Monday, February 23, 2015

सपा कार्यकाल में भी नहीं हुआ मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दों पर कोई काम : साधक-सिद्धक बन अपने-अपने निजी हित साध रहे मुलायम-आज़म : अखिलेश सरकार का अल्पसंख्यक प्रेम महज ढोंग : सपा ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर तीन साल में नहीं की है कोई भी कार्यवाही : आरटीआई से खुलासा

सपा प्रमुख मुलायम सिंह स्वयं को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी दिखाने - बताने में कभी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते है.यही हाल यूपी की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मुस्लिम चेहरा माने जाने बाले आज़म ख़ान का भी है. रामपुर बाले वही आज़म ख़ान जो सपा प्रमुख मुलायम सिंह का शाही जश्न आयोजित कर अपने ट्रस्ट के लिए महज 9900/- में सरकार से अरवो-खर्वो की कीमत की परिसंपत्तियाँ 99 साल के लिए
रिटर्न गिफ्ट के रूप में पा लेते हैं और फिर से कोई और मँहगा रिटर्न गिफ्ट लेने के लिए अब मुलायम सिंह का मंदिर बनबाने की बात हवा में फैला देते है. बड़ा सबाल यह है सपा सरकार द्वारा एकमात्र आज़म ख़ान को तुष्ट करदेने मात्र से ही अखिलेश आख़िर किस आधार पर यह मान रहे हैं कि उनकी सरकार ने पूरी यूपी के अल्पसंख्यकों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ कर दिया है जबकि उनकी
सरकार सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अभी तक सोयी पड़ी है.

मैं तो आश्चर्यचकित हूँ कि उच्च पदों पर आसीन ये नेता सार्वजनिक जीवन में कितना सफेद झूंठ बोलते है और जाने कैसे इतना सफेद झूंठ बोल लेते हैं. जाने कैसे ये लोग हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपना व्यक्तिगत लाभ और अपने वोट ही तलाशते रहते है . जब मुसलमानों के बारे में सोचती हूँ और देखती हूँ तो पाती हूँ कि वैसे तो मुलायम सिंह अपने आप को मुसलमानों का मसीहा कहते है और
गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को लुभाने का प्रयास करती हैं. लगभग 3 साल के अपने कार्यकाल में अखिलेश ने तो अपने आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद
करना ही छोड़ दिया है. मेरा मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अखिलेश से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते थे. पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |

गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और
शैक्षिक स्थिति में सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|

मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए क्या किया है. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे सूचना देने में 2 साल से
भी अधिक लगा दिए और अब सूचना आयोग के दखल के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4 के उप सचिव और जन सूचना अधिकारी आर. एन. द्विवेदी ने बीते 11 फ़रवरी के पत्र के माध्यम से जो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर करती है.

आर. एन. द्विवेदी के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है|आर. एन. द्विवेदी ने इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है.

यह हाल उस सरकार का है जिसके सिपहसालार आज़म ख़ान अपने आपको मुसलमानों का झंडाबर्दार सिद्ध करने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल तक को भी गाहे-बजाहे ताल ठोंककर ललकारते रहते हैं पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में योजनाबद्ध सुधार लाने के लिए सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अपने महकमे से भी कोई भी कार्यवाही नही करा पाते हैं. अब आज़म ख़ान
को मुसलमानों के विकास से तो कोई सरोकार है नहीं. उनको तो मतलब है बस अपने आप से और इन तीन सालों में उन्होने अपने हित तो खूब साधे हैं. जी हाँ, मेरा मतलब है अपनी पत्नी को लोकसभा में भेजना,रामपुर में अपने ट्रस्ट की माली हालत को ठीक करना, रामपुर में अपनी राजनैतिक ज़मीन को मजबूती देने को कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना आदि आदि. और फिर उनको फ़ुर्सत ही कहाँ है सस्ती लोकप्रियता पाने और खबरों
में बने रहने के लिए बेबजह की बयानबाज़ी करने से जो वह मुसलमानों के विकास के बारे में सोचें.

बड़ा सवाल यह भी है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की आठ साल से ज्यादा की अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर
मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई भी प्रयास किया ही नहीं गया है.

मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं. मैं अखिलेश को सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|

Pls. Download RTI reply from undergiven weblink :
http://upcpri.blogspot.in/2015/02/blog-post_23.html

Urvashi Sharma
Mobile-9369613513

सपा कार्यकाल में भी नहीं हुआ मुसलमानों के जमीनी विकास के मुद्दों पर कोई काम : साधक-सिद्धक बन अपने-अपने निजी हित साध रहे मुलायम-आज़म : अखिलेश सरकार का अल्पसंख्यक प्रेम महज ढोंग : सपा ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर तीन साल में नहीं की है कोई भी कार्यवाही : आरटीआई से खुलासा

सपा प्रमुख मुलायम सिंह स्वयं को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी दिखाने -
बताने में कभी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते है.यही हाल यूपी की सत्तारूढ़
समाजवादी पार्टी में मुस्लिम चेहरा माने जाने बाले आज़म ख़ान का भी है.
रामपुर बाले वही आज़म ख़ान जो सपा प्रमुख मुलायम सिंह का शाही जश्न
आयोजित कर अपने ट्रस्ट के लिए महज 9900/- में सरकार से अरवो-खर्वो की
कीमत की परिसंपत्तियाँ 99 साल के लिए रिटर्न गिफ्ट के रूप में पा लेते
हैं और फिर से कोई और मँहगा रिटर्न गिफ्ट लेने के लिए अब मुलायम सिंह का
मंदिर बनबाने की बात हवा में फैला देते है. बड़ा सबाल यह है सपा सरकार
द्वारा एकमात्र आज़म ख़ान को तुष्ट करदेने मात्र से ही अखिलेश आख़िर
किस आधार पर यह मान रहे हैं कि उनकी सरकार ने पूरी यूपी के अल्पसंख्यकों
को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत कुछ कर दिया है जबकि उनकी
सरकार सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अभी तक सोयी पड़ी है.

