so strong evidences against Sri Sadakant that CBI was compelled to
include his name in the FIR. This shows criminal mindset of this
public servant.

Sri Sadakant,while holding the post of Principal Secretary of Social
Welfare Department of Uttar Pradesh committed administrative and moral
irregularities also and that too by defying all rules and regulations.

As per documents obtained under RTI,on 29-03-12,Sri Sadakant illegally
met one Smt. Shraddha Saxena, an employee of Government G.B.Pant
Polytechnic Lucknow run under Social Welfare department and illegally
received a representation (Copy enclosed) from her against rule 27A of
U.P.Government Servant Conduct Rules. I have come to know through some
RTI reply that Smt. Shraddha Saxena did not took permission from the
Principal of the said Institute and secretly met Sri Sadakant on
29-03-12. A perusal of attached official representation establishes
that this was not sent to Sri Sadakant through proper channel.Moreover
the unusual format of representation creates doubts and leaves clues
of some unusual closeness between Sri Sadakant & Smt. Shraddha Saxena
which, on the face of it appears to be more than a Principal
Secretary- employee of an institution under department relations.

Such type of favoritism that too by defying rules,to any employee by
the highest official of the rank of Principal Secretary besides being
anti-social is highly unwarranted, detrimental to governance & Society
and needs thorough investigation by CB-CID to precipitate the truth
behind Sri Sadakant's craziness to take the said representation from
Smt. Shraddha Saxena.

Please get the matter enquired by CB-CID and take action as per
enquiry report.

Attachments : As above- 01 Page
Date : 22-12-13
Copy to : Principal, Government G.B.Pant Polytechnic,Mohan
Road,Lucknow to initiate disciplinary proceedings against Smt.
Shraddha Saxena for violation of rule 27A of U.P.Government Servant
Conduct Rules.
Yours Sincerely


(Urvashi Sharma)
Social Worker & RTI Activist
F-2286,Rajajipuram,Lucknow-226017
Mobile-9369613513,email- rtimahilamanchup@gmail.com

सच्चर कमेटी की सिफारिशों के लिए कोई पहल नहीं

सच्चर कमेटी की सिफारिशों के लिए कोई पहल नहीं

http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20131222a_004163009&ileft=227&itop=939&zoomRatio=138&AN=20131222a_004163009

लखनऊ (ब्यूरो)। सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करने के लिए प्रदेश सरकार
ने अभी तक कोई पहल नहीं की है। यह बात खुद प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण
एवं वक्फ विभाग ने स्वीकार की है। राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप के बाद
विभाग ने यह सूचना आरटीआई कार्यकर्ता को दी है।

आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने साल भर पहले प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं
वक्फ विभाग से यह सूचना मांगी थी कि प्रदेश सरकार ने सच्चर कमेटी की
सिफारिशें लागू करने के लिए क्या नियम, विनियम और शासनादेश जारी किए हैं?
सभी की छाया प्रति भी उन्होंने मांगी थी। साल भर तक तो उन्हें विभाग ने
कोई सूचना नहीं दी। उर्वशी ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। इस अपील के
बाद विभाग के जनसूचना अधिकारी मनीराम ने उर्वशी शर्मा को सूचना उपलब्ध
कराते हुए बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से सच्चर कमेटी की सिफारिशों को
प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अभी तक कोई नियम, विनियम या शासनादेश
जारी नहीं किया गया है।

सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर सोयी पड़ी है यूपी की सरकार

http://www.instantkhabar.com/articles/item/12013-article.html

सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर सोयी पड़ी है यूपी की सरकार

Written by Editor
Saturday, 21 December 2013 14:42
उर्वशी शर्मा उर्वशी शर्मा

मैं कभी कभी सोचती हूँ कि सार्वजनिक जीवन में नेता बन जाने के बाद
व्यक्ति कितना बदल जाता है| वह हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि
अपने वोट ही तलाशता रहता है | बात मुसलमानों से शुरू करती हूँ| मुलायम
सिंह अपने आप को मुसलमानों का मसीहा कहते है और गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी
मस्जिद प्रकरण पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको
अपने पाले में करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब
मुस्लिम हितों को सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों
को लुभाने का प्रयास करती हैं l 18 महीने के कार्यकाल में ही अखिलेश ने
तो अपने आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद करना
ही छोड़ दिया है | मेरा मानना है कि आज मनमोहन सिंह भी अखिलेश से अधिक
स्वतंत्र निर्णय ले लेते हैं| पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी विकास के
मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने फायदे के
लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |

गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में
मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात
सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता
वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को
सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज
की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में
सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|

मैंने पिछले साल 26 नवम्बर को उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह
जानना चाहा था कि आखिर मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने
इस अहम् रिपोर्ट पर अमल कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की
मुख्यधारा में लाने के लिए क्या किया है| आपको यह जानकार आश्चर्य होगा
कि एक माह में सूचना देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे सूचना देने में एक साल से भी अधिक लगा दिया|
सूचना आयोग के दखल के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं
वक्फ अनुभाग-4 के अनु सचिव और जन सूचना अधिकारी मनी राम ने बीते 9
दिसम्बर के पत्र के माध्यम से हो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने
के साथ साथ उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल
भी उजागर करती है|

मनी राम के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सच्चर कमेटी की
संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई नियम
/विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है| मनीराम ने इस सम्बन्ध में
शून्य सूचना का होना भी लिखा है|

बड़ा सवाल है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की सात साल से ज्यादा की अवधि
में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का
झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के
लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण
है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली
इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और
शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई
भी प्रयास किया ही नहीं गया है|

मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर
बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी
आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं| मैं अखिलेश को
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही
हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|
उर्वशी शर्मा
सामाजिक कार्यकर्ता

--
- Urvashi Sharma
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

http://upcpri.blogspot.in/

सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर सोयी पड़ी है यूपी की सरकार


उर्वशी शर्मा उर्वशी शर्मा

मैं कभी कभी सोचती हूँ कि सार्वजनिक जीवन में नेता बन जाने के बाद व्यक्ति कितना  बदल जाता है| वह  हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपने वोट ही  तलाशता रहता है | बात मुसलमानों से शुरू करती हूँ| मुलायम सिंह अपने आप को मुसलमानों का मसीहा कहते है और गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को  लुभाने का प्रयास करती हैं l 18 महीने के कार्यकाल में ही अखिलेश ने तो अपने आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद करना ही छोड़ दिया है | मेरा मानना है कि  आज मनमोहन सिंह भी अखिलेश से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते हैं| पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |

गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को सौंप दीं जो 30  नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की  सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|

मैंने पिछले साल 26 नवम्बर को उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए क्या किया है|  आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम्  मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे सूचना देने में एक साल से भी अधिक लगा दिया| सूचना आयोग के दखल के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4  के अनु सचिव और जन सूचना अधिकारी मनी राम ने बीते 9 दिसम्बर के पत्र के माध्यम से हो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर करती है|

मनी राम के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है| मनीराम ने इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है|

बड़ा सवाल है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की सात साल से ज्यादा की अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के  मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली  इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई भी प्रयास  किया ही नहीं गया है|

मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं| मैं अखिलेश को सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|

उर्वशी शर्मा 

सामाजिक कार्यकर्ता

Saturday, December 7, 2013

देश के नागरिकों के लिए आरटीआई एक शाश्वत अधिकार: इं. संजय शर्मा

लखनऊ में राष्ट्रीय आरटीआई सेमिनार, आरटीआई रत्न सम्मान समारोह,  पैदल मार्च और प्रदर्शन का आयोजन

