RTI के 12 साल - 70 से अधिक हत्याओं, 500 से अधिक गंभीर उत्पीड़न की घटनाओं के बाद भी मजबूत हो रहा आंदोलन : उर्वशी शर्मा
लखनऊ/15 अक्टूबर 20 17
लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार शुक्ल अब तक 1000 से अधिक RTI दायर कर चुके हैं और अपने अलावा अन्य लोगों के 2000 के लगभग मामले यूपी के सूचना आयोग में देखते हैं l शुक्ल हाल फिलहाल विद्यालयों में छात्रों को आरटीआई एक्ट की ट्रेनिंग अनिवार्य करने की मुहिम को कामयाब करने में जुटे हैं l शाहजहांपुर के प्रकाश चंद्र पाठक ने आरटीआई प्रयोग से अतिवरा गाँव को भ्रष्टाचार मुक्त कर दिया है तो वहीं फर्रुखाबाद में साइकिल से चलने वाले शिव नारायण श्रीवास्तव की साइकिल की आवाज पहचानकर कई सरकारी कार्यालयों के बाबू अपनी सीट छोड़ गायब हो जाते हैं l कम तो फतेहपुर के जय सिंह परिहार भी नहीं हैं जिन्होंने आरटीआई के प्रयोग से अमूल जैसी बड़ी संस्था के फ्रॉड को उजागर कर प्रशासन को अमूल के खिलाफ आपराधिक मुक़दमा लिखाने को बाध्य कर दिया l ये सभी अलग-अलग जगहों से हैं पर इनमें जो समानताएं हैं वे यह हैं कि ये सभी आरटीआई कार्यकर्ता हैं,सभी को प्रत्यक्ष या अपत्यक्ष जान से मारने की धमकी मिल चुकी है और ये सभी सामाजिक संस्था येश्वर्याज द्वारा आरटीआई एक्ट की बारहवीं सालगिरह पर आरटीआई रत्न 2016 पुरस्कारों से सम्मानित किये गए हैं । येश्वर्याज की संस्थापिका उर्वशी शर्मा कहती हैं कि RTI के लागू होने के बाद अब तक के 12 सालों में 70 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्याओं और 500 से अधिक गंभीर उत्पीड़न की घटनाओं के बाद भी शुक्ल,पाठक,श्रीवास्तव और परिहार जैसे लोगों के सामने आने से यह सिद्ध हो रहा है कि तमाम चुनौतियों और खतरों के बाद भी आरटीआई आंदोलन लगातार मजबूत हो रहा है और इसीलिये उनकी संस्था ने सूचना के इन सिपाहियों को आरटीआई डे पर सम्मानित किया है l
साल 2005 में लागू हुए सूचना का अधिकार कानून के 12 साल पूरे होने के मौके पर यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन 'येश्वर्याज' ने 12 अक्टूबर 2017 को यूपी के सुदूर जिलों अमेठी,उन्नाव,लखनऊ,फर्रुखाबाद,फतेहपुर,शाहजहांपुर,मऊ ,हरदोई,सुल्तानपुर,बाराबंकी और प्रतापगढ़ से आये सौ से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब के खचाखच भरे हॉल में आरटीआई कार्यकर्ताओं को 'आरटीआई रत्न' सम्मान दे कर आरटीआई डे 2017 मनाया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ ने की और नैतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विख्यात अधिवक्ता चंद्र भूषण पांडेय ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की ।कार्यक्रम में डा. नीरज कुमार,आलोक चांटिया,नम्रता शुक्ला,पुष्पा अनिल,डा. महिमा देवी के साथ अनेकों अधिवक्ताओं ने भी शिरकत की ।
इस अवसर पर लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार शुक्ल को 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' प्रथम पुरस्कार;शाहजहांपुर के प्रकाश चंद्र पाठक को 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' द्वितीय पुरस्कार;फर्रुखाबाद के शिव नारायण श्रीवास्तव और फतेहपुर के जय सिंह परिहार को सम्मिलित रूप से 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सतना जिले के राजीव खरे के साथ-साथ लखनऊ के विनोद कुमार यादव; आनंद, गणेश यादव और उन्नाव की सरस्वती को मिलाकर 8 एक्टिविस्ट्स को आरटीआई एक्ट का सार्थक प्रयोग करने के लिए 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' प्रोत्साहन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम की आयोजिका समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने बताया कि उनका संस्थान प्रत्येक वर्ष सूचना के अधिकार अधिनियम का प्रयोग कर लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही लाने के लिए सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर 'आरटीआई रत्न' पुरस्कार देता है ।