मैं तो आश्चर्यचकित हूँ कि उच्च पदों पर आसीन ये नेता सार्वजनिक जीवन में
कितना सफेद झूंठ बोलते है और जाने कैसे इतना सफेद झूंठ बोल लेते हैं.
जाने कैसे ये लोग हर जगह जन सरोकार के मुद्दे नहीं बल्कि अपना व्यक्तिगत
लाभ और अपने वोट ही तलाशते रहते है . जब मुसलमानों के बारे में सोचती
हूँ और देखती हूँ तो पाती हूँ कि वैसे तो मुलायम सिंह अपने आप को
मुसलमानों का मसीहा कहते है और गाहे-बगाहे अयोध्या-बाबरी मस्जिद प्रकरण
पर भोले भाले मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उनको अपने पाले में
करने का प्रयास करते हैं तो वही मायावती हैं जो जब तब मुस्लिम हितों को
सर्वोपरि बताते हुए विशाल रैलियां करते हुए मुसलमानों को लुभाने का
प्रयास करती हैं. लगभग 3 साल के अपने कार्यकाल में अखिलेश ने तो अपने
आपको वहाँ खड़ा कर दिया है जहाँ जनता ने उनसे कोई भी उम्मीद करना ही छोड़
दिया है. मेरा मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अखिलेश
से अधिक स्वतंत्र निर्णय ले लेते थे. पर इन सबमें मुसलमानों के जमीनी
विकास के मुद्दे कही पीछे छूटते जा रहे हैं और सरकारें और विपक्ष अपने
फायदे के लिए बेबजह की बयानबाजी से आगे नहीं आ पाया है |

गौरतलब है कि 9 मार्च 2005 को भारत के प्रधानमंत्री ने भारत में
मुसलमानों के सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के आंकलन के लिए सात
सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का कथन किया था| जस्टिस सच्चर की अध्यक्षता
वाली इस समिति ने 17 नवम्बर 2006 को अपनी शिफारिशें प्रधान मंत्री को
सौंप दीं जो 30 नवम्बर 2006 को लोक सभा के पटल पर रखीं गयीं | 403 पेज
की इस रिपोर्ट में मुसलामानों की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में
सुधार की बुनियादी शिफारिशें की थीं|

मैंने उत्तर प्रदेश सरकार से आरटीआई के तहत यह जानना चाहा था कि आखिर
मुसलमानों के हितों का ढोल पीटने बाली सरकारों ने इस अहम् रिपोर्ट पर अमल
कर मुसलमानों का बुनियादी विकास कर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के
लिए क्या किया है. आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि एक माह में सूचना
देने की अनिवार्यता होने पर भी इस अहम् मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने
मुझे सूचना देने में 2 साल से भी अधिक लगा दिए और अब सूचना आयोग के दखल
के बाद उत्तर प्रदेश शासन के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग-4 के उप
सचिव और जन सूचना अधिकारी आर. एन. द्विवेदी ने बीते 11 फ़रवरी के पत्र
के माध्यम से जो सूचना दी हैं वह बेहद चौंकाने वाली होने के साथ साथ
उत्तर प्रदेश की सरकारों के कथित मुसलमान-प्रेम की ढोल की पोल भी उजागर
करती है.

आर. एन. द्विवेदी के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
सच्चर कमेटी की संस्तुतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु अभी तक कोई
नियम /विनियम/शासनादेश आदि निर्गत नहीं किया गया है|आर. एन. द्विवेदी ने
इस सम्बन्ध में शून्य सूचना का होना भी लिखा है.

यह हाल उस सरकार का है जिसके सिपहसालार आज़म ख़ान अपने आपको मुसलमानों का
झंडाबर्दार सिद्ध करने के लिए संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल तक को भी
गाहे-बजाहे ताल ठोंककर ललकारते रहते हैं पर उत्तर प्रदेश के मुसलमानों
की सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक स्थिति में योजनाबद्ध सुधार लाने के लिए
सच्चर कमेटी की शिफारिशों पर अपने महकमे से भी कोई भी कार्यवाही नही करा
पाते हैं. अब आज़म ख़ान को मुसलमानों के विकास से तो कोई सरोकार है नहीं.
उनको तो मतलब है बस अपने आप से और इन तीन सालों में उन्होने अपने हित तो
खूब साधे हैं. जी हाँ, मेरा मतलब है अपनी पत्नी को लोकसभा में
भेजना,रामपुर में अपने ट्रस्ट की माली हालत को ठीक करना, रामपुर में अपनी
राजनैतिक ज़मीन को मजबूती देने को कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना आदि आदि. और
फिर उनको फ़ुर्सत ही कहाँ है सस्ती लोकप्रियता पाने और खबरों में बने
रहने के लिए बेबजह की बयानबाज़ी करने से जो वह मुसलमानों के विकास के
बारे में सोचें.

बड़ा सवाल यह भी है कि 30 नवम्बर 2006 से अब तक की आठ साल से ज्यादा की
अवधि में मुलायम सिंह,मायावती और अखिलेश जैसे अपने आप को मुसलमानों का
झंडाबरदार कहने वाले नेता सूबे के मुखिया रहे हैं जो जब-तब मुसलमानों के
लिए लोक लुभावन घोषणाएं तो प्रायः ही करते रहे है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण
है कि प्रदेश के मुसलमानों के बुनियादी मुद्दों को सम्बोधित करने बाली
इस रिपोर्ट पर सिलसिलेवार अमल कर मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और
शैक्षिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा में लाने का कोई
भी प्रयास किया ही नहीं गया है.

मैं इस सम्बन्ध में अखिलेश से अपील करती हूँ कि वे दिखावटी वादों से हटकर
बुनियादी विकास के मुद्दों पर काम करें क्योंकि कमजोर बुनियादों पर बनी
आलीशान इमारतें भी अधिक समय तक खड़ी नहीं रह पाती हैं. मैं अखिलेश को
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को सिलसिलेवार लागू करने के लिए ज्ञापन भी दे रही
हूँ और जल्द ही इस सम्बन्ध में जन-आंदोलन भी चलाया जायेगा|




--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

Friday, February 20, 2015

I'd like to add you to my professional network on LinkedIn

 
BASAVARAJ HARAGINADONI would like to stay in touch on LinkedIn.
BASAVARAJ HARAGINADONI
OFFICER at PRAGATHI GRAMIN BANK
Harihar Area, India
I'd like to add you to my professional network on LinkedIn.
- BASAVARAJ
Confirm that you know BASAVARAJ
You received an invitation to connect. LinkedIn will use your email address to make suggestions to our members in features like People You May Know. Unsubscribe
Learn why we included this.
If you need assistance or have questions, please contact LinkedIn Customer Service.

Sunday, February 15, 2015

Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'

Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'
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Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor. Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh signatures and then meet the authorities concerned personally to press her demand.

We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.

Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block, Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.

http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html

Copy of Memo :
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001

विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.

महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह
भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है.

हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे
प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी
की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती
की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी
सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी.

मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर
नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग कर रहे हैं.

आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .

प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:

1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत

अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।

Find pictures of signature campaign at
http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html

Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.

इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.

ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.

लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .

ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.

ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .

देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.

'RTI Girl' kickstarts signature campaign for a 'Total Gomti Cleaning
Plan' : Targets 1 lakh signatures


--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

'RTI Girl' kickstarts signature campaign for a 'Total Gomti Cleaning Plan' : Targets 1 lakh signatures

'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा
के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल'
ऐश्वर्या पाराशर।

Find pictures of signature campaign at
http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html

Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना
हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक
15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के
पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के
नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या
में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.

इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को
'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के
बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की
सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण
स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती
नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से
लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.

ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल
क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक
संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग
की है.

लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की
छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ
हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी
गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च
नहीं किया है . उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा
है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश
सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के
लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .

ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक
नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है .
माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य
से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल
या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी
मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के
सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र
के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां
इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके
बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर
और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा
में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के
प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से
प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं.
सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती
में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी
सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की
सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक
रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के
पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा
किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी
कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की
खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों
के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को
अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में
आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब
तक कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से
शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर
क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी
समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के
अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के
अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.

ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ
इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के
संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी
की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य
ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार
अवश्य देंगे .

देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की
उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने
से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं
'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय
अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से देश के सामने उजागर करने
बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद
हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि
गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन
जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से
मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.




--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


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Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
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Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'

Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor.
Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh
signatures and then meet the authorities concerned personally to press
her demand.

We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help
her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.

Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you
wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block,
Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.

Copy of Memo : http://upcpri.blogspot.in/2015/02/help-rti-girl-aishwarya-parashar-in.html
सेवा में,
1-श्री राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2- श्री अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3- श्री अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001

विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य
सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के
क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की
जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को
प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.

महोदय,
मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा
मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र
की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए
उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर
प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती
में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए
आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास
विभाग से संपर्क करने को कहा है.

हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम
पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से
लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी.
दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते
हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की
तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक
नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी
जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे
सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का
रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के
किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से
सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग
900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक
कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे
और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता
आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी
प्रदूषित हैं.

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर
मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की
सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है
और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा
डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही
नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी
आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो
आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी
स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने
अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया
कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक
कि गोमती की सफाई की एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू
कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित
नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया
कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन
आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई
भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर दिखेगा और गोमती
साफ हो सकेगी.

मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार
को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी
पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी
समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग
हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन
करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें
कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी
डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की
माँग कर रहे हैं.

आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा
कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .

प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ
करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर
प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही
सुनिश्चित करने हेतु निम्नलिखित को प्रेषित:

1- श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत - 110001
2- श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री-भारत सरकार
नई दिल्ली – 110001
3- सुश्री उमा भारती
मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001
4- श्री राजनाथ सिंह
सांसद - लखनऊ एवं
गृहमंत्री - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत

अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1- ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
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Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' आरंभ करने की मांग के कक्षा 8 की छात्रा के अभियान की शुरुआत : 1 लाख हस्ताक्षर कर समर्थन जुटाएगी 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर।

Find pictures of signature campaign at http://aishwarya-parashar.blogspot.in/2015/02/rti-girl-kickstarts-signature-campaign.html

Lucknow. 15-02-15. 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग के लिए आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन
क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ किया गया जिसमें बड़ी संख्या में नागरिकों ने हिस्सेदारी कर ऐश्वर्या की मांगों का समर्थन किया.

इस मौके पर ऐश्वर्या ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव अलोक रंजन को 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच
रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू कराने की माँग करते हुए एक ज्ञापन प्रेषित किया.

ऐश्वर्या ने अपने ज्ञापन की प्रतिलिपि भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को भेजकर 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध
कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है.

लखनऊ के राजाजीपुरम की निवासी ऐश्वर्या पाराशर ने बताया वह कक्षा 8 की छात्रा है. उसके द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हाल ही में दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है . उत्तर प्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए उसे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है .

ऐश्वर्या ने बताया कि हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके
उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है. लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में
स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.
ऐश्वर्या बताती है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर उसने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं
है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ?
"मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की एक अलग
कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा. जब ऐसा होगा तभी सफाई का असर
दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी." ऐश्वर्या ने कहा.

ऐश्वर्या ने कहा कि उसके साथ साथ भारत के सजग नागरिकों ने आज से आरम्भ इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए गोमती नदी की पूर्ण सफाई के संकल्प के साथ इस अभियान की शुरुआत की है और आशा व्यक्त की कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें उसकी माँगों को अवश्य ही पूरा करेंगी और प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का उनका अधिकार अवश्य देंगे .

देश में 'आरटीआई बाली लड़की' के नाम से विख्यात ऐश्वर्या महज 8 साल की उम्र में अपनी आरटीआई से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल राजाजीपुरम शाखा के सामने से कूड़ाघर हटवाकर पब्लिक लाइब्रेरी बनबा चुकी हैं. बापू नहीं 'राष्ट्रपिता' ,हॉकी नहीं 'राष्ट्रीय खेल', 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस), 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) नहीं 'राष्ट्रीय अवकाश' जैसे कड़वे सच अपनी बिभिन्न आरटीआई से
देश के सामने उजागर करने बाली इस 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या ने बताया कि आज अभियान के आरम्भ के बाद हम यह ज्ञापन सम्बंधित अथॉरिटीज को भेज रहे हैं.ऐश्वर्या ने कहा कि गोमती सफाई के इस अभियान में उनका लक्ष्य 1 लाख हस्ताक्षर कराकर समर्थन जुटाने का है जिसके पूरा होने पर वह इन सभी अथॉरिटीज से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनको अपनी मांगों से अवगत कराएंगी.

Saturday, February 14, 2015

Invite : Signature campaign to press demands for making a Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya Parashar

Dear Friend,

Program details are as given below :

Date : 15 February 2015 Sunday

Time : 11 AM to 03 PM

Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park

Organizer : 'RTI Girl' Aishwarya Parashar (13)

Please attend this Signature campaign to press demands for making a
Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate
budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya
Parashar and strengthen Aishwarya's Social endeavor.

Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081,
9455553838 & 9369613513.
--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


Note : if you don't want to receive mails from me,kindly inform me so
that i should delete your name from my mailing list.

आमंत्रण : समग्र गोमती सफाई विशेष योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में हस्ताक्षर अभियान

प्रिय मित्र ,
कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :

दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार

समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न

स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क

आयोजक : 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष)

कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन
आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व
में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका
के सामाजिक प्रयासों को मजबूती देना चाहें.

Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081,
9455553838 & 9369613513.


--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
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101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
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Invite : Signature campaign to press demands for making a Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya Parashar

Dear Friend,

Program details are as given below :


Date : 15 February 2015 Sunday

Time : 11 AM to 03 PM

Venue : Lucknow, Near Hazratganj Main Crossing/GPO Mahatma Gandhi Park

Organizer : 'RTI Girl' Aishwarya Parashar (13)

Please attend this Signature campaign to press demands for making a Total/Comprehensive special Plan for Gomti Cleaning, making Separate budget head for Gomti cleaning etc. initiated by RTI Girl Aishwarya Parashar and strengthen Aishwarya's Social endeavor.

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आमंत्रण : समग्र गोमती सफाई विशेष योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में हस्ताक्षर अभियान

प्रिय मित्र ,
कार्यक्रम विवरण निम्नानुसार है :

दिनांक : १५ फ़रवरी २०१५ रविवार

समय : ११ बजे पूर्वाह्न से ०३ बजे अपराह्न

स्थान : लखनऊ हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास महात्मा गाँधी पार्क

आयोजक : 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष)


कृपया समग्र गोमती सफाई योजना बनाने , गोमती सफाई के लिए अलग बजट आवंटन आदि की माँग के लिए 'आरटीआई गर्ल' ऐश्वर्या पाराशर (१३ वर्ष) के नेत्रत्व में आयोजित होने बाले इस हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित होकर इस बालिका के सामाजिक प्रयासों को मजबूती देना चाहें.

