जावेद उस्मानी की महिला विरोधी कार्यशैली
से महिलाओं के लिए अधिक असुरक्षित सूचना आयोग : उर्वशी
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लखनऊ/09 सितम्बर 2016/ यूपी के पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में उत्तर
प्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी पर महिला विरोधी
होने के आरोप लग रहे हैं. उस्मानी पर यह आरोप उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी उत्तर
प्रदेश राज्य सूचना आयोग में “महिलाओं का
कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण,प्रतिषेध
और प्रतितोष) अधिनियम 2013” के तहत आतंरिक
परिवाद समिति का गठन न किये जाने के कारण लग रहे हैं. इस बार उस्मानी पर यह गंभीर
आरोप मौखिक रूप से नहीं लगाए गए हैं बल्कि लखनऊ स्थित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्री
और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने जावेद उस्मानी को भेजे एक खुले ई-मेल के
जरिये उस्मानी पर यह आरोप बाकायदा लगाते
हुए लिखित में उस्मानी और राज्य सूचना आयोग द्वारा महिला विरोधी मानसिकता के साथ
काम करने के कारण इनकी भर्त्सना भी की है l उर्वशी का कहना है कि यूपी सीआइसी जावेद
उस्मानी की महिला विरोधी कार्यशैली से यूपी का सूचना आयोग महिलाओं के लिए
उत्तरोत्तर असुरक्षित होता जा रहा है.
सूचना आयोग में महिलाओं की असुरक्षा का
जिक्र करते हुए उर्वशी ने लिखा है कि यूपी के सूचना आयुक्तों के हाथों उत्पीडित महिलाओं
के अनेकों प्रार्थना पत्र सूचना आयोग में लंबित हैं और अनेकों महिलाएं आयोग में यौन
उत्पीडन जांच समिति का गठन किये जाने का इंतज़ार कर रही हैं ताकि वे अपनी शिकायत इस
समिति के समक्ष दर्ज कराकर न्याय पा सकें किन्तु उनके द्वारा दायर की गयी याचिका पर उच्च न्यायालय
इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के स्पष्ट आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग
में विशाखा समिति गठित न करने से
जावेद उस्मानी और सूचना आयोग का महिला सम्मान रक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर
निहायत गैर-जिम्मेदाराना रुख सामने आया है
l
उर्वशी ने एक विशेष बातचीत में बताया कि उच्चतम
न्यायालय के निर्देश, “महिलाओं का
कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण,प्रतिषेध
और प्रतितोष) अधिनियम 2013” की व्यवस्था,उच्च
न्यायालय के आदेश में यौन उत्पीडन जांच समिति गठित करने की स्पष्ट विधिक बाध्यता
होने और उनके द्वारा विगत 2 वर्षों से
लगातार इस समिति के गठन की मांग किये जाने के बाद भी इस समिति का गठन न किये जाने
से सिद्ध हो रहा है कि जावेद उस्मानी और उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग प्रशासन महिला
उत्पीडन के दोषी सूचना आयुक्तों को बचाने के लिए महिला विरोधी मानसिकता के तहत
कार्य कर रहे हैं l
बकौल
उर्वशी यूपी
के सूचना आयोग और मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा यौन उत्पीडन के आरोपी
सूचना आयुक्तों को बचाने के लिए महिला विरोधी मानसिकता के साथ कार्य करने के कारण
सूबे के युवा सीएम अखिलेश यादव की महिला सम्मान रक्षा की मुहिम के छवि भी धूमिल हो
रही है l
उर्वशी
ने बताया कि उन्होंने अपने खुले ई-मेल को भारत के राष्ट्रपति,उप राष्ट्रपति,प्रधान
मंत्री, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश,यूपी के राज्यपाल,मुख्य मंत्री,इलाहाबाद
उच्च नयायालय के मुख्य
न्यायधीश समेत दर्जन भर अधिकारीयों को भेजते हुए यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद
उस्मानी और उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग प्रशासन द्वारा महिला विरोधी मानसिकता
के तहत कार्य करने के कारण इनकी सार्वजनिक भर्त्सना की है और आगाह किया है कि यदि अगले 1 माह के अन्दर यूपी
के राज्य सूचना आयोग में लैंगिक उत्पीडन जांच समिति के गठन की
सूचना उन्हें नहीं दी गयी तो वे इस मामले में उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में अवमानना
याचिका दायर कर देंगी l
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