Friday, June 13, 2014

BBC Feature उत्तर प्रदेश में बढ़ रही हैं कथित बलात्कार की घटनाएँ?

http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/06/140612_up_rape_cases_rns.shtml

उत्तर प्रदेश में बढ़ रही हैं कथित बलात्कार की घटनाएँ?
मनीष मिश्रा
लखनऊ से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
 शुक्रवार, 13 जून, 2014 को 10:57 IST

रेप, बलात्कार, विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में विगत कुछ दिनों से महिलाओं के साथ बलात्कार और हिंसा की घटनाएं काफ़ी बढ़ गई हैं. प्रदेश के कई जिलों बदायूं, सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच, बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद, कुशीनगर और मुरादाबाद, में महिलाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या करने की ख़बरें आईं.
पुलिस ने कुछ जगहों पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों की गिरफ़्तारी तो की लेकिन उनके ख़िलाफ़ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई.

प्रदेश में आए दिन किसी न किसी स्थान से महिलाओं के बलात्कार और उनकी हत्या होने की ख़बर लगातार आ रही है.
अखिलेश यादव की सरकार क़ानून व्यवस्था को मज़बूत करने और प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे कथित बलात्कार और हत्या की घटना को रोकने का दावा करने के बावजूद भी ये थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
लखनऊ की महिला सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा कहती हैं, "उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है. यहां महिलाओं के साथ रोज़ रेप हो रहे हैं और उनकी हत्या की जा रही है. अपराधी खुले आम वारदात को अंजाम दे रहें है. उन्हें क़ानून का कोई ख़ौफ़ नहीं है."

सरकार की कार्रवाई

बदायूँ में हुए बलात्कार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन
उर्वशी का कहना है, "प्रदेश की अखिलेश यादव की सरकार बलात्कार करने वाले लोगों के विरुद्ध कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है. जिससे अपराधियों के हौसले काफ़ी बुलंद है. सरकार रेप को अंजाम देने वाले अभियुक्तों को ही बचाने का काम कर रही हैं."
ऐसे में किसी भी पीड़ित महिला और उसके परिवार को न्याय कैसे मिलेगा? उर्वशी कहती हैं, "सरकार को महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने वाले सख्त क़ानून लागू करना चाहिए जिससे ऐसी घटनाओं में कमी की जा सके."
उनका दावा है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार और हिंसा का ग्राफ नौ प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है लेकिन प्रदेश सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. केवल अपराध के आंकड़ों को छुपाने का काम कर रही है.

प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे कथित रेप और हत्या की घटना पर राज्य सरकार के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बीबीसी हिन्दी से कहा, "यह एक सामाजिक समस्या है. प्रदेश की आबादी 21 करोड़ है. कुछ मामले तो आपसी रंजिश के, तो कुछ फ़र्ज़ी पाए गए हैं. सरकार क़ानून व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही है. कई मामलों में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है."
हमीरपुर और मुरादाबाद में हुए कथित रेप और हत्या के बारे में पूछने पर राजेन्द्र चैधरी का कहना था कि वो इसकी जानकारी जुटा रहे हैं.
उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय पाठक प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार उनकी हत्या पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, "प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जब सार्वजनिक रूप से यह बयान देंगे कि बलात्कार और हत्या रूटीन है तो ऐसे में क़ानून व्यवस्था की स्थिति और महिलाओं की सुरक्षा कैसे हो पाएगी."

बलात्कार पर बयान

बदायूँ की बलात्कार पीड़ित की माँ
पाठक कहते हैं, "प्रदेश सरकार अपना नैतिक अधिकार खो चुकी है. क़ानून व्यवस्था को मज़बूत करने और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के बजाए बलात्कार और हत्या की घटनाओं को साजिश बता रही है. जो काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा कोई भी अलोकतांत्रिक क़दम नहीं उठाएगी. हमारी पार्टी प्रदेश की जनता के साथ पूरी ताक़त के साथ खड़ी रहेगी."

उत्तर प्रदेश की पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अमरेन्द्र कुमार सिंह सेंगर ने बीबीसी हिन्दी को बताया कि प्रदेश में कहीं भी किसी महिला के साथ बलात्कार और उनकी हत्या की घटना घटती है तो उसपर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश सभी थानाध्यक्षों को दिया गया है.
उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि पीड़ित पक्ष का बयान तुरन्त दर्ज किया जाए और उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जाए.
हमीरपुर की घटना का उल्लेख करते हुए आईजी ने कहा, "थाने में महिला के साथ बलात्कार की बात पूरी तरह से ग़लत है आज आईजी और कमिशनर ने स्वयं घटना स्थल पर जाकर पूरे मामले की तहकीकात की. उनकी जांच में बलात्कार की घटना को असत्य पाया गया है. जिस महिला द्वारा पुलिस पर बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था उस महिला का पति उस इलाक़े का हिस्ट्रीसीटर है. उसे पहले भी गिरफ़्तार किया गया था. कल उसे पुलिस ने एक मामले में गिरफ़्तार कर थाने में ले आई थी."


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