Aishwarya Parashar can be contacted on Mobile Nos. 8081898081, 9455553838 & 9369613513.

Friday, February 13, 2015

छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक

http://www.instantkhabar.com/articles/item/19756-article.html

पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने
वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के
01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी
समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से
खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का
आरटीआई से खुलासा.

यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश
दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का
उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं
पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर
क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक
बंद करने बाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता
के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते
हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक
विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?

मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ
अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के
एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह
दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए
थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11
लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक सदस्य विजय कुमार यादव अपने
खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा
मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस
ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश
को कोई लाभ नही हुआ है.

मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के
संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर
मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है.
शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और

बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि
हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो
दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50
हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम
धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड
यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार
338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.

पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक
बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी
शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक
बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं
लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक
लोकतन्त्र में सामान्यतया अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी
भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.

संजय शर्मा

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip

http://www.deccanherald.com/content/459636/akhilesh-splurged-rs-106-cr.html

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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip
Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:
An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo

An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh
Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the
United States with his cabinet colleagues in 2013.

In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary
and public information officer in the state's secretariat
administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had
been spent on the visit.

While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh
was spent on food and lodging, the RTI response said.

Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh,
in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard
University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event
as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.

Khan also returned without attending the function after his alleged
mistreatment at the Logan airport.

Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability &
Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief
minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
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US trip of UP CM and 12 others cost more than crore

http://timesofindia.indiatimes.com/india/US-trip-of-UP-CM-and-12-others-cost-more-than-crore/articleshow/46232932.cms

US trip of UP CM and 12 others cost more than crore

Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST

LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on
UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had
visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk
at an annual symposium of Harvard University.

Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan,
one of the members in the delegation, was stopped for extended
questioning at Boston airport.

Secretariat administration department, UP, in response to Right to
Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of
travel and stay for 11 members was borne by state government.

Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53
lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip

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Akhilesh splurged Rs 1.06 cr on US trip

Lucknow, Feb 13, 2015, DHNS:

An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013. PTI file photo

An RTI query has revealed that Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav had splurged large amount of public money on a trip to the United States with his cabinet colleagues in 2013.

In response to a query by RTI activist Sanjay Sharma, joint secretary and public information officer in the state's secretariat administration Shailendra Kumar said a little over Rs 1.06 crore had been spent on the visit.

While Rs 52.50 lakh was spent on purchasing air tickets, Rs 53.78 lakh was spent on food and lodging, the RTI response said.

Ironically, the true purpose of the trip never fructified as Akhilesh, in the US to attend an annual event at the prestigious Harvard University with eleven of his cabinet colleagues, boycotted the event as US immigration officials mistreated one of his ministers Azam Khan.

Khan also returned without attending the function after his alleged mistreatment at the Logan airport.

Sharma, founder and chairman of TAHRIR (Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution), sharply criticized the chief minister for "wasting" tax payer's money on "useless" foreign jaunts.

छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक

http://www.instantkhabar.com/articles/item/19756-article.html

छात्रों का वज़ीफ़ा बंद करने वाले सीएम ने हॉवर्ड दौरे पर फूंके एक करोड़ रु0 से अधिक

Written by Editor Friday, 13 February 2015 12:12

पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक वजीफ़ा बंद करने वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हावर्ड यात्रा में फूँक दिए जनता के 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपये. : अखिलेश द्वारा लोहियवादी समाजवाद को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के बुनियादी सिद्धांत से खिसकाकर नेताओं के स्व-उत्थान के सिद्धांत पर लाने के ज्वलंत उदाहरण का आरटीआई से खुलासा.

यदि लोहिया आज जिंदा होते तो शायद यूपी सीएम के हावर्ड के सरकारी विदेश दौरे पर खून के आँसू रो रहे होते पर दुर्भाग्य है कि खुद को लोहिया का उत्तराधिकारी कहने बाले आज के कथित समाजवादियों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा है उल्टे वे तो इसे तर्कसंगत बताने को सारे कुतर्क गढ़ लेंगे. पर क्या पैसों की कमी का रोना रोकर दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी के सीएम
अखिलेश यादव द्वारा हावर्ड यात्रा में जनता के एक करोड़ से ज़्यादा रुपये फूँक दिए जाने को लोहिया का समाजवाद कहते हैं जहाँ समाज का वंचित वर्ग वंचित ही रहे और राजनेता अपनी एक निरर्थक विदेश यात्रा में एक करोड़ से ज़्यादा फूँक आयें ?

मैं यूपी सीएम अखिलेश यादव के उसी हावर्ड दौरे की बात कर रहा हूँ जहाँ अखिलेश अपने 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ साल 2013 में यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने गये थे पर आज़म ख़ान की तलाशी के कारण यह दौरा विवादित हो गया और अखिलेश कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे. मेरी एक आरटीआई के जबाब से यह सामने आया है कि इस दौरे पर गये 11 लोगों का खर्चा राज्य सरकार ने उठाया और एक
सदस्य विजय कुमार यादव अपने खर्चे पर अखिलेश के साथ शायद अपने निजी हित साधने यू एस ए गये थे. मेरा मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने यू एस ए गये अखिलेश समेत 12 सदस्यीय शिष्टमंडल के इस विवादित दौरे से प्रदेश को कोई लाभ नही हुआ है.

मेरी आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शैलेंद्र कुमार की ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की शाहख़र्ची की पोल खोल दी है. शैलेंद्र कुमार ने अभी अखिलेश की एक विदेश यात्रा की सूचना दी है और

बाकियों की सूचना मिलना अवशेष है. शैलेंद्र कुमार ने मुझे बताया है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी के एनुअल सिँपोसियम में भाग लेने हेतु यूएसए के दो दिवसीय दोरे में अखिलेश यादव के शिष्टमंडल की हवाई यात्रा पर 52 लाख 50 हज़ार और होटल में ठहरने आदि पर 53 लाख 78 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी. इस प्रकार अखिलेश यादव के शिष्टमंडल के हावर्ड यूनिवर्सिटी के इस दौरे पर यूपी के राजकोष
से 01 करोड़ 06 लाख 28 हज़ार 338 रुपयों की भारीभरकम धनराशि खर्ची गयी.

