Friday, March 31, 2017

UP: IPS के 23% और PPS के 29% खाली पदों से प्रभावित होगी योगी की कानून व्यवस्था सुधारने की मुहिम : संजय शर्मा


लखनऊ/31-03-17/ उर्वशी शर्मा   
विधान सभा निर्वाचन 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था l सूबे की जनता ने अपना भरपूर समर्थन देकर भारतीय जनता पार्टी को विगत चुनावों में अभूतपूर्व सफलता दिलाई l भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ के हाथों में सूबे की कमान देकर सूबे में कानून का राज स्थापित करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया l सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने यूपी के निवासियों को कानून का राज देने के लिए अनेकों घोषणाएं की हैं जिनमें से ‘एंटी रोमियो स्कॉड’ गठित करने को उच्च न्यायालय का समर्थन भी मिल गया है l इसी बीच यूपी की राजधानी स्थित समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता ई. संजय शर्मा ने अपनी एक आरटीआई पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा दिये गये जबाब के आधार पर यह सबाल खड़ा कर दिया है कि यूपी में IPS अधिकारियों के 23% खाली पड़े पदों और PPS अधिकारियों के 29% खाली पड़े पदों की लंगड़ी पुलिस प्रणाली के सहारे योगी यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था को आखिर कितना सुधार पायेंगे ?

बकौल संजय उन्होंने बीते 17 जनवरी को एक आरटीआई दायर की थी जिस पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक पी.सी. मीना और पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन प्रकाश डी. ने उनको इसी माह जो सूचना दी है वह वेहद चौंकाने वाली है l

पी.सी. मीना ने संजय को बताया है कि यूपी में IPS कैडर के कुल 517 पद सृजित हैं जिनमें से 400 पद भरे हैं और 117 पद खाली हैं l इन 400 पदों में से 366 पर पुरुष और 34 पर महिला अधिकारी तैनात हैं l 400 अधिकारियों में से 380 हिन्दू हैं, 10 मुसलमान हैं,05 सिख हैं और 05 ईसाई हैं l यूपी में किन्नर IPS अधिकारियों की संख्या शून्य है l विगत 10 वर्षों में यूपी कैडर के 06 IPS अधिकारी सेवाकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं l पी.सी. मीना ने संजय को यह भी बताया है कि यूपी में पिछले 10 वर्षों में मात्र 107 IPS अधिकारी ही सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किये जा सके हैं और इस आधार पर संजय का कहना है कि वर्तमान में रिक्त पड़े IPS के 117 पदों का भरना इतना आसान नहीं है l

प्रकाश डी. ने संजय को बताया है कि यूपी में PPS कैडर के कुल 1299 पद सृजित हैं जिनमें से 916 पद भरे हैं और 383 पद खाली हैं l इन 916 पदों में से 289 अपर पुलिस अधीक्षक और 627 पर पुलिस उपाधीक्षक तैनात हैं l 289 अपर पुलिस अधीक्षक में से 275 पुरुष हैं और 14 महिलाएं हैं l 289 अपर पुलिस अधीक्षक में से 276 हिन्दू हैं और 13 मुसलमान हैं l अपर पुलिस अधीक्षक पदों पर सिख,ईसाई और पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है l 627 पुलिस उपाधीक्षक में से 585 पुरुष हैं और 42 महिलाएं हैं l 627 पुलिस उपाधीक्षक में से 596 हिन्दू हैं, 25 मुसलमान हैं और 06 सिख हैं l अपर पुलिस अधीक्षक पदों पर ईसाई और पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है l यूपी में किन्नर PPS अधिकारियों की संख्या भी शून्य है l विगत 10 वर्षों में 7 अपर पुलिस अधीक्षक और 27 पुलिस उपाधीक्षक सेवाकाल में ही मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं l

समाजसेवी संजय कहते हैं कि आजादी के इतने दिनों बाद भी यूपी के पुलिस अधिकारियों में महिलाओं और अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व न होना भी एक चिंताजनक स्थिति है l बकौल संजय बीते 10 वर्षों में 6 IPS, 7 अपर पुलिस अधीक्षक और 27 पुलिस उपाधीक्षक के सेवाकाल में मरने के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पुलिस विभाग में जैसे जैसे पद छोटा होता जाता है, राजनैतिक दबाब के कारण  चिंताएं बढ़ती जातीं हैं और पुलिस कार्मिक अवसादग्रस्त होकर बीमारियों से ग्रसित होते जाते हैं l

