लखनऊ / 11 अप्रैल 2016 / उत्तर प्रदेश का सूचना आयोग राजधानी के
अशोक मार्ग स्थित इंदिराभवन से राजधानी
के पॉश गोमती नगर इलाके के विभूति खंड में
बने नए ‘आरटीआई भवन’ में अंतरित होकर आज से कार्यशील हो गया है पर 20 करोड़ की लागत
से बने इस अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन में कार्य आरम्भ होने से पहले ही इसके
साथ इसके साथ मुख्य सूचना आयुक्त और 9 अन्य सूचना आयुक्तों के पुतले के दहन का
काला अध्याय जुड़ गया है l नवनिर्मित ‘आरटीआई भवन’ में कार्य करना शुरू करने से
पहले ही यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त और 9 अन्य सूचना आयुक्तों को समाजसेवियों के
कोप का भाजन बनना पड़ा है l समाजसेवियों ने लखनऊ की आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा
के नेतृत्व में गोमती नगर स्थित लोहिया
अस्पताल के मुख्य द्वार के निकट इकट्ठे होकर कड़े पुलिस प्रतिरोध को धता-बताकर मुख्य
सूचना आयुक्त और 9 अन्य सूचना आयुक्तों के पुतले के साथ ‘आरटीआई भवन’ तक नारे
लगाते हुए जुलूस निकाला और आरटीआई भवन के मुख्य द्वार के सामने मुख्य सूचना आयुक्त
और 9 अन्य सूचना आयुक्तों की कार्यप्रणालियों के विरोध में नारे लगाते हुए उत्तर
प्रदेश राज्य सूचना आयोग में महिला यौन-उत्पीडन मामलों की जांच के लिए विशाखा
समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराने,इन
रिकॉर्डिंग्स को आईटी एक्ट में प्राविधानित समय तक संरक्षित रखकर किसी भी पक्षकार द्वारा
मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की मांग बुलंद करते हुए पुतला दहन किया l
पुतला दहन के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कार्यक्रम
की संयोजिका समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्तों द्वारा
आरटीआई आवेदकों , जिनमें महिला आरटीआई आवेदक भी हैं,का प्रायः ही उत्पीडन किया जा
रहा है l बकौल उर्वशी सूचना आयुक्त आरटीआई एक्ट के प्राविधानों से इतर कार्य कर
भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ अर्जित करने के दुरुद्देश्य की पूर्ति
करने के चलते ही आयोग की कार्यवाहियों की शत प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराकर सार्वजनिक
करने का विरोध कर रहे हैं l उर्वशी का कहना था कि यद्यपि आरटीआई एक्ट में सूचना
आयुक्तों के लिए पारदर्शिता के संरक्षक की भूमिका निर्धारित है पर यूपी के वर्तमान
सूचना आयुक्त इससे उलट नितांत अपारदर्शी और निरंकुश रीति से कार्य कर पारदर्शिता
के विनाशक बनते जा रहे हैं l सूचना आयुक्त भ्रष्टाचार में लिप्त होकर न केवल दोषी
जन सूचना अधिकारियों को संरक्षण देकर भ्रष्टाचार को पोषित कर रहे हैं अपितु आरटीआई
आवेदकों द्वारा भ्रष्टाचार से सम्बंधित संवेदनशील प्रकरणों की सूचना मांगने पर आयुक्त
उन पर उन पर झूंठे आरोप लगाकर उनको सुनवाइयों में आने से रोकने का षड्यंत्र करने से
भी नहीं चूक रहे हैं l उर्वशी ने कहा कि उनको पूरी आशंका है कि अपेक्षाकृत सुनसान
गोमती नगर के विभूति खंड में बने इस नए आरटीआई भवन में शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग के बिना
सुनवाई होने और इसे सार्वजनिक किये जाने की स्पष्ट व्यवस्था न होने पर आरटीआई
आवेदक तो और अधिक असुरक्षित हो ही जायेंगे साथ ही साथ कुछ ही दिनों में सूचना आयुक्तों
के और अधिक निरंकुश और भ्रष्ट होने से आयोग में आरटीआई आवेदकों की अनुपस्थितियों
और सूचनाओं के सार्वजनिक न होने के चलते यूपी में सूचना आयोग की उपस्थिति पूर्णतया
बेमानी हो जायेगी l
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों में उत्तर प्रदेश के
मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी को अनेकों पत्र देकर आरटीआई कार्यकर्ताओं के
प्रतिनिधिमंडल को समय देकर इन मुद्दों पर बातचीत कर आरटीआई आवेदकों की समस्याओं
का समाधान करने की माँग की थी किन्तु
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा इन संवेदनशील मामलों में असंवेदनशील रवैया अख्तियार
करने और आरटीआई हेल्पलाइन पर सूचना
आयुक्तों की निरंकुशता के बारे में लगातार प्राप्त होती शिकायतों के मद्देनज़र ही उन्होंने
गोमती नगर के विभूति
खंड में बने आरटीआई भवन के उद्घाटन के दिन ही आरटीआई भवन के मुख्य द्वार के सामने
सभी सूचना आयुक्तों का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन करने का निश्चय किया था ।उर्वशी
के अनुसार उनके ‘पुतला दहन’
इस कार्यक्रम के चलते ही यूपी
के सीएम अखिलेश यादव ने आज ‘आरटीआई
भवन’ का उद्घाटन का
कार्यक्रम रद्द किया और इस नवनिर्मित आरटीआई भवन का उद्घाटन हुए बिना ही इसमें आज से
सुनवाईयां आरम्भ हो गयीं हैं l
‘पुतला दहन’ कार्यक्रम में तनवीर अहमद सिद्दीकी,रशीद
अली आज़ाद,हयात कादरी,संजय आजाद,हरपाल सिंह,मो० असीम,प्रभात गुप्ता,सलमान,मो० साद
खान समेत दर्जनों समाजसेवियों ने प्रतिभाग किया l उर्वशी ने बताया कि आज इन मांगों
के सम्बन्ध में यूपी के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सूचना आयुक्त को मांगपत्र भेजा जा रहा है और यदि अगले 45 दिनों में ये मांगें
पूरी न हुईं तो उनकी अगुआई में अहिंसक रूप से क्रमशः 27 मई 2016 से ‘आरटीआई भवन’ में ‘सविनय कार्य बहिष्कार’ आन्दोलन, 01 जुलाई 2016 से ‘आरटीआई भवन’ में ‘कार्य रोको’ आन्दोलन और 15 अगस्त 2016 को यूपी के सीएम सीएम आवास
में का घेराव कर ‘जेल भरो’ आन्दोलन चलाया जायेगा ।
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