लखनऊ: आजादी के बाद के काल में देश के नागरिकों के वास्तविक सशक्तीकरण को अमली जामा पहनाने के सभी उपायों में से आरटीआई एक्ट का स्थान निःसंदेह रूप से सर्वोपरि है| कहने को तो लोकतंत्र में देश के नागरिकों को प्राप्त मताधिकार को सर्वाधिक महत्वपूर्ण नागरिक अधिकार कहा जाता रहा है किन्तु एक तो इस अधिकार का प्रयोग पांच साल में  एक बार होता है और एक बार इसके प्रयोग में गलती हो जाने के बाद नागरिकों के पास पांच साल तक पछताने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचता है जबकि इस के उलट सूचना का अधिकार नागरिकों को प्राप्त एक ऐसा शाश्वत अधिकार है जिसका प्रयोग निरंतर अनगिनत बार करके देश के  नागरिक देश की सरकारों को नागरिकों  का नौकर मात्र ही होने का एहसास कराकर प्रशासन में पारदर्शिता  लाने एवं जबाबदेही सुनिश्चित करने को वाध्य करके भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना अर्थात जनता की जनता के द्वारा जनता के लिए भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था स्थापित कर सकते हैं| इंजीनियर संजय शर्मा ने इन्ही विचारों के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी में येश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा आयोजित  सेमीनार की शुरुआत की|
आरटीआई एक्ट की प्रभावकारिता के बारे में बोलते हुए शर्मा ने कहा कि आबादी के सन्दर्भ में भारत जैसे बड़े और विविधताओं से भरे देश में एक क़ानून का सही सही आंकलन करने के लिए आठ वर्ष का समय पर्याप्त नहीं माना जा सकता है| भारत में प्रति हज़ार आबादी पर मात्र तीन व्यक्तियों अथवा  यह कह सकते हैं कि प्रति हज़ार वोटरों में से मात्र पांच वोटरों द्वारा आरटीआई एक्ट का प्रयोग किये जाने के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए शर्मा ने आरटीआई के प्रयोगकर्ताओं की संख्या में होने वाली उत्तरोत्तर वृद्धि को भारत में लोकतंत्र के सुद्रणीकरण के लिए एक शुभ संकेत बताया|  देश के 25 आरटीआई एक्टिविस्टों की हत्या पर गहरा क्षोभ प्रकट करते हुए शर्मा ने आरटीआई की आगे की राह को सुगम बनाने के लिए  केंद्र सरकार से लंबित चल रहे लोकहित प्रकटन और प्रकटन करने वाले व्यक्तियों का संरक्षण विधेयक 2010, नागरिक माल और सेवाओं का समयबद्ध परिदान और शिकायत निवारण विधेयक 2011 तथा लोकपाल विधेयक 2011 को प्राथमिकता के आधार पर इन बिलों की खामियों को दूर कर कानूनी जामा पहनाने की अपील की|  
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में सेवानिवृत न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ ने सूचना के अधिकार के प्रभावी क्रियान्वयन को प्रतिकूल प्रभावित करने और आरटीआई की भविष्य की राह को कठिन बनाने के लिए राजनैतिक हस्तक्षेप को  प्रमुख कारक बताया स इस विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए नाथ ने आरटीआई एक्ट को प्राणवायु मिलते रहना सुनिश्चित रखने के लिए सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों  को सभी प्रकार के राजनैतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखे जाने की आवश्यकता पर बल दिया| 
अपने सम्बोधन से पूर्व कमलेश्वर नाथ ने आरटीआई के प्रयोग द्वारा राष्ट्रीयएप्रादेशिक एवं व्यक्तिगत स्तर  सराहनीय कार्यों के लिए क्रमशः मुरादाबाद निवासी सलीम बेग, लखनऊ निवासी हरपाल सिंह और जालौन निवासी अवध विहारी को आरटीआई रत्न 2013 पुरस्कार देकर सम्मानित किया| 