संजय ने बताया कि उनकी निजी राय है कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे में IPS के 23% और PPS के 29% खाली पद योगी यूपी की  कानून व्यवस्था सुधारने की मुहिम के रास्ते का बड़ा रोड़ा साबित होंगे और इसीलिये वे  भारत के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यूपी पुलिस के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने,पुलिस के पदों पर समाज के सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व देने और पुलिस कार्मिकों के ऊपर से राजनैतिक दबाब हटाकर उनको अवसादग्रस्त होने से बचाने की मांग भी करने जा रहे हैं l   





Thursday, March 30, 2017

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Tuesday, March 28, 2017

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No doubt, the specs will show a usage time that is supposed to be excellent though only actual testing will reveal the true picture about how the iPhone battery functions while talking and browsing with your iPhone. Sometimes, you may find that the life of the iPhone battery is not even close to the specifications mentioned in the manual. According to experts that have checked out the Apple iPhone battery life, they found that far from giving 5.5 hours of voice, it actually only did four hours and three minutes of voice, and just three hours and eleven minutes when browsing. This is well below the stated 5.5 hours and so you need to take that into account before considering your iPhone purchase.Please Click Link Below to Read More:

Monday, March 27, 2017

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यूपी : CM योगी से की पुलिस द्वारा माँ-बहन की गालियाँ देने पर रोक की मांग l



लखनऊ/27 मार्च 2017 –
बीते कल समाजसेवियों ने राजधानी स्थित लक्ष्मण मेला मैदान धरना स्थल पर समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इकटठे होकर विगत सरकारों के कुशासन के कारण यूपी के पुलिस थानों में व्याप्त हुए भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के विरोध में धरना देकर प्रदर्शन किया और पुलिस थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार/अनियमितताओं का शीघ्र और समयबद्ध निराकरण कराने के लिए सूबे की नवगठित बीजेपी सरकार को 5 सूत्रीय सुझावात्मक मांगपत्र प्रेषित किया l

उर्वशी ने बताया कि उनकी पहली मांग है कि भारत के संविधान के भाग - 4  अनुच्छेद - 39(क) के नीति निर्देशक तत्व के अंतर्गत प्रत्येक थाने पर निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की जाए  ताकि पुलिस थानों पर बर्दी के रौब में होने वाले गैर-कानूनी कार्य रुकें । पूर्ववर्ती सपा सरकार के समय पुलिस थानों पर ऍफ़.आई.आर. लिखने में भेद-भाव और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उर्वशी ने सपा सरकार के पूरे कार्यकाल में थानों से लौटाए गये सभी पीड़ितों की FIR दर्ज किये जाने  और तत्कालीन थानाध्यक्षों के खिलाफ विभागीय और विधिक कार्यवाही किये जाने की मांग उठाई है l आगे से थानों में आने वाले पीड़ितों के हित सुरक्षित रखने के लिए उर्वशी ने FIR लिखने के लिए पुलिस थानों में प्रेषित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (2014) 2 एससीसी 1 में दिनांक 12-11-13 को पारित निर्णय और भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पत्र संख्या 15011/ 91/ 2013-SC/ST-W दिनांक 12-10-15 का पूर्ण अनुपालन करते हुए किये जाने की मांग की है l

उर्वशी  ने यूपी के अधिकाँश पुलिस कर्मियों पर शराब पीकर ड्यूटी आने का गंभीर आरोप लगाते हुए ड्यूटी पर शराब पीकर आने वाले पुलिस कार्मिकों को चिन्हित कर दण्डित करने के लिए प्रत्येक थाने पर ब्रेथ अल्कोहल एनालाइजर उपलब्ध कराकर प्रतिदिन प्रत्येक पुलिसकर्मी की ड्यूटी आते-जाते समय जांच कर रिपोर्ट दर्ज कराये जाने की मांग की है  l  

उर्वशी ने यूपी की पुलिस पर थानों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर महिला की शालीनता को अपमानित करने  की गालियां अर्थात माँ-बहन-बेटी की गालियां खुलेआम देने का आरोप लगाते हुए माँ-बहन-बेटी की गालियां खुलेआम देने वाले पुलिस कार्मिकों के खिलाफ विभागीय और विधिक कार्यवाही करने का आदेश जारी किये जाने की भी मांग की है  l

उर्वशी ने बताया कि उनको पूरी उम्मीद है कि प्रदेश की नवगठित वर्तमान सरकार उनकी इन मांगों को शीघ्रता से समयबद्ध रूप से पूरा कर उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के अपने वादे को जल्द ही पूरा करेगी l

