Wednesday, February 28, 2018

OMG! RBI को नहीं है HSBC,लिंचेस्टाइन,पनामा,पैराडाइज महाघोटालों की कोई जानकारी : RTI


लखनऊ / 28 फरवरी 2018............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा  ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj

भारत के वित्तीय सिस्टम को रेगुलेट करने के लिए भारत सरकार के साथ-साथ बैंकिंग,इन्श्योरेंस ,कमोडिटी मार्केट,कैपिटल मार्केट,पेंशन फण्ड आदि क्षेत्रों में अनेकों स्वतंत्र  रेगुलेटर हैं जिनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बैंकिंग रेगुलेटर यानि कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( आरबीआई ) की है l अधिकांश वित्तीय घोटालों या अपराधों में किसी न किसी रूप में बैंकों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका रहती ही है और इसीलिये किसी भी बड़े वित्तीय अपराध को होने से रोकने और अपराध के सामने आने के बाद मामले की तह तक पहुँचकर अपराधियों को सजा दिलाने तक की प्रक्रिया में आरबीआई की जिम्मेदारी भी बहुत महत्वपूर्ण होती है l वैसे भी भारत की जनता RBI को भारत की जनता के वित्तीय हितों का पहरेदार मानती है l पर अगर मैं आपसे यह कहूं कि भारत के इसी वित्तीय पहरेदार यानि कि आरबीआई को HSBC बैंक ,लिंचेस्टाइन बैंक ,पनामा पेपर्स ,पैराडाइज पेपर्स जैसे बड़े-बड़े घोटालों या इन महाघोटालों पर की जा रही सरकारी कार्यवाहियों की कोई जानकारी नहीं है तो क्या आप यकीन करेंगे ? शायद नहीं l पर जब आप  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय में दायर की गई एक आरटीआई पर भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी एस. के. पाणिग्राही द्वारा दिए गए जबाब को देखेंगे तो आपको मेरी इस बात पर यकीन करना ही पड़ेगा  l
  
Scanned copies of original RTI & its replies can be viewed by clicking this exclusive web-link http://upcpri.blogspot.in/2018/02/rbi-hsbc-rti.html 
  
बताते चलें कि लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर रहे देश के नामचीन  कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते साल के नवम्बर महीने की 20 तारीख को  भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी डाली थी l यह अर्जी अंतरित होकर बीती 17 जनवरी को भारतीय रिज़र्व बैंक पहुँची l RBI के केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी एस. के. पाणिग्राही ने बीते 16 फरवरी के पत्र के माध्यम से एक्टिविस्ट संजय को जो सूचना दी है वह वाकई चौंकाने वाली है l दी गई सूचना के अनुसार देश के बैंकिंग रेगुलेटर को HSBCबैंक और लिंचेस्टाइन बैंक मामलों में काले धन का पता लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा बैठाई गई जांचों की कुल संख्या,इन जांचों के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए व्यक्तियों व प्रतिष्ठानों के नामों और  HSBCबैंक ,लिंचेस्टाइन बैंक ,पनामा पेपर्स व पैराडाइज पेपर्स के माध्यम से प्रकाश में आये भारतीय नागरिकों,भारतीय प्रतिष्ठानों और NRIs के नामों की भी कोई सूचना नहीं है l
   
देश-दुनिया से जुड़े सभी मुद्दों पर  अपनी तीखी राय बेबाकी से रखने वाले RTI एक्सपर्ट संजय ने इस RTI जबाब से व्यथित होते हुए देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले घोटालों और काले धन से जुड़े इन बड़े-बड़े मामलों की कोई भी जानकारी आरबीआई को नहीं होने की स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है  l
  
वित्तीय क्षेत्र के लिए ब्रिटेन की तर्ज पर एक सुपर रेगुलेटर ( महानियामक ) बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए समाजसेवी संजय ने अपने पंजीकृत सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ के संस्थापक अध्यक्ष  की हैसियत से पीएम मोदी को पत्र  लिखकर श्रीकृष्ण समिति की शिफारिशों में बैंकिंग क्षेत्र को शामिल करते हुए शिफरिशों के लागू कराने की मांग उठाने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार उर्वशी शर्मा से की गई एक  एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l
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News written by freelance journalist Urvashi Sharma  
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