लखनऊ/05 नवम्बर 2017
महिला सुरक्षा की बात कहते हुए उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग की महिला
कर्मचारियों को सर्दियों के मौसम में आधे घंटे पहले छुट्टी देने का निर्णय करना उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी पर भारी
पड़ गया है l सूबे की तेजतर्रार एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने जावेद उस्मानी पर सूबे की
कानून व्यवस्था को महिलाओं के लिए शाम 6 बजे ही असुरक्षित बताने और इस प्रकार मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करने का आरोप लगाया है और मामले
की शिकायत सूबे के मुखिया से कर दी है l
गौरतलब है कि मुख्य
सूचना आयुक्त के निर्देश पर आयोग के सचिव उदयवीर सिंह यादव की ओर से शनिवार को इस
बाबत आदेश भी जारी कर किया गया है जिसमें महिलाएं के अंधेरा होने से पहले ही सकुशल
अपने घर पहुंच सकने की बात कहते हुए 15 नवंबर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक आयोग में
काम करने वाली सभी महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय छोड़ने का समय छह
बजे के स्थान पर 5.30 बजे कर दिया गया है।
उर्वशी ने उस्मानी पर
खुद फायदा लेने के लिए महिलाओं का सहारा लेते हुए इस आदेश को अफसोसजनक बताया है l उर्वशी
कहती है “जब महिला कार्मिक ही नहीं होंगी तो आयोग में और काम भी कहां से हो जाएंगे
।यानी कि मतलब स्पष्ट है अब से 5:30 बजे
आयोग का कामकाज बंद यानि कि 5 दिन के कार्यकाल वाले सभी
कार्यालयों के लिए निर्धारित कार्य समय वाले यूपी सरकार के शासनादेश को भी उस्मानी
साहब ने किस खूबसूरती से महिलाओं के नाम पर किनारे कर दिया दिया और सभी आयुक्तों
को आधे घंटे पहले घर जाने का खूबसूरत मौका दे दिया ।“
इस स्थिति से क्षुब्द
उर्वशी ने कहा है “यूपी के मुख्य सचिव रह चुके और वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त
जैसे अति उच्च पद पर आसीन उस्मानी साहब से यह गुजारिश अपना उल्लू सीधा करने के लिए
बेवजह ना तो हमारे सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाए और ना ही
अपने फायदे के लिए महिलाओं को आगे कर उनके नाम पर बेजा लाभ लेने की इस तरह की
घटिया साजिशें करें।योगीराज में महिलाएं अबला नहीं रही हैं बल्कि अबला से सबला बन
रही है तो प्लीज आगे से महिलाओं के नाम पर अपने फायदे के लिए ऐसी कोई पुनरावृत्ति
नहीं।“
उर्वशी ने शिकायत की
प्रति आयोग भी भेजी है l
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