पैसों की कमी का रोना रोकर प्रदेश के दलित छात्रों का प्री-मेट्रिक बजीफ़ा तक बंद करने बाले यूपी की सरकार की इस मंहगी यात्रा पर की गयी शाहख़र्ची से खुद को समाजवादी कहने बाली अखिलेश सरकार की कार्यप्रणाली एक बार फिर कठघरे में है. अखिलेश यादव की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मैं लोहियवादी समाजवादी कार्यप्रणाली से असामान्य विचलन मानता हूँ जो एक लोकतन्त्र में सामान्यतया
अस्वीकार्य है और मैं इस संबंध में अपनी भावनाओं को पत्र के माध्यम से सूबे के राज्यपाल राम नाइक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत भी करा रहा हूँ.

संजय शर्मा

US trip of UP CM and 12 others cost more than crore

http://timesofindia.indiatimes.com/india/US-trip-of-UP-CM-and-12-others-cost-more-than-crore/articleshow/46232932.cms

US trip of UP CM and 12 others cost more than crore

Neha Shukla,TNN | Feb 13, 2015, 03.58 PM IST

LUCKNOW: An RTI response has revealed that Rs 1.06 crore was spent on UP chief minister Akhilesh Yadav's trip to US in 2013. Akhilesh had visited US in 2013 long with a 12-member delegation to deliver a talk at an annual symposium of Harvard University.

Though he cancelled his presentation, a day after minister Azam Khan, one of the members in the delegation, was stopped for extended questioning at Boston airport.

Secretariat administration department, UP, in response to Right to Information query to activist Sanjay Sharma has informed that cost of travel and stay for 11 members was borne by state government.

Air travel cost more than Rs 52 lakh and stay cost more than Rs 53 lakh. Total amount spent was Rs 1,06,28,338.

Monday, February 9, 2015

अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर

http://www.instantkhabar.com/lucknow/item/19673-lucknow.html

लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और
डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी
के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ
जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ
सिंह को भी भेजी गयी है.

तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर
प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012
का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय
ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों
में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.

अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे
यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत
समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार
उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ
अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल
संपत्तियों में किए हुए हैं और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे है.

संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे
अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस
अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने
की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस
अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि
भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी है.

संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से
मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से
शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.

--
-Sincerely Yours,

Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


http://upcpri.blogspot.in/


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अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर

http://www.instantkhabar.com/lucknow/item/19673-lucknow.html

अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर

Written by Editor Monday, 09 February 2015 16:52

अचल संपत्ति का विवरण न जमा करने वाले आईपीएस अधिकारियों को दंडित किया जाय: तहरीर

लखनऊ: सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने प्रदेश के राज्यपाल, सीएम, मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की माँग की है.पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी गयी है.

तहरीर के संस्थापक और अध्यक्ष इंजिनियर संजय शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 138 ने वर्ष 2012 का और 116 ने वर्ष 2013 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है. संजय ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश केडर के कार्यरत 377 आईपीएस अधिकारियों में से 320 ने वर्ष 2014 का अचल संपत्ति का विवरण जमा नही किया है.

अपनी शिकायत में संजय ने अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को निर्लज्ज करार देते हुए कहा है कि विगत समय में सूबे के पुलिस विभाग में अनेकों अनियमिततायें और भ्रष्टाचार उजागर होने के मद्देनजर ऐसी संभावनायें हैं किअवश्य ही ये उच्च पदस्थ अधिकारी किसी ना किसी रूप में भ्रष्ट गतिविधियों से कमाए धन का निवेश अचल संपत्तियों में किए हुए हैं
और इसी लिए ये अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे है.

संजय ने राज्यपाल, सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई है कि वे अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को दंडित करने और इनका अचल संपत्ति का विवरण आतिशीघ जमा कराने की कार्यवाही करायें और भारत सरकार के गृह मंत्रालय का आईपीएस अधिकारियों का नियंत्रक-विभाग होने के मद्देनजर इस पत्र की प्रतिलिपि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी
है.

संजय ने यूपी की आईपीएस असोसियेशन से अचल संपत्ति विवरण जमा करने से मुँह छुपा रहे यूपी के इन आईपीएस अधिकारियों को आने बाले 10 फ़रवरी से शुरू होने बाले आईपीएस वीक में शिरकत करने से रोकने की अपील भी की है.

खबर की श्रेणी लखनऊ Tagged under tahreer

Naming defaulter IPS ‘Shameless’, Lucknow based NGO demands to bring ‘ TOP Cops’ to books as UP cadre IPR defaulter IPS officers stand at 37% for 2012, 30% for 2013 & 85% for 2014.

http://tahririndia.blogspot.in/2015/02/terming-defaulter-ips-as-shameless.html

To,
1- The Governor of Uttar Pradesh,Uttar Pradesh Government ,
Lucknow, Uttar Pradesh,India,Pin Code-226001
"hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>, "hgovup" <hgovup@gov.in>,
2- Chief Minister of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government, Lucknow.
"cmup" <cmup@nic.in>,"cmup" <cmup@up.nic.in>,
3- Chief Secretary of Uttar Pradesh, Uttar Pradesh Government,Lucknow.
"csup" <csup@up.nic.in>,
4- Director General of Uttar Pradesh Police uppcc-up
<uppcc-up@nic.in>, uppcc <uppcc@up.nic.in>, dgp <dgp@up.nic.in>,


Letter No. : TAHRIR/05/2014-15/150208 Date : 08-02-2015


Sub.: Demand to compel defaulter IPS officers of UP cadre (37% for 2012, 30% for 2013 & 85% for 2014 ) to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.


Dear Sir/Madam,
TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution ) is a Bareilly/Lucknow based Social Organization, working at grass-root level by taking up & solving issues related to
strengthening transparency & accountability in public life and protection of Human Rights in India. While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that below-mentioned 138 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (37%) are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2012.

