भ्रष्टाचार न खुल जाए, इसलिए सूचनाएं देने से कतराते हैं अफसर
http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20131208a_004163012&ileft=-5&itop=395&zoomRatio=183&AN=20131208a_004163012
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•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। आरटीआई कार्यकर्ताओं को मिलकर सूचना बैंक बनाने पर विचार करना
चाहिए। एक फोरम ऐसा बने जहां मांगी जाने वाली सूचनाओं को एकत्र किया जा
सके। विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली सूचनाएं न देने
में अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध बताया गया। सूचना के अधिकार के साथ
लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को अधिनियम की ताकत का एहसास शनिवार को
राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के जयशंकर प्रसाद सभागार में करवाया गया।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं को रखने के
साथ ही अपने अनुभवों के बारे में बताया।
भ्रष्टाचार मिटाने के मुुद्दे पर ऐश्वर्या सेवा संस्थान ने सेमिनार का
आयोजन किया था। एक्टिविस्ट प्रो. देवदत्त शर्मा, उर्वशी शर्मा, नूतन
ठाकुर व संजय शर्मा ने इसे संबोधित किया। नूतन ठाकुर ने कहा, सूचना पा
लेना ही समस्या का हल नहीं है। राज्य सूचना आयोग पर केवल सूचना दिलाने का
ही दायित्व है। दरअसल, सूचना मिलने के बाद समस्या के निदान की दिशा में
भी काम करना जरूरी है। सूचना न देने वाले विभागों पर आयोग से जुर्माना
किए जाने के बाद फाइल बंद कर दी जाती है। जबकि नियम यह है कि सूचना न
देने पर जुर्माने के बाद सूचना मिलने तक कार्रवाई होनी चाहिए। आयोग में
यह काम नहीं हो रहा है। इसके खिलाफ भी लड़ना होगा।
सेमिनार में लगभग सौ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सूचना का अधिकार अधिनियम के
लिए जनजागरण पर बल दिया। सेमिनार को देवी दत्त पांडे, केके मिश्र, जगत
नरायन, अशोक भारती, कमलेश अग्रहरी, दिलीप पाठक, अशोक गोयल, हिमांशु, आलोक
कुमार ने भी संबोधित किया।
तीन कार्यकर्ताओं का सम्मान
सभी जगह से निराश होने के बाद आरटीआई को अपना हथियार बनाकर भ्रष्टाचार के
खिलाफ लड़ने वाले मुरादाबाद के सलीम बेग व हरपाल सिंह और जालौन के अवध
विहारी को सम्मानित किया गया। सलीम बेग ने कहा, सूचना पाना कठिन नहीं है
लेकिन संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। हरपाल सिंह ने कहा कि डटकर मुकाबला
करने में आरटीआई अचूक हथियार है। अवध विहारी ने कहा, गरीब पीड़ितों को
सब्र रखते हुए आरटीआई के जरिये अपना हक लेना चाहिए।
मनमानी पर लिखते रहें चिट्ठी
वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. देवदत्त शर्मा ने कहा, सूचना देने में
मनमानी करने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 17 के
अनुसार सूचना न देकर अनर्गल बातें करने वालों के खिलाफ राज्यपाल को पत्र
लिखना चाहिए। जब तक कार्रवाई न हो तब तक चिठ्ठी लिखते रहने का संकल्प सभी
को लेना चाहिए। एक न एक दिन कार्रवाई होना तय है।
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- Urvashi Sharma
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Right to Information Helpline 8081898081
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