आरटीआई से बच्चों का भी हौसला बुलंद
लखनऊ: सूचना का अधिकार (आरटीआई) ने बच्चों का भी हौसला बढ़ाया है। संकेत यह है कि 21वीं सदी के बच्चे जागरुक हैं, वे भी देश की हर घटना में रुचि लेते हैं और उनके आसपास जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में जानने की सिर्फ जिज्ञासा ही नहीं रखते, बल्कि जवाब मांगने के लिए अपने अधिकार का उपयोग भी करना जानते हैं। (08:07)
बाल आरटीआई कार्यकर्ता ऐश्वर्या पाराशर के हौसले ने कई और बच्चों को सूचना प्राप्त करने के अधिकार का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया है। लखनऊ के आलमनगर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के संबंध में आरटीआई दायर करने वाली कक्षा 10 की छात्रा प्रियांशी यादव खुश हैं कि उनकी मेहनत सफल हुई, ओवरब्रिज का काम शुरू हो गया है।
सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे लखनऊ निवासी ज्ञानेश पांडेय ने आरटीआई का प्रयोग करके राजधानी के गोविंद बल्लभ पंत पोलीटेक्निक के प्रधानाचार्य को स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य कर दिया है तो वहीं मिजार्पुर निवासी जयचंद मौर्य आरटीआई का प्रयोग करके ग्राम सभाओं का 45 लाख से अधिक का घोटाला उजागर कर चुके हैं।
इतना ही नहीं, महिलाएं भी जागरुक हो रही हैं। पुलिस से निराश मथुरा निवासी एक गृहिणी सर्वेश आरटीआई का प्रयोग कर अपने घर पर हुई चोरी की तह तक जाकर चोर को पकड़वाना चाहती हैं।
इसी तरह हरियाणा राज्य के फरीदाबाद में रहने बाले जनार्दन प्रसाद लखनऊ के सहकारी बैंक द्वारा गलत ब्याज वसूली से उत्पीड़ित हैं और आरटीआई का प्रयोग कर दोषियों को दंडित कराकर न्याय पाना चाहते हैं। बांदा निवासिनी आराधना गुप्ता कानपुर के एक प्रबंधन संस्थान की मान्यता की पुष्टि के लिए आरटीआई का प्रयोग कर संतुष्टि पाना चाहती हैं।
पंचशीलनगर निवासी बलराम सिंह के पिछले पंद्रह वर्षो से प्रमाणपत्र के लिए दर दर भटकने के बाद इसके लिए अब आरटीआई दायर की है। बदायूं के रूपपुर गांव के कृषक ओम सिंह विगत कई वर्षो से बदायूं जिले के प्राथमिक विद्यालयों की अनियमितताएं उजागर करने के लिए आरटीआई का प्रयोग कर रहे हैं।
बहराइच निवासी श्यामता प्रसाद अनुसूचित जाति के सदस्य हैं और मनरेगा की धांधलियों को उजागर करने के लिए आरटीआई का प्रयोग कर रहे हैं। पुलिस उत्पीड़न से परेशान होने पर सूबे के मुख्यमंत्री तक मदद की गुहार लगा चुके जालौन निवासी नरेंद्र अग्रवाल विकलांग हैं और अब अपनी मदद स्वयं करने के लिए उन्होंने आरटीई का सहारा लिया है।
67 वर्षीय पेंशनधारक राम स्वरूप यादव आरटीआई का प्रयोग कर उन्नाव जिले के हरौनी गांव में सड़क बनवा चुके हैं और कृषि क्षेत्र की योजनाओं की अनियमितताओं को उजागर कर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं।
सूचना के अधिकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर येश्वर्याज सेवा संस्थान एवं एसआरपीडीएमंएस सेवा संस्थान द्वारा आयोजित जनसुनवाई और जनजागरुकता कार्यक्रम में संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने कहा कि सूचना के अधिकार के इन प्रयोगकतार्ओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि तमाम सरकारी प्रतिरोधों के बावजूद नौवें वर्ष में प्रवेश करने बाला सूचना अधिकार अधिनियम आज आम जनता की समस्याओं के निस्तारण का सशक्त माध्यम के रूप में निरंतर स्थापित हो रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर येश्वर्याज सेवा संसथान के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भेजने के लिए अधिकृत किया गया।
