लखनऊ/19-04-17
भारत में सूचना का अधिकार यानि कि पारदर्शिता का कानून लागू
हुए 11 साल से भी ज्यादा हो गये हैं l इस कानून को लागू करते समय भारत की संसद ने
ये नहीं सोचा होगा कि कभी ऐसा दिन भी आएगा जब उनके द्वारा पारदर्शिता के इस कानून में
नियत की गई संरक्षक की भूमिका को निभाने के लिए नियुक्त होने वाले सूचना आयुक्तों
के पदों पर ऐसे-ऐसे लोग नियुक्त हो जायेंगे कि उनका विरोध करने के लिए
एक्टिविस्टों को गधों के साथ सड़क पर आकर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया को
पारदर्शी बनाने की मांग बुलंद करने पड़ेगी l पर आज स्थिति ऐसी हो गई है कि आरटीआई
एक्टिविस्टों को उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्तों का विरोध करने के लिए लखनऊ की
समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में इकट्ठा होकर गधे के
साथ धरना देना पड़ रहा है l
एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि संसद ने आरटीआई कानून को एक
अत्यंत ही पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिए पारित किया था l उर्वशी ने कहा कि आरटीआई
एक्ट की प्रस्तावना में ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस जानने के अधिकार का
प्रयोग करें और गवर्नेंस में सहभागिता कर लोकतंत्र को मजबूती दें परन्तु जब कोई
नागरिक आरटीआई का प्रयोग कर कानून को पारित करने की मंशा के अनुसार अपने दायित्व
का निर्वहन करता है तो जन सूचना अधिकारी से लेकर सूचना आयुक्त तक सभी उसे दुश्मन
की निगाह से देखने लगते हैं l
उर्वशी ने बताया कि आरटीआई कानून में सूचना आयुक्तों की
नियुक्ति के लिए व्यक्ति में व्यापक ज्ञान और अनुभव के साथ-साथ समाज के प्रख्यात होना
भी आवश्यक किया गया है पर सूबे की अखिलेश सरकार ने इन पदों पर अज्ञानी,अनुभवहीन और
सामान्य समझ तक न रखने वाले व्यक्तियों को नियुक्त करके सूबे में आरटीआई कानून को
मृतप्राय अवस्था में पहुंचा दिया है l उर्वशी ने वर्तमान आयुक्तों की नियुक्तियों
को राजनैतिक नियुक्ति बताया है l
बकौल उर्वशी क्योंकि अब सूबे में सत्ता परिवर्तन हो चुका है
और सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में कानून का राज स्थापित
करने के लिए कृतसंकल्प हैं इसीलिये उन्होंने सीएम योगी के ध्यानाकर्षण के लिए कल
20 अप्रैल को गधे के साथ इस धरने का आयोजन इस आशय से किया है कि योगी यूपी के राज्यपाल
द्वारा सूचना आयुक्तों के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग भेजे गये
303 मामलों को सुप्रीम कोर्ट भिजवाकर वर्तमान सूचना आयुक्तों के खिलाफ एक्ट की
धारा 17 की दंडात्मक कार्यवाही करायेंगे और सूचना आयोग में खाली पड़े दो पदों पर आरटीआई
कानून का व्यापक ज्ञान और अनुभव रखने वाले समाज के प्रख्यात व्यक्तियों की नियुक्ति सुप्रीम
कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पारदर्शी रीति से करेंगे l
उर्वशी ने बताया कि कल वे अपने साथियों के साथ उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ‘आरटीआई भवन’ विभूतिखंड गोमतीनगर,लखनऊ के मुख्य
द्वार के बाहर की सड़क के डिवाइडर पर मुख्य द्वार के सामने पूर्वाह्न 11:00 बजे से 12:00
बजे दोपहर तक;लक्ष्मण मेला मैदान, धरना स्थल, लखनऊ अपराह्न 01:00 बजे से 03:00 बजे
अपराह्न तक और लखनऊ के जिलाधिकारी आवास के सामने, सड़क के दूसरी ओर रवीन्द्र नाथ
टैगोर की मूर्ति के सामने - 04:00 बजे से 05:00 बजे अपराह्न तक धरना
प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के माध्यम सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और यूपी के
राज्यपाल, सीएम को ज्ञापन भी भेजेंगी l
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