राजनीति के शुद्धिकरण की प्रक्रिया में सतत रूप से प्रयासरत सेवानिवृत आईएएस एवं समाजसेवी एस एन शुक्ल ने बताया कि यद्यपि सूचना के अधिकार के अनुसार सूचना का दिया जाना नियम है और सूचना का न दिया जाना अपवाद मात्र तथापि लोक प्राधिकारियों द्वारा वास्तविक स्थिति इससे उलट बना दी गयी है|  लोक प्राधिकारियों के इस रवैये पर रोष प्रकट करते हुए उन्होंने अधिनियम की धारा 4 ;1 (इ) के अनुपालन की हालिया स्थिति को घोर असंतोषजनक बताया स लोकहित प्रकटन और प्रकटन करने वाले व्यक्तियों का संरक्षण विधेयक 2010 पर चर्चा करते हुए शुक्ल ने बताया कि लोकहित का प्रकटन करने बाले व्यक्तियों की शिकायतें प्राप्त करने का आतंरिक तंत्र विकसित किये बिना एवं शिकायतों की जांचें वाह्य नियामक संस्थाओं से कराये जाने  के प्रावधानों के समावेश के बिना  पास  हुआ यह कानून समुचित रूप से सशक्त नहीं होगा स शुक्ल ने लोकहित का प्रकटन करने वाले व्यक्तियों को कानून का पालन कराने बाली संस्थाओं और यदि आवश्यक हो तो मीडिया के समक्ष भी  लोकहित का प्रकटन करने के कानूनी प्राविधान को करने की आवश्यकता पर बल दिया|
आरटीआई के भविष्य को उज्जवल बताते हुए नूतन ठाकुर ने कहा कि आरटीआई एक्ट अब भारत की जनता के मजबूत हाथों में आ चुका  है और अब किसी भी सरकार के लिए पारदर्शिता के इस औजार की धार को कुंद कर पाना आसान नहीं है| डी0 डी0 शर्मा ने सूचना आयोग की कार्यप्रणाली पर  तथ्यात्मक प्रमाण प्रस्तुत करते हुए प्रश्नचिन्ह लगाये तो वही आलोक कुमार सिंह ने लोकहित को सर्वोपरि बताते हुए गम्भीर मामलों में कम लागत बाले जनमत संग्रह कराये जाने की आवश्यकता पर बल दिया स सेमिनार में अशोक गोयल ने सूचना आयुक्तों के पदों को पारदर्शी प्रक्रिया से समाज के सभी क्षेत्रों के ख्याति प्राप्त व्यक्तियों से भरे जाने और राजनैतिक दलों को आरटीआई के दायरे में रखे जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला स  
सेमिनार में भारत के विभिन्न प्रांतों से आरटीआई कार्यकर्ताओं ने अपने अपने राज्यों तथा केंद्रीय विभागों से सम्बंधित समस्याओं एवं उनके  सम्भावित समाधानों  पर चर्चा की|  
येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने उपस्थित अतिथियों को को धन्यवाद ज्ञापित करने से पूर्व घोषणा की कि संवेदनशील प्रकरणों की सूचना मांगने में अन्तर्निहित खतरों को दृष्टिगत रखते हुए उनका संगठन लखनऊ के प्रधान डाकघर में  पोस्ट बॉक्स लेने जा रहा है| उर्वशी ने बताया कि इस पोस्ट बॉक्स नंबर के पते का प्रयोग कर  भारत का कोई भी व्यक्ति सूचना मांग सकता है स पोस्ट बॉक्स में प्राप्त पत्रों को स्कैन कर वेबसाइट http://postboxrti.blogspot.in/ पर अपलोड कर दिया जायेगा जहाँ से इसे डाउनलोड कर कोई भी व्यक्ति अपनी सूचना पर अग्रिम कार्यवाही कर सकता है स उर्वशी ने बताया कि यह सुविधा निःशुल्क होगी और इसका प्रयोग कर  कोई भी व्यक्ति बिना अपना नाम सामने लाये सूचना मांग सकता है  स
सेमिनार के पश्चात आरटीआई कार्यकर्ताओं ने आरटीआई  के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग सरकार के सामने लाने के उद्देश्य से आर एस यादव के नेतृत्व में प्रेस.क्लब से हजरतगंज जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक पैदल शान्ति मार्च निकाला तथा हजरतगंज जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर मोमबत्ती  जलाकर प्रदर्शन भी किया|
खबर की श्रेणी लखनऊ
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देश के नागरिकों के लिए आरटीआई एक शाश्वत अधिकार: इं. संजय शर्मा

