लखनऊ/28 दिसम्बर 2017............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj
काफी पुरानी बॉलीवुड फ़िल्म का एक गाना है ‘ये पब्लिक है ये सब जानती है’ l जी हाँ l पब्लिक वास्तव में सब जानती है पर अफसोस है कि पब्लिक जिन लोगों को अपना सरपरस्त बना देती है वे नेता सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनने का नाटक करते हैं और आम जनता के टैक्स के पैसों को जनकल्याणकारी कामों में लगाने की जगह पर अपने झूंठ का ढोल पीटने में बर्बाद कर देते हैं l नेता जानते हैं कि झूंठे प्रचार का फायदा सिर्फ और सिर्फ एक तो प्रचार करने वाली कंपनी को होगा और दूसरे उनको होगा जिनका इस कंपनी को काम देने के कमीशन में हिस्सा होता है l इन प्रचारों को देखकर जनता के मन में तो बस यह क्षोभ ही आता है कि आखिर दिखाई जा रही योजना धरातल तक क्यों नहीं पहुँच पाई और क्यों अब यह प्रचार करके जले पर नमक छिड़का जा रहा है l यही कारण है कि ये प्रचार वोट में नहीं बदल पाते और काम करने के स्थान पर महज प्रचार करने वाले सत्ताधारी दल सत्ता से बेदखल हो जाते है l पिछले विधान सभा आम चुनावों में यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी बहुत बुरी तरह से हारी थी पर क्या आप जानते हैं कि तत्कालीन अखिलेश सरकार ने चुनावी साल में प्रचार पर अनाप-शनाप खर्चा किया था ? यदि नहीं, तो हम आपको इस वारे में जानकारी देते है क्योंकि सूबे की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई से एक ऐसा खुलासा हुआ है जिससे अखिलेश यादव सरकार द्वारा जनता के टैक्स के पैसों को प्रचार में खुलेआम उड़ाने की बात सामने आ रही है l
To view original RTI & replies, please click this exclusive web-linkhttp://upcpri.blogspot.in/2017/12/up-led-85-10-rti.html
लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही के लिए काम कर रहे देश के नामचीन कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते 23 मई को यूपी के सूचना और जनसंपर्क निदेशालय में एक आरटीआई दायर करके पिछले और हालिया वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार द्वारा LED वैन से विज्ञापन आदि से सम्बंधित 4 बिन्दुओं पर सूचना माँगी थी l निदेशालय के सहायक जन सूचना अधिकारी और चीफ रिपोर्टर गोकुल प्रसाद दुबे ने बीते 16 नवम्बर के पत्र के साथ प्रभारी LED राम मनोहर त्रिपाठी द्वारा बीते 15 नवम्बर को जारी किया गया पत्र संलग्न करके संजय शर्मा को जो सूचना दी है उससे सामने आ रहा है कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने चुनावी वित्तीय वर्ष 2016-17 में LED वैन से प्रचार कराने में ही 85,46,60,681/- की भारी-भरकम रकम खर्च दी थी l इसके उलट यूपी के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने LED वैन से प्रचार कराने में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के शुरुआती साड़े सात महीनों में मात्र 9,92,68,792/- खर्च किये हैं जो पूर्ववर्ती सीएम के खर्चे की तुलना में काफी कम है l
समाजसेवी संजय शर्मा को दी गई सूचना के अनुसार विभाग में LED वैन खरीदने की कोई व्यवस्था नहीं है और इन वैनों का अनुरक्षण भी उस फर्म द्वारा ही किया जाता है जो LED वैन से विज्ञापन का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करती है l
इंजीनियर संजय का कहना है कि पूर्ववर्ती सीएम अखिलेश यादव ने साल 2012 की 15 मार्च को सत्ता संभाली थी और योगी आदित्यनाथ बीते 19 मार्च को यूपी के सीएम बने हैं l बकौल संजय इस प्रकार पूर्ववर्ती सीएम अखिलेश के अंतिम 1 वर्ष के कार्यकाल में LED वैन से प्रचार में 85 करोड़ से अधिक रुपये खर्चे गए जबकि इस साल साढ़े सात महीनों में वर्तमान सीएम योगी ने 10 करोड़ से कम रुपये खर्च किये हैं l संजय कहते हैं कि इस प्रकार अखिलेश राज के मुकाबले योगी राज में LED वैन से प्रचार पर खर्चों में भारी-भरकम कमी आई है l
सरकारों द्वारा प्रचार के स्थान पर काम करने को महत्त्व देने की बात कहते हुए आरटीआई विशेषज्ञ संजय शर्मा ने मितव्ययिया बरतने के लिए योगी आदित्यनाथ को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित करने और अपने अपंजीकृत संगठन ‘तहरीर’ की ओर से पत्र लिखकर यूपी में बेबजह के सरकारी प्रचार पर जनता का पैसा खर्चना कम करते हुए धीरे-धीरे शून्य करने का लक्ष्य हासिल करने की बात योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार से की गई एक एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l
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News written by freelance journalist Urvashi Sharma
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