586

19851070

Shri Harish Chander Kashyap

24/05/1955

1985

UP
587

19901018

Shri Bijaya Kumar Maurya

10/07/1965

1990

UP
588

19911062

Dr Kiran D Jadhav

10/10/1963

1991

UP
589

19921024

Shri Amitabh Thakur

16/06/1968

1992

UP
590

19921027

Smt Neera Rawat Kumari

26/04/1966

1992

UP
591

19921052

Shri Jasvir Singh

15/01/1968

1992

UP
592

19952162

Shri Sugriv Giri

01/01/1955

1995

UP
593

19961066

Shri Vijay Singh Meena

15/01/1972

1996

UP
594

19981042

Smt Padmaja Chauhan

16/07/1973

1998

UP
595

19982205

Shri Om Prakash Sagar

16/07/1955

1998

UP
596

19982224

Shri Rajendra Prasad Chaturvedi

01/01/1955

1998

UP
597

19992131

Shri Arun Kumar Gupta

02/02/1957

1999

UP
598

19992132

Shri Navneet Kumar Rana

23/04/1956

1999

UP
599

19992133

Shri Anil Kumar Dass

05/01/1955

1999

UP
600

20002144

Shri Devi Prasad Srivastava

30/03/1958

2000

UP
601

20002145

Shri Vijay Yadav

01/05/1957

2000

UP
602

20012077

Shri S C Bajpai

15/04/1955

2001

UP
603

20012078

Shri Yogeshwar Singh

01/07/1957

2001

UP
604

20012115

Shri Anil Kumar Jain

10/07/1955

2001

UP
605

20012116

Shri Shiv Sagar Singh

01/07/1957

2001

UP
606

20012117

Shri Arun Kumar Singh

05/09/1956

2001

UP
607

20012118

Shri V K Shekhar

27/04/1957

2001

UP
608

20022268

Shri Wajeeh Ahmad

13/02/1957

2002

UP
609

20022269

Shri Ram Bahadur

11/02/1955

2002

UP
610

20022270

Shri Udai Shanker Jaiswal

24/08/1957

2002

UP
611

20022271

Shri Sharad Sachan

27/09/1959

2002

UP
612

20022272

Shri Rakesh Chandra Sahu

03/04/1958

2002

UP
613

20022273

Shri Jitendra Kumar Shahi

15/05/1957

2002

UP
614

20022274

Shri Jawahar

11/06/1958

2002

UP
615

20022275

Dr S N Bharadwaj

01/11/1955

2002

UP
616

20022276

Dr U C Srivastava

01/07/1957

2002

UP
617

20022277

Shri Dinesh Chandra

30/10/1956

2002

UP
618

20032131

Shri Anil Kumar Rai

14/11/1961

2003

UP
619

20032132

Shri Surendra Kumar Verma

18/01/1962

2003

UP
620

20032133

Shri R P S Yadav

10/07/1957

2003

UP
621

20032134

Shri Vijay Bhushan

15/04/1961

2003

UP
622

20041087

Dr K Ejilearassane

25/07/1973

2004

UP
623

20051009

Shri Ram Krishna Bhardwaj

25/09/1978

2005

UP
624

20052168

Shri Ram Bodh

13/03/1958

2005

UP
625

20052169

Shri Kavindra Pratap Singh

24/08/1962

2005

UP
626

20052170

Shri Sunil Kumar Saxena

15/12/1958

2005

UP
627

20052171

Shri Subhash Singh Baghel

15/05/1961

2005

UP
628

20052172

Shri Rakesh Shankar

08/06/1963

2005

UP
629

20052173

Shri U K Srivastava

05/07/1959

2005

UP
630

20052174

Shri S K Singh

01/01/1964

2005

UP
631

20052175

Shri Ratan Kant Pandey

10/03/1961

2005

UP
632

20052176

Shri Vikramaditya Sachan

08/08/1958

2005

UP
633

20052177

Shri Mrigendra Singh

21/05/1959

2005

UP
634

20052178

Shri Jitendra Kumar Shukla

30/06/1961

2005

UP
635

20052179

Shri Piyush Srivastava

22/04/1961

2005

UP
636

20052180

Shri Satya Bhushan Pathak

27/01/1956

2005

UP
637

20052181

Shri Dinesh Chandra Dubey

01/07/1961

2005

UP
638

20061273

Shri Akash Kulhary

14/01/1980

2006

UP
639

20062522

Shri Vinay Kumar Yadav

30/06/1962

2006

UP
640

20062523

Shri Hira Lal

04/08/1962

2006

UP
641

20062524

Shri Ram Kishore

20/10/1957

2006

UP
642

20062525

Shri Sri Kant Singh

15/01/1956

2006

UP
643

20062526

Shri Ashok Kumar-ii

30/06/1958

2006

UP
644

20062527

Shri Sanjay Kumar-i

30/11/1962

2006

UP
645

20062528

Shri Arvind Sen

13/01/1961

2006

UP
646

20062529

Shri Kailash Nath Mishra

14/08/1957

2006

UP
647

20062530

Shri Shiv Shankar Singh

11/01/1963

2006

UP
648

20062531

Shri Dinesh Pal Singh

31/01/1963

2006

UP
649

20062532

Shri O P Srivastava

01/01/1959

2006

UP
650

20062533

Shri Kripa Shankar Singh

01/11/1956

2006

UP
651

20062534

Shri Rakesh Singh

07/04/1965

2006

UP
652

20062535

Shri V P Srivastava

06/04/1960

2006

UP
653

20062536

Shri Umesh Kumar Singh

27/04/1959

2006

UP
654

20062537

Shri R P Pandey

15/08/1960

2006

UP
655

20062538

Shri Rajesh Kumar Pandey

15/06/1961

2006

UP
656

20062539

Shri Raju Babu Singh