कार्यक्रम में अगले वर्ष दिए जाने वाले 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न पुरस्कार 2017 के फॉर्म का विमोचन कर इन पुरस्कारों का नामांकन की प्रक्रिया की शुरुआत की गई और कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को नई दिल्ली की संस्था 'कामनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव' (CHRI) द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई गई RTI गाइड और येश्वर्याज की ओर से यूपी आरटीआई नियमावली 2015 की प्रतियों के निःशुल्क वितरण किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र भूषण पांडेय ने आरटीआई एक्टिविस्टों के कार्यों की सराहना करते हुए आरटीआई सम्बन्धी सभी मामलों में निःशुल्क विधिक राय देने और आरटीआई एक्टिविस्ट्स के मामलों को संस्था येश्वर्याज के मार्फत निःशुल्क उच्च न्यायालय ले जाने की बात कही ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने येश्वर्याज के आयोजन को सार्थक बताते हुए आयोजिका उर्वशी शर्मा को बधाई दी और एक्टिविस्टों को सलाह दी कि वे सूचना आयुक्तों के गलत आदेशों को उनके खिलाफ अक्षमता का प्रमाण बनाकर राज्यपाल से शिकायत करें ताकि इस प्रमाणों के आधार पर सही कार्य न करने वाले सूचना आयुक्तों को हटवाकर सूचना आयोग की कार्यप्रणाली में अपेक्षित सुधार हो सके ।कमलेश्वर नाथ ने आरटीआई एक्ट को मजबूती देने से सम्बंधित मुद्दों को अपने स्तर से उठाने की बात भी कही ।
कार्यक्रम में बोलते हुए देश के प्रमुख आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने आरटीआई एक्ट लागू होने के बाद 12 सालों में 70 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या होने,500 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं का गंभीर उत्पीड़न होने, व्हिसिलब्लोअर कानून लागू न होने,सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों में उच्चतम न्यायलय द्वारा नमित शर्मा मामले में दी गई गाइडलाइन्स का सरकारों द्वारा अनुपालन न करने और सरकारी विभागों द्वारा वेबसाइट्स पर एक्ट की धारा 4 (1 )(b ) की सूचना न डालने, सरकारों द्वारा जनता को प्रशिक्षित करने के लिए बजट न देने और सरकारी अफसरों में आरटीआई एक्ट का ज्ञान न होने पर चिंता व्यक्त करते हुए एक्टिविस्ट्स को इन एक रणनीति बनाकर मुद्दों पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया ।
कार्यक्रम के अंत में आयोजिका उर्वशी शर्मा ने अध्यक्ष, मुख्य अतिथि और यूपी के अमेठी,उन्नाव,लखनऊ,फर्रुखाबाद,फतेहपुर,शाहजहांपुर,मऊ ,हरदोई,सुल्तानपुर,बाराबंकी और प्रतापगढ़ से आये सैकड़ों एक्टिविस्ट्स को धन्यवाद ज्ञापित किया l कार्यक्रम का सञ्चालन मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने किया ।
NGO YAISHWARYAJ confers RTI Ratna Awards on RTI day 2017 at UP Press Club Lucknow
12-12-17
साल 2005 में लागू हुए
सूचना का अधिकार कानून के 12 साल पूरे होने के मौके पर यूपी की राजधानी लखनऊ
स्थित सामाजिक संगठन 'येश्वर्याज' ने 12 अक्टूबर 2017 को यूपी के
सुदूर जिलों अमेठी,उन्नाव,लखनऊ,फर्रुखाबाद,फतेहपुर,शाहजहांपुर,मऊ ,हरदोई,सुल्तानपुर,बाराबंकी और प्रतापगढ़ से आये सौ से
अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब के खचाखच भरे हॉल
में आरटीआई कार्यकर्ताओं को 'आरटीआई रत्न'
सम्मान
दे कर आरटीआई डे 2017 मनाया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च न्यायालय
इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कमलेश्वर नाथ ने की और नैतिक पार्टी के
राष्ट्रीय अध्यक्ष और विख्यात अधिवक्ता चंद्र भूषण पांडेय ने कार्यक्रम के मुख्य
अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की ।कार्यक्रम में डा. नीरज कुमार,आलोक चांटिया,नम्रता शुक्ला,पुष्पा अनिल,डा. महिमा देवी
के साथ अनेकों अधिवक्ताओं ने भी शिरकत की ।
इस अवसर पर लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता
