लखनऊ: आठ सूचना आयुक्तों के पद खाली होने के कारण 45 हज़ार से भी अधिक लंबित वादों की बजह से परेशान सूचना मांगने बालों के लिए उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के एक निर्णय की वजह से अब और परेशान होने के लिए कमर कसनी होगी l
दरअसल बीते दिनों राज्य सूचना आयोग ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मथुरा जैसे प्रमुख जिलों में जाकर सुनवाई करने का निर्णय लिया था| तब इस निर्णय की जानकारी होने पर इन जिलों के सूचना मांगने बाले नागरिकों के साथ साथ सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी हर्ष व्यक्त किया था किन्तु सूचना आयोग के लखनऊ से बाहर जाकर सुनवाई करने के निर्णय की हकीकत कुछ और ही है, जो लखनऊ निवासी सामजिक
कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के एक आवेदन से सामने आई है l
उर्वशी ने गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी कार्यालय से सूचना माँगी थी और सूचना न मिलने पर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयॊग में अपील दायर की थी l पहले इस अपील की सुनवाई उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयॊग लखनऊ में 14-08-13 को होनी थी किन्तु आयोग के 'तुगलकी निर्णय' की बजह से उर्वशी की इस अपील की सुनवाई अब 01-08-13 को कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हाल में मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा की जायेगी l पत्रांक
S-1-2244/C/13-3314 के माध्यम से उर्वशी के नाम जारी आयॊग के नोटिस की भाषा के अनुसार उर्वशी को सूचित किया गया है कि दिनांक 01-08-13 को सुनवाई हेतु यदि वे चाहें तो गाजियाबाद के कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हाल में उपस्थित हो सकती हैं अन्यथा यह समझा जायेगा कि उनको सूचनाएं प्राप्त हो गयी हैं और वे उससे संतुष्ट हैं ,तदनुसार इस मामले को निस्तारित कर दिया जायेगा l
सूचना आयोग के इस निर्णय पर क्षोभ प्रकट करते हुए उर्वशी ने कहा कि सूचना आयोग के इस निर्णय से सूचना मांगने बाले वादी हतोत्साहित होंगे और यह .................................................
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