लखनऊ/01
अप्रैल 2017/उर्वशी शर्मा
यूपी
के पूर्व मुख्यमंत्री पूरे 5 साल विकास कराने का दम भरते रहे l यहाँ तक कि चुनाव
पूर्व की सभाओं और रैलियों में भी अखिलेश अपने 5 साल में कराये विकास के आधार पर
चुनाव जीतने का दावा करते रहे l यह बात और है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश
और उनके दावों को नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाकर सूबे में
सत्ता परिवर्तन कर दिया l अब राजधानी लखनऊ
के समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने अपनी एक आरटीआई पर उत्तर
प्रदेश शासन द्वारा प्रेषित किये गये जबाब के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश और
उनकी नौकरशाही पर विकास के नाम पर सूबे की जनता के साथ धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप
लगाया है l
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बताते
चलें कि संजय ने यूपी के मुख्य सचिव के कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर वितीय
वर्ष 2007-08 से वितीय वर्ष 2016-17 तक की अवधि में यूपी में हुए पूंजी निवेश की
सूचना माँगी थी l मुख्य सचिव कार्यालय ने संजय की इस आरटीआई को उत्तर प्रदेश के
औध्योगिक विकास विभाग को अंतरित कर दिया था l औध्योगिक विकास विभाग ने इस सम्बन्ध
में संजय को जो सूचना दी है वह बताती है कि यूपी में पूंजी निवेश कराने के मामले
में अखिलेश यादव अपनी पूर्ववर्ती मायावती
से भी फिसड्डी साबित हुए l यूपी की सत्ता सँभालने के प्रथम 4 वर्षों में मायावती
ने यूपी में कुल 32492.85 करोड़ रुपयों का पूंजी निवेश कराया तो वहीं अखिलेश यादव यूपी की सत्ता सँभालने के प्रथम 4
वर्षों में यूपी में महज़ 27374.50 करोड़ रुपयों का ही पूंजी निवेश करा पाए l अखिलेश
के कार्यकाल का यह पूंजी निवेश मायावती के कार्यकाल के पूंजी निवेश के मुकाबले 5118.35
करोड़ रुपये अर्थात लगभग 16% कम रहा l
समाजसेवी
संजय ने एक विशेष बातचीत में बताया कि यदि बाद के वर्षों में हुए रुपये के
अवमूल्यन को गणना में लिया जाए तो अखिलेश
के कार्यकाल के आरंभिक 4 वर्षों का पूंजी निवेश मायावती के कार्यकाल के आरंभिक 4
वर्षों के पूंजी निवेश के मुकाबले काफी कम रहा है l
माया-काल
में वित्तीय वर्ष 2007-08 में 4918.26 करोड़ रुपयों का, 2008-09 में 5176.63 करोड़ रुपयों का, 2009-10 में 11951.93 करोड़ रुपयों
का और 2010-11 में 10446.03 करोड़ रुपयों का पूंजी निवेश हुआ तो वहीं अखिलेश-काल में वित्तीय वर्ष 2012-13 में 6659.55 करोड़ रुपयों का, 2013-14 में 5213.03 करोड़ रुपयों
का, 2014-15 में 7671.2034
करोड़ रुपयों का, 2015-16 में 7830.7169 करोड़ रुपयों का पूंजी निवेश हुआ
l अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में मायावती ने यूपी में 25052.42
करोड़ रुपयों का पूंजी निवेश कराया था l अखिलेश यादव के कार्यकाल के अंतिम वर्ष
अर्थात वित्तीय वर्ष 2016-17 की सूचना अभी संजय को नहीं दी गई है l
अखिलेश
यादव और उनके अधिकारियों द्वारा यूपी में पूंजी निवेश कराने के नाम पर मुफ्त की
विदेशी-देशी यात्राओं,होटलों में की गई मंहगी सभाओं और झूंठे प्रचार पर जनता की
गाढ़ी कमाई खर्च कर जनता के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए संजय ने पूंजी
निवेश पर अखिलेश के झूंठे वादों को अखिलेश की हार के अनेकों कारकों में से एक कारक
करार दिया है l
संजय
ने बताया कि क्योंकि सूबे के नए सीएम योगी आदित्यनाथ को भी अखिलेश के काल की वही
रीढ़विहीन और मतलबपरस्त नौकरशाही विरासत में मिली है जो अपनी निजी स्वार्थ साधने के
लिए 5 साल तक अखिलेश के सफेद झूंठ को ही सच के रूप में जनता के सामने परोसती रही
इसीलिये अब उन्होंने पूंजी निवेश के इन तथ्यों के आधार पर वर्तमान मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ को पत्र लिखकर योगी को यूपी की रीढ़विहीन और मतलबपरस्त नौकरशाही से भविष्य
में सावधान रहने की व्यक्तिगत सलाह दी है l
सूबे
के विकास के लिए पूंजीनिवेश को अत्यधिक महत्वपूर्ण कारक बताते हुए संजय ने अपने
पत्र में योगी से यूपी में अखिलेश की तरह कागजी नहीं अपितु वास्तविक पूंजी निवेश
कराकर यूपी के नौजवानों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने की अपील करने की बात भी
कही है l
©yaishwaryaj
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