लखनऊ / 21 जून 2018...........
भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गाँधी को भारत का राष्ट्रपिता कहा और माना जाता है l भारत के इतिहास में अनेकों महान महिलाओं के नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज हैं लेकिन अभी तक भारत की कोई भी महिला देश की राष्ट्रमाता का दर्जा नहीं पा सकी है l और तो और, जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम ऍफ़ ब्लाक स्थित सेंट एंजनीज पब्लिक स्कूल की कक्षा 2 के साढ़े 6 वर्षीय छात्र यश राज पाराशर ने भारत सरकार को एक आरटीआई अर्जी देकर भारत की राष्ट्रमाता का नाम पूंछा तो सरकार ने इस सम्बन्ध में कोई भी जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए हैं l
दरअसल यश ने बीते 13 मई को भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय को RTI अर्जी भेजी थी l प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव एवं केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीन कुमार ने मामला गृह मंत्रालय से सम्बंधित बताते हुए यश की अर्जी को बीती 23 मई को गृह मंत्रालय के नोडल आरटीआई अधिकारी को ट्रान्सफर कर दिया था l भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निदेशक ( प्रशासनिक ) तथा केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ए. के. दयोरी ने बीते 11 जून को पत्र जारी कर यश को जो सूचना दी है उससे साफ हो गया है कि भारत की कोई राष्ट्रमाता नहीं हैं l
दयोरी ने यश को बताया है कि राष्ट्रमाता के नाम से सम्बंधित सूचना गृह मंत्रालय से सम्बंधित नहीं है और यह भी कि गृह मंत्रालय को यह भी नहीं पता है कि राष्ट्रमाता की सूचना किस लोक प्राधिकरण से सम्बंधित है और यश की अर्जी को आगे अंतरित नहीं किया है l अलबता दयोरी ने यश को प्रथम अपीलीय अधिकारी के नाम और पते की जानकारी दे दी है l
यश ने बयाता कि सामान्य ज्ञान में राष्ट्रपिता से सम्बंधित सबाल पढने के बाद उनके मन में राष्ट्रमाता का नाम जानने की जिज्ञासा हुई और अध्यापकों और परिजनों से कोई जबाब नहीं मिलने पर उन्होंने अपनी दीदी ऐश्वर्या पाराशर की मदद से आरटीआई दायर की थी l यश ने बताया कि वे अपने पीएम अंकल को चिट्ठी लिखकर भारत की राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग करेंगे l
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