प्रिय मित्र,
समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव अपने भारी भरकम लाव-लश्कर के साथ सोमवार को नीदरलैंड की
यात्रा पर रवाना हो गए हैं l मुख्यमंत्री नीदरलैंड की संस्थाओं,
व्यापारिक संगठनों, कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए आकर्षित करने और
राज्य में आर्थिक सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिनिधिमंडल के साथ
नीदरलैंड की यात्रा पर गए हैं l निश्चित ही अखिलेश यादव की यह पहल मेरे
जैसी विकासवादी सोच रखने बाली समाजसेविका के लिए एक आशा की एक किरण लेकर
आयी है परन्तु मेरी आशा की इस किरण को अखिलेश के ही कार्यकाल के मेरे
पूर्व के अनुभवों के काले बादल इस तरह ढँक दे रहे हैं कि लाख चाहने पर भी
मुझे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इस नीदरलैंड की यात्रा से सूबे का कोई
लाभ होता दिखाई नहीं दे रहा है l
दरअसल साल 2013 के फरवरी माह में दायर की गयी मेरी एक आरटीआई के जबाब में
उत्तर प्रदेश शासन के औद्योगिक विकास विभाग की अनुसचिव एवं जनसूचना
अधिकारी मंजुलता सिंह ने मुझे बीते 7 अगस्त को पत्र लिखकर बताया है कि
अखिलेश के सत्ता सँभालने के एक साल के अंदर सूबे में कुल 33497 उद्योगों
में 11945.18 करोड़ रुपयों का पूंजी निवेश हुआ l गणितीय दृष्टि से हिसाब
कुछ यूं निकलता है कि महज 35 लाख 66 हज़ार प्रति उद्योग की औसत दर से ये
पूंजीनिवेश हुआ है l अब मैं तो क्या कहूँ, मुझे तो उत्तर प्रदेश के
सरकार के इस मानसिक दिवालियेपन पर अफ़सोस हो रहा है जो इस धनराशि से आरम्भ
की गयी इकाइयों को भी पूंजीनिवेश रूप में अपनी पीठ थपथपा रही है l आखिर
जब प्रदेश स्तर की हो रही हो तो प्रति इकाई निवेश का भी एक स्तर होना
चाहिए l आज की मंहगाई में यदि महज 36 लाख की पूंजी से आरम्भ किये उपक्रम
को उत्तर प्रदेश की सरकार पूंजीनिवेश की श्रेणी में रखती है और उसे अपनी
उपलब्धियों में शुमार करती है तो मैं अपने सूबे की सरकार से विनम्र
आग्रह करना चाहूंगी कि वह आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को गुमराह करने से
बाज आये और प्रदेश में ऐसे वास्तविक पूंजीनिवेश के लिए तत्परतापूर्वक
प्रयास करे जिससे वास्तव में रोजगार स्रजन के साथ साथ प्रदेश के संसाधनों
के अनुकूल प्रयोग से प्रदेश का विकास भी हो l
इसी आरटीआई जबाब से यह भी मालूम चला है कि विगत वर्ष आगरा में आयोजित
की गयी 'सी० आई० आई० पार्टनरशिप समिट' में भी सूबे की अखिलेश सरकार
ने 4 करोड़ 17 लाख 86 हज़ार 5 सौ 20 रुपये रुपये खर्च किये थे l आरटीआई
में मुझे उन कथित 245 देशी-विदेशी निवेशकों की सूची भी दी गयी है l कथित
245 देशी-विदेशी निवेशकों की आरटीआई में मुझे दी गयी इस सूची पर
दृष्टिपात करने से ये कहीं से भी नहीं लगता है कि ये सूची देश के सबसे
अधिक आवादी बाले सूबे में पूंजीनिवेश के लिए बुलाए जाने बाले निवेशकों की
है और मुझे पूरा विश्वास है कि यदि जांच कराई जाये तो अधिकाँश निवेशक
फर्जी निकलेंगे l
अब इनमे से कितनों ने बापस आकर उत्तर प्रदेश में निवेश किया,यह तो सरकार
ही बता सकती है पर सरकार द्वारा इस बारे में सही तथ्य जनता के सामने न
रखना मेरे मन में सरकार के प्रति नकारात्मक भावों को जन्म दे रहा है और
ये सबाल बार बार मेरे मन में आ रहा है कि क्या ऐसा ही पूंजीनिवेश लाने के
लिए अखिलेश नीदरलैंड के दौरे पर गए हैं और आखिर इस बार नीदरलैंड में
अखिलेश जनता की कमाई का कितना पैसा फूँक कर आएंगे ?
शायद यही सबाल आपके भी मन में आ रहे हों या शायद नहीं भी l
आरटीआई के जबाब के 20 पेजों की स्कैन्ड कॉपीज can be downloaded from
http://upcpri.blogspot.in/2014/09/36-2013-4-17-86-5-20.html
( उर्वशी शर्मा )
संपर्क - 9369613513
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-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
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