02/04/1957

2006

UP
657

20062540

Shri Vishambhar Dayal Shukla

30/05/1959

2006

UP
658

20062541

Smt Shriparna Ganguly

29/04/1961

2006

UP
659

20062542

Shri Bali Karan Singh Yadav

07/08/1959

2006

UP
660

20062543

Smt Poonam Srivastava

28/12/1963

2006

UP
661

20062544

Shri Salik Ram

31/01/1958

2006

UP
662

20062545

Shri Ram Lal Verma

11/05/1963

2006

UP
663

20062546

Shri Anil Kumar

10/08/1963

2006

UP
664

20062547

Shri Harish Kumar

10/11/1959

2006

UP
665

20062548

Shri Hari Naryan Singh

17/02/1959

2006

UP
666

20062549

Shri Deepak Kumar Bhatt

17/09/1957

2006

UP
667

20062550

Shri Dilip Kumar

28/06/1961

2006

UP
668

20062551

Shri Lalit Kumar Singh

19/01/1959

2006

UP
669

20062552

Shri Rajesh Krishna

30/05/1964

2006

UP
670

20062553

Shri Krishna Bahadur Singh

01/02/1961

2006

UP
671

20071086

Shri Nitin Tiwari

19/03/1982

2007

UP
672

20091137

Shri Keshav Kumar Choudhary

09/01/1981

2009

UP
673

20091271

Shri Pawan Kumar

31/12/1982

2009

UP
674

20091304

Shri Anees Ahmad Ansari

19/01/1979

2009

UP
675

20101086

Shri Vaibhav Krishna

12/12/1983

2010

UP
676

20101149

Shri Kuntal Kishore

05/02/1986

2010

UP
677

20101206

Shri S A Pankaj

28/02/1980

2010

UP
678

20101267

Shri Gaurav Singh

28/09/1984

2010

UP
679

20101540

Shri K H Rathod

19/05/1979

2010

UP
680

20101552

Shri Shogun Gautam

21/08/1983

2010

UP
681

20101645

Shri Satendra Kumar

28/03/1983

2010

UP
682

20101672

Shri Shivhari Meena

21/06/1977

2010

UP
683

20111106

Shri Rahul Pandey

08/06/1986

2011

UP
684

20111108

Shri Ajay Kumar

12/03/1981

2011

UP
685

20111160

Dr Ajay Pal

26/10/1985

2011

UP
686

20111169

Shri Mohammad Imran

03/07/1982

2011

UP
687

20111172

Shri Shailesh Kumar Pandey

03/12/1980

2011

UP
688

20111201

Shri Swapnil Mamgain

04/10/1980

2011

UP
689

20111217

Smt Preeth Ganapathy

19/03/1987

2011

UP
690

20111317

Shri Dev Ranjan Verma

09/11/1979

2011

UP
691

20111472

Shri Abhishek Singh

19/10/1986

2011

UP
692

20111600

Smt Shalini

30/11/1984

2011

UP
693

20111678

Shri Hemant Kutiyal

29/12/1985

2011

UP
694

20111679

Shri D P Kumar

02/07/1982

2011

UP
695

20111698

Shri Manoj C

21/07/1986

2011

UP
696

20121109

Smt Garima Singh

14/02/1987

2012

UP
697

20121144

Shri Santosh Kumar Mishra

18/09/1981

2012

UP
698

20121180

Shri Sumer Pratap Singh

08/09/1982

2012

UP
699

20121211

Shri Sankalp Sharma

11/07/1986

2012

UP
700

20121219

Shri Ashish Tiwari

26/08/1983

2012

UP
701

20121221

Shri Vijay Dhull

20/10/1981

2012

UP
702

20121234

Shri Anshul Gupta

21/11/1983

2012

UP
703

20121292

Shri Pratap Gopendra Yadav

12/05/1982

2012

UP
704

20121329

Ms Preeti Priyadarshini

21/06/1987

2012

UP
705

20121362

Shri Sachindra Patel

18/12/1982

2012

UP
706

20121428

Shri Abhishek Yadav

05/09/1987

2012

UP
707

20121455

Ms Sujata Singh

15/03/1985

2012

UP
708

20121466

Shri Patil Salmantaj Jafertaj

19/11/1984

2012

UP
709

20121467

Shri Ghule Sushil Chandrabhan

02/05/1990

2012

UP
710

20121486

Dr Vipin Tada

22/01/1984

2012

UP
711

20121549

Shri Somen Barma

01/11/1979

2012

UP
712

20121598

Shri Hemraj Meena

09/08/1981

2012

UP
713

20121599

Shri Yamuna Prasad

12/07/1977

2012

UP
714

99992153

Shri Rishi Narayan Sharma

15/07/1958

9999

UP
715

99992154

Shri Pratip Kumar Mishra

01/01/1959

9999

UP
716

99992155

Shri Bharat Singh

05/01/1958

9999

UP
717

99992156

Shri Ram Pratap Singh-i

10/01/1959

9999

UP
718

99992157

Shri Ganga Nath Tripathi

31/12/1961

9999

UP
719

99992158

Smt Sadhna Goswami

30/06/1961

9999

UP
720

99992159

Shri Anant Deo

30/12/1963

9999

UP
721

99992809

Shri Ashok Kumar Pandey

21/04/1961

9999

UP
722

99992810

Shri Atul Saxena

30/01/1959

9999

UP
723

99992813

Shri Shiv Prasad Upadhyay

01/12/1960

9999

UP

Similarly as per website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , below-mentioned 116 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre ( 30% )are yet to submit the Immovable Property Returns for Year 2013.