  • Written by 
  • Saturday, 07 December 2013 12:17

rti seminar in lucknow by yaishwaryaj

http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/08-dec-2013-edition-LUCKNOW-page_6-4744-4400-11.html

--
- Urvashi Sharma
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

http://upcpri.blogspot.in/

RTI seminar in Lucknow

http://epaper.navbharattimes.com/details/9780-7817-1.html



--
- Urvashi Sharma
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Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

http://upcpri.blogspot.in/

भ्रष्टाचार न खुल जाए, इसलिए सूचनाएं देने से कतराते हैं अफसर

भ्रष्टाचार न खुल जाए, इसलिए सूचनाएं देने से कतराते हैं अफसर

http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20131208a_004163012&ileft=-5&itop=395&zoomRatio=183&AN=20131208a_004163012

http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20131208a_004163012&ileft=-5&itop=395&zoomRatio=183&AN=20131208a_004163012
•अमर उजाला ब्यूरो

लखनऊ। आरटीआई कार्यकर्ताओं को मिलकर सूचना बैंक बनाने पर विचार करना
चाहिए। एक फोरम ऐसा बने जहां मांगी जाने वाली सूचनाओं को एकत्र किया जा
सके। विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली सूचनाएं न देने
में अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध बताया गया। सूचना के अधिकार के साथ
लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को अधिनियम की ताकत का एहसास शनिवार को
राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के जयशंकर प्रसाद सभागार में करवाया गया।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं को रखने के
साथ ही अपने अनुभवों के बारे में बताया।

भ्रष्टाचार मिटाने के मुुद्दे पर ऐश्वर्या सेवा संस्थान ने सेमिनार का
आयोजन किया था। एक्टिविस्ट प्रो. देवदत्त शर्मा, उर्वशी शर्मा, नूतन
ठाकुर व संजय शर्मा ने इसे संबोधित किया। नूतन ठाकुर ने कहा, सूचना पा
लेना ही समस्या का हल नहीं है। राज्य सूचना आयोग पर केवल सूचना दिलाने का
ही दायित्व है। दरअसल, सूचना मिलने के बाद समस्या के निदान की दिशा में
भी काम करना जरूरी है। सूचना न देने वाले विभागों पर आयोग से जुर्माना
किए जाने के बाद फाइल बंद कर दी जाती है। जबकि नियम यह है कि सूचना न
देने पर जुर्माने के बाद सूचना मिलने तक कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग में
यह काम नहीं हो रहा है। इसके खिलाफ भी लड़ना होगा।

सेमिनार में लगभग सौ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सूचना का अधिकार अधिनियम के
लिए जनजागरण पर बल दिया। सेमिनार को देवी दत्त पांडे, केके मिश्र, जगत
नरायन, अशोक भारती, कमलेश अग्रहरी, दिलीप पाठक, अशोक गोयल, हिमांशु, आलोक
कुमार ने भी संबोधित किया।

तीन कार्यकर्ताओं का सम्मान

सभी जगह से निराश होने के बाद आरटीआई को अपना हथियार बनाकर भ्रष्टाचार के
खिलाफ लड़ने वाले मुरादाबाद के सलीम बेग व हरपाल सिंह और जालौन के अवध
विहारी को सम्मानित किया गया। सलीम बेग ने कहा, सूचना पाना कठिन नहीं है
लेकिन संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। हरपाल सिंह ने कहा कि डटकर मुकाबला
करने में आरटीआई अचूक हथियार है। अवध विहारी ने कहा, गरीब पीड़ितों को
सब्र रखते हुए आरटीआई के जरिये अपना हक लेना चाहिए।

मनमानी पर लिखते रहें चिट्ठी

वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. देवदत्त शर्मा ने कहा, सूचना देने में
मनमानी करने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 17 के
अनुसार सूचना न देकर अनर्गल बातें करने वालों के खिलाफ राज्यपाल को पत्र
लिखना चाहिए। जब तक कार्रवाई न हो तब तक चिठ्ठी लिखते रहने का संकल्प सभी
को लेना चाहिए। एक न एक दिन कार्रवाई होना तय है।

--
- Urvashi Sharma
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

http://upcpri.blogspot.in/

Friday, December 6, 2013

e-invite : RTI Seminar in Lucknow on 07-12-13

Dear Friend,
Apropos to our earlier mails , you are cordially invited to honor us with
your graceful presence in 'RTI Ratna' award
function & 'National Seminar' on " Effectiveness of RTI act & the Road
Ahead" to be held at Jaishankar Prasad Sabhagaar,Rai Umanath Bali
Auditorium Complex, Quaisarbagh, Lucknow on 07-12-2013 ( Saturday )
From 11 AM to 03 PM.
We hope that you shall surely join us to help us achieve our objective
of strengthening the RTI movement in India.