धरना प्रदर्शन में तनवीर अहमद सिद्दीकी,हरपाल सिंह,अशोक कुमार गोयल,ज्ञानेश पाण्डेय, अधिवक्ता मनीष कुमार सिंह ,मोहम्मद अमीन,शीबू निगम,एस.एम.शमीम,अधिवक्ता रुवैद कमाल किदवई,जे.बी.सिंह  समेत अनेकों समाजसेवियों ने प्रतिभाग किया l


           

Sunday, March 26, 2017

यूपी : समाजसेवियों ने राजधानी में धरना देकर योगी से की पुलिस सुधार की मांग



लखनऊ/26 मार्च 2017 ----- आज लखनऊ के समाजसेवियों ने राजधानी स्थित लक्ष्मण मेला मैदान धरना स्थल पर समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इकटठे होकर विगत सरकारों के कुशासन के कारण यूपी के पुलिस थानों में व्याप्त हुए भ्रष्टाचार/अनियमितताओं के विरोध में धरना देकर प्रदर्शन किया और पुलिस थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार/अनियमितताओं का शीघ्र और समयबद्ध निराकरण कराने के लिए सूबे की नवगठित बीजेपी सरकार को निम्नलिखित 5 सूत्रीय सुझावात्मक मांगों को पूरा कराने के सम्बन्ध में ज्ञापन का प्रेषण किया l
1)भारत के संविधान के भाग - 4  अनुच्छेद - 39(क) के नीति निर्देशक तत्व के अंतर्गत प्रत्येक थाने पर निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की जाए  ।
2)पूर्ववर्ती सपा सरकार के समय पुलिस थानों से लौटाए गये सभी पीड़ितों की FIR दर्ज की जाए और तत्कालीन थानाध्यक्षों के खिलाफ विभागीय और विधिक कार्यवाही की जाये l
3)FIR लिखने के लिए पुलिस थानों में प्रेषित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (2014) 2 एससीसी 1 में दिनांक 12-11-13 को पारित निर्णय और भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पत्र संख्या 15011/ 91/ 2013-SC/ST-W दिनांक 12-10-15 का पूर्ण अनुपालन करते हुए किया जाए l
4) शराब पीकर ड्यूटी आने वाले पुलिस कार्मिकों को चिन्हित कर दण्डित करने के लिए प्रत्येक थाने पर ब्रेथ अल्कोहल एनालाइजर उपलब्ध कराकर प्रतिदिन प्रत्येक पुलिसकर्मी की ड्यूटी आते-जाते समय जांच कर रिपोर्ट दर्ज की जाए l  
5) थानों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर महिला की शालीनता को अपमानित करने  की गालियां अर्थात माँ-बहन-बेटी की गालियां खुलेआम देने वाले पुलिस कार्मिकों के खिलाफ विभागीय और विधिक कार्यवाही करने का आदेश जारी किया जाये l

उर्वशी ने बताया कि उनको पूरी उम्मीद है कि प्रदेश की नवगठित वर्तमान सरकार उनकी इन मांगों को शीघ्रता से समयबद्ध रूप से पूरा कर उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के अपने वादे को जल्द ही पूरा करेगी l

कार्यक्रम में तनवीर अहमद सिद्दीकी,हरपाल सिंह,अशोक कुमार गोयल,ज्ञानेश पाण्डेय, अधिवक्ता मनीष कुमार सिंह ,मोहम्मद अमीन,शीबू निगम  अधिवक्ता रुवैद कमाल किदवई समेत अनेकों समाजसेवियों ने प्रतिभाग किया l


Monday, March 20, 2017

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यूपी: IAS सदाकांत की चापलूसी काम आयेगी या अभियोजन स्वीकृति से मुश्किल होगी राह l







सदाकांत के पत्र दिनांक 16-03-17 और डीओपीटी के अंडर सेक्रेट्री राजकिशन वत्स के पत्र दिनांक 13-02-17 को डाउनलोड करने के लिए वेबलिंक को http://upcpri.blogspot.in/2017/03/ias-l_20.html क्लिक करें l

