समाजसेविका और आरo टीo आईo एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा के अनुसार लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव की "चोरी" करने और "डकैती" न करने की नसीहत विभाग में भ्रष्टाचार की शुरुआत करने का एक सिद्ध प्रयास था जिसके लिए शिवपाल को तत्काल बर्खास्त कर उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना नैतिक और कानूनी लिहाज से नितांत आवश्यक है l
प्रकरण की तह तक जाने के लिए उर्वशी ने 16 अप्रैल 2013 को लोक निर्माण विभाग के मंत्री के कार्यालय से आठ बिन्दुओं पर सूचना माँगी थी l इस सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव एवं जन सूचना अधिकारी शशि कमल गोस्वामी ने अपने 13 मई के पत्र द्वारा जो सूचना दी है वह यह सिद्ध करती है कि शिवपाल का "चोरी" और "डकैती" बाला वयान पूरी तरह भ्रष्टाचार की शुरुआत करने का एक चालाकी और कुटिलता से भरा सिद्ध प्रयास था और बाद में दिया गया स्पस्टीकरण पूरी तरह असत्य था l
शशि कमल गोस्वामी के अनुसार उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीo विभाग में मेहनत करने बाले लोकसेवकों को थोडी बहुत चोरी करने के लिए अधिकृत करने के लिए , उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीo विभाग में मेहनत करने बाले लोकसेवकों को डकैती करने के लिए अधिकृत न करने के लिए , उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीo विभाग में 'चोरी' करने को परिभाषित करने बाले, उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीo विभाग में 'डकैती' करने को परिभाषित करने बाले, उत्तर प्रदेश सरकार में कोई भी शासनादेश,नियम,अधिनियम,अधिसूचना आदि नहीं हैं l
शशि कमल गोस्वामी ने आगे लिखा है कि उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीo विभाग में कार्यरत 'मेहनत' करने बाले लोकसेवकों की संख्या ,उत्तर प्रदेश के पीo डब्लूo डीoविभाग में कार्यरत "चोरी" करने बाले लोकसेवकों की संख्या,उत्तर प्रदेश के पीoडब्लूo डीo विभाग में कार्यरत 'डकैती' करने बाले लोकसेवकों की संख्या के बारे में विभाग में कोई भी सूचना नहीं है
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