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Home | आवरण कथा | दरबार के दागी रतन
दरबार के दागी रतन
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06/07/2012 06:22:00
जिस हल्ले के साथ अखिलेश की सत्ता में वापसी हुई थी, वह मंद पड़ रहा है.
जिस नई राजनीति की चर्चा थी, उस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसा व्यक्ति जो
चौतरफा आरोपितों, दागियों और भ्रष्टों से घिरा है, क्या वह ईमानदार फैसले
ले सकता है? आखिर क्या मजबूरी रही अखिलेश यादव की जो उन्होंने चुन-चुन कर
ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया जिनके ऊपर तरह-तरह के आरोप
हैं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट.
सदाकांत
पद: आयुक्त, समाज कल्याण विभाग
मामला: प्रतिनियुक्ति के दौरान लेह लद्दाख में 200 करोड़ रु.का सड़क घोटाला
मौजूदा स्थितिः सीबीआई जांच जारी है.
सदाकांत इस समय समाज कल्याण विभाग के आयुक्त हैं. वे दो साल पहले
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गृह मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर
कार्यरत थे. उस समय लेह-लद्दाख में 200 करोड़ रुपये का सड़क घोटाला हुआ.
सीबीआई ने 2010 में केस दर्ज करते हुए सदाकांत को भी आरोपित बनाया. उनके
दिल्ली स्थित घर की तलाशी भी हुई थी. इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी
बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने घोटाले का सूत्रधार मानते
हुए सदाकांत की प्रतिनियुक्ति बीच में रद्द करके उन्हें बीच में ही उनके
मूल काडर उत्तर प्रदेश वापस भेज दिया.
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