लखनऊ/21 मई 2016/ गिफ्ट में मिले 30 लाख के हार के खो
जाने के चलते राज्यकर्मियों के मानवाधिकारों का हनन करने वाले यूपी के मुख्य सचिव
आलोक रंजन को आज लखनऊ के एक धरने में समाजसेवियों ने जमकर कोसा । रंजन को दागी आई.ए.एस.
बताते हुए समाजसेवियों ने सबाल उठाया कि आखिर रंजन ने ऐसा कौन सा काम किया था जो
उन्हें इतना मंहगा गिफ्ट मिला था । बताते चलें कि यूपी में बेदाग़ छवि के IAS
को ही अगला मुख्य सचिव बनाने की मांग के लिए सामाजिक संस्था
येश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा आज राजधानी के जी.पी.ओ. हजरतगंज स्थित महात्मा
गाँधी पार्क में आयोजित एक धरने में पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और सेवा
विस्तार पाए वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन पूरी तरह सूबे के समाजसेवियों के निशाने
पर रहे ।
यूपी में अगले साल 2017 की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव भी होने हैं । ऐसे में यह साल 2016 चुनावी साल होने के चलते यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । सरकार की योजनाओं को लागू कराने में मुख्य सचिव की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होने की व्यवस्था के चलते ही यूपी की सरकार अपने मनपसंद आई.ए.एस. को ही सूबे का मुख्य सचिव बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है ताकि वह आम जनता के लिए कम प्रभावी योजनाओं को भी अपने दिखावटी अंदाज में प्रस्तुत कर जनता
को गुमराह कर सके । यही कारण रहा है कि अखिलेश यादव ने स्वयं पत्र लिखकर वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन के सेवा-विस्तार की अनुशंषा की ताकि इस चुनावी वर्ष में सरकार रंजन के सहारे
चुनावी वैतरिणी में अपना सफर जारी रख सके । अब
सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर दागी आई.ए.एस. अधिकारियों को ही सूबे का मुख्य सचिव बनाने का आरोप लग रहा है और इस बार अखिलेश पर यह आरोप सूबे के समाजसेवियों ने लगाया है । समाजसेवियों ने पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन को दागी बताते हुए अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोलकर किसी बेदाग़ छवि के IAS को ही यूपी को अगला मुख्य सचिव बनाने की मांग से जोरदार ढंग से उठाई ।
धरने की आयोजिका
समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने बताया कि धरने में प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों से आये समाजसेवियों
ने शिरकत की । उर्वशी ने बताया कि यूपी की सरकारें
अपने निहितार्थ साधने के लिए ही दागदार छवि के आई.ए.एस. अधिकारियों को मुख्य सचिव
जैसा महत्वपूर्ण पद सौंप रही हैं ताकि सरकार मदारी बन इन दागियों को बन्दर की तरह
अपने इशारों पर नचा सकें । उर्वशी के अनुसार दागी होने के नाते यह आई.ए.एस. भी जनहित को सर्वोपरि रखने का
अपना कर्तव्य भूलकर सरकार के चाटुकार बन जाते हैं और आम जन के लिए जनकल्याणकारी कार्यों
को प्राथमिकता देने के स्थान पर सरकार की दिखावटी योजनाओं की डुगडुगी पीट-पीट कर अपना
उल्लू सीधा करते रहते हैं । बकौल उर्वशी यूपी की सरकार और यह दागी आई.ए.एस.
परस्पर साधक-सिद्धक बन आम जनता की पीठ में छुरा घोंपकर एक दूसरे की अनियमितताओं को
पोषित करते हैं जिससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार अपनी पैठ
बनाता है ।
यूपी के पूर्ववर्ती मुख्य
सचिव जावेद उस्मानी को केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार के कोयला घोटाले का दागी और 30 जून 2016 तक सेवा विस्तार पाए आलोक रंजन को ई.ओ.यू.-1 दिल्ली के
अपराध संख्या आर.सी.-2(ई)/2007,जिसमें दिनांक 09/09/2015 को अलोक रंजन के खिलाफ
अभियोजन की माँगी गयी थी, के चलते दागी बताते हुए उर्वशी ने अखिलेश यादव को
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आड़े हाथों लेते हुए सबाल उठाया कि आखिर क्यों अखिलेश ने न
केवल यूपी के दो दागी आई.ए.एस. अधिकारियों को लगातार यूपी का मुख्य सचिव बनाया
बल्कि आलोक रंजन को तो तीन माह का सेवा विस्तार दिलाने में व्यक्तिगत रूचि भी ली ?
उर्वशी के अनुसार अखिलेश के ऐसे कृत्यों से उनकी भ्रष्टाचार के मामले में मिस्टर
क्लीन की छवि खुद-ब-खुद ही संदेह के दायरे में आ रही है ।
उर्वशी ने बताया कि
इस चुनावी साल में आलोक रंजन का सेवा-विस्तार काल पूरा होने के बाद आगामी 1 जुलाई
को किसी बेदाग़ IAS को ही सूबे के अगले मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहण
कराने की मांग को सार्वजनिक रूप से उठाने के लिए ही यूपी के समाजसेवियों ने यह धरना प्रदर्शन किया
है ।धरने के बाद देश के प्रधानमंत्री और सूबे के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्च
न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भी भेजा गया । उर्वशी के अनुसार यदि उनके इस सार्वजनिक प्रदर्शन के बाद भी किसी दागी
आई.ए.एस. को ही सूबे का मुख्य सचिव बना दिया जाता है तो उनका संगठन भ्रष्टाचार को
पोषित करने बाले सरकार के इस जन-विरोधी कदम का उच्च न्यायालय में पी.आई.एल. दायर
कर विरोध करेगा ।
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