Request you to attend and oblige.
Invitation card is attached .

Regards,

Yours Sincerely,
( Urvashi Sharma )


--
- Urvashi Sharma
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838
http://yaishwaryaj-seva-sansthan.hpage.co.in/

http://upcpri.blogspot.in/

e-invite : RTI Seminar in Lucknow on 07-12-13

Dear Friend,
Apropos to our earlier mails , you are cordially invited to honor us with
your graceful presence in 'RTI Ratna' award
function & 'National Seminar' on " Effectiveness of RTI act & the Road
Ahead" to be held at Jaishankar Prasad Sabhagaar,Rai Umanath Bali
Auditorium Complex, Quaisarbagh, Lucknow on 07-12-2013 ( Saturday )
From 11 AM to 03 PM.
We hope that you shall surely join us to help us achieve our objective of  strengthening the RTI movement in India.

Request you to attend and oblige.
Invitation card is attached .

Regards,

Yours Sincerely,
( Urvashi Sharma )

Thursday, December 5, 2013

प्रेस विज्ञप्ति : ‘आरटीआई रत्न’ सम्मान समारोह, राष्ट्रीय सेमीनार,पैदल मार्च एवं प्रदर्शन शनिवार को

 
आने बाले शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में देश  भर के आरटीआई कार्यकर्ता इकठ्ठा होंगे  l  मौका होगा सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की और से आयोजित किये जाने बाला आरटीआई रत्न सम्मान समारोह और राष्ट्रीय सेमीनार l
 
 
 
येश्वर्याज की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि उनका संगठन प्राप्त आवेदनों के आधार पर आरटीआई के तीन प्रयोगकर्ताओं को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित करेगा ताकि और व्यक्ति भी प्रेरित होकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आरटीआई का प्रयोग करें lउर्वशी के अनुसार इस  सम्मान समारोह का आयोजन  " आरटीआई की कारगरता एवं भविष्य की राह" विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के साथ ही लखनऊ के राय उमानाथ बाली प्रेक्षागृह के सभागार में 07-12-13 को किया जा रहा है l  कार्यक्रम में हरियाणा, दिल्ली,महाराष्ट्र,कर्नाटक समेत भारत के बिभिन्न राज्यों के आरटीआई कारकर्ता शिरकत कर विचारों को साझा कर निष्कर्ष पर पंहुचने का प्रयास करेंगे l   कार्यक्रम में  सेवानिवृत न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ अध्यक्ष के रूप में,एस0 एन 0 शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में तथा सी0 बी0 पाण्डेय गेस्ट ऑफ़ हॉनर के रूप में शिरकत करेंगे  l इंजीनियर संजय शर्मा कार्यक्रम में मुख्य वक्ता होंगे तथा डा०  नूतन ठाकुर,इजहार अंसारी , सलीम बेग, ,डा०  डी0 डी0 शर्मा,अलोक कुमार सिंह,डा०  नीरज कुमार, ,डा०  लाल बहादुर,अशोक कुमार गोयल, हरपाल सिंह, अशोक कुमार शुक्ल , राम स्वरुप यादव,ज्ञानेश पाण्डेय  समेत  उत्तर प्रदेश के मूर्धन्य आरटीआई कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे l सेमीनार के बाद आरटीआई कार्यकर्ता आरटीआई के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग के  साथ प्रेस-क्लब से हजरतगंज जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा तक :पैदल मार्च निकालेंगे एवं हजरतगंज जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर मोमबत्ती  जलाकर प्रदर्शन  भी करेंगे l सेमीनार के अंत में आरटीआई प्रयोगकर्ताओं के हितार्थ कुछ महत्वपूर्ण घोषणायें की जाएंगी l सेमीनार में कामनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की  ओर से निः शुल्क उपलब्ध करायी गयी आरटीआई मार्गदर्शिका का निः शुल्क वितरण भी किया जायेगा l