लखनऊ/17 सितम्बर 2016/ Written by
Socio Political News Desk
उत्तर प्रदेश के सूचना आयोग में ‘महिला सम्मान रक्षा’ की मुहिम चलाने वाली आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा पर बीते शनिवार 10 सितम्बर की रात हमला करने के आरोपी के खिलाफ लखनऊ के थाना तालकटोरा में बीते 13
सितम्बर आई.पी.सी. की धारा 323,504 और 354 में एफ.आई.आर. दर्ज हो गयी है l मामले में उपनिरीक्षक सत्य नारायण कुशवाहा को जांच अधिकारी
बनाया गया है l एफ.आई.आर. संख्या 235/16 में आरोपी पवन कुमार मिश्रा को लखनऊ के मोहान रोड स्थित राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ में कर्मशाला अधीक्षक पद पर कार्यरत और
मोहान रोड स्थित पिंक सिटी का निवासी बताया गया है l
फोटो के साथ पूरी खबर यहाँ पाएं http://socio-political-news.blogspot.in/2016/09/rti-l.html
RTI कार्यकत्री उर्वशी ने बताया कि उनके द्वारा लोकायुक्त उत्तर प्रदेश के समक्ष दायर की गयी एक शिकायत के आधार पर आरोपी पवन का सेवा में विनियमितीकरण रद्द किया जा चुका है और पवन को प्राविधिक एवं औधोगिक संस्थाओं के सचिव पद पर नियुक्त किये जाने का आदेश भी रद्द किया जा चुका है जिसके कारण पवन उनकी जान के पीछे पड़ा हुआ है l उनके द्वारा पवन
कुमार मिश्र
के खिलाफ
लखनऊ के
थाना काकोरी
में पंजीकृत
कराये गए मुकदमा अपराध
संख्या 30/08 अंतर्गत आईपीसी धारा
420, 468 के सम्बन्ध
में सीजेएम
लखनऊ के
न्यायालय में
विचाराधीन केस
नंबर 784/14 में
पवन दिनांक
11-08-15 से 21-08-15 तक
जेल में
रहा था
और इसीलिये
उसे 11-08-15 को
निलंबित किया
गया था
। उनके प्रार्थना पत्र पर पारित किये गए आदेश
में तत्कालीन
प्रमुख सचिव
सुनील कुमार
ने आदेशित
किया है
कि 11-08-15 से
21-08-15 तक की
अवधि पवन
के सेवाकाल
में व्यवधान
मानी जायेगी
और 11-08-15 से
21-08-15 तक की
अवधि के
सेवाकाल के
सम्बन्ध में
निर्णय सीजेएम
लखनऊ के
न्यायालय में
विचाराधीन परिवाद
संख्या 1585/15 के
अंतिम रूप
से निस्तारित
होने के
बाद ही
लिया जा
सकेगा । आरोपी पवन कुमार मिश्र द्वारा इस परिवाद को बापस लेने के लिए अपने अन्य साथियों के साथ उनका पीछा ( Stalking ) करने और मौका पाकर उनको जान से मारने की धमकी देने,केस बापस लेने के लिए दवाव बनाने की साजिश के तहत उनकी जासूसी कराकर उनके जानकारों और रिश्तेदारों के नाम पते प्राप्त कर क्षद्म लोकप्राधिकारी बनकर उनसे संपर्क कर उनके चरित्रहनन की बातें करने,पवन की बजह से उनका जीना दूभर होने और उनको व उनके परिवार को परिवार को पवन और इसके साथियों से जान-माल का खतरा होने की बात भी उर्वशी ने कही है
l
बकौल उर्वशी पवन जालसाजी करने में सिद्धहस्त है जिसने दिनांक 28 फरवरी
2008 को उच्चतम न्यायालय दिल्ली में उपस्थित होकर Review
petition (c) No. 7096/08 in Special Leave Petition ( Civil ) no. CC 1083 of
2008 का शपथ पत्र हस्ताक्षरित किया और दिल्ली उच्चतम न्यायालय में होते हुए भी इसी दिनांक 28 फरवरी
2008 को राजकीय गोविन्द बल्लभ पन्त पॉलिटेक्निक मोहान रोड लखनऊ की उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर भी किये जो कि जालसाजी किये बिना किसी भी प्रकार संभव ही नहीं हैं । इस मामले में एफ.आई.आर. दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने की उनकी अर्जी एस.एस,पी. लखनऊ के कार्यालय में लंबित है ।
उर्वशी ने थाना तालकटोरा की पुलिस पर आरोपी
से घूस खाकर प्रकरण में भारतीय दंड विधान की सही धाराएं न लगाने की बात कही है और
कहा है कि कि वे शीघ्र ही जांच अधिकारी से मिलकर पवन द्वारा कारित किये गए अपराध
के सबूत और अपना लिखित बयान उन्हें सौंपकर मामले में धाराएं बढाने की मांग करेंगी ।
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