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सूचना आयोग में भाई-भतीजावाद रोकने की मांग
नई दिल्ली, श्याम सुमन
First Published:18-10-14 09:22 PM
Last Updated:18-10-14 09:22 PM
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के भाई के ससुर को सूचना आयुक्त नियुक्त
करने का उदाहरण देते हुए सूचना आयोगों में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति
में भाई-भतीजावाद रोकने के लिए नियमों में संशोधन करने की याचिका सुप्रीम
कोर्ट में दायर की गई है।
लोक प्रहरी संगठन ने याचिका में कहा है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के
नियमों में उम्मीदवारों के लिए सार्वजनिक जीवन में 'ख्यातिलब्ध हस्ती' की
परिभाषा स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि इस श्रेणी के तहत सरकारें अपनी मर्जी
के व्यक्तियों को सूचना आयुक्त बना रही हैं, जो न तो स्वतंत्र हैं और न
ही निष्पक्ष। इस प्रक्रिया में पारदिर्शता है, क्योंकि शार्ट लिस्ट किए
गए लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जाते।
लोकप्रहरी के संगठन के संयोजक तथा पूर्व आईएएस एसएन शुक्ला ने कहा कि
याचिका में यूपी में हाल ही में आठ सूचना आयुक्त नियुक्त किए गए हैं,
जिन्हें हाईकोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम
कोर्ट इस बारे में कानून बना सकता है, क्योंकि सूचना के अधिकार कानून के
तहत नियुक्तियों के बारे में नियम अब तक नहीं बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट
कई फैसलों में तय कर चुका है कि जहां विधायिका ने कानून नहीं बनाया है,
वहां नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षित करने के लिए न्यायिक
हस्तक्षेप से कानून बनाए जा सकते हैं।
याचिका में शुक्ला ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में 'ख्यातिलब्ध हस्ती' में
सामाजिक कार्यो में पद्मभूषण या पद्मविभूषण, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय
पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों को रखना चाहिए। साथ ही उन्हें व्यापक ज्ञान
और अनुभव भी होना चाहिए। यह योग्यता ऐसी हो जिसकी पुष्टि की जा सके।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू की पीठ इस याचिका पर 15 दिसंबर को
सुनवाई करेगी। लोकप्रहरी की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट गत वर्ष आपराधिक
मामलों में दंडित जनप्रतिनिधियों को तुरंत प्रभाव से अयोग्य घोषित करने
का फैसला दिया था।
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-Sincerely Yours,
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
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Right to Information Helpline 8081898081
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that i should delete your name from my mailing list.
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