यह बहस भी चलती रही है कि गलत कौन है, राजनीतिक व्यवस्था या प्रशासनिक
व्यवस्था। राजनीति को हर मामले में कटघरे में खड़ा कर देने का रिवाज रहा
है। कुछ प्रशासनिक व्यवस्था को भ्रष्टाचार पनपने की वजह मानते हैं। किसी
एक की तरफ उंगली उठाने से सही जवाब नहीं मिल सकता। जहां एक तरफ राजनीतिक
तंत्र ईमानदारी को ध्वस्त कर रहा है, वहीं कुछ मामलों में नौकरशाही की
विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। जनवरी 2011 से मार्च 2012 के बीच
भ्रष्टाचार के महाशिखर को थोड़ा बहुत खरोंच पाने के अभियान के तहत जहां
राजनीति से जुड़े कुछ लोगों पर गाज गिरी, वहीं सीबीआई ने दो दर्जन आईएएस
अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की छानबीन की।
व्यवस्था। राजनीति को हर मामले में कटघरे में खड़ा कर देने का रिवाज रहा
है। कुछ प्रशासनिक व्यवस्था को भ्रष्टाचार पनपने की वजह मानते हैं। किसी
एक की तरफ उंगली उठाने से सही जवाब नहीं मिल सकता। जहां एक तरफ राजनीतिक
तंत्र ईमानदारी को ध्वस्त कर रहा है, वहीं कुछ मामलों में नौकरशाही की
विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। जनवरी 2011 से मार्च 2012 के बीच
भ्रष्टाचार के महाशिखर को थोड़ा बहुत खरोंच पाने के अभियान के तहत जहां
राजनीति से जुड़े कुछ लोगों पर गाज गिरी, वहीं सीबीआई ने दो दर्जन आईएएस
अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की छानबीन की।
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