अशोक कुमार शुक्ल को 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' प्रथम पुरस्कार;शाहजहांपुर के
प्रकाश चंद्र पाठक को 'येश्वर्याज आरटीआई रत्न 2016' द्वितीय
पुरस्कार;फर्रुखाबाद
के शिव नारायण श्रीवास्तव और फतेहपुर के जय सिंह परिहार को सम्मिलित रूप से 'येश्वर्याज
आरटीआई रत्न 2016' तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सतना
जिले के राजीव खरे के साथ-साथ लखनऊ के
विनोद कुमार यादव; आनंद, गणेश यादव और उन्नाव की सरस्वती को
मिलाकर 8 एक्टिविस्ट्स को आरटीआई एक्ट का
सार्थक प्रयोग करने के लिए 'येश्वर्याज
आरटीआई रत्न 2016' प्रोत्साहन
पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम की आयोजिका समाजसेविका
उर्वशी शर्मा ने बताया कि उनका संस्थान प्रत्येक वर्ष सूचना के अधिकार अधिनियम का
प्रयोग कर लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही लाने के लिए सराहनीय कार्य करने
वाले व्यक्तियों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर 'आरटीआई रत्न'
पुरस्कार
देता है ।
कार्यक्रम में अगले वर्ष दिए जाने वाले
'येश्वर्याज
आरटीआई रत्न पुरस्कार 2017 के फॉर्म का विमोचन कर इन पुरस्कारों का नामांकन की
प्रक्रिया की शुरुआत की गई और कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को नई दिल्ली की
संस्था 'कामनवेल्थ
ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव'
(CHRI) द्वारा
निःशुल्क उपलब्ध कराई गई RTI गाइड और येश्वर्याज
की ओर से यूपी आरटीआई नियमावली 2015 की प्रतियों के निःशुल्क वितरण किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ उच्च
न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र भूषण पांडेय ने आरटीआई एक्टिविस्टों के कार्यों
की सराहना करते हुए आरटीआई सम्बन्धी सभी मामलों में निःशुल्क विधिक राय देने और
आरटीआई एक्टिविस्ट्स के मामलों को संस्था येश्वर्याज के मार्फत निःशुल्क उच्च
न्यायालय ले जाने की बात कही ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में उच्च न्यायालय
के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस कमलेश्वर नाथ ने येश्वर्याज के आयोजन को सार्थक
बताते हुए आयोजिका उर्वशी शर्मा को बधाई दी और एक्टिविस्टों को सलाह दी कि वे
सूचना आयुक्तों के गलत आदेशों को उनके खिलाफ अक्षमता का प्रमाण बनाकर
राज्यपाल से शिकायत करें ताकि इस प्रमाणों
के आधार पर सही कार्य न करने वाले सूचना आयुक्तों को हटवाकर सूचना आयोग की
कार्यप्रणाली में अपेक्षित सुधार हो सके ।कमलेश्वर नाथ ने आरटीआई एक्ट को मजबूती देने से सम्बंधित
मुद्दों को अपने स्तर से उठाने की बात भी कही ।
कार्यक्रम में बोलते हुए देश के प्रमुख
आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने आरटीआई
एक्ट लागू होने के बाद 12 सालों में 70 से अधिक आरटीआई
कार्यकर्ताओं की हत्या होने,500 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ताओं का गंभीर उत्पीड़न
होने, व्हिसिलब्लोअर
कानून लागू न होने,सूचना आयुक्तों
की नियुक्तियों में उच्चतम न्यायलय द्वारा नमित
शर्मा मामले में दी गई गाइडलाइन्स का सरकारों द्वारा अनुपालन न करने और
सरकारी विभागों द्वारा वेबसाइट्स पर एक्ट की धारा 4 (1 )(b ) की सूचना न डालने,
सरकारों
द्वारा जनता को प्रशिक्षित करने के लिए बजट न देने और सरकारी अफसरों में आरटीआई
एक्ट का ज्ञान न होने पर चिंता व्यक्त करते हुए एक्टिविस्ट्स को इन एक रणनीति
बनाकर मुद्दों पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया ।
कार्यक्रम के अंत में आयोजिका उर्वशी
शर्मा ने अध्यक्ष, मुख्य अतिथि और
यूपी के अमेठी,उन्नाव,लखनऊ,फर्रुखाबाद,फतेहपुर,शाहजहांपुर,मऊ ,हरदोई,सुल्तानपुर,बाराबंकी और प्रतापगढ़ से आये सैकड़ों
एक्टिविस्ट्स को धन्यवाद ज्ञापित किया l कार्यक्रम का
सञ्चालन मानवाधिकार कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने किया ।
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