Tuesday, February 14, 2017

समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने UP CIC जावेद उस्मानी के खिलाफ लखनऊ CJM न्यायालय में दर्ज कराया आपराधिक मुकद्दमा l

उर्वशी द्वारा जरिये अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता CRPC की धारा 156 (3) में दर्ज कराये परिवाद को स्वीकार कर CJM ने थाना विभूतिखंड से तलब की आख्या : 27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई l  

लखनऊ/14-02-17
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़ा सूबा यूपी वास्तव में अजब-गजब है l अब इसे संयोग ही कहिये कि राजधानी लखनऊ की फायरब्रांड एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने अपने एक आरटीआई आवेदन पर सूचना आयोग के जन सूचना अधिकारी तेजस्कर पाण्डेय द्वारा दिये गये जबाब का फन्दा बनाकर सूबे में आरटीआई यानि सूचना के अधिकार के महकमे राज्य सूचना आयोग के सबसे बड़े अफसर मुख्य सूचना आयुक्त ( CIC ) जावेद उस्मानी को कानूनी शिकंजे में जकडने के लिए मामले को अदालत तक पंहुचा दिया है l  

उर्वशी के अधिवक्ता त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि आज उन्होंने समाजसेविका उर्वशी शर्मा का CRPC की धारा 156 (3) का मुकद्दमा लखनऊ के सी.जे.एम. के न्यायालय में पेश किया जिसे स्वीकार करते हुए CJM संध्या श्रीवास्तव ने लखनऊ के थाना विभूतिखंड से आख्या तलब की है और मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को नियत की है l

त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि उर्वशी द्वारा पेश परिवाद में जावेद उस्मानी को भारतीय दंड संहिता ( IPC ) की धारा 336,337,338;शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धारा 3 के साथ-साथ सूचना प्रौधौगिकी अधिनियम की धारा 66 का अभियुक्त बनाया गया है l

बकौल त्रिभुवन यह मामला बीते जुलाई माह में  आरटीआई भवन के उद्घाटन के लिए लखनऊ आने वाले भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की सुरक्षा से सम्बंधित गोपनीय सूचना सार्वजनिक कर उपराष्ट्रपति की सुरक्षा को खतरे में डालने से सम्बंधित है l

त्रिभुवन ने बताया कि उनकी मुवक्किला उर्वशी ने बीते 7 जनवरी को लखनऊ के थाना विभूतिखंड के थानाध्यक्ष को एक तहरीर देकर जावेद उस्मानी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट ( FIR ) दर्ज करने का अनुरोध किया था  और थाना विभूतिखंड के थानाध्यक्ष द्वारा FIR दर्ज न करने पर बीते 16 जनवरी को लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाईं थी l बकौल त्रिभुवन जब लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी भी पूर्व मुख्य सचिव रहे रसूखदार उस्मानी के खिलाफ कार्यवाही करने से कन्नी काटती रहीं तो समाजसेविका उर्वशी ने जावेद उस्मानी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराने के लिए अब न्यायालय की शरण  ली है l

समाजसेविका उर्वशी ने बातचीत में बताया कि यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की सुरक्षा से सम्बंधित वे गोपनीय सूचनायें अप्रैल माह में ही सोशल मीडिया फेसबुक पर सार्वजनिक कर दीं थीं जिन्हें उपराष्ट्रपति के सुरक्षा कारणों और गोपनीयता के दृष्टिगत सार्वजनिक नहीं किया जा सकता था l

जब उर्वशी ने जावेद उस्मानी द्वारा फेसबुक पर सार्वजनिक की गई सूचना लेने के लिए सूचना राज्य सूचना आयोग में आरटीआई दायर की तो आयोग के जन सूचना अधिकारी तेजस्कर पाण्डेय ने पत्र संख्या 3121/रा.सू.आ./2016  दिनांक  27 दिसम्बर 16 द्वारा उर्वशी को बताया कि आरटीआई एक्ट की धारा 8 और 11 के अंतर्गत यह सूचना सार्वजनिक नहीं की जा सकती है l

त्रिभुवन कुमार गुप्ता ने बताया कि उर्वशी की तरफ से पेश किये गये आज के मुकद्दमे में जावेद उस्मानी की फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशॉट और आयोग के जनसूचना अधिकारी के पत्र को उस्मानी द्वारा कारित किये गये अपराध के साक्ष्य के तौर पर न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है l

गौरतलब है कि उस्मानी के इस आपराधिक कृत्य के सम्बन्ध में उर्वशी शर्मा द्वारा उपराष्ट्रपति से की गई शिकायत का संज्ञान लेकर उपराष्ट्रपति ने भी अपने सचिवालय के मार्फत दिनांक 09 जनवरी को सूबे के मुख्य सचिव को पत्र भिजवाकर अपना क्रोध प्रकट किया है l  






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