उर्वशी ने बताया इस ज्ञापन के माध्यम से यह मांगें की जाएंगी कि सरकार इस अधिनियम के प्रति गैर जिम्मेवाराना रवैया रखने वाले लोकसेवकों को चिन्हित कर दंडित किया जाए, सूचना आयोगों को समय पर संसाधन उपलब्ध कराए, सूचना मांगने वालों के संरक्षण के लिए कानून लाए और सूचना के अधिकार के कानून को कमजोर करने का प्रयास न करे ताकि पारदर्शिता का यह औजार भारत के लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के मूल उद्देश्य में सफल हो सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे लखनऊ निवासी ज्ञानेश पांडेय ने आरटीआई का प्रयोग करके राजधानी के गोविंद बल्लभ पंत पोलीटेक्निक के प्रधानाचार्य को स्पष्टीकरण देने के लिए बाध्य कर दिया है तो वहीं मिजार्पुर निवासी जयचंद मौर्य आरटीआई का प्रयोग करके ग्राम सभाओं का 45 लाख से अधिक का घोटाला उजागर कर चुके हैं।
इतना ही नहीं, महिलाएं भी जागरुक हो रही हैं। पुलिस से निराश मथुरा निवासी एक गृहिणी सर्वेश आरटीआई का प्रयोग कर अपने घर पर हुई चोरी की तह तक जाकर चोर को पकड़वाना चाहती हैं।
इसी तरह हरियाणा राज्य के फरीदाबाद में रहने बाले जनार्दन प्रसाद लखनऊ के सहकारी बैंक द्वारा गलत ब्याज वसूली से उत्पीड़ित हैं और आरटीआई का प्रयोग कर दोषियों को दंडित कराकर न्याय पाना चाहते हैं। बांदा निवासिनी आराधना गुप्ता कानपुर के एक प्रबंधन संस्थान की मान्यता की पुष्टि के लिए आरटीआई का प्रयोग कर संतुष्टि पाना चाहती हैं।
पंचशीलनगर निवासी बलराम सिंह के पिछले पंद्रह वर्षो से प्रमाणपत्र के लिए दर दर भटकने के बाद इसके लिए अब आरटीआई दायर की है। बदायूं के रूपपुर गांव के कृषक ओम सिंह विगत कई वर्षो से बदायूं जिले के प्राथमिक विद्यालयों की अनियमितताएं उजागर करने के लिए आरटीआई का प्रयोग कर रहे हैं।
बहराइच निवासी श्यामता प्रसाद अनुसूचित जाति के सदस्य हैं और मनरेगा की धांधलियों को उजागर करने के लिए आरटीआई का प्रयोग कर रहे हैं। पुलिस उत्पीड़न से परेशान होने पर सूबे के मुख्यमंत्री तक मदद की गुहार लगा चुके जालौन निवासी नरेंद्र अग्रवाल विकलांग हैं और अब अपनी मदद स्वयं करने के लिए उन्होंने आरटीई का सहारा लिया है।
67 वर्षीय पेंशनधारक राम स्वरूप यादव आरटीआई का प्रयोग कर उन्नाव जिले के हरौनी गांव में सड़क बनवा चुके हैं और कृषि क्षेत्र की योजनाओं की अनियमितताओं को उजागर कर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं।
सूचना के अधिकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर येश्वर्याज सेवा संस्थान एवं एसआरपीडीएमंएस सेवा संस्थान द्वारा आयोजित जनसुनवाई और जनजागरुकता कार्यक्रम में संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा ने कहा कि सूचना के अधिकार के इन प्रयोगकतार्ओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि तमाम सरकारी प्रतिरोधों के बावजूद नौवें वर्ष में प्रवेश करने बाला सूचना अधिकार अधिनियम आज आम जनता की समस्याओं के निस्तारण का सशक्त माध्यम के रूप में निरंतर स्थापित हो रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों द्वारा एक प्रस्ताव पारित कर येश्वर्याज सेवा संसथान के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भेजने के लिए अधिकृत किया गया।
उर्वशी ने बताया इस ज्ञापन के माध्यम से यह मांगें की जाएंगी कि सरकार इस अधिनियम के प्रति गैर जिम्मेवाराना रवैया रखने वाले लोकसेवकों को चिन्हित कर दंडित किया जाए, सूचना आयोगों को समय पर संसाधन उपलब्ध कराए, सूचना मांगने वालों के संरक्षण के लिए कानून लाए और सूचना के अधिकार के कानून को कमजोर करने का प्रयास न करे ताकि पारदर्शिता का यह औजार भारत के लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के मूल उद्देश्य में सफल हो सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
- Agency: IANS
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