लखनऊ/20-03-17/ उर्वशी शर्मा  
लगता है बीते विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद बीते 16 मार्च को अपने मातहतों को पुरानी कार्यशैली त्यागकर सुधरने की नसीहत देने का आदेश जारी कर उसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भेजकर चापलूसी के मोड में आये यूपी के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव सदाकांत शुक्ला का यूपी का मलाईदार पद पाने का सपना महज सपना बन कर रह जाएगा और सदाकांत का यह ख्याव कभी हकीकत नहीं बन पायेगा l भारत सरकार के गृह मंत्रालय में तैनाती के दौरान लेह में रोड का कॉन्ट्रैक्ट देने में खुफिया जानकारी लीक कर भारत की सुरक्षा को दांव पर लगाकर 200 करोड़ का घोटाला करने की बजह से पूर्ववर्ती मायावती सरकार के समय यूपी बापस भेज दिये गये दागी आई.ए.एस. सदाकांत के खिलाफ सी.बी.आई. द्वारा साल 2011 में दर्ज की गई ऍफ़.आई.आर. पर अभियोजन का मामला काफी समय से गृह मंत्रालय में अटका पड़ा था जो बीते 13 फरवरी को राजधानी लखनऊ निवासी समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा के सतत प्रयासों से भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ( DOPT ) को अंतिम निर्णय के लिए प्राप्त हो गया है जहाँ यह प्रक्रियाधीन है l   

बताते चलें कि पूर्व की मनमोहन सिंह की सरकार के समय केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में तैनाती के दौरान सदाकांत ने कथित रूप से भारत की सुरक्षा को खतरे में डालकर 200 करोड़ की घूस ली थी जिस बजह से सी.बी.आई. ने सदाकांत कप दोषी पाते हुए सदाकांत के खिलाफ साल 2011 में ऍफ़.आई.आर. दर्ज की थी और सदाकांत के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी l सदाकांत के खिलाफ सीबीआई ने डीओपीटी से अभियोजन मंजूरी मांगी थी। तब डीओपीटी ने यह मामला गृह मंत्रालय भेज दिया था जहाँ यह अटका पड़ा था । संजय ने के पत्र लिखकर और आरटीआई लगाकर अब यह मामला गृह मंत्रालय से डीओपीटी भिजवा दिया है l संजय द्वारा बीते साल के नवम्बर महीने में भारत सरकार से की गई एक शिकायत के बाद डीओपीटी के अंडर सेक्रेट्री राजकिशन वत्स ने बीते 13 फरवरी को संजय को एक पत्र भेजकर इस मामले में कार्यवाही अंतिम दौर में होने की सूचना दी है l

समाजसेवी संजय ने बताया कि माया सरकार और अखिलेश सरकार ने सदाकांत के रीढ़-विहीन और भ्रष्टाचारी होने  के विशेष गुण के आधार पर साधक-सिद्धक बन अपने-अपने हित साधने को उच्च पद सौंपे जिसका प्रमाण सदाकांत द्वारा बीते 16 मार्च को जारी किया गया पत्र है जो स्वतः ही सिद्ध कर रहा है कि सदाकांत ने अखिलेश सरकार के कार्यकाल में अपने विभाग के मातहतों को भ्रष्टाचार करने की छूट दे रखी थी l

संजय ने बताया कि उन्हें अपेक्षा है कि इमानदार छवि के तेजतर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जानबूझकर मक्खी नहीं निगलेंगे और ‘भारत माता’ के साथ गद्दारी कर भ्रष्टाचार करने वाले सदाकांत को न केवल हाशिये पर रखेंगे अपितु इन्हें इनके किये की सजा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार के स्तर से आवश्यक प्रयास भी करेंगे l

केंद्र द्वारा बापस किये जाने पर सदाकांत यूपी आकर कुछ दिन हाशिये पर रहे और फिर अपने चापलूसी के गुण से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को और फिर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को साधा और इन दोनों के कार्यकाल में जमकर मलाई खाई l यूपी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद सदाकांत ने इसी चापलूसी के अस्त्र का फन्दा बनाकर 16 मार्च को अपने मातहतों को पुरानी कार्यशैली त्यागकर सुधरने की नसीहत देने का आदेश जारी कर उसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भेजकर अपनी निष्ठां अखिलेश से तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ होने का सन्देश दिया है पर इसी बीच अभियोजन स्वीकृति का मामला अंतिम दौर में पहुंचने से लग रहा है कि इस बार सदाकांत के मंसूबे सफल नहीं होंगे और सूबे में भ्रष्टाचार का सर्वनाश करने का दावा करने वाली ‘योगी’ सरकार सदाकांत को कोई तवज्जो नहीं देगी l



Wednesday, March 15, 2017

‘Holi Milan’ 2017 of Social Organization ‘YAISHWARYAJ’

सामाजिक संगठन ‘येश्वर्याज’ का होली मिलन समारोह 2017