Monday, January 1, 2018

भारत के सभी सूचना आयोगों को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान कर संवैधानिक प्राधिकरण बनाने की एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा की मांग l




लखनऊ/01 जनवरी 2018..................... लखनऊ स्थित अपंजीकृत सामाजिक संगठन येश्वर्याज की संस्थापिका और प्रबंधकीय सदस्य उर्वशी शर्मा ने आज भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक प्रस्ताव भेजकर  भारत के सभी सूचना आयोगों को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान कर संवैधानिक प्राधिकरण बनाने की मांग उठा दी है l 

बताते चलें कि ‘येश्वर्याज लखनऊ स्थित एक सामाजिक संगठन है जो विगत 17  वर्षों से अनेकों सामाजिक क्षेत्रों के साथ-साथ 'लोकजीवन में पारदर्शिता संवर्धन और जबाबदेही निर्धारण' के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है l

उर्वशी ने अपने पत्र में लिखा है “साल 2005 में लागू हुआ सूचना का अधिकार कानून यानि कि आरटीआई एक्ट देश के सबसे क्रांतिकारी कानूनों में एक है। इस कानून ने सरकारी सूचनाओं तक आम आदमी की पहुंच सुनिश्चित की है । कई घोटालों का खुलासा भी आरटीआई से मिली जानकारियों से हुआ है । सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लागू करने के पीछे के प्रमुख उद्देश्यों यथा नागरिकों तक सूचना की पंहुंच सुनिश्चित करके सरकारी कामकाजों को भ्रष्टाचार मुक्त करने आदि को प्राप्त करने में सूचना आयोगों की भूमिका सर्वोपरि है l

उर्वशी ने दावा किया है कि व्यवहारिक अनुभव के आधार पर संस्था का आंकलन है कि वित्तीय स्वायत्तता न होने के चलते सूचना आयोगों की कार्यप्रणाली सरकारों की ओर झुकती चली जा रही है जिसके कारण सूचना आयोग सरकारी कामकाजों को पारदर्शी और जबाबदेह बनाकर भ्रष्टाचार मुक्त रखने के अपने प्रमुख दायित्व का निर्वहन सम्यक रूप से नहीं कर पा रहे हैं l बकौल उर्वशी संस्था मानती है कि यदि सूचना आयोगों को जल्द ही सरकारों के नियंत्रण से पूर्णरूपेण मुक्त नहीं किया गया तो उनका गठन करने का भारत की संसद का उद्देश्य ही अर्थहीन हो जाएगा और इसीलिये संस्था ने देश के सभी सूचना आयोगों को भी चुनाव आयोग और कैग की तर्ज पर वित्तीय स्वायत्तता देकर संवैधानिक प्राधिकरण बनाने  और इनको सरकारों के नियंत्रण से पूर्णरूपेण  मुक्त करने की आवश्यकता बताते हुए  भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे भारत के सभी सूचना आयोगों को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान कर संवैधानिक प्राधिकरण बनाने के सम्बन्ध में संस्था द्वारा प्रेषित किये जा रहे संस्था के प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक विचार करके मांग-पत्र का निस्तारण करें l मुद्दे को व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ बताते हुए शीर्ष पदाधिकारियों से उनके व्यक्तिगत ध्यानाकर्षण और समर्थन की अपेक्षा और प्रार्थना करने की बात भी इस मांगपत्र में कही गई है l प्रस्ताव की प्रति भारत के सभी राज्यों के राज्यपालों को भी भेजे जाने की बात उर्वशी ने कही है l

उर्वशी ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि केंद्र सरकार उनके प्रस्ताव पर कार्यवाही कर सूचना आयोगों को पूर्ण स्वायत्तता देकर उन्हें संवैधानिक निकाय बनायेगी l  



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