513

19781024

Shri Rizwan Ahmad

02/02/1954

1978

UP
514

19791001

Shri Ranjan Dwivedi

26/04/1956

1979

UP
515

19861072

Shri Sujanvir Singh

01/09/1961

1986

UP
516

19911062

Dr Kiran D Jadhav

10/10/1963

1991

UP
517

19921024

Shri Amitabh Thakur

16/06/1968

1992

UP
518

19921052

Shri Jasvir Singh

15/01/1968

1992

UP
519

19952162

Shri Sugriv Giri

01/01/1955

1995

UP
520

19961066

Shri Vijay Singh Meena

15/01/1972

1996

UP
521

19961076

Shri Ram Krishna Swarnakar

05/07/1973

1996

UP
522

19962139

Shri Pramod Kumar Misra

18/05/1958

1996

UP
523

19982204

Smt Beena Bhukesh

02/01/1954

1998

UP
524

19982224

Shri Rajendra Prasad Chaturvedi

01/01/1955

1998

UP
525

19992131

Shri Arun Kumar Gupta

02/02/1957

1999

UP
526

19992132

Shri Navneet Kumar Rana

23/04/1956

1999

UP
527

19992133

Shri Anil Kumar Dass

05/01/1955

1999

UP
528

20002120

Shri Suresh Chandra Pandey

29/01/1954

2000

UP
529

20002126

Shri Rajendra Singh

05/01/1954

2000

UP
530

20002144

Shri Devi Prasad Srivastava

30/03/1958

2000

UP
531

20002145

Shri Vijay Yadav

01/05/1957

2000

UP
532

20012075

Shri R K Srivastava

05/08/1957

2001

UP
533

20012078

Shri Yogeshwar Singh

01/07/1957

2001

UP
534

20012115

Shri Anil Kumar Jain

10/07/1955

2001

UP
535

20012116

Shri Shiv Sagar Singh

01/07/1957

2001

UP
536

20012117

Shri Arun Kumar Singh

05/09/1956

2001

UP
537

20012118

Shri V K Shekhar

27/04/1957

2001

UP
538

20022268

Shri Wajeeh Ahmad

13/02/1957

2002

UP
539

20022269

Shri Ram Bahadur

11/02/1955

2002

UP
540

20022270

Shri Udai Shanker Jaiswal

24/08/1957

2002

UP
541

20022271

Shri Sharad Sachan

27/09/1959

2002

UP
542

20022272

Shri Rakesh Chandra Sahu

03/04/1958

2002

UP
543

20022273

Shri Jitendra Kumar Shahi

15/05/1957

2002

UP
544

20022276

Dr U C Srivastava

01/07/1957

2002

UP
545

20022277

Shri Dinesh Chandra

30/10/1956

2002

UP
546

20032131

Shri Anil Kumar Rai

14/11/1961

2003

UP
547

20032132

Shri Surendra Kumar Verma

18/01/1962

2003

UP
548

20032133

Shri R P S Yadav

10/07/1957

2003

UP
549

20052168

Shri Ram Bodh

13/03/1958

2005

UP
550

20052169

Shri Kavindra Pratap Singh

24/08/1962

2005

UP
551

20052170

Shri Sunil Kumar Saxena

15/12/1958

2005

UP
552

20052171

Shri Subhash Singh Baghel

15/05/1961

2005

UP
553

20052172

Shri Rakesh Shankar

08/06/1963

2005

UP
554

20052173

Shri U K Srivastava

05/07/1959

2005

UP
555

20052174

Shri S K Singh

01/01/1964

2005

UP
556

20052175

Shri Ratan Kant Pandey

10/03/1961

2005

UP
557

20052176

Shri Vikramaditya Sachan

08/08/1958

2005

UP
558

20052177

Shri Mrigendra Singh

21/05/1959

2005

UP
559

20052179

Shri Piyush Srivastava

22/04/1961

2005

UP
560

20052180

Shri Satya Bhushan Pathak

27/01/1956

2005

UP
561

20052181

Shri Dinesh Chandra Dubey

01/07/1961

2005

UP
562

20061273

Shri Akash Kulhary

14/01/1980

2006

UP
563

20061377

Dr Manoj Kumar

22/09/1976

2006

UP
564

20062522

Shri Vinay Kumar Yadav

30/06/1962

2006

UP
565

20062523

Shri Hira Lal

04/08/1962

2006

UP
566

20062524

Shri Ram Kishore

20/10/1957

2006

UP
567

20062525

Shri Sri Kant Singh

15/01/1956

2006

UP
568

20062526

Shri Ashok Kumar-ii

30/06/1958

2006

UP
569

20062527

Shri Sanjay Kumar-i

30/11/1962

2006

UP
570

20062528

Shri Arvind Sen

13/01/1961

2006

UP
571

20062529

Shri Kailash Nath Mishra

14/08/1957

2006

UP
572

20062530

Shri Shiv Shankar Singh

11/01/1963

2006

UP
573

20062531

Shri Dinesh Pal Singh

31/01/1963

2006

UP
574

20062533

Shri Kripa Shankar Singh

01/11/1956

2006

UP
575

20062535

Shri V P Srivastava

06/04/1960

2006

UP
576

20062536

Shri Umesh Kumar Singh

27/04/1959

2006

UP
577

20062537

Shri R P Pandey

15/08/1960

2006

UP
578

20062538

Shri Rajesh Kumar Pandey

15/06/1961

2006

UP
579

20062539

Shri Raju Babu Singh

02/04/1957

2006

UP
580

20062540

Shri Vishambhar Dayal Shukla

30/05/1959

2006

UP
581

20062541

Smt Shriparna Ganguly

29/04/1961

2006

UP
582

20062542

Shri Bali Karan Singh Yadav

07/08/1959

2006

UP
583

20062543

Smt Poonam Srivastava

28/12/1963

2006

UP
584

20062544

Shri Salik Ram

31/01/1958

2006

UP
585

20062545

Shri Ram Lal Verma

11/05/1963

2006

UP
586

20062546

Shri Anil Kumar

10/08/1963

2006

UP
587

20062547

Shri Harish Kumar

10/11/1959

2006

UP
588

20062548

Shri Hari Naryan Singh

17/02/1959

2006

UP
589

20062551

Shri Lalit Kumar Singh

19/01/1959

2006

UP
590

20062552

Shri Rajesh Krishna

30/05/1964

2006

UP
591

20062553

Shri Krishna Bahadur Singh

01/02/1961

2006

UP
592

20081158

Dr N Kolanchi

27/07/1977

2008

UP
593

20091137

Shri Keshav Kumar Choudhary

09/01/1981

2009

UP
594

20101086

Shri Vaibhav Krishna

12/12/1983

2010

UP
595

20101206

Shri S A Pankaj

28/02/1980

2010

UP
596

20111106

Shri Rahul Pandey

08/06/1986

2011

UP
597

20111172

Shri Shailesh Kumar Pandey

03/12/1980

2011

UP
598

20111201

Shri Swapnil Mamgain

04/10/1980

2011

UP
599

20111217

Smt Preeth Ganapathy

19/03/1987

2011

UP
600

20111317

Shri Dev Ranjan Verma

09/11/1979

2011

UP
601

20111472

Shri Abhishek Singh

19/10/1986

2011

UP
602

20111670

Shri Rajesh S

17/05/1984

2011

UP
603

20111679

Shri D P Kumar

02/07/1982

2011

UP
604

20111698

Shri Manoj C

21/07/1986

2011

UP
605

20121109

Smt Garima Singh

14/02/1987

2012

UP
606

20121144

Shri Santosh Kumar Mishra

18/09/1981

2012

UP
607

20121180

Shri Sumer Pratap Singh

08/09/1982

2012

UP
608

20121211

Shri Sankalp Sharma

11/07/1986

2012

UP
609

20121219

Shri Ashish Tiwari

26/08/1983

2012

UP
610

20121221

Shri Vijay Dhull

20/10/1981

2012

UP
611

20121292

Shri Pratap Gopendra Yadav

12/05/1982

2012

UP
612

20121329

Ms Preeti Priyadarshini

21/06/1987

2012

UP
613

20121362

Shri Sachindra Patel

18/12/1982

2012

UP
614

20121428

Shri Abhishek Yadav

05/09/1987

2012

UP
615

20121455

Ms Sujata Singh

15/03/1985

2012

UP
616

20121466

Shri Patil Salmantaj Jafertaj

19/11/1984

2012

UP
617

20121467

Shri Ghule Sushil Chandrabhan

02/05/1990

2012

UP
618

20121486

Dr Vipin Tada

22/01/1984

2012

UP
619

20121549

Shri Somen Barma

01/11/1979

2012

UP
620

20121598

Shri Hemraj Meena

09/08/1981

2012

UP
621

20121599

Shri Yamuna Prasad

12/07/1977

2012

UP
622

99992154

Shri Pratip Kumar Mishra

01/01/1959

9999

UP
623

99992155

Shri Bharat Singh

05/01/1958

9999

UP
624

99992156

Shri Ram Pratap Singh-i

10/01/1959

9999

UP
625

99992159

Shri Anant Deo

30/12/1963

9999

UP
626

99992809

Shri Ashok Kumar Pandey

21/04/1961

9999

UP
627

99992810

Shri Atul Saxena

30/01/1959

9999

UP
628

99992813

Shri Shiv Prasad Upadhyay

01/12/1960

9999

UP


While visiting the website of Ministry of Home affairs http://mha1.nic.in/ipr/notipr_report.aspx , we have come to know that a whopping 320 IPS Officers out of total 377 IPS of Uttar Pradesh cadre (85%) have not yet submitted their Immovable Property Returns for Year 2014. We feel that this is something which is very serious.


Keeping in view the recent revelations of corruption in Uttar Pradesh Police department and the fact that most of the black money earned by these officials is kept in the form of immovable properties, there is dire need to compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also to punish them for their deliberate slackness in acting as per set rules and submit details of their property in time.


While condemning this shameful act of these public servants, TAHRIR is demanding you to personally look into this matter of utmost importance concerning life of each n every individual residing in Uttar Pradesh and compel these IPS officers to submit Immovable Property Returns immediately and also punish them for their deliberate slackness in submitting details of their property in time.


Copy being sent for necessary action to RAJNATH SINGH, Hon'ble HOME MINISTER, Ministry of Home Affairs, North Block,Central Secretariat,New Delhi – 110001 through HOME SECRETARY hshso@nic.in


Hope an early action in this matter of wider public interest.


Sincerely yours,

Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा
( Founder & Chairman)
Transparency, Accountability & Human Rights Initiative for Revolution
( TAHRIR )
101,Narain Tower,F Block, Rajajipuram
Lucknow,Uttar Pradesh-226017
Facebook : https://www.facebook.com/sanjay.sharma.tahrir
Website :http://tahririndia.blogspot.in/
E-mail
: tahririndia@gmail.com
Twitter Handle : @tahririndia
Mobile : 9369613513


तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और
मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता
संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के
हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l