ऐश्वर्या के सवाल पर सरकार का जवाब सुन रह जाएंगे दंग
आशीष राय | Sep 14, 2012, 12:28PM IST
लखनऊ .जिन राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में हम अपनी किताबों में पढ़ते आए,
अपने अध्यापक से सुनते आए है। राष्ट्रीय प्रतीक को अपने देश का सम्मान
मानते आए, उन पर गर्व करते आए। उन प्रतीकों को राष्ट्रीय प्रतीक बनाए
जाने का कोई भी प्रमाण हमारी देश की सरकार के पास नहीं है, यानी की हमारी
न तो राष्ट्रीय नदी है, न ही राष्ट्रीय वृक्ष, राष्ट्रीय फल और न ही
राष्ट्रीय जलीय जीव है। आप को भले ही यह बात अजीब लगे, लेकिन यह सत्य
है। इस बात का खुलासा एक 10 साल की छोटी सी बच्ची ऐश्वर्या परसार की RTI
से हुआ है।
देश का कुछ भी आधिकारिक प्रतीक नहीं है .लखनऊ के राजाजीपुरम इलाके की
रहने वाली १० साल की छोटी सी बच्ची एक दिन पढ़ाई के दौरान अपने माता पिता
से पूछ बैठी की हमारे राष्ट्रीय प्रतिको को किस ने राष्ट्रीय प्रतीक
बनाया .इस पर उन के माता -पिता के पास कोई जवाब नहीं था,और न ही ऐश्वर्या
की जिज्ञासा का उस के अध्यापक ही समाधान कर पाए .फिर ऐश्वर्या ने निश्चय
किया की वह इस बात को जान कर रहे गी ..ऐश्वर्या ने ५ अगस्त को एक आर.टी
.आई के माध्यम से प्रधानमंत्री ऑफ़िस से इन सभी 8 राष्ट्रीय प्रतिको को
राष्ट्रीय घोषित करने का प्रमाण माँगा..ऐश्वर्या ने अपनी आर टी आई मे
माँगा ..अपनी आर.टी.आई मे ऐश्वर्या ने राष्ट्रीय वृक्ष ,राष्ट्रीय फल
,राष्ट्रीय कैलंडर ,राष्ट्रीय ध्वज ,राष्ट्रीय नदी ,राष्ट्रीय जलीय जीव
और राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक चिन्ह के बारे मे जानकारी मांगी थी. .
१० साल की कक्षा ६ की छोटी सी बच्ची की आर.टी.आई को प्रधानमंत्री
कार्यालय ने गंभीरता से लेते हुए इस बात की जानकारी के लिए १३ अगस्त को
इस आर.टी.आई को गृह मंत्रालय और वित् मंत्रालय को भेज दिया.कई दिन तक
दोनों ही मंत्रालय मे यह आर.टी.आई लंबित रही और फिर २३ अगस्त को गृह
मंत्रालय ने राष्ट्रीय कैलंडर और राष्ट्रीय ध्वज के बारे मे जानकारी देते
हुए बताया की राष्ट्रीय कैलंडर को सरकार ने २२ मार्च १९५७ को अंगीकृत
किया .उसी तरह राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा द्वारा २२ जुलाई 1947 को
राष्ट्रीय ध्वज के रूप मे अंगीकृत किया गया .और बाकी के सवालों के उत्तर
के लिए आर.टी.आई को वन और पर्यावरण मंत्रालय को भेज दिया .
उसी तरह वित् मंत्रालय ने आर.टी.आई के सातवें और आठवें सवाल के जवाब मे
जवाब दिया की देश की मुद्रा को राष्ट्रीय चिन्ह 31 -07-10 को मिला .यानी
की इस से पहले देश की मुद्रा पर बने चिन्ह का कोई भी प्रमाण हमारे देश की
सरकार के पास नहीं था ..और अब ८ सवालों मे से बचे हुए ४ सवालों के जवाब
मे वन और पर्यावरण मंत्रालय ने जवाब दिया है की " भारत की रास्ट्रीय नदी
,रास्ट्रीय जलीय प्राणी ,रास्ट्रीय वृक्ष और रास्ट्रीय फल को रास्ट्रीय
प्रतिक के रूप मे अंगीकृत करने का कोई भी आधिकारिक प्रमाण इस मंत्रालय के
पास नहीं है.. यानी की हमारी देश की रास्ट्रीय नदी गंगा जिसे हम माँ की
तरह पूजते आये हमारी रास्ट्रीय नदी नहीं है न ही हमारा रास्ट्रीय फल आम
जिसे यह मेग्नीफेरा इंडिका का फल अर्थात आम कहते है हमारा रास्ट्रीय फल
है ,न ही मीठे पानी की डॉलफिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है और न ही
भारतीय बरगद का पेड़ जिसे फाइकस बैंगालेंसिस भी कहते है राष्ट्रीय पेड़
नहीं है .. अब इसे सरकार की उदासीनता कहे या फिर मंत्रालय की चूक .एक के
बाद एक ऐश्वर्या की RTI और उनसे मिले जवाब यह साबित करते है की हमारी
सिस्टम मे आज़ादी के बाद भी कितनी बुनियादी कमिया है ऐश्वर्या आगे भी न
जाने कितनी बाते RTI के जरिये उजागर करती रहेगी पर बात सिस्टम मे बैठे
अधिकारी सुनी तो शायद बात बने ..
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