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सुनील कुमार ने विशेष सचिव,अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को बताया दोषी
Posted On 07 October 2015, By Dialogue India
लखनऊ : यूपी के लोकायुक्त के सम्मुख सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा द्वारा प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार के भ्रष्टाचार की शिकायत पर आइएएस अधिकारी सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब भेज दिया है l उर्वशी की इस शिकायत पर प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार ने गलती मान ली है और इसका ठीकरा समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव केदारनाथ ,समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी के सर फोड़ दिया है l सुनील कुमार ने त्रुटि सुधार के लिए पत्रावली न्याय विभाग को संदर्भित करने की बात भी कही है l
बताते चलें कि यूपी की चर्चित सोशल एक्टिविस्ट उर्वशी ने बीते 04 सितम्बर को यूपी के लोकायुक्त के समक्ष एक शिकायत प्रस्तुत करके प्रमुख सचिव समाज कल्याण सुनील कुमार पर पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था l लोकायुक्त ने बीते 08 सितम्बर को उर्वशी की इस शिकायत को सुनील कुमार को भेजते हुए सुनील कुमार का जबाब माँगा था l बीते 17 सितम्बर को सुनील कुमार ने लोकायुक्त को जबाब भेज दिया है l बीते 23 सितम्बर को लोकायुक्त कार्यालय के उप सचिव अरविन्द कुमार सिंघल ने उर्वशी को सुनील कुमार का जबाब भेजते हुए उर्वशी को अपना प्रत्युत्तर देने के लिए कहा है l
उर्वशी ने बताया कि सुनील कुमार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक के कार्मिक पवन मिश्रा का विनियमितिकरण न्यायालयों के आदेशों के विरुद्ध कर दिया है और इस गलती के लिए समाज कल्याण अनुभाग-1 के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को चेतावनी निर्गत करते हुए अनुभाग अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया है और गलती के सुधार के लिए पत्रावली को न्याय विभाग को संदर्भित भी कर दिया है l
उर्वशी ने बताया कि पवन कुमार मिश्रा ने अवध इंडस्ट्रीज लखनऊ का दो साल सात महीने का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया था, जो फर्जी पाया गया है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पवन कुमार मिश्र को नियमित किए जाने पर उर्वशी ने सारे तथ्यों के साथ इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी। इस संबंध में प्रमुख सचिव ने जवाब दिया है कि मुख्य सचिव ने शिकायत उन्हें भेजी थी और उन्होंने मार्क कर उसे विशेष सचिव केदारनाथ को भेज दिया था, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस मुद्दे पर 16 सितंबर को विशेष सचिव केदारनाथ से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा है।
समाज कल्याण की 265 संस्थाओं के बोर्ड गठन के आदेश के सम्बन्ध में भी उर्वशी की शिकायत सही पायी गयी है और सुनील कुमार ने बोर्ड गठन के त्रुटिपूर्ण आदेश को भी फिलहाल स्थगित कर दिया है l
उर्वशी ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा इन मुद्दों पर विभाग की गलती मान लिए जाने के मद्देनज़र अब वे लोकायुक्त को जबाब भेजकर पवन कुमार मिश्रा और अश्विनी कुमार की अवैध नियुक्तियों को समाप्त करते हुए पालीटेक्निक मेस घोटाले की मास्टरमाइंड प्रवक्ता अंगरेजी श्रद्धा सक्सेना को तत्काल निलंबित करके श्रद्धा को दण्डित कराने की मांग करेंगी l
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