लखनऊ: क्या प्रदेश सरकार प्रदेश की औधोगिक इकाईयों द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण की घटनाओं के प्रति आँख मूंदकर बैठी है| प्रदेश की राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा मांगी गयी आरटीआई के जबाब से तो ऐसा ही प्रतीत होता है|
प्रदेश की राजधानी के सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर संजय शर्मा ने बीते मई माह में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव कार्यालय से प्रदेश सरकार द्वारा 15-03-12 से 31-05-13 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदुषण फैलाने की दोषी कंपनियों पर लगाये गए जुर्माने की कंपनीवार सूचना मांगी थी|
मुख्य सचिव कार्यालय ने शर्मा का सूचना का आवेदन प्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग को अंतरित किया| पुनः प्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग के उप सचिव और जन सूचना अधिकारी राम रेखा पाण्डेय ने संजय का सूचना का आवेदन उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को अंतरित किया|
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी और जन सूचना अधिकारी अशोक कुमार सिंह द्वारा संजय को प्रदान की गयी सूचना के अनुसार 15-03-12 से 31-05-13 तक की अवधि में उत्तर प्रदेश में मात्र दो प्रकरणों में दंड एवं जुर्माने की कार्यवाही की गयी है| अशोक कुमार सिंह द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार .................................
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