प्रिय मित्र ,
आपको याद होगा कि चिकित्सा स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने बीते अप्रैल माह में उत्तर प्रदेश सरकार के डॉक्टरों के सम्बन्ध में हैरान कर देने बाले सार्वजनिक वक्तव्य दिए गए थे l मातृत्व दिवस पर आयोजित एक कार्यशाला में इन माननीय ने कहा था कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में तैनात 20 प्रतिशत डॉक्टर महकमे की छवि धूमिल करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये स्थानीय माफिया से मिलकर दादागीरी करते हैं। मरीजों को धमकाते हैं। कुल मिलाकर यह सब गुंडे हैं। शहरी क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में तैनात 80 फीसद डॉक्टर बेहतर काम कर रहे हैं। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को सुधारने की सारी कवायद फेल हो गई है। ये डॉक्टर मरीजों को ठीक से इलाज मुहैया नहीं कराते हैं। ग्रामीण जब विरोध करते हैं तो डॉक्टर मरीज व उनके तीमारदारों को फर्जी मुकदमों में फंसा देते हैं। ऐसा सलूक करने वाले डॉक्टरों की वजह से स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल हो रही है आदि आदि l
इससे सम्बंधित समाचारों के प्रसार से मुझे इसकी जानकारी होने पर मुझे हसन के वक्तव्य सत्यता से परे प्रतीत हुए और मैंने मामले की तह तक जाने के लिए बीते अप्रैल में ही चिकित्सा स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन के जनसूचना अधिकारी से सूचना माँगी थी l जनसूचना अधिकारी द्वारा सूचना न दिए जाने पर मैंने विभाग में ही प्रथम अपील की और फिर भी सूचना न मिलने पर बीते जुलाई में उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की l
उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के सचिव ने इस सम्बन्ध में वाद संख्या S-1/3455/C/2013 पंजीकृत किया है और पत्र संख्या 5739 दिनांक 20-11-13 के माध्यम से मुझे नोटिस देकर हसन के वक्तव्यों के सम्बन्ध में प्रमाण सहित आख्या माँगी है और हसन द्वारा बताये गए प्रतिशत का आधार भी पूंछा है lक्योंकि हसन द्वारा दिए गए वक्तव्यों को प्रमाणित करने बाले कोई भी प्रमाण शासन ने मुझे सूचना मांगे जाने से आज तक उपलब्ध नहीं कराये हैं तो ऐसे में उनके बयानों के सम्बन्ध में मेरे पास न तो कोई प्रमाण है और न ही उनके द्वारा बताये गए प्रतिशत का कोई आधार l
अतः मैंने पत्र लिखकर हसन से अपेक्षा की है कि वे उनके द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर उत्तर प्रदेश सरकार के उन जैसे एक कैबिनेट मंत्री के सार्वजनिक वक्तव्यों को असत्य होने से बचाने का कष्ट करें अन्यथा उत्तर प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री और उन जैसे वरिष्ठ नेता के सार्वजनिक वयान असत्य सिद्ध होने पर उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में ख़राब हो जायेगी l
मुझे पूर्ण विश्वास है कि हसन ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि उनके द्वारा उनके ही विभाग की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में दिए गए वक्तव्य असत्य सिद्ध हो और उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में धूमिल हो अतः मेरा पूर्ण विश्वास है कि व्यापक लोकहित में वे स्वयं द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अवश्य उपस्थित होंगे l
सूचना आयोग का पत्र मुझे 27 नवम्बर 13 को मिला l मंत्री जी को सूचित करने हेतु पत्र लिखकर मैंने फैक्स के माध्यम से प्रेषित करने का प्रयास किया पर फैक्स जा नहीं पाया और मैंने ये पत्र मंत्री जी के विभाग के प्रमुख सचिव के माध्यम से 27 नवम्बर 13 दीपाधार बाद ई मेल से भेजा जिसकी प्रति नीचे दी जा रही है l
मैंने इस वाद संख्या S-1/3455/C/2013 की दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को होने बाली सुनवाई के रिकॉर्ड में लेने हेतु मैं स्वयं आयोग में उपस्थित होकर एक पत्र आयोग को देकर अनुरोध करूंगी कि यदि हसन आज की सुनवाई में नहीं आते हैं तो आयोग माननीय मंत्री जी को नोटिस भेजकर आयोग के समक्ष बुलाकर उनका पक्ष जानकार मुझे वांछित सूचना उपलब्ध कराए l आज प्रातः ही यह पत्र आयोग को तथा मंत्री श्री अहमद हसन को उनके विभाग के प्रमुख सचिव के माध्यम से ई मेल से भी भेजा जा चुका है जिसकी प्रति नीचे दी जा रही है l
Urgent letter to be delivered immediately to Sri Ahmad Hasan , Hon. Minister of your department |
urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com> | Wed, Nov 27, 2013 at 2:11 PM | To: psecup.medical@nic.in | | सेवा में, श्री अहमद हसन माननीय मंत्री - चिकित्सा स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन,लखनऊ-226001 , उत्तर प्रदेश , भारत Phone office .- 2213263, 2236592 Fax:- 2238124, Res.- 2309427, Mob.- 8005489027 द्वारा प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्यय psecup.medical@nic.in विषय : आप द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री के सार्वजनिक वक्तव्यों को असत्य होने से बचाने के सम्बन्ध में महोदय, कृपया बीते अप्रैल माह में आप द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के डॉक्टरों के सम्बन्ध में दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों के सन्दर्भ से आपको अवगत कराना है कि मातृत्व दिवस पर आयोजित एक कार्यशाला मेंआपने कहा था " ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में तैनात 20 प्रतिशत डॉक्टर महकमे की छवि धूमिल करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये स्थानीय माफिया से मिलकर दादागीरी करते हैं। मरीजों को धमकाते हैं। कुल मिलाकर यह सब गुंडे हैं। शहरी क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में तैनात 80 फीसद डॉक्टर बेहतर काम कर रहे हैं। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को सुधारने की सारी कवायद फेल हो गई है। ये डॉक्टर मरीजों को ठीक से इलाज मुहैया नहीं कराते हैं। ग्रामीण जब विरोध करते हैं तो डॉक्टर मरीज व उनके तीमारदारों को फर्जी मुकदमों में फंसा देते हैं। ऐसा सलूक करने वाले डॉक्टरों की वजह से स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल हो रही है। " इससे सम्बंधित समाचारों के प्रसार से मुझे इसकी जानकारी होने पर आपके वक्तव्य सत्यता से परे प्रतीत हुए और मैंने मामले की तह तक जाने के लिए बीते अप्रैल में ही के चिकित्सा स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन के जनसूचना अधिकारी से सूचना माँगी थी l जनसूचना अधिकारी द्वारा सूचना न दिए जाने पर मैंने विभाग में ही प्रथम अपील की और फिर भी सूचना न मिलने पर बीते जुलाई में उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की l उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के सचिव ने इस सम्बन्ध में वाद संख्या S-1/3455/C/2013 पंजीकृत किया है और पत्र संख्या 5739 दिनांक 20-11-13 ( प्रति संलग्न ) के माध्यम से मुझे नोटिस देकर आपके वक्तव्यों के सम्बन्ध में प्रमाण सहित आख्या माँगी है और आप द्वारा बताये गए प्रतिशत का आधार भी पूंछा है lक्योंकि आप द्वारा दिए गए वक्तव्यों को प्रमाणित करने बाले कोई भी प्रमाण शासन ने मुझे आज तक उपलब्ध नहीं कराये हैं तो ऐसे में आपके बयानों के सम्बन्ध में मेरे पास न तो कोई प्रमाण है और न ही आप द्वारा बताये गए प्रतिशत का कोई आधार lऐसे में आपसे अनुरोध है कि आप द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर उत्तर प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के सार्वजनिक वक्तव्यों को असत्य होने से बचाने का कष्ट करें अन्यथा उत्तर प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री और आप जैसे वरिष्ठ नेता के सार्वजनिक वयान असत्य सिद्ध होने पर उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में ख़राब हो जायेगी l मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि आपके द्वारा आपके ही विभाग की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में दिए गए वक्तव्य असत्य सिद्ध हो और उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में धूमिल हो अतः व्यापक लोकहित में आपसे अपेक्षा है कि आप स्वयं द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होने का कष्ट करेंगें l अपेक्षाओं सहित सादर l दिनांक : 27-11-2013 भवदीया उर्वशी शर्मा F-2286, राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017 मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com | |
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वाद संख्या S-1/3455/C/2013 की दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को होने बाली सुनवाई के रिकॉर्ड में लेने हेतु |
