Lucknow/27 May 2017
बीते कल शाम यूपी के आरटीआई कार्यकर्ताओं के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा
के नेतृत्व में यूपी के राजभवन जाकर यूपी के राज्यपाल राम नाईक से भेंट की और उन्हें यूपी के जनपदीय
न्यायालयों द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के प्राविधानों का अनुपालन न किये जाने
के प्रमाण सौंपते हुए महामहिम से हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई l प्रतिनिधिमंडल
ने मिर्जापुर के आरटीआई कार्यकर्ता मनीष कुमार सिंह के उत्पीड़न का प्रकरण भी
राज्यपाल के समक्ष रखा और मनीष का उत्पीड़न करने वाले गौतम बुद्ध नगर के जिला जज
अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ कार्यवाही की मांग की l
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं समाजसेविका और सामाजिक संस्था 'येश्वर्याज' की सचिव उर्वशी शर्मा ने बताया कि आरटीआई
कार्यकर्ता मनीष ने उत्तर प्रदेश के सभी जनपदीय न्यायालयों को पत्र लिखकर आरटीआई
एक्ट की धारा 4 के बाध्यकारी प्राविधानों को लागू
करने की मांग की थी l इसके बाद
गौतमबुद्ध नगर के जिला जज द्वारा मनीष का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया था |बकौल उर्वशी इसके बाद मनीष द्वारा राज्यपाल को पत्र लिखकर
मदद की गुहार लगाई जिस पर राजभवन ने मनीष की समस्या के समाधान के लिए राजयपाल से
मिलने की सूचना दी और वे राम नाईक से मिले l उर्वशी ने बताया
कि उन्होंने उच्च न्यायालय की अपील प्रक्रिया नियमावली बनाने की मांग भी उठाई है l
उर्वशी ने बताया कि राजयपाल ने प्रतिनिधिमंडल के 8 सूत्री ज्ञापन पर लगभग आधे घंटे तफ्सील से बात की और ज्ञापन अपने मुख्य सचिव
के मार्फत सूबे के मुख्य सूचना आयुक्त
जावेद उस्मानी को भेजते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जनपदीय न्यायालयों द्वारा आरटीआई
एक्ट की धारा 4 के बाध्यकारी प्राविधानों को लागू
कराने और गौतमबुद्ध नगर के जिला जज द्वारा मनीष का कथित रूप से उत्पीड़न
किये जाने की जाँच कराकर जांच रिपोर्ट के आधार पर निष्पक्ष कार्यवाही कराने में हर
संभव मदद का आश्वासन दिया है l
प्रतिनिधिमंडल में पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता मनीष और उनके छोटे भाई के साथ लखनऊ के
मानवाधिकार कार्यकर्ता इं. संजय शर्मा, एडवोकेट रुवैद किदवई और तनवीर अहमद सिद्दीकी भी शामिल थे l
उर्वशी ने राज्यपाल को नई दिल्ली की संस्था कामनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव
द्वारा उनकी संस्था 'येश्वर्याज' को निःशुल्क वितरण के लिए
दी गई हिंदी और अंग्रेजी की RTI
गाइड भेंट की जिसे सहर्ष
स्वीकार करते हुए नाईक ने आरटीआई को पारदर्शिता और जबाबदेही को लोकजीवन का आवश्यक
अंग बताते हुए RTI गाइड्स को अपने जीवन की महत्वपूर्ण भेंटों में से एक भेंट बताया l
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