urvashi sharma <rtimahilamanchup@gmail.com> | Thu, Nov 28, 2013 at 9:48 AM | To: "sec. sic" <sec.sic@up.nic.in>, "scic.up" <scic.up@up.nic.in>, "psecup.medical" <psecup.medical@nic.in> | | सेवा में, सचिव- उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग इंदिरा भवन , लखनऊ-226001 विषय : वाद संख्या S-1/3455/C/2013 की दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को होने बाली सुनवाई के रिकॉर्ड में लेने हेतु महोदय, कृपया अवगत कराना है कि बीते अप्रैल में मातृत्व दिवस पर आयोजित एक कार्यशाला में माननीय मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा था कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में तैनात 20 प्रतिशत डॉक्टर महकमे की छवि धूमिल करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ये स्थानीय माफिया से मिलकर दादागीरी करते हैं। मरीजों को धमकाते हैं। कुल मिलाकर यह सब गुंडे हैं। शहरी क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में तैनात 80 फीसद डॉक्टर बेहतर काम कर रहे हैं। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को सुधारने की सारी कवायद फेल हो गई है। ये डॉक्टर मरीजों को ठीक से इलाज मुहैया नहीं कराते हैं। ग्रामीण जब विरोध करते हैं तो डॉक्टर मरीज व उनके तीमारदारों को फर्जी मुकदमों में फंसा देते हैं। ऐसा सलूक करने वाले डॉक्टरों की वजह से स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल हो रही है आदि आदि । प्रमाण के रूप में देश के सुस्थापित समाचार पत्रों के समाचारों की स्वसत्यपित प्रतियां संलग्न हैं l प्रकरण से सम्बंधित समाचारों की जानकारी होने पर मुझे श्री हसन के वक्तव्य सत्यता से परे प्रतीत हुए और मैंने मामले की तह तक जाने के लिए बीते अप्रैल में ही चिकित्सा स्वास्थ्यय एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन के जनसूचना अधिकारी से सूचना माँगी थी l जनसूचना अधिकारी द्वारा सूचना न दिए जाने पर मैंने विभाग में ही प्रथम अपील की और फिर भी सूचना न मिलने पर बीते जुलाई में उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की l उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने इस सम्बन्ध में वाद संख्या S-1/3455/C/2013 पंजीकृत किया है और पत्र संख्या 5739 दिनांक 20-11-13 के माध्यम से मुझे नोटिस देकर श्री हसन के वक्तव्यों के सम्बन्ध में प्रमाण सहित आख्या माँगी है और श्री हसन द्वारा बताये गए प्रतिशत का आधार भी पूंछा है lक्योंकि श्री हसन द्वारा दिए गए वक्तव्यों को प्रमाणित करने बाले कोई भी प्रमाण शासन ने मुझे आज तक उपलब्ध नहीं कराये हैं तो ऐसे में उनके बयानों के सम्बन्ध में मेरे पास न तो कोई प्रमाण है और न ही उनके द्वारा बताये गए प्रतिशत का कोई आधार lअतः मैंने पत्र लिखकर श्री हसन से अपेक्षा की है कि वे उनके द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित होकर उत्तर प्रदेश सरकार के उन जैसे एक कैबिनेट मंत्री के सार्वजनिक वक्तव्यों को असत्य होने से बचाने का कष्ट करें अन्यथा उत्तर प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री और उन जैसे वरिष्ठ नेता के सार्वजनिक वयान असत्य सिद्ध होने पर उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में ख़राब हो जायेगी l मुझे पूर्ण विश्वास है कि हसन ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि उनके द्वारा उनके ही विभाग की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में दिए गए वक्तव्य असत्य सिद्ध हो और उत्तर प्रदेश की छवि समस्त भू-मंडल में धूमिल हो अतः मेरा पूर्ण विश्वास है कि व्यापक लोकहित में वे स्वयं द्वारा दिए गए सार्वजनिक वक्तव्यों की सत्यता प्रमाणित करने बाले प्रमाणों सहित दिनांक 28 नवम्बर 2013 दिन गुरूवार को उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से अवश्य उपस्थित होंगे l सूचना आयोग का पत्र मुझे कल दिनांक 27 नवंबर 2013 को मिला l कल मैंने मंत्री जी को सूचित करने हेतु पत्र लिखकर मैंने फैक्स के माध्यम से प्रेषित करने का प्रयास किया पर फैक्स जा नहीं पाया और मैंने ये पत्र मंत्री जी के विभाग के प्रमुख सचिव के माध्यम से ई मेल से भेजा है जिसकी स्व सत्यापित प्रति संलग्न है l यदि आज की सुनवाई में मंत्री जी नहीं आते हैं तो मेरा आयोग से अनुरोध है कि माननीय मंत्री जी को नोटिस भेजकर आयोग के समक्ष बुलाकर उनका पक्ष जानकार मुझे वांछित सूचना उपलब्ध कराईं जाएँ l अपेक्षाओं सहित सादर l दिनांक : 28-11-2013 भवदीया ( उर्वशी शर्मा ) F-2286, राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017 मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com | |
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